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NCERT Solutions for Class 11 Physics Chapter 12 - In Hindi

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NCERT Solutions for Class 11 Physics Chapter 12 Thermodynamics in Hindi

Download the Class 11 Physics NCERT Solutions in Hindi medium and English medium as well offered by the leading e-learning platform Vedantu. If you are a student of Class 11, you have reached the right platform. The NCERT Solutions for Class 11 Physics in Hindi provided by us are designed in a simple, straightforward language, which are easy to memorise. You will also be able to download the PDF file for NCERT Solutions for Class 11 Physics in Hindi from our website at absolutely free of cost.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 11 Physics Chapter 12 Thermodynamics in Hindi
2. Access NCERT Solutions for Class 11 Physicse Chapter 12 - उष्मागतिकी
3. NCERT Solutions for Class 11 Physics Chapter 12 Thermodynamics in Hindi

NCERT, which stands for The National Council of Educational Research and Training, is responsible for designing and publishing textbooks for all the classes and subjects. NCERT textbooks covered all the topics and are applicable to the Central Board of Secondary Education (CBSE) and various state boards.

We, at Vedantu, offer free NCERT Solutions in English medium and Hindi medium for all the classes as well. Created by subject matter experts, these NCERT Solutions in Hindi are very helpful to the students of all classes.

Access NCERT Solutions for Class 11 Physicse Chapter 12 - उष्मागतिकी

1. कोई गीज़र $3.0$ लीटर प्रति मिनट की दर से बहते हुए जल को $27^\circ {\text{ }}C$ से $77^\circ {\text{ }}C$ तक गर्म करता है। यदि गीज़र का परिचालन गैस बर्नर द्वारा किया जाए तो ईंधन के व्यय की क्या दर होगी? बर्नर के ईंधन की दहन-ऊष्मा $40{\text{ }} \times {\text{ }}{10^4}J{g^{ - 1}}$ है।

हल- गीजर द्वारा ऊष्मा देने की दर $H = \dfrac{Q}{t} = \dfrac{{ms.\Delta T}}{t}$

यहाँ जल के बहने की दर $ = 3$ लीटर/मिनट अर्थात् जल का द्रव्यमान

$m = $ आयतन $ \times $ घनत्व

अर्थात् $\quad m \div 3 \times {10^{ - 3}}$ मी $^3 \times {10^3}$ किग्रा-मी $^{ - 3} = 3.0$ किग्रा

समय $t = 1$ मिनट

जल के ताप में वृद्धि \[\Delta{T} = {(77 - 27)^\circ }{\text{C}} = {50^\circ }{\text{C}}\]

जल की विशिष्ट ऊष्मा $s = 4.18 \times {10^8}$ जूल/किग्रा- $^\circ {\text{C}}$गीजर द्वारा ऊष्मा देने की दर $H = \dfrac{Q}{t} = \dfrac{{ms.\Delta T}}{t}$

$H = \dfrac{{3.0 \times 4.18 \times {{10}^3}^\circ {\text{C}} \times {{50}^\circ }{\text{C}}}}{1}$

$= 6.27 \times {10^5}$ जूल/मिनट 

ईंधन के व्यय की दर गीजर द्वारा जल को प्रति मिनट दी गयी ऊष्मा /प्रति ग्राम व्यय ऊष्मा 

$= \dfrac{{6.27 \times {{10}^5}}}{{4.0 \times {{10}^4}}} = 15.7{\text{ }}$

$\approx {\text{ }}16$ ग्राम/मिनट 

2. स्थिर दाब पर $2.0{\text{ }} \times {\text{ }}{10^{ - 2}}\;{\text{kg}}$ नाइट्रोजन (कमरे के ताप पर) के ताप में $45^\circ \;{\text{C}}$ वृद्धि करने के लिए कितनी ऊष्मा की आपूर्ति की जानी चाहिए? (${N_2}$ का अणु भार $ = 28,{\text{ }}R = 8.3{\text{ Jmo}}{{\text{l}}^{{\text{ - 1}}}}{{\text{K}}^{{\text{ - 1}}}}$)

उत्तर: नाइट्रोजन का द्रव्यमान

$m = 2 \times {10^{ - 2}}\;{\text{kg}}$

$= 2 \times {10^{ - 2}} \times {10^3}\;{\text{g}}$

$= 20\;{\text{g}}$ 

नाइट्रोजन का अणुभार $M = 28$

नाइट्रोजन के ग्राम मोलों की संख्या

$\mu  = \dfrac{m}{M} = \dfrac{{20}}{{28}} = \dfrac{5}{7}$

ऊष्मा की आपूर्ति

$\Delta Q{ = _n}{C_p}\Delta T$

$= 0.714 \times 29.05 \times 45$

$= 933.38\;{\text{J}}$ 

3. व्याख्या कीजिए कि ऐसा क्यों होता है

(a) भिन्न-भिन्न तापों ${T_1}$${T_2}$ के दो पिण्डों को यदि ऊष्मीय सम्पर्क में लाया जाए तो यह आवश्यक नहीं कि उनका अन्तिम ताप $\dfrac{{({T_1} + {\text{ }}{T_2})}}{2}$ ही हो।

हल :  चूँकि अन्तिम ताप वस्तुओं के अलग-अलग तापों के अतिरिक्त उनकी ऊष्मा धारिताओं पर भी निर्भर करता है।

(b) रासायनिक या नाभिकीय संयन्त्रों में शीतलक (अर्थात दूव जो संयन्त्र के भिन्न-भिन्न भागों को अधिक गर्म होने से रोकता है) की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होनी चाहिए।

हल :  शीतलक का कार्य संयन्त्र से अभिक्रिया जनित ऊष्मा को हटाना है इसके लिए शीतलक की विशिष्ट ऊष्मा धारिता अधिक होनी चाहिए जिससे कि वह कम ताप-वृद्धि के लिए अधिक ऊष्मा शोषित कर सके।

(c) कार को चलाते-चलाते उसके टायरों में वायुदाब बढ़ जाता है।

हल :  कार को चलाते-चलाते, सड़क के साथ घर्षण के कारण टायर का ताप बढ़ जाता है, इसी कारण टायर में भरी हवा का दाब बढ़ जाता है।

(d) किसी बन्दरगाह के समीप के शहर की जलवायु , समान अक्षांश के किसी रेगिस्तानी शहर की जलवायु से अधिक शीतोष्ण होती है।

हल :  बन्दरगाह के निकट के शहरों की आपेक्षिक आर्द्रता समान अक्षांश के रेगिस्तानी शहर की तुलना में अधिक होती है। इसी कारण बन्दरगाह शहर की जलवायु रेगिस्तानी शहर की जलवायु की तुलना में शीतोष्ण बनी रहती है।

4. गतिशील पिस्टन लगे किसी सिलिण्डर में मानक ताप व दाब पर $3{\text{ mol}}$ हाइड्रोजन भरी है। सिलिण्डर की दीवारें ऊष्मारोधी पदार्थ की बनी हैं तथा पिस्टन को उस पर बालू की परत लगाकर ऊष्मारोधी बनाया गया है। यदि गैस को उसके आरम्भिक आयतन के आधे आयतन तक सम्पीडित किया जाए तो गैस का दाब कितना बढ़ेगा?

हल : पिस्टन तथा दीवारें ऊष्मारोधी होने के कारण प्रक्रम रुद्धोष्म (adiabatic) है। अत: इसके लिए दाब आयतन सम्बन्ध $PV\gamma  = $ नियतांक से

${P_1}V_1^\gamma  = {P_2}{V_2}\gamma  \Rightarrow \dfrac{{{P_2}}}{{{P_1}}} = {\left( {\dfrac{{{V_1}}}{{{V_2}}}} \right)^\gamma }$

  ${P_2} = {P_1}{\left( {\dfrac{{{V_1}}}{{{V_2}}}} \right)^\gamma }$ 

यहाँ $\gamma  = 1.4$($\because {H_2}$ गैस द्विपरमाणुक है।) 

  $\Rightarrow {V_2} = \dfrac{{{V_1}}}{2}$

  ${P_2} = {P_1}{\left( {\dfrac{{{V_1}}}{{{V_1}/2}}} \right)^{1.4}} = {(2)^{1.4}}{P_1}$

  ${\text{ (2)}}{{\text{ }}^{1.4}} = x \Rightarrow \log x = 1.4\log 2$

   $= 1.4 \times 0.3010 = 0.42140$

  $x = {\text{ Antilog }}0.42140$

   $= 2.638 \approx 2.634$

  ${P_2} = 2.64{P_1}$ 

अर्थात् दाब बढ़कर प्रारम्भिक दाब का $2.64$ गुना हो जायेगा। 

5. रुद्रोष्म विधि द्वारा किसी गैस की अवस्था परिवर्तन करते समय उसकी एक साम्यावस्था से दूसरी साम्यावस्था ${\text{'B'}}$ तक ले जाने में निकाय पर $22.3{\text{ J}}$ कार्य किया जाता है। यदि गैस को दूसरी प्रक्रिया द्वारा अवस्था ${\text{'A'}}$ से अवस्था ${\text{'B'}}$ में लाने में निकाय द्वारा अवशोषित नेट ऊष्मा $9.35{\text{ cal}}$ है तो बाद के प्रकरण में निकाय द्वारा किया गया नेट कार्य कितना है? $\left( {1\;{\text{cal}} = {\text{ }}4.19{\text{ J}}} \right)$

हल-रुद्धोष्म विधि (प्रक्रम) में गैस् को ${\text{'A'}}$ से ${\text{'B'}}$ अवस्था तक ले जाने में दी गयी ऊष्मा $Q = 0,$ निकाय पर किया गया कार्य $W =  - 22.3$ जूल,

अत: इस प्रक्रम में आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन

$\Delta {U_{AB}} = \dot Q - W = 0 - ( - 22.3$ जूल)

$ = 22.3$ जूल    (अर्थात् आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि होगी) }

किसी अन्य प्रक्रम द्वारा अवस्था ${\text{'A'}}$ से ${\text{'B'}}$ तक ले जाने में निकाय द्वारा अवशोषित ऊष्मा

 $Q = 9.35$ कैलोरी $ = 9.35 \times 4.19$ जूल 

$=39.178{\text{ }} = 39.2\;$ जूल 

चूँकि अवस्थाएँ वही हैं, अत: आन्तरिक ऊर्जा में परिवर्तन $\Delta {U_{AB}}$ ही होगा। $\therefore$ पुन: ऊष्मागतिकी के नियम $\Delta U = Q - W$ से

कार्य $W = Q - \Delta {U_{AB}} = (39.2 - 22.3)$ जूल 

$ = 16.9$ जूल

6. समान धारिता वाले दो सिलिण्डर ${\text{'A'}}$ तथा ${\text{'B'}}$ एक-दूसरे से स्टॉपकॉक के द्वारा जुड़े हैं। ${\text{'A'}}$ में मानक ताप व दाब पर गैस भरी है जबकि ${\text{'B'}}$ पूर्णतः निर्वातित है। स्टॉपकॉक यकायक खोल दी जाती है। निम्नलिखित का उत्तर दीजिए

(a) सिलिण्डर ${\text{'A'}}$ तथा ${\text{'B'}}$ में अन्तिम दाब क्या होगा?

हल : (a) ${P_1} = $ मानक दाब $ = {\mathbf{1}}$ atm, ${{\mathbf{V}}_{\mathbf{1}}} = {\text{ }}{\mathbf{V}}$(माना)

${P_2} = ?$जबकि ${V_2} = {\text{ }}2{\text{ }}V$ (चूँकि ${\text{'A'}}$ B के आयतन बराबर हैं।)

सिलिण्डर B निर्वातित है; अत: स्टॉपकॉक खोलने पर गैस का निर्वात में मुक्त प्रसार होगा;

अतः गैस कोई कार्य नहीं करेगी और न ही ऊष्मा का आदान-प्रदान करेगी।

अतः गैस की आन्तरिक ऊर्जा व ताप स्थिर रहेंगे।

बॉयल के नियम से, ${P_2}{V_2} = {\text{ }}{P_1}{V_1}$

गैस का अन्तिम दाब ${P_2} = \dfrac{{{V_1}}}{{{V_2}}}{P_1} = \dfrac{V}{{2V}} \times 1\;{\text{atm}} = {\mathbf{0}}.{\mathbf{5}}\;{\mathbf{atm}}$

(b) गैस की आन्तरिक ऊर्जा में कितना परिवर्तन होगा?

गैस का अन्तिम दाब ${P_2} = \dfrac{{{V_1}}}{{{V_2}}}{P_1} = \dfrac{V}{{2V}} \times 1\;{\text{atm}} = {\mathbf{0}}.{\mathbf{5}}\;{\mathbf{atm}}$

(b) $\because W = 0$ तथा $Q = 0\therefore \quad \Delta U = 0$

अत: गैस की आन्तरिक ऊर्जा में कोई परिवर्तन नहीं होगा।

(c) गैस के ताप में क्या परिवर्तन होगा?

(c) ∵ आन्तरिक ऊर्जा अपरिवर्तित रही है; अत: गैस के ताप में भी कोई परिवर्तन नहीं होगा।

(d) क्या निकाय की माध्यमिक अवस्थाएँ (अन्तिम साम्यावस्था प्राप्त करने के पूर्व) इसके $P--V--T$ पृष्ठ पर होंगी?

(d) ∵ गैस का मुक्त प्रसार हुआ है; अत: माध्यमिक अवस्थाएँ साम्य अवस्थाएँ नहीं हैं; अत: ये अवस्थाएँ $P--V--T$ पृष्ठ पर नहीं होंगी।

7. एक वाष्प इंजन अपने बॉयलर से प्रति मिनट $3.6{\text{ }} \times {\text{ }}{10^9}$ ऊर्जा प्रदान करता है जो प्रति मिनट $5.4{\text{ }} \times {\text{ }}{10^8}{\text{J}}$ कार्य देता है। इंजन की दक्षता कितनी है? प्रति मिनट कितनी ऊष्मा अपशिष्ट होगी ?

हल一ऊष्मा स्रोत (बॉयलर) से प्रति मिनट प्राप्त ऊष्मा ${Q_1} = 3.6 \times {10^9}$ जूल; 

इंजन द्वारा प्रति मिनट किया गया कार्य

$W = 5.4 \times {10^8}$ जूल ता $\quad \eta {\text{ }} = \dfrac{W}{{{Q_1}}} = \dfrac{{5.4 \times {{10}^8}}}{{3.6 \times {{10}^9}}}\;$ 

$ = 0.15$
पप्रतिशत दक्षता $ = 0.15 \times 100\%  = {\mathbf{15}}\%$

अपशिष्ट ऊर्जा (heat waisted) अर्थात् सिंक को दी गयी ऊष्मा

${Q_2} = {Q_1} - W = \left( {3.6 \times {{10}^9} - 5.4 \times {{10}^8}} \right)$

$= (36 - 5.4) \times {10^8}$

$= 3.06 \times {10^9}\;{\text{J/min}}$

$\approx 3.1 \times {10^9}$ 

8. एक हीटर किसी निकाय को $100{\text{ }}w$ की दर से ऊष्मा प्रदान करता है। यदि निकाय $75{\text{ J}}{{\text{s}}^{{\text{ - 1}}}}$ की दर से कार्य करता है तो आन्तरिक ऊर्जा की वृद्धि किस दर से होगी?

हल : $\Delta U = Q - W = (100Js - 75Js) = 25{\text{ Js }}$

अर्थात् आन्तरिक ऊर्जा में वृद्धि की दर $ = 25{\text{ w}}$

9. किसी ऊष्मागतिकीय निकाय को मूल अवस्था से मध्यवर्ती अवस्था तक चित्र-12.1 में दर्शाए अनुसार एक रेखीय प्रक्रम द्वारा ले जाया गया है। एक समदाबी प्रक्रम द्वारा इसके आयतन को $E$ से $F$ तक ले जाकर मूल मान तक कम कर देते हैं। गैस द्वारा $D$ से $E$ तथा वहाँ से $F$ तक कुल किए गए कार्य का आकलन कीजिए।


Graph between pressure and volume


हल- $D$ से $E$ तक गैस द्वारा किया गया कार्य ${W_{DE}} = $ क्षेत्रफल $DEBCD( + )$

$E$ से $F$ तक गैस पर किया गया कार्य

${W_{EF}} = $ क्षेत्रफल EFCBE (-) अत: गैस द्वारा $D$ से $E$ तथा $E$ से $F$ तक कृत कुल कार्य (नेट कार्य)

${W_{DEF}} = {W_{DE}} + {W_{EF}} = $ क्षेत्रफल $D{\text{ }}E{\text{ }}B{\text{ }}C{\text{ }}D - $ क्षेत्रफल  $E{\text{ }}F{\text{ }}C{\text{ }}B{\text{ }}E$

क्षेत्रफल $DEFD = \dfrac{1}{2} \times (FE \times DF)$

$= \dfrac{1}{2} \times (5.0 - 2.0)$ मी $3 \times (600 - 300)$ न्यूटन मी$2$

$= \dfrac{1}{2} \times 3 \times 300$ न्यूटन-मीटर $ = 450$ जूल

10. खाद्य पदार्थ को एक प्रशीतक के अन्दर रखने पर वह उसे $9^\circ C$ पर बनाए रखता है। यदि कमरे का ताप $36^\circ C$ है तो प्रशीतक के निष्पादन गुणांक का आकलन कीजिए।

हल-दिया है : ठण्डे ऊष्मा भण्डार का ताप ${T_2} = 9 + 273 = 282\;{\text{K}}$

तथा गर्म ऊष्मा भण्डार का ताप ${T_1} = 36 + 273 = 309\;{\text{K}}$

प्रशीतक का निष्पादन गुणांक $\alpha  = \dfrac{{{T_2}}}{{{T_1} - {T_2}}} = \dfrac{{282\;{\text{K}}}}{{(309 - 282){\text{K}}}}$

$ = \dfrac{{282}}{{27}} = 10.4$

NCERT Solutions for Class 11 Physics Chapter 12 Thermodynamics in Hindi

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