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Maiya Main Nahin Makhan Khayo ( मैया मैं नहिं माखन खायो ) Class 6 NCERT Solutions : CBSE Hindi (Malhar ) Chapter 9

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NCERT Solutions for Hindi Class 6 Chapter 9 Maiya Main Nahin Makhan Khayo - FREE PDF Download

The poem "Maiya Main Nahin Makhan Khayo, written by Surdas, beautifully portrays the playful and innocent conversation between Lord Krishna and his mother, Yashoda. This poem reflects Krishna's cleverness as he denies stealing butter despite obvious evidence. It captures the emotions, simplicity, and affection in their bond while showcasing Krishna's endearing childlike mischief. This chapter ncert solutions allows students to explore Surdas's poetry style and understand the deeper connections of culture, love, and devotion within families.

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Our solutions for Class 6 Hindi Malhar NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practicing Hindi Class 6 Chapter 9.

Access Class 11 Hindi Chapter 9 Maiya Main Nahin Makhan Khayo NCERT Solutions

पाठ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए:

  1. मैं माखन कैसे खा सकता हूँ? इसके लिए श्रीकृष्ण क्या तर्क दिया?

    • मुझे तुम पराया समझती हो।

    • मेरी माता, तुम बहुत भोली हो।

    • मुझे यह लाठी-कंबल नहीं चाहिए।

    • मेरे छोटे-छोटे हाथ छीके तक कैसे जा सकते हैं?

उत्तर: मेरे छोटे-छोटे हाथ छीके तक कैसे जा सकते हैं?


  1. श्रीकृष्ण माँ के आने से पहले क्या कर रहे थे?

    • गाय चरा रहे थे।

    • माखन खा रहे थे।

    • मधुबन में भटक रहे थे।

    • मित्रों के संग खेल रहे थे।

उत्तर: माखन खा रहे थे।


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए और कारण बताइएं कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?


shri krishna


उत्तर:

  • प्रश्न 1: श्रीकृष्ण ने अपनी माँ से कहा कि उनके छोटे-छोटे हाथ छीके तक नहीं पहुँच सकते, इसलिए वे माखन नहीं खा सकते। यह तर्क उन्होंने अपनी माँ को समझाने के लिए दिया।

  • प्रश्न 2: श्रीकृष्ण के मुँह पर माखन लगा हुआ था, जिससे स्पष्ट होता है कि वे माखन खा रहे थे।


मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर यहाँ कुछ शब्द दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थ या संदर्भ से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।


उत्तर:

शब्द

अर्थ या संदर्भ

भोर

सुबह का समय

गैयन

गायें

मधुबन

वृंदावन का एक वन, जहाँ श्रीकृष्ण गाय चराने जाते थे

बंसीवट

वह स्थान जहाँ श्रीकृष्ण बांसुरी बजाते थे

छीको

वह ऊँचा स्थान जहाँ माखन-मिश्री आदि रखे जाते थे

ग्वाल-बाल

ग्वालों के बच्चे, श्रीकृष्ण के मित्र

लकुटि-कमरिया

लाठी और कंबल, जो गाय चराने के समय प्रयोग होते हैं



पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए। आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार अपनी कक्षा में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।


(क) "भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो"

उत्तर: इस पंक्ति में श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा से कहते हैं कि सुबह होते ही उन्हें गायों के साथ मधुबन भेज दिया जाता है। इसका अर्थ है कि दिन की शुरुआत में ही वे गायों को चराने के लिए वन में चले जाते हैं।


(ख) "सूरदास तब बिहँसि जसोदा, लै उर कंठ लगायो"

उत्तर: इस पंक्ति में कवि सूरदास कहते हैं कि यशोदा ने श्रीकृष्ण की बातों को सुनकर हँसते हुए उन्हें गले से लगा लिया। यह दर्शाता है कि यशोदा ने श्रीकृष्ण की मासूमियत और भोलेपन पर प्रेमपूर्वक प्रतिक्रिया दी।


सोच-विचार के लिए

पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर ढूँढ़कर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए:


(क) पद में श्रीकृष्ण ने अपने बारे में क्या-क्या बताया है?

उत्तर: श्रीकृष्ण ने अपनी माँ यशोदा से कहा कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। वे सुबह होते ही गायों को चराने के लिए मधुबन चले जाते हैं और शाम को घर लौटते हैं। उनके छोटे-छोटे हाथ छीके तक नहीं पहुँच सकते, इसलिए वे माखन नहीं चुरा सकते। उन्होंने यह भी कहा कि ग्वाल-बाल उनके मुख पर जबरदस्ती माखन लगा देते हैं, जिससे वे दोषी नज़र आएं।


(ख) यशोदा माता ने श्रीकृष्ण को हँसते हुए गले से क्यों लगा लिया?

उत्तर: श्रीकृष्ण की मासूमियत और उनके भोले तर्कों को सुनकर यशोदा माता का हृदय प्रेम से भर गया। उनकी बातों में सच्चाई और सरलता देखकर यशोदा हँस पड़ीं और अपने पुत्र को स्नेहपूर्वक गले से लगा लिया।


कविता की रचना

"भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो। चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।।"

इन पंक्तियों के अंतिम शब्दों को ध्यान से देखिए। 'पठायो' और 'आयो' दोनों शब्दों की अंतिम ध्वनि एक जैसी है। इस विशेषता को 'तुक' कहते हैं। इस पूरे पद में प्रत्येक पंक्ति के अंतिम शब्द का तुक मिलता है। अनेक कवि अपनी रचना को प्रभावशाली बनाने के लिए तुक का उपयोग करते हैं।


(क) इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए और अपने-अपने समूह में मिलकर इस पाठ की विशेषताओं की सूची बनाइए, जैसे इस पद की अंतिम पंक्ति में कवि ने अपना नाम भी दिया है आदि।   

उत्तर: इस पद की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • तुकांतता: प्रत्येक पंक्ति के अंतिम शब्दों में तुकांतता है, जो कविता को लयबद्ध बनाती है।

  • कवि परिचय: अंतिम पंक्ति में कवि सूरदास ने अपना नाम उल्लेखित किया है, जो उस समय की परंपरा थी।

  • भाषा शैली: कविता ब्रज भाषा में रचित है, जो उस समय की लोकप्रिय भाषा थी।

  • भावनात्मक चित्रण: श्रीकृष्ण और यशोदा के बीच के स्नेहपूर्ण संबंधों का सुंदर चित्रण किया गया है।

  • बाल सुलभ तर्क: श्रीकृष्ण के तर्क उनके बाल सुलभ स्वभाव को दर्शाते हैं, जो पाठक को आकर्षित करते हैं।


(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।

उत्तर: छात्र अपने समूह में चर्चा करके उपरोक्त विशेषताओं को कक्षा में साझा कर सकते हैं।


अनुमान या कल्पना से अपने समूह में मिलकर चर्चा कीजिए:

(क) श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क क्यों दे रहे होंगे?

उत्तर: श्रीकृष्ण अपनी माँ यशोदा को तर्क इसलिए दे रहे थे क्योंकि उन पर माखन चोरी करने का आरोप लगा था। वे अपनी मासूमियत और भोलेपन से माँ को समझाना चाहते थे कि उन्होंने माखन नहीं खाया है और ग्वाल-बाल उनके खिलाफ झूठी शिकायत कर रहे हैं।


(ख) जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब क्या हुआ होगा?

उत्तर: जब माता यशोदा ने श्रीकृष्ण को गले से लगा लिया, तब श्रीकृष्ण ने अपनी माँ के स्नेह को महसूस किया होगा और उन्हें संतोष मिला होगा कि उनकी माँ ने उनकी बातों पर विश्वास किया। यशोदा माता का सारा संदेह दूर हो गया होगा और उन्होंने अपने पुत्र की मासूमियत पर प्रेम जताया होगा।


शब्दों के रूप

नीचे शब्दों से जुड़ी कुछ गतिविधियाँ दी गई हैं। इन्हें करने के लिए आप शब्दकोश, अपने शिक्षकों और साथियों की सहायता भी ले सकते हैं।


(क) "भोर भयो गैयन के पाछे" इस पंक्ति में 'पाछे' शब्द आया है। इसके लिए 'पीछे' शब्द का उपयोग भी किया जाता है। इस पद में ऐसे कुछ और शब्द हैं जिन्हें आप कुछ अलग रूप में लिखते और बोलते होंगे। नीचे ऐसे ही कुछ अन्य शब्द दिए गए हैं। इन्हें आप जिस रूप में बोलते-लिखते हैं, उस प्रकार से लिखिए।

  • परे – पड़े

  • कछु – कुछ

  • छोटो – छोटा

  • लै – ले

  • बिधि – विधि

  • नहिं – नहीं

  • भोरी – भोली


(ख) पद में से कुछ शब्द चुनकर नीचे स्तंभ 1 में दिए गए हैं और स्तंभ 2 में उनके अर्थ दिए गए हैं। शब्दों का उनके सही अर्थों से मिलान कीजिए।


स्तंभ 1

स्तंभ 2

भोर

सुबह

गैयन

गायें

मधुबन

वन

बंसीवट

वृक्ष

छीको

माखन रखने का स्थान

ग्वाल-बाल

ग्वाले के बच्चे

लकुटि-कमरिया

लाठी और कंबल



वर्ण-परिवर्तन

"तू माता मन की अति भोरी" 'भोरी' का अर्थ है 'भोली'। यहाँ 'ल' और 'र' वर्ण परस्पर बदल गए हैं। आपने ध्यान दिया होगा कि इस पद में कुछ और शब्दों में भी 'ल' या 'ड़' और 'र' में वर्ण-परिवर्तन हुआ है। ऐसे शब्द चुनकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।

  • भोरी – भोली

  • परे – पड़े


पंक्ति से पंक्ति

नीचे स्तंभ 1 में कुछ पंक्तियाँ दी गई हैं और स्तंभ 2 में उनके भावार्थ दिए हैं। रेखा खींचकर सही मिलान कीजिए।


स्तंभ 1

स्तंभ 2

भोर भयो गैयन के पाछे

सुबह होते ही मुझे गायों के साथ भेज दिया

चार पहर बंसीवट भटक्यो

दिनभर बंसीवट में भटकता रहा

साँझ परे घर आयो

शाम को घर आया

मैं बालक बहियन को छोटो

मैं छोटा बालक हूँ, मेरे हाथ छोटे हैं

छीको केहि बिधि पायो

छीके तक कैसे पहुँच सकता हूँ

ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं

ग्वाल-बाल सभी मेरे विरोधी हो गए हैं



स्तंभ 1 और स्तंभ 2:


स्तंभ 1

स्तंभ 2

1. भोर भयो गैयन के पाछे, मधुबन मोहि पठायो।

4. सुबह होते ही गायों के पीछे मुझे मधुबन भेज दिया।

2. चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।

5. चार पहर बंसीवट में भटकने के बाद साँझ होने पर घर आया।

3. मैं बालक बहियन को छोटी, छीको केहि बिधि पायो।

2. मैं छोटा बालक हूँ, मेरी बाँहें छोटी हैं, मैं छीके तक कैसे पहुँच सकता हूँ?

4. ग्वाल-बाल सब बैर परे हैं, बरबस मुख लपटायो।

6. ये सब सच्चा मुझसे बैर रखते हैं, इन्होंने मक्खन हठपूर्वक मेरे मुख पर लपेट दिया।

5. तू माता मन की अति भोरी, इनके कहे पितायो।

3. माँ तुम मन की बड़ी भोली हो, इनकी बातों में आ गई हो।

6. जिय तेरे कछु भेद उपजि है, जानि परायो जायो।

1. तेरे हृदय में अवश्य कोई भेद है, जो मुझे पराया समझ लिया।



आपकी बात

"मैया मैं नहिं माखन खायो" में श्रीकृष्ण अपनी माँ के सामने सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। कभी-कभी हमें भी दूसरों के सामने सिद्ध करना पड़ता है कि यह कार्य हमने नहीं किया। क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कब? किसके सामने? आपने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उस घटना के बारे में बताइए।


उत्तर:

यह एक व्यक्तिगत प्रश्न है, और प्रत्येक छात्र का अनुभव भिन्न हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी छात्र पर बिना कारण के शरारत करने का आरोप लगा हो, तो उसने अपने मित्रों या शिक्षकों के सामने तर्क देकर अपनी निर्दोषता सिद्ध की होगी। इस प्रकार के अनुभवों को छात्र अपनी लेखन पुस्तिका में लिख सकते हैं।


आपकी बात

"मैया मैं नहिं माखन खायो"
यहाँ श्रीकृष्ण अपनी माँ के सामने सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने माखन नहीं खाया है। कभी-कभी हमें दूसरों के सामने सिद्ध करना पड़ जाता है कि यह कार्य हमने नहीं किया। आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कब? किसके सामने? आपने अपनी बात सिद्ध करने के लिए कौन-कौन से तर्क दिए? उस घटना के बारे में बताइए।


उत्तर:
हाँ, जीवन में कई बार ऐसी घटनाएँ घट जाती हैं जब हम सच कह रहे होते हैं तब भी लोग उस पर विश्वास नहीं कर पाते और यदि ऐसे में साहस न हो तो अच्छा-खासा सच भी झूठ की शंका के नीचे दबकर दम तोड़ देता है। इसके लिए काफी हद तक दोषी हम सभी हैं क्योंकि अधिकांश लोग अपनी आदत के कारण झूठ का सहारा लेते हैं।


मेरे विद्यालय अपनी साइकिल से जाता हूँ। आज मेरी वार्षिक परीक्षा थी। वर्षा हो रही थी। मैं घर से थोड़ी दूर ही गया था कि मैंने देखा कि एक वृद्ध व्यक्ति सड़क के किनारे फिसलकर गड्ढे में गिर पड़े थे और खून बह रहा था। मैंने उन्हें अस्पताल पहुँचाने का निश्चय किया और तुरंत अपनी साइकिल पर उन्हें बैठाकर अस्पताल ले गया। उनका बहुत खून बह जाने के कारण वे अर्ध-चेतना से थे। जब मैं उन्हें अस्पताल ले गया तब मैंने विद्यालय जाने में देरी कर दी। इस कारण विद्यालय पहुँचना संभव नहीं हो पाया।


विद्यालय पहुँचने के बाद प्राचार्य ने कारण पूछा। मैंने पूरी घटना को विस्तार से बताया। पहले तो प्राचार्य ने मेरी बात पर विश्वास नहीं किया। उनके कहने के अनुसार, मैं कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकता। तभी अस्पताल के डॉक्टर ने हमारे गाँव के सर को बुलाया। सर आ गए। उन्होंने मेरी बात पर विश्वास हो गया। उन्होंने प्राचार्य से कहा कि मेरी देरी सही है। इस कार्य के लिए मुझे सारे विद्यालय की प्रशंसा प्राप्त हुई।


घर की वस्तुएँ

"मैं बालक बहियन को छोटो, छीको केहि बिधि पायो।" छीका घर की एक ऐसी वस्तु है जिसे सैकड़ों वर्षों से भारत में उपयोग में लाया जा रहा है।


नीचे कुछ और घरेलू वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। इन्हें आपके घर में क्या कहते हैं? चित्रों के नीचे लिखिए। यदि किसी चित्र को पहचानने में कठिनाई हो तो आप अपने शिक्षक, परिचितों या इंटरनेट की सहायता भी ले सकते हैं।


house hold items


उत्तर:

  • घड़ा, कुंभ

  • इस्त्री, प्रेस

  • चौकी

  • सिलाई मशीन

  • चारपाई

  • मूरतबान

  • सूप

  • जांता

  • सील – बट्टा

  • मथानी

  • पंखा

  • छलनी

  • डलिया

  • ओखली

  • बिलौनी


आप जानते ही हैं कि श्रीकृष्ण को मक्खन बहुत पसंद था। दूध से दही, मक्खन बनाया जाता है और मक्खन से घी बनाया जाता है। नीचे दूध से घी बनाने की प्रक्रिया से जुड़ी कुछ चित्र दिए गए हैं। अपने परिवार के सदस्यों, शिक्षकों या इंटरनेट आदि की सहायता से दूध से घी बनाने की प्रक्रिया लिखिए।


ghee making procidure


उत्तर: दूध से घी बनाने की प्रक्रिया

  • गाय → दूध दोहना → दूध उबालना → दूध जमाना → दही बनाना

  • दही → मक्खन निकालना → मक्खन अलग करना → गर्म करके घी बनाना → घी jar में डालना


समय का माप

"चार पहर बंसीवट भटक्यो, साँझ परे घर आयो।"
(क) "पहर" और "साँझ" शब्दों का प्रयोग समय बताने के लिए किया जाता है। समय बताने के लिए और कौन-कौन से शब्दों का प्रयोग किया जाता है? अपने समूह में मिलकर सूची बनाइए और कक्षा में साझा कीजिए।
(संकेत: कल, ऋतु, वर्ष, अजा, पखवाड़ा, दशक, बेला, अवधि आदि)

उत्तर:
एक दिन-रात के 24 घंटों को 8 पहर में विभाजित किया गया है।
दिन के चार पहर- पूर्वाह्न, मध्याह्न, अपराह्न, संध्याकाल
रात के चार पहर- प्रहर, निशीथ, विमाह, उषा
(प्रत्येक 3 घंटे का एक पहर होता है।)

  • कल – अभी हाल का बीता हुआ।

  • ऋतु – नियत कालावधि।

  • वर्ष – 365 दिन।

  • पखवाड़ा – 15 दिन।

  • दशक – दस वर्ष।

  • बेला – समय।

  • अवधि – समय-सीमा।


(ख) श्रीकृष्ण के अनुसार वे कितने घंटे गाय चराते थे
उत्तर: श्रीकृष्ण के अनुसार वे चार पहर अर्थात 12 घंटे गाय चराते थे।


(ग) माता यशोदा ने शाम को बच्चों को गाय चराकर लौटने के लिए पूछा। वे सुबह कितने बजे गाय चराने के लिए घर से निकलेंगे?
उत्तर: अगर श्रीकृष्ण सुबह 6 बजे घर से निकलते हैं तो वे सुबह छह घंटे गाय चराने चले गए होंगे।


हम सब विशेष हैं

(क) महाकवि सूरदास अद्वितीय थे। उनकी विशेष क्षमता थी उनकी कल्पना शक्ति और कविता रचने की कुशलता।
हम सभी में कुछ न कुछ ऐसा होता है जो हमें सबसे विशेष और सबसे प्रिय बनाता है। नीचे दिए गए व्यक्तियों की विशेष क्षमताएँ क्या हैं, विचार कीजिए और लिखिए।

उत्तर:

आपकी –
मुझे कहानी पढ़ने और पुस्तकें पढ़ने-लिखने का शौक है।


आपके पापा की –
मेरे पापा एक सफल व्यापारी हैं। वे अपने बल, बुद्धि और मेहनत के बल पर एक सफल व्यापारी हैं। मेरे पापा और मेरे चाचा जी भी अपने व्यापार में सहयोग और साझेदारी करते हैं। व्यापार में दादा जी की सीखवर और उन्होंने भी कुशलता व्यापार में बनाए रखी।


आपके शिक्षक की –
हमारे शिक्षक बहुत गुणवान हैं। वे हमारी पूरी कक्षा को आदर्शों से प्रेरित करते हैं। वे अपने छात्रों को बहुत पढ़ाते हैं। अपने विषय पर उनका पूरा ध्यान है। वे अपने छात्रों और प्रत्येक को प्रेरित करने वाले हैं।
वे छात्रों का एक महान मार्गदर्शन देते हैं। यहाँ तक कि यदि पढ़ने से किसी छात्र को समय समझना हो तो यह छात्र भी उनकी नज़र रखती है।


आपके मित्र की –
वैसे तो मेरे सहपाठी और मेरे मित्र हैं। वे चार विद्यालयों में समूह और मित्रता के लिए प्रसिद्ध हैं। वे चारों के परिजनों के बहुत प्रिय हैं। हम हमारे समय एक-दूसरे को सलाह और समूह के लिए तैयार रहते हैं।


(ख) एक विशेष क्षमता ऐसी भी है जो हम सबके पास होती है। वह क्षमता है सबकी सहायता करना, सबके प्रति के लिए सोचना। तो बताइए, इस क्षमता का उपयोग करके आप इनकी सहायता कैसे करेंगे:

  • एक सहपाठी पढ़ना जानता है और उसे एक पाठ समझ में नहीं आ रहा है।

  • एक सहपाठी को पढ़ना अच्छा लगता है और वह देख नहीं सकता।

  • एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है और उसे कक्षा में प्रोत्साहन देना है।

  • एक सहपाठी बहुत अटक-अटक कर बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है।

  • एक सहपाठी हर समय के अकेलापन है और वह सबके साथ बैठना चाहता है।

  • एक सहपाठी प्रतिदिन विद्यालय आता है और उसे सब सुनने में कठिनाई है।

उत्तर:

  • मेरा एक सहपाठी पढ़ना जानता है और उसे एक पाठ समझ में नहीं आ रहा है। मेरे परिवार से मुझे एक-दूसरे की सहायता करने के संस्कार मिले हैं। इसलिए उस पाठ को मैं उसे दो बार पढ़ूँगा ताकि अपने उस सहपाठी को पूरी-पूरी समझा सकूँ। इसके पश्चात मैं उस सहपाठी को पाठ समझाऊँगा।

  • एक सहपाठी को पढ़ना अच्छा लगता है और वह देख नहीं सकता। अपने उस सहपाठी को पढ़ने में मैं मदद करूँगा। उसे पढ़कर पाठ सुनाऊँगा और उसके लिए ब्रेल की पुस्तक उपलब्ध कराऊँगा।

  • एक सहपाठी बहुत जल्दी-जल्दी बोलता है और उसे कक्षा में भाषण देना है। इसके लिए हमें धैर्य रखना होगा। उसे हम धीरे-धीरे बोलने का अभ्यास कराएँगे। उसे आत्मविश्वास देंगे और प्रोत्साहित करेंगे। बार-बार का अभ्यास उसे सक्षम बनाएगा और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। यह उसका जीवन में सफलता की ओर अग्रसर करेगा।

  • एक सहपाठी अटक-अटक कर बोलता है और उसे भाषण देना है। मैं उसके प्रोत्साहन के लिए कहूँगा कि वह घबराए नहीं। मैं उसके साथ समय बिताऊँगा और उसका अभ्यास करवाऊँगा। यह अभ्यास उसे उसके भाषण में सुधार देगा।

  • एक सहपाठी हर समय के अकेलेपन में है और वह सबके साथ बैठना चाहता है। मैं उसे अपने मित्र मंडल में शामिल कर लूँगा और उसे हमारे खेल और बातचीत का हिस्सा बनाऊँगा।

  • एक सहपाठी प्रतिदिन विद्यालय आता है और उसे सुनने में कठिनाई है। मैं उसे सुनने का उपकरण उपलब्ध करवाकर उसकी सहायता कर सकूँगा।


आज की पहेली

दूध से मक्खन ही नहीं बल्कि और भी बहुत कुछ बनाया जाता है। नीचे दूध से बनने वाली कुछ वस्तुओं के चित्र दिए गए हैं। वे गई शब्द पहेली में उनके नाम के पहले अक्षर दे दिए हैं। (चित्र के लिए पाठ्यपुस्तक देखें) नाम पूरे कीजिए।


paheli ka uttar


खोजबीन के लिए

सूरदास द्वारा रचित कुछ अन्य रचनाएँ खोजें व पढ़ें।
उत्तर:
संदर्भ –

  • सूरसागर

  • सूरसारावली

  • नागलीला

  • भागवत

  • साहित्यलहरी

  • नल दमयंती


Learnings from NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 9 Maiya Main nahin Makhan khayo

  1. The chapter highlights the playful nature and intelligence of Lord Krishna.

  2. It teaches the value of patience and understanding in relationships, especially between parents and children.

  3. It provides insights into Indian culture, where storytelling and poetry bring divine characters to life.

  4. The poem encourages students to appreciate poetic beauty and understand the significance of emotions in communication.

  5. It introduces students to the works of Surdas and his contribution to devotional poetry.


Important Study Material Links for Hindi Class 6 Chapter 9



Conclusion

Maiya Main Nahin Makhan Khayo" is a heartwarming poem that allows readers to delve into the mischievous yet divine persona of Lord Krishna. It emphasises the importance of innocence, love, and familial bonds while introducing students to the richness of Indian poetry. Through this chapter NCERT Solutions, students gain an understanding of moral values and the art of expressing emotions poetically.


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FAQs on Maiya Main Nahin Makhan Khayo ( मैया मैं नहिं माखन खायो ) Class 6 NCERT Solutions : CBSE Hindi (Malhar ) Chapter 9

1. What is the central theme of the poem "Maiya Main Nahin Makhan Khayo"?

The central theme is Lord Krishna's playful denial of stealing butter, showcasing his innocence and intelligence.

2. Who is the author of the poem "Maiya Main Nahin Makhan Khayo"?

The poem is written by Surdas, a renowned devotional poet.

3. How does Krishna try to prove his innocence in the poem?

Krishna uses clever arguments, such as his small size and inability to reach the butter pot, to deny stealing butter.

4. What values can we learn from the poem मैया मैं नहिं माखन खायो?

The poem teaches us about innocence, love, patience, and understanding within relationships.

5. How does the poem Maiya Main Nahin Makhan Khayo reflect Indian culture?

It reflects the tradition of storytelling, devotion, and the bond between divine characters and their human emotions.

6. What role does Yashoda play in the poem Maiya Main Nahin Makhan Khayo from Class 6 Hindi?

Yashoda, Krishna’s mother, represents love and care while being patient with Krishna’s mischiefs.

7. Why is Surdas considered significant in Hindi literature?

Surdas is celebrated for his devotional poetry, which deeply connects human emotions with divine experiences.

8. How does the poem Maiya Main Nahin Makhan Khayo depict the bond between Krishna and Yashoda?

The poem portrays their relationship as one filled with love, playfulness, and mutual understanding.

9. What literary style is used in "Maiya Main Nahin Makhan Khayo"?

The poem employs a devotional and descriptive style, rich in imagery and emotions.

10. How does the chapter Maiya Main Nahin Makhan Khayo contribute to the syllabus of Class 6 Hindi?

The chapter enhances cultural understanding, promotes appreciation for poetry, and introduces students to Surdas's literary works.