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Premghan Ki Chaya Smriti Class 12 Notes: CBSE Hindi (Antra) Chapter 10

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Hindi Notes for Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti Class 12 - FREE PDF Download

Vedantu's comprehensive Revision notes and summary for the Hindi Antra (Prose) Chapter 10 are prepared to provide a clear and in-depth understanding of these complex lessons. Our Master teachers have carefully analysed the lessons, explaining the themes, symbolism, and literary devices used by the author.  It's an essay by Ramchandra Shukla, a renowned Hindi literary critic.

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Table of Content
1. Hindi Notes for Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti Class 12 - FREE PDF Download
2. Access Class 12 Hindi Antra Chapter 10: Premghan Ki Chaya Smriti Notes
3. लेखक के बारे में
    3.1रामचंद्र शुक्ल
4. पाठ का सारांश
5. पाठ का मुख्य विषय
6. पात्र-चित्रण
    6.11. आचार्य रामचंद्र शुक्ल - बालक:
    6.22. उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी - प्रेमघन:
7. प्रेमघन की छाया स्मृति सार
    7.11. बचपन का साहित्यिक परिवेश:
    7.22. प्रेमघन से परिचय:
    7.33. नए हिंदी साहित्य की ओर रुझान:
    7.44. साहित्यिक मित्र मंडली:
    7.55. उर्दू साहित्य के प्रति रुझान:
8. निष्कर्ष:
9. Learnings from Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti
10. Importance of Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Notes - PDF
11. Tips for Learning the Hindi (Antra) Class 12 Chapter 10 Notes
12. Important Study Materials for Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti
13. Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Antra
14. Important Study Materials for Class 12 Hindi
FAQs


Our Class 12 Hindi Revision Notes ensure that you learn the meaning of this chapter effortlessly. Understanding the lesson requires focusing on the author's life, literary devices, and underlying messages. Access the FREE PDF Download for these poems, prepared according to the updated CBSE Class 12 Hindi Syllabus for effective preparation.

Access Class 12 Hindi Antra Chapter 10: Premghan Ki Chaya Smriti Notes

लेखक के बारे में

रामचंद्र शुक्ल

रामचंद्र शुक्ल हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार और साहित्यिक इतिहासकार थे। उनका जन्म 1884 में हुआ था और उन्होंने हिंदी साहित्य को गहन विश्लेषण और विवेचना के माध्यम से समृद्ध किया। 'प्रेमघन की छाया स्मृति' उनके लेखन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें उन्होंने प्रेमघन की यादों और उनके साहित्यिक योगदान का वर्णन किया है। रामचंद्र शुक्ल की आलोचना शैली तर्कसंगत और वस्तुनिष्ठ मानी जाती है, जिससे उन्होंने हिंदी साहित्य को नई दृष्टि प्रदान की। उनके साहित्यिक इतिहास और आलोचना कार्य हिंदी साहित्य के विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


पाठ का सारांश

कक्षा 12 की हिंदी की किताब "अंतरा" के अध्याय  "प्रेमघन की छाया स्मृति" में लेखक आचार्य रामचंद्र शुक्ल अपने बचपन के संस्मरणों को साझा करते हैं। यह अध्याय उनके मन में हिंदी साहित्य, खासकर भारतेंदु हरिश्चंद्र के प्रति बचपन से ही पैदा हुए आकर्षण को दर्शाता है। यह अध्याय न केवल बचपन के संस्मरणों का बल्कि उस दौर के साहित्यिक परिवेश की भी झलक देता है। साथ ही, यह एक युवा मन पर मार्गदर्शन का प्रभाव भी दर्शाता है।


पाठ का मुख्य विषय

अध्याय 1 "प्रेमघन की छाया स्मृति" का मुख्य विषय बचपन में पैदा हुआ साहित्यिक रुझान और उसका विकास है। लेखक आचार्य रामचंद्र शुक्ल भारतेंदु हरिश्चंद्र के प्रति बचपन से ही मोहित थे। उनके मित्र से मुलाकात और साहित्यिक वातावरण ने उनकी रुचि को और परिपक्व बनाया। यह अध्याय बचपन के संस्मरणों के माध्यम से यह दर्शाता है कि किस प्रकार मार्गदर्शन और उचित परिवेश व्यक्ति के जुनून को दिशा दे सकता है।


पात्र-चित्रण

अध्याय 1 "प्रेमघन की छाया स्मृति" में विस्तृत चरित्र चित्रण तो नहीं है, लेकिन कुछ प्रमुख पात्रों का संक्षिप्त परिचय अवश्य मिलता है:


1. आचार्य रामचंद्र शुक्ल - बालक:

  • जिज्ञासु और उत्साही: बचपन में ही उनमें साहित्य के प्रति गहरी रुचि थी। भारतेंदु हरिश्चंद्र के नाटकों से अत्यधिक प्रभावित थे।

  • कल्पनाशील: उनके लिए नाटक के पात्र सजीव थे। भारतेंदु और नाटक के नायक राजा हरिश्चंद्र में भेद नहीं करते थे।


2. उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी - प्रेमघन:

  • साहित्यप्रेमी: वे भारतेंदु हरिश्चंद्र के मित्र थे और उनके घर साहित्यिक चर्चाओं का माहौल रहता था।

  • मार्गदर्शक: युवा शुक्ल के साहित्यिक रुझान को पहचान कर उन्होंने उसका पोषण किया।


यह अध्याय मुख्य रूप से आचार्य रामचंद्र शुक्ल के बचपन के अनुभवों पर केंद्रित है, इसलिए अन्य पात्रों का विस्तृत विवरण नहीं मिलता है।


प्रेमघन की छाया स्मृति सार

यह संस्मरणात्मक निबंध लेखक आचार्य रामचंद्र शुक्ल जी के बचपन के साहित्यिक परिवेश और भारतेंदु मंडल के साहित्यकारों, विशेष रूप से प्रेमघन के प्रभाव को दर्शाता है।


1. बचपन का साहित्यिक परिवेश:

  • लेखक के पिता फारसी और पुरानी हिंदी-कविता के प्रेमी थे।

  • घर पर 'रामचरितमानस' और 'रामचंद्रिका' का पाठ होता था।

  • लेखक आठ वर्ष की आयु में भारतेंदु जी के नाटकों से अत्यधिक प्रभावित थे।


2. प्रेमघन से परिचय:

  • मिर्जापुर में लेखक को पता चला कि भारतेंदु जी के मित्र उपाध्याय बदरीनारायण चौधरी (प्रेमघन) वहां रहते हैं।

  • लेखक और उनके मित्र प्रेमघन से मिलने गए।

  • प्रेमघन का व्यक्तित्व और साहित्यिक वातावरण ने लेखक को प्रभावित किया।


3. नए हिंदी साहित्य की ओर रुझान:

  • लेखक बड़े होने के साथ नए हिंदी साहित्य के प्रति रुचि रखने लगे।

  • क्वींस कॉलेज में पढ़ते समय वे पुस्तकालय से पुस्तकें लाकर पढ़ते थे।

  • लेखक की मुलाकात पं. केदारनाथ पाठक से हुई जो भारतेंदु जी के मित्र थे।


4. साहित्यिक मित्र मंडली:

  • 76 वर्ष की आयु तक लेखक को अनेक हिंदी-प्रेमी मित्र मिले।

  • इनमें काशीप्रसाद जायसवाल, भगवानदास हालना, पं. बदरीनाथ गौड़, पं. उमाशंकर द्विवेदी आदि शामिल थे।

  • लेखक स्वयं को भी एक लेखक मानने लगे थे।


5. उर्दू साहित्य के प्रति रुझान:

  • लेखक के मुहल्ले में रहने वाले मुसलमान सब-जज ने उनकी हिंदी-प्रेमी रुचि को पहचान लिया।

  • लेखक ने उर्दू साहित्य का भी अध्ययन किया।


निष्कर्ष:

यह निबंध लेखक के साहित्यिक जीवन के प्रारंभिक चरण और भारतेंदु मंडल के प्रभाव को दर्शाता है। यह प्रेरणा देता है कि कैसे बचपन का वातावरण और मार्गदर्शन व्यक्ति के जीवन को आकार दे सकते हैं।


Learnings from Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti

1. The Power of Early Exposure:

  • The chapter highlights the significance of exposure to literature at a young age


2. Importance of Mentorship:

  • Meeting people associated with the literary world can provide valuable guidance and inspiration.


3. Influence of Surroundings:

  • The essay emphasises the impact of one's environment. Growing up in a household where classical literature like "Ramcharitmanas" was read and his father's love for Hindi poetry undeniably shaped Shukla's literary inclinations.


4. Evolving Literary Interests:

  • The narrative depicts how Shukla's literary interests matured with age. While initially captivated by plays, he later explored a broader spectrum of new Hindi literature, indicating the natural evolution of literary tastes.


5. Building a Literary Community:

  • The chapter emphasises the value of a supportive literary community.


6. Importance of Self-Belief:

  • The essay subtly suggests the importance of self-belief. By the end of the chapter, Shukla starts recognising himself as a writer, demonstrating the confidence gained by pursuing their literary aspirations.


Importance of Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Notes - PDF

  • Study notes for Chapter 10 offer a summary, saving time by focusing on essential details.

  • They highlight key themes and ideas, making it easier to understand why the chapter is essential.

  • Including meaningful quotes and clear explanations helps students better understand and remember the material.

  • The notes explain the characters and story clearly, making it easier for students to understand the chapter fully.

  • These notes are useful for quick review before exams, ensuring students are well-prepared.

  • The Notes PDF covers the entire syllabus, ensuring students understand all aspects of the chapter.


Tips for Learning the Hindi (Antra) Class 12 Chapter 10 Notes

  1. Vocabulary: Start by building a strong foundation in the vocabulary used in the poems. Make a list of unfamiliar words and their meanings. 

  2. Grammar: Ensure you learn basic Hindi grammar well, especially sentence structure and verb conjugations. This will help you understand the flow.

  3. Read Aloud: Read the poems aloud, paying attention to the rhythm and pronunciation. This will enhance your understanding and appreciation for the musicality of the language.

  4. Annotation: Annotate the poems as you read. Underline keywords, phrases, and literary devices. Write down your questions and interpretations in the margins.

  5. Context: Research the historical and cultural context of the lesson.


Conclusion

"Premghan Ki Chaya Smriti" shows a portrait of a childhood. It shows the impact of early encounters with great works and the guiding influence of mentors. Vedantu's summary and notes provide clear concepts and insights into the characters, helping students understand the chapter better.  These resources are designed for exam preparation, ensuring students effectively understand the chapter's themes. Download our FREE PDF notes for effective learning.


Important Study Materials for Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti



Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Antra



Important Study Materials for Class 12 Hindi

FAQs on Premghan Ki Chaya Smriti Class 12 Notes: CBSE Hindi (Antra) Chapter 10

1. What is the literary style of the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti?

The chapter is written in a reminiscent or memoir style. Acharya Ramchandra Shukla narrates his childhood experiences with a touch of nostalgia.

2. Who is Premghan, and how does he influence the author?

Premghan is another name for Upadhyay Badrinarayan Chaudhari, a friend of the famous Hindi playwright Bharatendu Harishchandra. While the author doesn't have a direct extended interaction with Premghan, simply knowing someone associated with Bharatendu's circle sparks the author's curiosity and deepens his interest in Hindi literature.

3. What is the significance of the author's father in the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti?

The author's father, though not a Hindi enthusiast himself, indirectly influences him by reading classical Hindi literature like "Ramcharitmanas" at home. This exposure to language and storytelling lays the foundation for the author's literary interests.

4. How does the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti depict the importance of the environment?

The chapter highlights the role of the environment in shaping the author's literary leanings. Growing up in a household with exposure to both classical and contemporary Hindi literature, along with his friends who share similar interests, creates a nurturing space for his passion to flourish.

5. What lesson does the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti offer about literary interests?

The chapter showcases the natural evolution of literary interests. While initially captivated by plays, the author later explores a broader spectrum of new Hindi literature, demonstrating how literary tastes can mature with age and exposure.

6. What are some key takeaways from the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti?

  • The importance of early exposure to literature

  • The value of mentorship and guidance

  • The influence of surrounding interests

  • The significance of curiosity and a love for language

  • The benefits of a supportive literary community

  • The power of self-belief in pursuing literary aspirations

7. How can this Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti be helpful for revision?

Understanding the chapter's themes, characters, and the author's experiences can help you answer questions related to the content, analyse the author's style, and appreciate the broader message about the nurturing of a literary mind.

8. What is the significance of the title "Premghan Ki Chaya Smriti"?

Literally translated, it means "Memories in the Shadow of Premghan." Here, "shadow" is metaphorical, representing the indirect influence of Premghan (Upadhyay Badrinarayan Chaudhari) on the author's literary journey.

9. What is the social and cultural context of the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti?

The chapter offers a glimpse into the literary circles of the late 19th and early 20th centuries, particularly the influence of Bharatendu Harishchandra and the rise of modern Hindi literature.

10. Are there any specific literary devices used in the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti?

While the chapter's primary focus is not on complex literary devices, you might encounter elements like metaphors (e.g., "shadow" of Premghan) and similes to enhance the narration.

12. How does this Class 12 Hindi (Antra) Chapter 10 Premghan Ki Chaya Smriti connect to the broader study of Hindi literature?

"Premghan Ki Chaya Smriti" provides context for understanding the development of modern Hindi literature. It showcases the passion and dedication of individuals like Acharya Ramchandra Shukla who played a vital role in shaping the literary landscape.