NCERT Solutions for Class 11 Physics Chapter 9 Mechanical Properties of Solids in Hindi PDF Download
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1.\[{\mathbf{4}}.{\mathbf{7}}{\text{ }}\]मी लम्बे व \[{\mathbf{3}}.{\mathbf{0}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{ - {\mathbf{5}}}}\] मी2 अनुप्रस्थ काट के स्टील के तार तथा \[{\mathbf{3}}.{\mathbf{5}}\] m लम्बे व \[{\mathbf{40}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{ - {\mathbf{5}}}}\] मी2 अनुप्रस्थ काट के ताँबे के तार पर दिए गए समान परिमाण के भारों को लटकाने पर उनकी लम्बाइयों में समान वृद्धि होती है। स्टील तथा ताँबे के यंग-प्रत्यास्थता गुणांकों में क्या अनुपात है?
उतर: यह दिया गया है, स्टील के तार के लिए
लम्बाई $\left(L_{1}\right)=4.7 \mathrm{~m}$
अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $\left(A_{1}\right)=3.0 \times 10^{-5} \mathrm{~m}^{2}$
ताँबे के तार के लिए
लम्बाई $\left(l_{2}\right)=3.5 \mathrm{~m}$
अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल $\left(A_{2}\right)=4.0 \times 10^{-5} \mathrm{~m}^{2}$
माना $F$ वह मार है जिसे स्टील व ताँबे के तार से लटकाने पर उनमें $\Delta l$ की वृद्धि हो जाती है।
यंग प्रत्यास्थता गुणांक $(Y)=\frac{F / A}{\Delta l / l}$
$=\frac{F \times l}{A \times \Delta l}$
स्टील के लिए
$Y_{s}=\frac{F \times i}{A_{1} \times \Delta l}$
…(i)
ताँबे के लिए,
$Y_{c}=\frac{F \times l_{2}}{A_{2} \times \Delta l}$
..(ii)
समी (i) व (i) से
$\frac{Y_{s}}{Y_{c}}=\frac{F\times \Delta _{1}\Delta l}{A_{1}\times \Delta _{2}\times \Delta l}F\times l_{2}$
$=\frac{4}{l_{2}}\times \frac{A_{2}}{A_{1}}$
$=\frac{4.7}{3.5} \times \frac{4.0 \times 10^{-5}}{3.0 \times 10^{-5}}$
$=\frac{18.8}{10.5}=1.79=1.8$
2. चित्र में किसी दिए गए पदार्थ के लिए प्रतिबल-विकृति वक्र दर्शाया गया है। इस पदार्थ के लिए
(image will be uploaded soon)
यंग-प्रत्यास्थता गुणांक, तथा
उतर:
ग्राफ के सरल रेखीय भाग में बिन्दु $A$ के संगत
अनुदैर्ध्य प्रतिबल \[ = {\text{ }}150 \times 106\] न्यूटन/मी
तथा अनुदैर्घ्य विकृति \[ = {\text{ }}0.002\]
∴ यंग-प्रत्यास्थता गुणांक
\[Y = \] अनुदैर्ध्य प्रतिबल/ अनुदैर्घ्य विकृति= \[150 \times {10^6}\]न्यूटन/मी\[^2\]
\[ = 7.5 \times {10^{10}}\] न्यूटन/मी2
सन्निकट पराभव सामर्थ्य क्या है?
उतर:पराभव बिन्दु लगभग \[B\] है।
अत: इसके संगत पदार्थ की पराभव सामर्थ्य \[ = 300 \times {10^6}\] न्यूटन/मीटर
\[ = 300 \times {10^8}\] न्यूटन/मी
3.दो पदार्थों \[{\mathbf{A}}\] और \[{\mathbf{B}}\] लिए प्रतिबल-विकृति ग्राफ चित्र- में दर्शाए गए हैं।
| इन ग्राफों को एक ही पैमाना मानकर खींचा गया है।
किस पदार्थ का यंग प्रत्यास्थता गुणांक अधिक है?
उत्तर : पदार्थ \[A\] के ग्राफ का ढात दूसरे ग्राफ की तुलना में अधिक हैं अतः पदार्थ\[A\] का यंग गुणांक अधिक है।
दोनों पदार्थों में कौन अधिक मजबूत है?
उत्तर: दोनों ग्राफों पर पराभाव बिन्दुओं की उंचाई बराबर है परन्तु पदार्थ \[A\] के ग्राफ में पदार्थ \[B\] की तुलना में प्लास्टिक शेत्र अधिक सुस्पस्ट है अतः पदार्थ\[A\] अधिक मजबूत है.
4.निम्नलिखित दो कथनों को ध्यान से पढिए और कारण सहित बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य
इस्पात की अपेक्षा रबड़ का यंग गुणांक अधिक है;
उतर: असत्य, रबड़ तथा इस्पात के बने एक जैसे तारों में समान विकृति उत्पन्न करने के लिए इस्पात के तार में रबड़ के तार की अपेक्षा अधिक प्रतिबल उत्पन्न होता है, इससे स्पष्ट है कि इस्पात का यंग गुणांक रबड़ की अपेक्षा अधिक है।
किसी कुण्डली का तनन उसके अपरूपण गुणांक से निर्धारित होता है।
उतर: सत्य, जब हम किसी कुण्डली (स्प्रिग) को खींचते हैं तो न तो स्प्रिंग निर्माण में लगे तार की लम्बाई में कोई परिवर्तन होता है और न ही उसके आयतन में। केवल स्प्रिंग का रूप बदल जाता है; अतः स्प्रिंग का तनन उसके अपरूपण गुणांक द्वारा निर्धारित होता है।
5.\[{\mathbf{0}}.{\mathbf{25}}{\text{ }}{\mathbf{cm}}\] व्यास के दो तार, जिनमें एक इस्पात का तथा दूसरा पीतल का है, चित्र- के अनुसार भारित हैं। बिना भार लटकाए इस्पात तथा पीतल के तारों की लम्बाइयाँ क्रमशः स्टील \[{\mathbf{1}}.{\mathbf{5}}{\text{ }}{\mathbf{m}}\] तथा \[{\mathbf{1}}.{\mathbf{0m}}\] हैं। यदि इस्पात तथा पीतल के यंग गुणांक क्रमशः \[{\mathbf{20}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{{\mathbf{11}}}}{\text{ }}{\mathbf{Pa}}\] तथा \[{\mathbf{0}}.{\mathbf{91}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{{\mathbf{11}}{\text{ }}}}{\mathbf{Pa}}\] हों तो इस्पात तथा पीतल के तारों में विस्तार की गणना कीजिए।
उतर: हल तार का व्यास $(2 r)=0.25 \mathrm{~cm}$
$\therefore \quad r \cong 0.125 \mathrm{~cm}=1.25 \times 10^{-3} \mathrm{~m}$
इस्पात के तार के लिए,
भार $\left(F_{1}\right)=(4+6) \mathrm{kg} f=10 \times 9.8 \mathrm{~N}=98 \mathrm{~N}$
इस्पात की लम्बाई $(h)=1.5 \mathrm{~m}$
यंग गुणांक $\left(Y_{1}\right)=2.0 \times 10^{11} \mathrm{~Pa}$
यंग गुणांक $(Y)=\frac{F_{1} \times L}{A_{1} \times \Delta l_{1}}$
लम्बाई में परिवर्तन $\left(\Delta_{1}\right)=\frac{F_{1} \times L}{A_{1} \times Y_{1}}=\frac{F_{1} \times 4}{\pi_{1}^{2} \times Y_{1}}$
$=\frac{98 \times 1.5}{3.14 \times\left(1.25 \times 10^{-3}\right)^{2} \times 2.0 \times 10^{11}}$
$=1.5 \times 10^{-4} \mathrm{~cm}$
पीतल के लिए
भार $\left(F_{2}\right)=6 \mathrm{~kg} t=6 \times 9.8 \mathrm{~N}=58.8 \mathrm{~N}$
पीतल के तार की लम्बाई $\left(l_{2}\right)=1.0 \mathrm{~m}$
यंग गुणांक $\left(Y_{2}\right)=0.91 \times 10^{11} \mathrm{~Pa}$
लम्बाई में परिवर्तन $\left(l_{2}\right)=\frac{F_{2} \times l_{2}}{\pi_{2}^{2} \times Y_{2}}$.
$=\frac{58.8 \times 1.0}{3.14 \times\left(1.25 \times 10^{-3}\right)^{2} \times 0.91 \times 10^{11}}$
$=1.3 \times 10^{-4} \mathrm{~m}$
6.ऐलुमिनियम के किसी घन के किनारे \[{\mathbf{10}}{\text{ }}{\mathbf{cm}}\] लम्बे हैं। इसकी एक फलक किसी ऊर्ध्वाधर दीवार से कसकर जड़ी हुई है। इस घन के सम्मुख फलक से \[{\mathbf{100}}{\text{ }}{\mathbf{kg}}\] का एक द्रव्यमान जोड़ दिया गया है। ऐलुमिनियम का अपरूपण गुणांक \[{\mathbf{25}}{\text{ }}{\mathbf{GPa}}\] है। इस फलक का ऊध्र्वाधर विस्थापन कितना होगा?
उतर: दिया है : अपरूपण गुणांक \[G{\text{ }} = 25{\text{ }}GPa{\text{ }} = {\text{ }}25 \times 109{\text{ }}N{m^{ - 2}}\]
बल-आरोपित फलक का क्षेत्रफल \[A = 10{\text{ }}cm \times 10{\text{ }}cm = 100 \times 10 - 4{\text{ }}{m^2}\]
7. मृदु इस्पात के चार समरूप खोखले बेलनाकार स्तम्भ \[{\mathbf{50}},{\mathbf{000}}{\text{ }}{\mathbf{kg}}\] द्रव्यमान के किसी बड़े ढाँचे को आधार दिए हुए हैं। प्रत्येक स्तम्भ की भीतरी तथा बाहरी त्रिज्याएँ क्रमशः\[{\mathbf{30}}\]तथा \[{\mathbf{60}}{\text{ }}{\mathbf{cm}}\] हैं। भार वितरण को एकसमान मानते हुए प्रत्येक स्तम्भ की सम्पीडन विकृति की गणना कीजिए।
उतर: दिया है : बाहरी त्रिज्या \[R_{ext} = 60{\text{ }}cm = 0.6{\text{ }}m\]
भीतरी त्रिज्या \[R_{int} = 30{\text{ }}cm = 0.3{\text{ }}m\]
∴ प्रत्येक स्तम्भ का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
\[A = \pi \left[ {R_{{\text{ext }}}^2 - R_{{\text{int }}}^2} \right] = 3.14\left[ {{{(0.6)}^2} - {{(0.3)}^2}} \right]{{\text{m}}^2}\]
\[ = 0.8478\;{{\text{m}}^2} \approx 0.85\;{{\text{m}}^2}\]
ढाँचे का कुल भार, \[F = 50,000\;{\text{kg}} \times 9.8\;{\text{m}}{{\text{s}}^{ - 2}}\]
\[ = 4.9 \times {10^5}\;{\text{N}}\]
\[\therefore \] प्रत्येक स्तम्भ पर भार\[{F_1} = \dfrac{1}{4}F = 1.225 \times {10^5}\;{\text{N}}\]
इस्पात का यंग गुनाक\[Y = 2.0 \times {10^{11}}\;{\text{N}}\;{{\text{m}}^{ - 2}}\]
सूत्र \[Y = \dfrac{{FL}}{{A\Delta L}}\]से,
संपीडन विकृति\[\dfrac{{\Delta L}}{L} = \dfrac{{{F_1}}}{{AY}} = \dfrac{{1.225 \times {{10}^5}\;{\text{N}}}}{{0.85\;{{\text{m}}^2} \times 2.0 \times {{10}^{11}}{\text{N}}{{\text{m}}^{ - 2}}}}\]
\[ = 0.72 \times {10^{ - 6}}\]
\[ = {\mathbf{72}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{ - 6}}\% \]
\[A = \pi \left[ {R_{{\text{ext }}}^2 - R_{{\text{int }}}^2} \right] = 3.14\left[ {{{(0.6)}^2} - {{(0.3)}^2}} \right]{{\text{m}}^2}\]
\[ = 0.8478\;{{\text{m}}^2} \approx 0.85\;{{\text{m}}^2}\]
ढाँचे का कुल भार\[F = 50,000kg \times 9.8m{s^2}\]
\[ = 4.9 \times {10^5}{\text{N}}\]
\[\therefore \] प्रत्येक स्तम्भ पर भार\[{F_1} = \dfrac{1}{4}F = 1.225 \times {10^5}N\,\]
इस्पात का यंग गुनाक\[Y = 2.0 \times {10^{11}}\;{\text{N}}\;{{\text{m}}^{ - 2}}\]
सूत्र \[Y = \dfrac{{FL}}{{A\Delta L}}\] से,
संपीडन विकृति,
$\dfrac{{\Delta L}}{L} = \dfrac{{{F_1}}}{{AY}} = \dfrac{{1.225 \times {{10}^5}\;{\text{N}}}}{{0.85\;{{\text{m}}^2} \times 2.0 \times {{10}^{11}}{\text{N}}{{\text{m}}^{ - 2}}}} $
$ = 0.72 \times 10^{ - 6} $
$ = 7.2 \times {{10}^{ - 5}}\% $
8.ताँबे का एक टुकड़ा, जिसका अनुप्रस्थ परिच्छेद \[{\mathbf{15}}.{\mathbf{2}}{\text{ }}{\mathbf{mm}} \times {\mathbf{19}}.{\mathbf{1}}{\text{ }}{\mathbf{mm}}\] का है \[{\mathbf{44}},{\mathbf{500}}{\text{ }}{\mathbf{N}}\] बल के तनाव से खींचा जाता है, जिससे केवल प्रत्यास्थ विरूपण उत्पन्न हो। उत्पन्न विकृति की गणना कीजिए।
उतर: विरूपण विकृति से संगत प्रत्यास्थता गुणांक अपरूपण गुणांक (दृढ़ता गुणांक η होता है जो यहाँ \[4.20 \times {10^{ - 10}}Pa)\] दिया है।
ताँबे के टुकड़े का अनुप्रस्थ-परिच्छेद
\[A = (15.2 \times {\text{1}}{0^{ - 3}}\] मी) \[ \times (19.1 \times {10^{ - 3}}\]मी)
\[ = 290.32 \times {10^{ - 6}}\]मी2 \[ = 2.9 \times {10^{ - 4}}\] मी2
विरूपक बल \[\;F = 44500\] न्यूटन \[ = {\text{ }}4.45 \times {10^4}\] न्यूटन
\[\eta \; = \]विरुपक प्रतिबल/विरुपक विकृति=\[\dfrac{F}{A}\]/विकृति
विकृति \[\eta \; = \dfrac{F}{A}\] \[ = \dfrac{F}{{A\eta \;}}\]
\[ = \left[ {\dfrac{{4.45 \times {{10}^4}}}{{2.9 \times {{10}^{ - 4}} \times 4.20 \times {{10}^{10}}}}} \right]\]
\[ = \left[ {\dfrac{{4.45}}{{2.9 \times 4.2}}} \right] \times {10^{ - 2}} = \left( {\dfrac{{4.45}}{{12.18}}} \right) \times {10^{ - 2}}\]
\[ = 0.365 \times {10^{ - 2}} = 3.65 \times {10^{ - 3}}\]
9.\[{\mathbf{1}}.{\mathbf{5}}{\text{ }}{\mathbf{cm}}\] त्रिज्या का एक इस्पात का केबिल भार उठाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। | यदि इस्पात के लिए अधिकतम अनुज्ञेय प्रतिबल \[{\mathbf{108}}{\text{ }}{\mathbf{N}}{{\mathbf{m}}^{ - {\mathbf{2}}}}\] है तो उस अधिकतम भार की गणना कीजिए जिसे केबिल उठा सकता है।
उतर: केबिल के अनुप्रस्थ-परिच्छेद का क्षेत्रफल ।
\[A = \pi {r^2} = 3.14 \times (1.5 \times {10^ - }^2\]मी ) \[^2\] \[ = 7.065 \times {10^{ - 4}}\]मी\[^2\]
। अधिकतम अनुज्ञेय प्रतिबल \[ = 108\]न्यूटन/मीटर2
∴ बल \[F = \left( {\dfrac{F}{A}} \right) \times A = \]प्रतिबल x अनुप्रस्थ-काट का क्षेत्रफल
∴ केबिल द्वारा उठाया जा सकने वाला अधिकतम भार ।
= अनुज्ञेय प्रतिबल x अनुप्रस्थ-काट को क्षेत्रफल
= \[({10^8}\]न्यूटन /मी2) \[ \times (7.065{\text{ }} \times {10^{ - 4}}\]मी2)
= \[7.065 \times {10^4}\] न्यूटन \[ = 7.07 \times {10^4}\]न्यूटन
10.\[{\mathbf{15}}{\text{ }}{\mathbf{kg}}\] द्रव्यमान की एक दृढ़ पट्टी को तीन तारों, जिनमें से प्रत्येक की लम्बाई \[2{\text{ }}m\] है, से सममित लटकाया गया है। सिरों के दोनों तार ताँबे के हैं तथा बीच वाली तार लोहे का है। तारों के व्यासों के अनुपात ज्ञात कीजिए जबकि प्रत्येक पर तनाव उतना ही रहता है।
\[{\text{Y}}\]तांबा \[ = 120 \times {10^3}\] न्यूटन/मी2
\[{\text{Y}}\]लोहा\[ = 190 \times {10^9}\] न्यूटन/मी2
उतर: प्रत्येक तार द्वारा सम्भाला जाने वाला भार
\[F = \dfrac{{15{\text{ KG/WEIGHT }}}}{3} = 5\]किग्रा/भार
\[ = 5 \times 9.8{\text{ }}\]न्यूटन \[ = 49.0\] न्यूटन
प्रत्येक की लम्बाई \[L = 2\]मी, प्रत्येक पर तनाव समान रहने की दशा में प्रत्येक के लिए भी समान होगा
\[\therefore \] सूत्र, \[Y = \dfrac{{FL}}{{A \times l}}\] से
\[ = \dfrac{{F \times L}}{{\pi \left( {{r^2}} \right)l}} = \dfrac{{F \times L}}{{\pi {{(D/2)}^2}l}}\] ( जहाँ \[D = \] तारों का व्यास )
\[ = \dfrac{{4F \cdot L}}{{\pi {D^2}l}}\quad \Rightarrow {D^2} = \dfrac{{4FL}}{{\pi /Y}}\]
यहाँ प्रत्येक तार के लिए \[F,L\] तथा \[l\] समान होने के कारण \[{D^2} \propto 1/{\text{Y}}\]या \[D \propto 1/\sqrt {\text{Y}} \]
\[ = \sqrt {\dfrac{{19}}{{12}}} = 1.257\]
11.एक मीटर अतानित लम्बाई के इस्पात के तार के एक सिरे से \[{\mathbf{14}}.{\mathbf{5}}{\text{ }}{\mathbf{kg}}\] का द्रव्यमान बाँध कर उसे एक ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है, वृत्त की तली पर उसका कोणीय वेग \[{\mathbf{2}}{\text{ }}{\mathbf{rev}}/{\mathbf{s}}\] है। तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल \[{\mathbf{0}}.{\mathbf{065c}}{{\mathbf{m}}^{\mathbf{2}}}\] है। तार में विस्तार की गणना कीजिए जब द्रव्यमान अपने पथ के निम्नतम बिन्दु पर है। (इस्पात के लिए \[{\mathbf{Y}}{\text{ }} = {\mathbf{2}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{{\mathbf{11}}}}\] न्यूटन/मी2)
उतर: ऊध्र्वाधर वृत्त के निम्नतम बिन्दु पर
डोरी में तनाव बल
न्यूटन
\[ = \left[ {58.0 + 142.1} \right]\] न्यूटन \[ = 200.1\]न्यूटन
तथा \[L = 1.00\] मी, अनुप्रस्थ-काट \[A = 0.065\] सेमी² \[ = 0.065 \times {10^{ - 4}}\]मी2 तथा
\[Y = 2 \times {10^{11}}\]न्यूटन/मी2
सूत्र
\[Y = \dfrac{{FL}}{{A \times l}}\] से \[Yl = \dfrac{{F \times L}}{{A \times Y}}\]
\[l = \left[ {\dfrac{{200.1 \times 1.0}}{{0.065 \times {{10}^{ - 4}} \times 2 \times {{10}^{11}}}}} \right]\]मी= \[ = 1.539 \times {10^{ - 4}}\]
12.नीचे दिए गए आँकड़ों से जल के आयतन प्रत्यास्थता गुणांक की गणना कीजिए; प्रारम्भिक आयतन\[ = {\text{ }}{\mathbf{100}}.{\mathbf{0}}\], दाब में वृद्धि\[ = {\mathbf{100}}.{\mathbf{0}}{\text{ }}{\mathbf{atm}}\left( {{\mathbf{1}}{\text{ }}{\mathbf{atm}}{\text{ }} = {\mathbf{1}}.{{\mathbf{0}}^{{\mathbf{13}}}}{\text{ }}{\mathbf{x}}{\text{ }}{\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{\mathbf{5}}}{\text{ }}{\mathbf{Pa}}} \right)\], अन्तिम आयतन = \[{\mathbf{100}}.{\mathbf{5}}{\text{ }}{\mathbf{L}}\] नियत ताप पर जल तथा वायु के आयतन प्रत्यास्थता गुणांकों की तुलना कीजिए। सरल शब्दों में समझाइए कि यह अनुपात इतना अधिक क्यों है?
उतर: यहाँ प्रारम्भिक आयतन \[V = 100.0\] लीटर
अन्तिम आयतन \[\left( {V{\text{ }}-{\text{ }}\upsilon } \right) = 100.5\] लीटर
आयतन में कमी \[\upsilon = \left( {V{\text{ }}-{\text{ }}\upsilon } \right)-\left( V \right) = 100\] लीटर \[-{\text{ }}100.5\] लीटर \[ = -{\text{ }}0.5\] लीटर
दाब में वृद्धि \[p = 100\]वायुमण्डलीय दाब ।
\[ = 100 \times 1.013 \times {10^5}\]न्यूटन/मी2
\[ = 1.013 \times {10^7}\]न्यूटन/मी
आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
\[B = \left( {\dfrac{{PV}}{\upsilon }} \right) = \]($-1.013\times 10^{7}$ न्यूटन/ मी2 ) \[ \times (100.5\] लीटर)
\[ = 2.026 \times {10^9}\] न्यूटन/ मी2 \[ = 2.036 \times {10^9}\,Pa\]
हम जानते हैं कि \[STP\] पर वायु का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक \[1 \times {10^5}Pa\] है, अतः जल का आयतन । प्रत्यास्थता गुणांक वायु के आयतन प्रत्यास्थता गुणांक से अधिक है। इसका कारण है कि समान दाब द्वारा जल के आयतन में होने वाली कमी, वायु के आयतन में होने वाली कमी की तुलना में नगण्य है।
13.जलका घनत्व उस गंहराई पर, जहाँ दाब \[{\mathbf{80}}.{\mathbf{0}}{\text{ }}{\mathbf{atm}}\] हो, कितना होगा? दिया गया है कि | पृष्ठ पर जल का घनत्व\[{\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{\mathbf{3}}} \times {\mathbf{10}}{\text{ }}{\mathbf{kg3}}{\text{ }}{{\mathbf{m}}^ - }^{\mathbf{3}}\], जल की सम्पीड्यता \[{\mathbf{45}}.{\mathbf{8}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{ - {\mathbf{11}}}}{\mathbf{Pa}} - {\mathbf{1}}\left( {{\mathbf{1}}{\text{ }}{\mathbf{Pa}} = {\mathbf{1N}}{{\mathbf{m}}^{ - {\mathbf{2}}}}} \right)\]
उतर: यहाँ पृष्ठ से गहराई तक जाने पर दाब परिवर्तन \[p = \left( {80.0 - 1.0} \right)\] वायुमण्डल \[ = 79\] वायुमण्डल अर्थात् ।
\[p = 79 \times 1.013 \times {10^5}\]न्यूटन/मी2
\[ = {\text{ }}80.027 \times {10^5}\] न्यूटन/मी2
जहाँ जल की संपीड्यता
$K{\text{ }} = {\text{ }}45.8{\text{ }}x{\text{ }}{10^{ - 11}}P{a^{ - 1}} $
जल को आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
\[B = \dfrac{1}{K} = \dfrac{1}{{45.8 \times {{10}^{ - 11}}\;{\text{P}}{{\text{a}}^{ - 1}}}} = 2.18 \times {10^9}\;{\text{Pa}}\]
अथवा \[B = 2.183 \times {10^9}\] न्यूटन/मी2
\[\quad B = - \left( {\dfrac{p}{{v/V}}} \right){\text{ }} \Rightarrow \left( {\dfrac{v}{V}} \right) = - \left( {\dfrac{p}{B}} \right)\]
\[ = - \] [$80.027\times 10^{5}$ न्यूटन/मी2/ \[2.183 \times {10^9}\] न्यूटन/मी2]
अर्थात \[\left( {\dfrac{v}{V}} \right) = - 36.66 \times {10^{ - 4}} \ldots (1)\]
पृष्ठ पर जल का घनत्व \[\rho = 1.03 \times {10^3}kg{\text{ }}{m^{ - 3}}\]
माना ρ’ किसी दी गई गहराई पर जल का घनत्व है। यदि \[V\]तथा जल के निश्चित द्रव्यमान \[M\] के पृष्ठ तथा दी गई गहराई के आयतन हैं तो
\[V = \dfrac{M}{\rho }\quad \]तथा \[{\text{ }}{V^\prime } = \dfrac{M}{{{\rho ^\prime }}}\]
आयतन में परिवर्तन\[\upsilon = {V^\prime } - V = M\left( {\dfrac{1}{{{\rho ^\prime }}} - \dfrac{1}{\rho }} \right) = - M\left( {\dfrac{1}{\rho } - \dfrac{1}{{{\rho ^\prime }}}} \right)\]
आयतन विकृति\[\dfrac{\upsilon }{V} = \dfrac{{ - M}}{V}\left( {\dfrac{1}{\rho } - \dfrac{1}{{{\rho ^\prime }}}} \right) = - \rho \left( {\dfrac{1}{\rho } - \dfrac{1}{{{\rho ^\prime }}}} \right) = - \left( {1 - \dfrac{\rho }{{{\rho ^\prime }}}} \right)\]
\[\therefore \,\,\,\,\,\,\quad \dfrac{\upsilon }{V} = - \left[ {1 - \left( {\dfrac{{1.03 \times {{10}^3}}}{{{\rho ^\prime }}}} \right)} \right]\]
अतः समीकरण (1) व (2) से,
\[ - \left[ {1 - \left( {\dfrac{{1.03 \times {{10}^3}}}{{{\rho ^\prime }}}} \right)} \right] = - 36.66 \times {10^{ - 4}} \approx 3.7 \times {10^{ - 3}}\]
या \[\left[ {1 - 3.7 \times {{10}^{ - 3}}} \right] = \dfrac{{1.03 \times {{10}^3}}}{{{\rho ^\prime }}}\]
या \[0.9963 = 1.03 \times {10^3}/{\rho ^\prime }\]
\[\therefore \quad \quad {\rho ^\prime } = \dfrac{{1.03 \times {{10}^3}}}{{0.9963}} = 1.034 \times {10^3}\] किग्रा./मी3
14.काँच के स्लेब पर \[{\mathbf{10}}{\text{ }}{\mathbf{atm}}\] का जलीय दाब लगाने पर उसके आयतन में भिन्नात्मक अन्तर की गणना कीजिए।
उतर: यहाँ दाब-परिवर्तन \[p = 10\] वायुमण्डलीय दाब
\[ = {\text{ }}10 \times 1.013 \times {10^5}Pa = 1.013 \times {10^6}Pa\]
आयतन प्रत्यास्थता गुणांक \[B = 37 \times {10^9}Pa\]
आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
\[B = \dfrac{{ - P}}{{\left( {\dfrac{u}{v}} \right)}}\]
\[\left( {\dfrac{\nu }{V}} \right) = - \dfrac{P}{B}\]
आयतन में भिन्न्ताम्क परिवर्तन \[\left( {\dfrac{u}{V}} \right) = - \left( {\dfrac{{1.013 \times {{10}^6}pa}}{{37 \times {{10}^9}pa}}} \right) = - 2.74 \times {10^{ - 5}}\]
यहाँ\[( - )\] चिन्ह आयतन में कमी आती है
15. ताँबे के एक ठोस धन का एक किनारा \[{\mathbf{10}}{\text{ }}{\mathbf{cm}}\] का है। इस पर \[{\mathbf{7}}.{\mathbf{0}} \times {\mathbf{10}}{}^{\mathbf{6}}{\text{ }}{\mathbf{Pa}}.\] का.जलीय दाब लगाने पर इसके आयतन में संकुचन निकालिए।
उतर: आयतन विकृति
\[\left( {\dfrac{u}{V}} \right) = - \left( {\dfrac{{7.0 \times {{10}^6}pa}}{{1.40 \times {{10}^{11}}pa}}} \right) = - 5 \times {10^{ - 5}}\]
परन्तु घन के किनारे की लम्बाई \[a = 10\] सेमी. \[ = 0.10\]
घन का आयतन \[20 = a3 = (0.10\]मी.) \[3 = 10 - 3\]
अत आयतन में परिवर्तन = आयतन विक्रति \[ \times \] आयतन
\[ = - 5 \times 10 - 5 \times 10 - 3\] मी.
\[ = - 5 \times 10 - 8 \times 106\] सेमी.
\[ = - 0.05\] सेमी.
\[( - )\]चिन्ह आयतन में संकुचन का प्रतीक है.
16.\[{\mathbf{1}}\]लीटर जल पर दाब में कितना अन्तर किया जाए कि वह \[{\mathbf{0}}.{\mathbf{10}}\% \]से सम्पीडित हो जाए?
उतर: यहाँ आयतन में प्रतिशत संकुचन \[ = --{\text{ }}0.10\]
अर्थात् दाब \[2.2 \times {10^6}{\text{ }}Pa\] बढ़ाया जाये।
17.हीरे के एकल क्रिस्टलों से बनी निहाइयों, जिनकी आकृति चित्र-9.6 में दिखाई गई है, का उपयोग अति उच्च दाब के अन्तर्गत द्रव्यों के व्यवहार की जाँच के लिए किया जाता है। निहाई के संकीर्ण सिरों पर सपाट फलकों का व्यास \[{\mathbf{0}}.{\mathbf{50}}{\text{ }}{\mathbf{mm}}\] है। यदि निहाई के चौड़े सिरों पर \[{\mathbf{50}},{\mathbf{000}}{\text{ }}{\mathbf{N}}\] का बल लगा हो तो उसकी नोंक पर दाब ज्ञात कीजिए।
उतर: सपाट फलक की त्रिज्या \[R = 0.25{\text{ }}mm{\text{ }} = 2.5 \times {10^{ - 4}}m\] हीरे के शंकु ।
फलक का क्षेत्रफल \[A{\text{ }} = {\text{ }}\pi {R^2}\]
=\[3.14 \times {\left( {2.5 \times {{10}^{ - 4}}m} \right)^2}\]
\[ = 196 \times {10^{ - 8}}m\]
जबकि आरोपित बल \[F{\text{ }} = {\text{ }}50,000N\]
नोंक पर दाब P
\[\dfrac{F}{A} = \dfrac{{50,000N}}{{19.6 \times {{10}^{ - 8}}\;{{\text{m}}^2}}}\]
\[ = 2.55 \times {10^{11}}Pa\]
18.\[{\mathbf{1}}.{\mathbf{05}}{\text{ }}{\mathbf{m}}\] लम्बाई तथा नगण्य द्रव्यमान की एक छड़ को बराबर लम्बाई के दो तारों, एक इस्पात : का (तार A) तथा दूसरा ऐलुमिनियम का तार (तार B) द्वारा सिरों से लटका दिया गया है, जैसा कि चित्र-9.7 में दिखाया गया है। A तथा B के तारों के अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफल क्रमशः \[{\mathbf{1}}.{\mathbf{0}}{\text{ }}{\mathbf{m}}{{\mathbf{m}}^{\mathbf{2}}}\] और \[{\mathbf{2}}.{\mathbf{0}}{\text{ }}{\mathbf{mm}}\] हैं। छड़ के किस बिन्दु से एक द्रव्यमान m को लटका दिया जाए ताकि इस्पात तथा ऐलुमिनियम के तारों में (a) समान प्रतिबल, तथा (b) समान विकृति उत्पन्न हो?
उतर: तारों के अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
$AA=1.0mm^{2}, AB=2.0mm^{2}$
$YA=2.0\times 1011Nm^{-2}$
$YB=0.7\times 1011Nm^{-2}$
माना द्रव्यमान को तार A वाले सिरे से, x दूरी पर बिन्दु C से लटकाया गया है, तब इसकी दूसरे ‘सिरे से दूरी \[\left( {1.0{\mathbf{5}}--X} \right){\text{ }}m\] होगी।
माना इस भार के कारण तारों में \[FA\] तथा \[FB\] तनाव बले उत्पन्न होते हैं।
बिन्दु C के परितः आघूर्ण लेने पर,
\[FA{\text{ }}.x{\text{ }} = {\text{ }}FB{\text{ }}\left( {1.05 - x} \right){\text{ }} \ldots .\left( 1 \right)\]
तारों में समान प्रतिबल उत्पन्न होता है; अत:
\[\dfrac{{{F_A}}}{{{A_A}}} = \dfrac{{{F_B}}}{{{A_B}}}\]
समीकरण 1 को 2 से भाग देने पर,
\[x \cdot {A_A} = (1.05 - x) \cdot {A_B}\quad \Rightarrow \quad \dfrac{x}{{(1.05 - x)}} = \dfrac{{{A_B}}}{{{A_A}}} = \dfrac{{2.0}}{{1.0}}\]
\[ \Rightarrow x = 2(1.05 - x) \Rightarrow 3x = 2 \times 1.05\]
\[\therefore \quad x = \dfrac{{2.10}}{3} = 0.70\;{\text{m}} = 70\;{\text{cm}}\]
सूत्र \[Y = \dfrac{{FL}}{{A\Delta L}}\] से \[\dfrac{{\Delta L}}{L} = \dfrac{F}{{AY}}\]
\[\because \] चूँकि दोनों तारों में विक्रति समान उत्पन्न होती है,इसलिए
\[\dfrac{{{F_A}}}{{{A_A}{Y_A}}} = \dfrac{{{F_B}}}{{{A_B}{Y_B}}}\]
समीकरण 1 को 3 से भाग देने पर,
\[x{A_A}{Y_A}\] \[ = (1.05 - x){A_B}{Y_B}\]
$\Rightarrow \frac{x}{1.05-x}=\frac{A_{B}}{A_{A}}\times \frac{Y_{B}}{Y_{A}}=\frac{20}{1.0}\times \frac{0.7}{2.0}$
$\Rightarrow \frac{x}{1.05-x}=\frac{7}{10}\: \: \: \; \; \; \; \; 10x=1.05\times 7-7x$
$\Rightarrow 17x=1.05\times 7\therefore x=\frac{1.05\times 7}{17}=0.43m=43cm$
अत द्रव्यमान को तार a वाले सिरे से \[43\;{\text{cm}}\] की दूरी पर लटकाया जाना चाहिए.
19.मृदु इस्पात के एक तार, जिसकी लम्बाई \[{\mathbf{1}}.{\mathbf{0}}{\text{ }}{\mathbf{m}}\] तथा अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल \[-{\text{ }}{\mathbf{0}}.{\mathbf{50}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{ - {\mathbf{2}}}}{\text{ }}{\mathbf{cm}}\] है, को दो खम्भों के बीच क्षैतिज दिशा में प्रत्यास्थ सीमा के अन्दर ही तनित किया जाता है। तार के मध्य बिन्दु से \[{\mathbf{100g}}\] का एक द्रव्यमान लटका दिया जाता है। मध्य बिन्दु पर अवनमन की गणना कीजिए।
उतर: दिया है : तार की लम्बाई \[L{\text{ }} = {\text{ }}1.0{\text{ }}m,\],
अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल \[A{\text{ }} = {\text{ }}0.50 \times {10^{ - 2}}c{m^2} = {\text{ }}5 \times {10^ - }^7{m^2}\]
\[m = 100{\text{ }}g = 0.1{\text{ }}kg,{\text{ }}Y = 2.0 \times {10^{11}}N{m^{ - 2}}\]
माना सन्तुलन की स्थिति में तार के दोनों भागों का क्षैतिज से – झुकाव θ है तथा तार के दोनों भागों में समान तनाव T है। सन्तुलन की स्थिति में,
\[2T{\text{ }}sin{\text{ }}\theta {\text{ }} = {\text{ }}mg{\text{ }} \ldots \left( 1 \right)\]
(C तार का मध्य बिन्दु है जो भार लटकाने पर बिन्दु O तक विस्थापित हो जाता है।
तब \[l = AC = BC = \dfrac{{1.0}}{2} = 0.5\;{\text{m}}\]
माना अवनमन \[OC = x\] है जो की सूक्ष्म होगा
\[\therefore \quad AO = \sqrt {A{C^2} + O{C^2}} = \sqrt {{l^2} + {x^2}} \]
\[\therefore \] भाग \[AC\] \[\Delta l = AO - AC\]
\[ = {\left( {{l^2} + {x^2}} \right)^{1/2}} - l\]
\[ = l\left[ {{{\left( {1 + \dfrac{{{x^2}}}{{{l^2}}}} \right)}^{1/2}} - 1} \right]\]
\[\Delta l = l\left[ {\left( {1 + \dfrac{1}{2}\dfrac{{{x^2}}}{{{l^2}}}} \right) - 1} \right]\]
अथवा \[\Delta l = l \times \dfrac{{{x^2}}}{{2{l^2}}}\]
\[\therefore \] भाग \[AO\] में तनाव \[{\text{ }}T = \dfrac{{YA\Delta l}}{l}\]
\[ = \dfrac{{YA}}{l} \times l \times \dfrac{{{x^2}}}{{2{l^2}}} = \dfrac{{YA{x^2}}}{{2{l^2}}}\]
\[\therefore \] समीकरण (1) से \[2 \times \dfrac{{YA{x^2}}}{{2{l^2}}}\sin \theta = mg\]
\[ \Rightarrow \sin \theta = \dfrac{{mg{l^2}}}{{YA{x^2}}}\] परन्तु \[{\text{ }}\theta \] छोटा है \[ \Rightarrow \sin \theta = \theta = \dfrac{{OC}}{{AC}} = \dfrac{x}{l}\]
\[\therefore \quad \dfrac{x}{l} = \dfrac{{mg{l^2}}}{{YA{x^2}}}\quad \Rightarrow \quad {x^3} = \dfrac{{mg{l^3}}}{{YA}}\]
\[\therefore \quad x = l \times {\left( {\dfrac{{mg}}{{YA}}} \right)^{1/3}} = 0.5{\text{ m}}\]
\[{\left[ {\dfrac{{0.1\;{\text{kg}} \times 9.8\;{\text{m}}{{\text{s}}^{ - 2}}}}{{2.0 \times {{10}^{11}}{\text{N}}{{\text{m}}^{ - 2}} \times 5 \times {{10}^{ - 7}}\;{{\text{m}}^2}}}} \right]^{\dfrac{1}{3}}}\]
\[ = 0.5 \times 2.13 \times {10^{ - 2}}\;{\text{m}} \approx = 0.01\;{\text{m}}\]
अत मध्य बिंदु पर अवनमन लगभग \[0.01\] \[{\text{m}}\] है
20.धातु के दो पहियों के सिरों को चार रिवेट से आपस में जोड़ दिया जाता है। प्रत्येक रिवेट का व्यास 6 मिमी है। यदि रिवेट का अपरुपण प्रतिबल \[{\mathbf{6}}.{\mathbf{9}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{{\mathbf{7}}{\text{ }}}}{\mathbf{Pa}}\] से अधिक नहीं बढ़ना | हो तो रिवेट की हुई पट्टी द्वारा आरोपित तनाव का अधिकतम मान कितना होगा? मान लीजिए कि प्रत्येक रिवेट एक-चौथाई भार वहन कर सकता है।
उतर:दिया है, प्रत्येक रिवेट का व्यास \[ = {\text{ }}6\]मिमी ।
∴ त्रिज्या r = व्यास\[/2{\text{ }} = {\text{ }}6\] मिमी\[/2 = 3\] मिमी \[ = {\text{ }}3 \times {10^{ - 3}}\]मी
अतः रिवेट का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल ।
\[A = \pi {r^2} = 3.14 \times {\left( {3 \times {{10}^{ - 3}}m} \right)^2}\]
\[ = {\text{ }}28.26 \times {10^{ - 6}}\]मी2
भंजक प्रतिबल = रिवेट द्वारा सहन किये जा सकने वाला अधिक अपरूपण प्रतिबल
\[ = {\text{ }}6.9 \times 107{\text{ }}Pa{\text{ }} = {\text{ }}6.9 \times {10^7}\] न्यूटन/मीटर2
प्रत्येक रिवेट द्वारा सहन किया जा सकने वाला अधिकतम तनाव = भंजक प्रतिबल x A
= (\[6.9 \times {10^7}\]न्यूटन/मी2) x (\[28.26 \times {10^{ - 6}}\]मी2)
= \[1.949 \times {10^3}\]न्यूटन ≈ 1.95 x 10’न्यूटन
चूँकि पट्टी में चार रिवेट लगी हैं। अत: पट्टी द्वारा आरोपित अधिकतम तनाव
\[ = {\text{ }}4 \times 1.95 \times {10^3}\] न्यूटन \[ = {\text{ }}7.8 \times {10^3}\]न्यूटन
21.प्रशांत महासागर में स्थित मैरियाना नामक खाई एक स्थान पर पानी की सतह से 11 km नीचे चली जाती है और उस खाई में नीचे तक 0.32\[{\mathbf{0}}.{\mathbf{32}}{\text{ }}{{\mathbf{m}}^{\mathbf{3}}}\] आयतन का इस्पात का एक गोला गिराया जाता है तो गोले के आयतन में परिवर्तन की गणना करें। खाई के तल पर जल का दाब \[{\mathbf{1}}.{\mathbf{1}} \times {\mathbf{1}}{{\mathbf{0}}^{\mathbf{8}}}{\text{ }}{\mathbf{Pa}}\] है और इस्पात का आयतन गुणांक \[{\mathbf{160}}{\text{ }}{\mathbf{G}}{\text{ }}{\mathbf{Pa}}\] है।
उतर:यहाँ दाब-परिवर्तन
\[p{\text{ }} = \] खाई की तली पर दाब \[ = {\text{ }}1.1 \times {10^8}Pa\]
इस्पात का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
\[B = 160{\text{ }}G{\text{ }}\,\,Pa = {\text{1}}60 \times {10^9}\,\,\,Pa = 1.6 \times {10^{11}}Pa\]
गोले का आयतन \[ = {\text{ }}V{\text{ }} = {\text{ }}0.32\]मी3
आयतन प्रत्यास्थता गुणांक
\[B = \dfrac{{ - p}}{{\left( {\dfrac{v}{V}} \right)}}\]
\[\therefore \] आयतन में परिवर्तन \[ = \left( {\dfrac{{ - pV}}{B}} \right) = - \left[ {\dfrac{{\left( {1.1 \times {{10}^8}\;{\text{Pa}}} \right) \times \left( {0.32{m^3}} \right)}}{{1.6 \times {{10}^{11}}\;{\text{Pa}}}}} \right]\]
अर्ठाथ \[v = - \left[ {\dfrac{{1.1 \times 0.32}}{{1.6}} \times {{10}^{ - 3}}{m^3}} \right] = - 2.2 \times {10^{ - 4}}{m^3}\]
(-) चिह्न आयतन में कमी का प्रतीक है। अर्थात् आयतन में
$2.2 \times 10^{ - 4}$ मी3 की कमी होगी।
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