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Haar Ki Jeet (हार की जीत ) Class 6 NCERT Solutions: CBSE Hindi (Malhar) Chapter 4

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NCERT Solutions for Hindi Class 6 Chapter 4 - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत provide a detailed understanding of this motivational and inspiring story. The chapter 4 narrates a tale that emphasises the importance of perseverance, determination, and learning from failures. These Vedantu solutions are created to answer all textbook questions accurately, helping students gain clarity and develop their comprehension skills. With their straightforward explanations, these solutions are a valuable tool for both academic success and character development.

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Our solutions for Class 6 Hindi Malhar NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practicing Hindi Class 6 Chapter 4.

Access Class 11 Hindi Chapter 4 Haar Ki Jeet NCERT Solutions

पाठ से

मेरी समझ से

आइए, अब हम ‘हार की जीत’ कहानी को थोड़ा और निकटता से समझ लेते हैं।

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए—

प्रश्न 1. सुलतान के छीने जाने का बाबा भारती पर क्या प्रभाव हुआ?

  • बाबा भारती के मन से चोरी का डर समाप्त हो गया।

  • बाबा भारती ने गरीबों की सहायता करना बंद कर दिया।

  • बाबा भारती ने द्वार बंद करना छोड़ दिया।

  • बाबा भारती असावधान हो गए।

उत्तर: बाबा भारती असावधान हो गए।


प्रश्न 2. “बाबा भारती भी मनुष्य ही थे।” इस कथन के समर्थन में लेखक ने कौन-सा तर्क दिया है?

  • बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।

  • बाबा भारती घोड़े की प्रशंसा दूसरों से सुनने के लिए व्याकुल थे।

  • बाबा भारती को घोड़े से अत्यधिक लगाव और मोह था।

  • बाबा भारती हर पल घोड़े की रखवाली करते रहते थे।

उत्तर:बाबा भारती ने डाकू को घमंड से घोड़ा दिखाया।


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर: मित्रों की सहायता से चर्चा करें।


शीर्षक

(क) आपने अभी जो कहानी पढ़ी है, इसका नाम सुदर्शन ने ‘हार की जीत’ रखा है। अपने समूह में चर्चा करके लिखिए कि उन्होंने इस कहानी को यह नाम क्यों दिया होगा? अपने उत्तर का कारण भी लिखिए।
उत्तर: सबकी सहायता करने तथा समाज में भाईचारा व सौहार्द बने रहने के उद्देश्य से इस कहानी का नाम ‘हार की जीत’ रखा होगा |


(ख) यदि आपको इस कहानी को कोई अन्य नाम देना हो तो क्या नाम देंगे? आपने यह नाम क्यों सोचा, यह भी बताइए ।
उत्तर: डाकू का हृदय परिवर्तन ।
कारण- बाबा भारती ने कहा था कि इस घटना को किसी के सामने प्रकट न करना। लोगों को यदि इस घटना का पता चला तो वे किसी गरीब पर विश्वास न करेंगे। तभी खड्गसिंह का हृदय परिवर्तन हुआ और पुन: घोड़े को बाबा भारती को वापस दे दिया।


(ग) बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से कौन-सा वचन लिया?
उत्तर: बाबा भारती ने डाकू खड्गसिंह से यह वचन लिया कि इस घटना को वह किसी के सामने प्रकट न करेगा।


पंक्तियों पर चर्चा

कहानी में से चुनकर कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार लिखिए-

  • “भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।”

  • “बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से । “

  • “वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था।”

  • “बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है।”

  • “उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई।”

उत्तर:
“भगवत भजन से जो समय बचता, वह घोड़े को अर्पण हो जाता।”

  • अर्थ: इस पंक्ति का अर्थ है कि भगवत भजन करने के लिए जो समय बचता था, वह समय घोड़े की देखभाल में लग जाता था। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति अपनी हर उपलब्ध समय को घोड़े की सेवा में समर्पित करता था।

  • विचार: यह पंक्ति यह दर्शाती है कि व्यक्ति की जिम्मेदारियों और समर्पण का स्तर कितना ऊँचा था। उसने आध्यात्मिक कार्यों के अलावा घोड़े की देखभाल को भी उतना ही महत्वपूर्ण माना, जो समर्पण और ईमानदारी को दर्शाता है।


“बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने घोड़ा देखा आश्चर्य से।”

  • अर्थ: यहाँ बाबा ने घोड़े को गर्व के साथ दिखाया, जबकि खड्गसिंह ने उसे आश्चर्यचकित होकर देखा। यह विभिन्न दृष्टिकोणों को दर्शाता है।

  • विचार: इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि वस्तुओं को देखने के दृष्टिकोण अलग-अलग हो सकते हैं। बाबा का घमंड और खड्गसिंह का आश्चर्य उनके व्यक्तित्व और उनके अनुभवों की विविधता को दिखाता है।


“वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए उस पर अपना अधिकार समझता था।”

  • अर्थ: इस पंक्ति में बताया गया है कि डाकू जो भी वस्तु पसंद करता था, उसे वह अपनी समझता था और उस पर कब्जा कर लेता था।

  • विचार: यह पंक्ति डाकू के चरित्र की स्वार्थी और बलात्कारी प्रवृत्तियों को उजागर करती है। डाकू की इस प्रवृत्ति से उसकी नैतिकता की कमी और दूसरों की चीजों पर अधिकार जमाने की प्रवृत्ति स्पष्ट होती है।


“बाबा भारती ने निकट जाकर उसकी ओर ऐसी आँखों से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है और कहा, यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है।”

  • अर्थ: बाबा भारती ने घोड़े की ओर ऐसी दृष्टि से देखा जैसे बकरा कसाई की ओर देखता है, जो कि एक निस्तेज और आत्मसमर्पण की भावना को दर्शाता है। इसके बाद उन्होंने कहा कि घोड़ा अब तुम्हारा हो गया है।

  • विचार: इस पंक्ति से यह स्पष्ट होता है कि बाबा भारती ने घोड़े के हस्तांतरण को एक पराजय की तरह देखा। यह दृष्टिकोण एक तरह की हार मानने और अन्यायपूर्ण स्थिति का संकेत है, जिसमें स्वीकृति और विवशता की भावना है।


“उनके पाँव अस्तबल की ओर मुड़े। परंतु फाटक पर पहुँचकर उनको अपनी भूल प्रतीत हुई।”

  • अर्थ: यहाँ व्यक्तियों ने अस्तबल की ओर कदम बढ़ाये, लेकिन फाटक पर पहुँचकर उन्हें एहसास हुआ कि उन्होंने कोई गलती की है।

  • विचार: यह पंक्ति दर्शाती है कि किसी निर्णय या कार्य में पहुंचने के बाद ही उसकी गलती का एहसास होता है। यह तात्पर्य है कि कई बार हम अपनी भूल को तब ही पहचानते हैं जब हम अपने निर्णय पर पूरी तरह पहुंच जाते हैं, जिससे सीखने और सुधारने का अवसर मिलता है।


सोच-विचार के लिए

कहानी को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित पंक्ति के विषय में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।
“दोनों के आँसुओं का उस भूमि की मिट्टी पर परस्पर मेल हो गया।”

(क) किस-किस के आँसुओं का मेल हो गया था?

उत्तर: बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसुओं का मेल हो गया था।


(ख) दोनों के आँसुओं में क्या अंतर था ?

उत्तर:दोनों के आँसुओं में यह अंतर है कि बाबा भारती के आँसू खुशी के आँसू थे और खड्गसिंह के आँसू दुख के आँसू थे।


दिनचर्या

(क) कहानी पढ़कर आप बाबा भारती के जीवन के विषय में बहुत कुछ जान चुके हैं। अब आप कहानी के आधार पर बाबा भारती की दिनचर्या लिखिए। वे सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक क्या-क्या करते होंगे, लिखिए। इस काम में आप थोड़ा-बहुत अपनी कल्पना का सहारा भी ले सकते हैं।

उत्तर: बाबा भारती सुबह – सुबह जग जाते होंगे। स्नान आदि करने के उपरांत मंदिर में जाकर भगवत भजन करते होंगे। उसके बाद वे अपने घोड़े की देखभाल करते होंगे। वे अपने हाथ से घोड़े को खरहरा करते और दाना खिलाते होंगे। रात के समय वे जागकर घोड़े की रखवाली करते होंगे। रात काफी बीतने पर वे सो जाते होंगे। पुनः सुबह जगकर अपनी दिनचर्या में लग जाते होंगे।


(ख) अब आप अपनी दिनचर्या भी लिखिए।
उत्तर:
दिनचर्या:

  1. सुबह:

    • 6:00 AM: उठकर ताजगी के लिए कुछ मिनट ध्यान और योग करता हूँ।

    • 6:30 AM: नाश्ते के लिए फल और ओट्स या पोहा बनाता हूँ।

    • 7:00 AM: ताजगी से नहाकर तैयार होता हूँ और दिनभर की योजनाओं को जांचता हूँ।

  2. दोपहर:

    • 12:00 PM: हल्का भोजन करता हूँ जिसमें दाल, चावल और सब्जियाँ शामिल होती हैं।

    • 1:00 PM: थोड़ी देर आराम करता हूँ या पढ़ाई करता हूँ।

    • 2:00 PM: काम या अध्ययन की गतिविधियों में व्यस्त रहता हूँ।

  3. शाम:

    • 5:00 PM: ताजगी के लिए हल्की चाय या स्नैक के साथ शाम की चहलकदमी करता हूँ।

    • 6:00 PM: काम के परिणामों की समीक्षा करता हूँ और अगले दिन के लिए तैयारी करता हूँ।

  4. रात:

    • 8:00 PM: रात के खाने में परिवार के साथ बैठकर भोजन करता हूँ।

    • 9:00 PM: आराम के लिए एक अच्छी किताब पढ़ता हूँ या टीवी देखता हूँ।

    • 10:00 PM: सोने से पहले थोड़ा ध्यान करता हूँ और अगले दिन की योजनाओं को आखिरी बार देखता हूँ।

    • 10:30 PM: सो जाता हूँ।


कहानी की रचना

(क) इस कहानी की कौन-कौन सी बातें आपको पसंद आई? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर:

  1. संकल्प और समर्पण:

    • मुझे कहानी में मुख्य पात्र की समर्पण और निष्ठा की भावना बहुत पसंद आई। भले ही वह भगवत भजन के लिए समय निकालता है, पर बचा हुआ समय घोड़े की देखभाल में लगाता है। यह दिखाता है कि कैसे हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

  2. विभिन्न दृष्टिकोण:

    • बाबा और खड्गसिंह की अलग-अलग प्रतिक्रियाएँ भी दिलचस्प लगीं। जहाँ बाबा ने घोड़े को गर्व से दिखाया, वहीं खड्गसिंह ने उसे आश्चर्य से देखा। यह दिखाता है कि लोग किसी भी वस्तु को विभिन्न दृष्टिकोण से देख सकते हैं।

  3. नैतिकता और न्याय:

    • डाकू का स्वार्थी और बलात्कारी रवैया कहानी में एक महत्वपूर्ण तत्व था। यह दर्शाता है कि कैसे कुछ लोग अपनी पसंद की चीजों पर कब्जा कर लेते हैं, जो कि नैतिकता और न्याय के खिलाफ है। यह पात्र के चरित्र को और भी वास्तविक और समझने योग्य बनाता है।

  4. अवसर पर एहसास:

    • जब पात्र ने अस्तबल की ओर जाते हुए अपनी भूल को महसूस किया, तो यह स्थिति मुझे बहुत सटीक लगी। यह दिखाता है कि कई बार हम किसी काम को करने के बाद ही उसकी गलती का एहसास करते हैं, और यह हमें सुधारने का मौका देता है।


(ख) कोई भी कहानी पाठक को तभी पसंद आती है जब उसे अच्छी तरह लिखा गया हो । लेखक कहानी को अच्छी तरह लिखने के लिए अनेक बातों का ध्यान रखते हैं, जैसे- शब्द, वाक्य, संवाद आदि। इस कहानी में आए संवादों के विषय में अपने विचार लिखें।
उत्तर: कहानी में संवाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और यह कहानी को जीवंत और प्रभावशाली बनाते हैं। संवाद पात्रों की भावनाओं, विचारों और उनके आपसी रिश्तों को व्यक्त करने में मदद करते हैं। यहाँ पर कुछ विचार दिए गए हैं जो कहानी के संवादों पर आधारित हैं:


  1. पात्रों की भावनाएँ व्यक्त करना:

    • संवाद पात्रों के भावनात्मक परिदृश्य को स्पष्ट करते हैं। जैसे कि जब बाबा ने घोड़े को गर्व से दिखाया और खड्गसिंह ने आश्चर्य से देखा, तो इन संवादों से उनकी भावनाएँ और दृष्टिकोण स्पष्ट होते हैं। यह संवाद पाठकों को पात्रों की मानसिक स्थिति को समझने में मदद करते हैं।

  2. पात्रों के चरित्र का निर्माण:

    • संवादों के माध्यम से पात्रों के चरित्र का निर्माण होता है। उदाहरण के लिए, जब डाकू अपनी पसंदीदा वस्तुओं पर अधिकार जताता है, तो यह उसके स्वार्थी और बलात्कारी स्वभाव को दर्शाता है। इसी प्रकार, बाबा भारती का "यह घोड़ा तुम्हारा हो चुका है" संवाद उसके आदर्श और निर्णय की गंभीरता को प्रकट करता है।

  3. कहानी का विकास:

    • संवाद कहानी की प्रगति और घटनाओं के विकास को भी दर्शाते हैं। जब पात्र अपनी भूल का एहसास करते हैं, तो यह संवाद कहानी की दिशा और पात्रों के निर्णयों को प्रभावित करता है। यह संवाद घटनाओं की श्रृंखला को व्यवस्थित करने में सहायक होते हैं।

  4. संवादों का प्रभाव:

    • कहानी में संवाद न केवल पात्रों के विचार और भावनाओं को व्यक्त करते हैं, बल्कि वे पाठकों पर भी गहरा प्रभाव डालते हैं। प्रभावशाली संवाद कहानी को अधिक सजीव और यादगार बनाते हैं। जैसे कि घोड़े के हस्तांतरण के समय का संवाद, जो पात्रों की स्थिति और भावनाओं को स्पष्ट करता है, पाठकों को कहानी से जोड़ता है।


मुहावरे कहा

(क) कहानी से चुनकर कुछ मुहावरे नीचे दिए गए हैं— लट्टू होना, हृदय पर साँप लोटना, फूले न समाना, मुँह मोड़ लेना, मुख खिल जाना, न्योछावर कर देना। कहानी में इन्हें खोजकर इनका प्रयोग समझिए।
उत्तर:

  • होना लट्टू – बाबा भारती घोड़े की चाल पर लट्टू थे।

  • हृदय पर साँप लोटना – घोड़े की चाल देखकर खड्गसिंह के हृदय पर साँप लोट गया ।

  • फूले न समाना – घोड़े के शरीर तथा उसके रंग को देखकर बाबा भारती फूले न समाते थे।

  • मुँह मोड़ लेना – बाबा भारती ने सुलतान की ओर से इस तरह मुँह मोड़ लिया जैसे उनका उससे कोई संबंध ही न रहा हो।

  • मुख खिल जाना – घोड़े को देखकर बाबा भारती का मुख फूल की नाईं खिल जाता था ।

  • न्योछावर कर देना – बाबा भारती ने अपना सब कुछ घोड़े पर न्योछावर कर दिया।


(ख) अब इनका प्रयोग करते हुए अपने मन से नए वाक्य बनाइए।
उत्तर:

  • लट्टू होना (कायल होना) – मेरा मित्र फिल्म की कहानी से तो प्रभावित हुआ ही वह उस अभिनेत्री पर भी लट्टू हो गया।

  • हृदय पर साँप लोटना (ईर्ष्या करना) – साथी की सफलता से शेखर के हृदय पर साँप लेटने लगा ।

  • फूले न समाना (बहुत खुश होना ) – बहुत दिनों के बाद अपने अंतरग मित्र को देखते ही हरि फूला न समाया ।

  • मुँह मोड़ लेना ( साथ छोड़ देना ) – श्याम को व्यापार में घाटा हुआ तो उसके सभी परिवारवालों ने मुँह मोड़ लिया।

  • मुख खिल जाना ( प्रसन्न होना ) – बेटे का रिजल्ट देखकर पिताजी का मुख खिल गया ।

  • न्योछावर कर देना ( अर्पण करना) – सैनिक अपने प्राण भारतमाता पर न्योछावर कर देते हैं।


कैसे-कैसे पात्र

इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं— बाबा भारती, डाकू खड्गसिंह और सुलतान घोड़ा। इनके गुणों को बताने वाले शब्दों से दिए गए शब्द चित्रों को पूरा कीजिए— 


इस कहानी में तीन मुख्य पात्र हैं— बाबा भारती, डाकू खड्गसिंह और सुलतान घोड़ा। इनके गुणों को बताने वाले शब्दों से दिए गए शब्द चित्रों को पूरा कीजिए—


आपने जो शब्द लिखे हैं, वे किसी की विशेषता, गुण और प्रकृति के बारे में बताने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। ऐसे शब्दों को विशेषण कहते हैं।
उत्तर:


आपने जो शब्द लिखे हैं, वे किसी की विशेषता, गुण और प्रकृति के बारे में बताने के लिए उपयोग में लाए जाते हैं। ऐसे शब्दों को विशेषण कहते हैं।


पाठ से आगे

सुलतान की कहानी

मान लीजिए, यह कहानी सुलतान सुना रहा है। तब कहानी कैसे आगे बढ़ती ? स्वयं को सुलतान के स्थान पर रखकर कहानी बनाइए ।
(संकेत- आप कहानी को इस प्रकार बढ़ा सकते हैं – मेरा नाम सुलतान है। मैं एक घोड़ा हूँ…..)
उत्तर: परीक्षोपयोगी नहीं।


मन के भाव

(क) कहानी में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। बताइए, कहानी में कौन, कब, ऐसा अनुभव कर रहा था—

  • चकित

  • अधीर

  • डर

  • प्रसन्नता

  • करुणा

  • निराशा

उत्तर:

  • चकित-खड्गसिंह ने जब घोड़े को देखा तो वह चकित रह गया।

  • अधीर – बाबा भारती और खड्गसिंह के बीच संवाद के दौरान इसे बाबा भारती अनुभव कर रहे थे।

  • डर – जब खड्गसिंह ने बाबा भारती से कहा कि घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा, तब बाबा भारती इसे अनुभव कर रहे थे।

  • प्रसन्नता – जब बाबा भारती सुलतान की पीठ पर सवार होकर घूमने जा रहे थे तो उस समय उनके मुख पर प्रसन्नता थी।

  • करुणा – सहसा एक आवाज़ आई। उस आवाज़ में करुणा थी।

  • निराशा-फाटक पर पहुँचकर बाबा भारती को अपनी भूल प्रतीत हुई।


(ख) आप उपर्युक्त भावों को कब-कब अनुभव करते हैं? लिखिए।
(संकेत – जैसे गली में किसी कुत्ते को देखकर डर या प्रसन्नता या करुणा आदि का अनुभव करना)
उत्तर:

  • चकित – आश्चर्यजनक कार्य को देखकर ।

  • अधीर- किसी कहानी या घटना सुनने के लिए।

  • डर – गली में कुत्ते को देखकर |

  • प्रसन्नता – अतिथि के आने पर ।

  • करुणा-किसी अपाहिज को देखकर |

  • निराशा – किसी कार्य की असफलता पर ।


जैसे गली में किसी कुत्ते को देखकर डर या प्रसन्नता या करुणा आदि का अनुभव करना


झरोखे से

आप जानते ही हैं कि लेखक सुदर्शन ने अनेक कविताएँ भी लिखी हैं। आइए, उनकी लिखी एक कविता पढ़ते हैं—

वह चली हवा

वह चली हवा,
वह चली हवा |
ना तू देखे
ना मैं देखूँ


वह चली हवा  वह चली हवा, वह चली हवा | ना तू देखे ना मैं देखूँ


पर पत्तों ने तो देख लिया
वरना वे खुशी मनाते क्यों?
वह चली हवा,
वह चली हवा |
– सुदर्शन

साझी समझ

आपको इस कविता में क्या अच्छा लगा ? आपस में
चर्चा कीजिए और अपनी लेखन – पुस्तिका में लिखिए।
उत्तर: कविता की अच्छाइयाँ:


  1. सरलता और सुंदरता:

    • कविता की भाषा सरल और प्रभावशाली है। "वह चली हवा, वह चली हवा" के दोहराव से कविता की लय और संगीतात्मकता को बढ़ावा मिलता है। यह सरलता कविता को हर किसी के समझने योग्य बनाती है।

  2. प्राकृतिक दृश्य का चित्रण:

    • हवा के गुजरने का दृश्य पत्तों की खुशी के माध्यम से व्यक्त किया गया है। यह प्राकृतिक दृश्य को एक नई दृष्टि से प्रस्तुत करता है, जहाँ हवा की उपस्थिति को उसकी निरंतरता और प्रभाव के साथ जोड़ा गया है।

  3. भावनात्मक प्रभाव:

    • कविता में "पर पत्तों ने तो देख लिया वरना वे खुशी मनाते क्यों?" यह पंक्ति पाठकों को सोचने पर मजबूर करती है कि चीजें भले ही हमें न दिखाई दें, लेकिन उनका प्रभाव स्पष्ट होता है। यह विचारशीलता और गहराई को जोड़ती है।

  4. मूल्यांकन और प्रेरणा:

    • कविता में छिपी हुई सच्चाई और संदेश यह है कि अक्सर हमें अपने आस-पास की चीजें ठीक से समझ में नहीं आतीं, लेकिन उनके प्रभाव को हम महसूस कर सकते हैं। यह सिखाती है कि सच्चाई और प्रभाव को समझने के लिए गहराई से देखने की आवश्यकता होती है।


खोजबीन के लिए

सुदर्शन की कुछ अन्य रचनाएँ पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड या इंटरनेट या पुस्तकालय की सहायता से पढ़ें, देखें व समझें।
उत्तर: सुदर्शन की कविताएँ और अन्य रचनाएँ उनके साहित्यिक योगदान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी रचनाएँ विविध विषयों और भावनाओं को छूने वाली होती हैं। यदि आप उनकी कुछ अन्य रचनाएँ पढ़ना और समझना चाहते हैं, तो निम्नलिखित संसाधनों की सहायता ले सकते हैं:


  1. पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड:

    • पुस्तक में दिए गए क्यू.आर. कोड को स्कैन करके आप सुदर्शन की अन्य रचनाओं को ऑनलाइन देख सकते हैं। ये कोड अक्सर सीधे लिंक या डिजिटल संग्रह की ओर ले जाते हैं जहाँ आप उनकी कविताएँ और लेख पढ़ सकते हैं।

  2. इंटरनेट:

    • सुदर्शन की रचनाओं को इंटरनेट पर खोजने के लिए आप विभिन्न साहित्यिक वेबसाइट्स और ब्लॉग्स का उपयोग कर सकते हैं। Google पर "सुदर्शन कविताएँ" या "सुदर्शन की रचनाएँ" सर्च करके आपको उनकी अन्य रचनाओं के बारे में जानकारी मिल सकती है।

  3. पुस्तकालय:

    • यदि आपके पास एक पुस्तकालय की सुविधा है, तो आप वहाँ सुदर्शन की रचनाओं की पुस्तकें खोज सकते हैं। पुस्तकालय में साहित्यिक संग्रह में अक्सर प्रसिद्ध लेखकों और कवियों की रचनाएँ होती हैं।


Learnings from NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4  Haar Ki Jeet    

  • The chapter 4 teaches that failures are stepping stones to success. It conveys that determination and hard work can overcome any obstacle.

  • The story highlights the value of self-belief, patience, and persistence. It encourages students to face challenges with courage and to never give up, regardless of how difficult the situation may seem. 

  • Additionally, it underscores the importance of learning lessons from every experience, whether it is a victory or a defeat.


Important Study Material Links for Hindi Class 6 Chapter 4  

S. No

Important Study Material Links for Chapter 4

1.

Class 6 Haar Ki Jeet Questions

2.

Class 6 Haar Ki Jeet Notes


Conclusion 

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 4 हार की जीत serve as a guiding light for students to understand the true essence of perseverance and self-confidence. These solutions not only help students answer textbook questions effectively but also inspire them to cultivate a positive outlook towards challenges. By using Vedantu solutions, students can strengthen their comprehension skills while imbibing essential life values.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi - (Malhar)

After familiarising yourself with the Class 6 Hindi Chapter 4 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 6 Malhar textbook chapters.



Related Important Study Material Links for Class 6 Hindi 

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FAQs on Haar Ki Jeet (हार की जीत ) Class 6 NCERT Solutions: CBSE Hindi (Malhar) Chapter 4

1. What is the main theme of Chapter 4 "Haar Ki Jeet"?

The main theme of "Haar Ki Jeet" is about overcoming challenges and how perseverance and determination can lead to eventual success despite initial failures.

2. Who is the protagonist of the story in Chapter 4 "Haar Ki Jeet" from Hindi Class 6?

The protagonist of the story is a character who faces numerous challenges but remains determined to achieve success.

3. What lesson does "Haar Ki Jeet" impart to readers?

The lesson imparted is that persistence and learning from failures are crucial for achieving success. It encourages viewing setbacks as opportunities to grow.

4. How does the protagonist overcome the challenges they face in the Class 6 Hindi Chapter 4 Haar Ki Jeet?

The protagonist overcomes challenges by maintaining a positive attitude, learning from past failures, and continuously working towards their goals.

5. What role do secondary characters play in Chapter 4 "Haar Ki Jeet" from Class 6 Hindi?

Secondary characters often provide support or opposition to the protagonist, helping to highlight the protagonist's determination and growth.

6. How does the setting of the Class 6 Hindi Chapter 4 Haar Ki Jeet contribute to its overall message?

The setting reflects the challenges faced by the protagonist and supports the narrative of perseverance. It often contrasts the protagonist's efforts with the obstacles they encounter.

7. Can you provide a summary of the key events in Chapter 4 "Haar Ki Jeet"?

Key events include the protagonist facing obstacles, working hard despite failures, and ultimately achieving success through perseverance.

8. What is the significance of the title "Haar Ki Jeet" of Chapter 4 from Hindi Class 6?

The title "Haar Ki Jeet" translates to "Victory Over Defeat," signifying the idea that overcoming defeat and learning from it leads to true success.

9. How are emotions portrayed in the Class 6 Hindi Chapter 4 Haar Ki Jeet?

Emotions such as frustration, hope, and triumph are portrayed through the protagonist's experiences and reactions to challenges.

10. What is the significance of the protagonist's final success in the story?

The protagonist’s final success signifies that perseverance and hard work lead to overcoming obstacles and achieving one's goals.

11. How does the story "Haar Ki Jeet" relate to real-life situations?

The story relates to real-life situations by demonstrating how persistence and a positive attitude can help individuals overcome personal and professional challenges.

12. What moral values are highlighted in Chapter 4 "Haar Ki Jeet"?

Moral values such as perseverance, resilience, and the importance of learning from failures are highlighted.