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Kavitt (कवित्त) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 9

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Hindi (Antra) Important Questions for Class 12 Chapter 9 कवित्त (घनानंद) - FREE PDF Download

Vedantu provides Important Questions to make your preparation for Class 12 Hindi (Antra) Chapter 9 - कवित्त (घनानंद) simpler and more effective. Ghananand’s कवित्त captures the essence of divine love and devotion. His poems, filled with deep emotional resonance and simplicity, are an essential part of Hindi devotional literature.


Our Class 12 Hindi Antra Important Questions offers a focused approach to help you understand the core themes, poetic techniques, and emotional depth. By downloading the FREE PDF, you can gain a deeper appreciation for the spiritual beauty in his कवित्त while strengthening your exam readiness following the latest CBSE Class 12 Hindi Syllabus.

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Study Important Questions for Class 12 Hindi Chapter 9 – कवित्त

1. घनानंद के जीवन और काव्य के बारे में विस्तार से बताइए।

उत्तर: घनानंद रीतिकाव्य के प्रमुख कवि थे। वे दरबारी कवि थे और उनकी रचनाएँ प्रेम, भक्ति, और विरह के भावों से सजी होती थीं। घनानंद का जीवन संघर्षों से भरा था। वे एक नर्तकी सुजान से अत्यधिक प्रेम करते थे, लेकिन एक कारणवश उन्हें दरबार से निकाल दिया गया। इसके बाद, वे वृंदावन में निवास करने लगे और निम्बार्क संप्रदाय से जुड़कर भक्ति काव्य रचनाएँ लिखने लगे। उनकी कविताओं में भगवान शिव और कृष्ण की भक्ति के साथ-साथ प्रेम और विरह के विषय पर गहरी भावनाएँ व्यक्त की गई हैं। उनके काव्य में सरलता, भावनाओं की गहराई, और शृंगारी रस का उत्कृष्ट प्रदर्शन मिलता है।


2. 'घनानंद के कवित्त' में कवि ने सुजान के दर्शन की अभिलाषा क्यों व्यक्त की है?

उत्तर: 'घनानंद के कवित्त' में कवि ने अपनी प्रिय नर्तकी सुजान के दर्शन की उत्कट अभिलाषा व्यक्त की है। कवि के अनुसार, वह अपने जीवन के सबसे कठिन समय से गुजर रहा है। वह सुजान के दर्शन के बिना जीवन को अधूरा मानता है। कवि ने बताया है कि उसके प्राण सुजान के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं, और वह प्रार्थना करता है कि यदि अब सुजान उसका सम्मान करती हैं, तो उसकी बदनामी से बच सकता है। कवि की यह भावनाएँ दर्शाती हैं कि उसने अपने जीवन के प्रेम को अपनी अंतिम अभिलाषा के रूप में प्रस्तुत किया है।


3. 'घनानंद के कवित्त' में कवि ने 'चाहत चलन' और 'घिरत घर' का प्रयोग किस प्रकार किया है?

उत्तर: 'घनानंद के कवित्त' में 'चाहत चलन' और 'घिरत घर' शब्दों का प्रयोग अनुप्रास अलंकार के रूप में किया गया है। 'चाहत चलन' और 'घिरत घर' में ध्वनियों का पुनरावृत्ति किया गया है, जो कविता को लयबद्ध और संगीतात्मक बनाता है। इन शब्दों का प्रयोग कवि की आकांक्षा और भावनाओं को प्रकट करता है। 'चाहत चलन' में कवि अपनी प्रेमिका से मिलने की प्रबल इच्छा को व्यक्त करता है, जबकि 'घिरत घर' में कवि दुख और अकेलेपन के घेरने का अहसास करता है।


4. 'घनानंद के कवित्त' में 'कूकभरी मूकता' का क्या अर्थ है?

उत्तर: 'कूकभरी मूकता' का अर्थ है, चुप रहते हुए भी व्यक्ति का मन अपने आंतरिक दर्द या भावनाओं को व्यक्त करता है। 'कूकभरी' का अर्थ है पुकार भरना या कष्ट से भरकर आवाज निकालना, जबकि 'मूकता' का अर्थ है चुप्प रहना। कवि यह बता रहा है कि वह अपनी प्रेमिका से कुछ कहे बिना भी उसे अपनी भावनाओं का संकेत दे रहा है। 'कूकभरी मूकता' यह दर्शाती है कि कभी-कभी मौन भी बहुत कुछ कह जाता है, और यह कविता में एक गहरी भावनात्मक अभिव्यक्ति है।


5. 'कान में रुई डालना' मुहावरे का प्रयोग कवि ने कैसे किया है?

उत्तर: कवि ने 'कान में रुई डालना' मुहावरे का प्रयोग यह दर्शाने के लिए किया है कि सुजान अपनी अनदेखी और अनसुनी कर रही है। वह कवि की पुकार को अनसुना कर रही है, जैसे किसी ने अपने कानों में रुई डाल रखी हो, जिससे किसी की आवाज न सुनाई दे। यह मुहावरा सुजान की जिद्द और कवि की प्रतीक्षा को स्पष्ट करता है, क्योंकि कवि यह जानता है कि वह चाहे जितना भी चुप रहे, उसकी पुकार एक दिन जरूर सुनी जाएगी।


6. घनानंद के कवित्त में कवि का प्रेम और विरह का वर्णन किस प्रकार किया गया है?

उत्तर: घनानंद के कवित्त में कवि ने प्रेम और विरह को गहरे भावनात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। कवि की प्रेमिका सुजान के बिना उसकी स्थिति अत्यंत दयनीय और अधूरी है। कवि के प्राण केवल सुजान के दर्शन की प्रतीक्षा में अटके हुए हैं, और उसकी विरह की पीड़ा उसे जीवन के अंतिम समय तक घेरे रखती है। 'विरह' और 'प्रेम' दोनों के भाव इस कविता में स्पष्ट रूप से व्यक्त किए गए हैं, जहां प्रेमिका के बिना जीवन में दुख और अकेलापन है, और प्रेम का पूर्णता केवल प्रेमिका से मिलने पर ही संभव है।


7. कवि ने अपनी प्रेयसी से मिलने के लिए क्या अभिलाषा की है?

उत्तर: कवि ने अपनी प्रेयसी सुजान से मिलने के लिए उत्कट अभिलाषा व्यक्त की है। वह कहता है कि उसने बहुत समय तक उसकी प्रतीक्षा की, और अब वह चाहता है कि सुजान आकर उसका सम्मान करे। कवि ने अपनी स्थिति को इस तरह से व्यक्त किया है कि उसके प्राण सुजान के दर्शन की ही प्रतीक्षा कर रहे हैं। वह यह चाहता है कि सुजान उसका आदर करे, अन्यथा उसकी बदनामी हो जाएगी। उसकी सभी प्रतीक्षाएँ और चाहतें अब सुजान के दर्शन तक सीमित हैं।


8. 'घनानंद के कवित्त' में कवि की भाषा शैली का विश्लेषण करें।

उत्तर: 'घनानंद के कवित्त' में कवि ने ब्रज भाषा का प्रयोग किया है, जो उस समय की लोकप्रिय भाषा थी। उनकी भाषा सरल और प्रवाहपूर्ण है, जो पाठक को तुरंत अपने भावों से जोड़ने में सक्षम बनाती है। कवि की भाषा में तात्त्विक गहराई है, और उसका उद्दीपन-प्रेरणा देने वाला रूप पाठक को आकर्षित करता है। ब्रज भाषा का प्रयोग उनके भावों को अधिक सजीव और सशक्त बना देता है। इसमें अनुप्रास, पुनरुक्ति, श्लेष जैसे अलंकारों का सुंदर प्रयोग किया गया है, जो कविता को संगीतात्मक और लयबद्ध बनाता है।


9. कवि ने 'घनानंद के कवित्त' में सुजान के प्रति अपनी भावना को कैसे व्यक्त किया है?

उत्तर: कवि ने 'घनानंद के कवित्त' में सुजान के प्रति अपनी भावना को अत्यंत तीव्र और भावुक रूप में व्यक्त किया है। वह उसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा मानता है और अपनी सभी कष्टों और दुखों को उसके प्रेम में समर्पित करता है। कवि की भावनाओं में प्रेम और विरह दोनों के संकेत हैं। वह उसे न केवल एक प्रेमिका बल्कि अपने अस्तित्व की वजह मानता है, और उसके बिना उसका जीवन अधूरा है। इस कविता में कवि की भावना इस बात को दर्शाती है कि प्रेम एक दिव्य अनुभव होता है, जो जीवन को समर्पित कर दिया जाता है।


10. 'घनानंद के कवित्त' में 'मौन देखिहौं' का क्या अर्थ है?

उत्तर: 'मौन देखिहौं' का अर्थ है, कवि चुपचाप अपने प्रेमिका के उत्तर का इंतजार कर रहा है, और वह देखता है कि उसकी प्रियका कब तक चुप रहती है। कवि जानता है कि अंततः उसे उत्तर देना ही होगा, चाहे वह मौन हो या बोल कर। 'मौन देखिहौं' में कवि अपनी स्थिति को व्यक्त कर रहा है, जिसमें वह चुप रहकर भी उसकी प्रकट न होने वाली भावनाओं का इंतजार कर रहा है।


11. 'घनानंद के कवित्त' में 'आनाकानी आरसी निहारिबो करौगे कौलौं?' पंक्ति का विश्लेषण करें।

उत्तर: 'आनाकानी आरसी निहारिबो करौगे कौलौं?' पंक्ति में कवि अपनी प्रियिका को संबोधित करते हुए कहता है कि वह कब तक मिलन में आनाकानी करेगी? 'आरसी निहारिबो' का अर्थ है अँगूठी में लगे शीशे को देखना, जिसमें व्यक्ति अपने रूप का प्रतिबिंब देखता है। कवि यह व्यक्त करता है कि प्रियिका अब तक इस आरसी को देख-देख कर समय बिता रही है, परंतु वह कब तक अपनी जिद पर अड़ी रहेगी और उसकी ओर ध्यान नहीं देगी? यह पंक्ति प्रियिका के अनदेखे और कवि की अनुकंपा की प्रतीक्षा को दर्शाती है। कवि की इस पंक्ति में 'अनाकोनी' की भावना भी उभरती है, जिसमें प्रियिका का मन इस बात से भरा है कि वह प्रेमी की पुकार पर न जाए, और कवि अपनी पुकार को उस तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा है।


12. 'कवित्त छंद' का विशेष महत्व 'घनानंद के कवित्त' में किस प्रकार से व्यक्त हुआ है?

उत्तर: 'कवित्त छंद' का प्रयोग 'घनानंद के कवित्त' में भावनाओं के उचित संप्रेषण के लिए किया गया है। कवि ने अपनी कविता में इस छंद का उपयोग अत्यंत कुशलता से किया है, जिससे भावनाओं की गहराई और प्रेम, विरह तथा भक्ति की पीड़ा को प्रभावी ढंग से व्यक्त किया जा सके। कवि का प्रत्येक शब्द और ध्वनि इस छंद के द्वारा अनुकूल रूप से प्रकट होता है। 'कवित्त' में प्रत्येक पंक्ति के अंत में लय और शब्दों का सामंजस्य बिठाया गया है, जिससे कविता को एक संगीतात्मक प्रभाव मिलता है। यह छंद कवि की भावनाओं को सरल और प्रभावी रूप में प्रस्तुत करता है, जिससे पाठक या श्रोता कविता के प्रति अधिक आकर्षित होते हैं।


13. 'घनानंद के कवित्त' में कवि की विरह की पीड़ा को किस प्रकार दर्शाया गया है?

उत्तर: 'घनानंद के कवित्त' में कवि ने अपनी विरह की पीड़ा को अत्यंत मार्मिक और गहरे भावों के साथ व्यक्त किया है। कवि ने अपनी प्रियिका के बिना जीवन की कठिनाईयों और अकेलेपन को दर्शाया है। विशेष रूप से, कविता के पहले खंड में कवि अपने प्राणों के अटके होने का वर्णन करता है, जो केवल प्रियिका के दर्शन के लिए प्रतीक्षा कर रहे हैं। कवि यह बताता है कि वह जीवन और मृत्यु के बीच जूझ रहा है, लेकिन उसकी आत्मा और जीवन तब तक अटके हुए हैं जब तक वह सुजान से नहीं मिल पाता। इसके अलावा, वह यह भी कहता है कि अब तक उसकी प्रतीक्षा ने उसे पूरी तरह से टूटने के कगार पर पहुँचा दिया है, और इस पीड़ा को व्यक्त करने में वह अपनी कविता का सहारा लेता है। इस प्रकार, कवि ने विरह की पीड़ा को सजीव रूप से चित्रित किया है और यह पाठक के मन में एक गहरी दृषटिकोन पैदा करता है।


Key Points From Class 12 Hindi Antra Chapter 9 - Kavitt

  • Ghananand was a court poet known for his emotional poetry focused on love, separation, and devotion. 

  • Expresses intense feelings of longing and heartache due to separation from the beloved.

  • Ghananand expresses his life is hanging in the hope of seeing Sujan again, urging her to honour him before it’s too late.

  • Use of Alliteration, Repetition, Puns, and similes to add emotional depth and rhythm.

  • His poems are in the Kavitt form, offering a rhythmic structure that complements the emotional intensity of his themes.

  • Ghananand remains an important figure in Riti-Kavya literature, known for his deep emotional expression and lyrical beauty.


Benefits of Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 9 Kavitt

  • By practising important questions, students can grasp the main themes of the chapter, such as love, separation, devotion, and longing. 

  • Focusing on important questions allows students to identify and prioritise the key areas that are frequently tested. 

  • These questions encourage students to analyse literary devices, metaphors, and themes in Ghananand’s poems. 

  • The questions focus on the Kavitt form used by Ghananand, helping students better understand its structure and significance. 

  • Important questions help students familiarise themselves with essential terms like Riti-Kavya, Braj Bhasha, and other literary devices used in the poems, reinforcing their learning of these concepts.


Conclusion

Important Questions for Class 12 Hindi Antra Chapter 9 - कवित्त (घनानंद) page on Vedantu offers students a comprehensive resource to strengthen their understanding of the chapter. By focusing on key themes like love, separation, and devotion, and analysing Ghananand’s poetic style, students can deepen their appreciation for this classic work. The carefully selected questions improve exam preparation by highlighting essential literary devices and offering practice for structured, insightful answers. With access to these FREE PDFs, students can confidently approach their exams, ensuring clarity and proficiency in the subject.


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FAQs on Kavitt (कवित्त) Class 12 Important Questions: CBSE Hindi (Antra) Chapter 9

1. What are the main themes in Ghananand’s poetry?

The main themes in Ghananand’s poetry include love, separation, devotion, and longing. His poems express intense emotions of love, especially his longing for Sujan, and the pain caused by separation. Additionally, his later works reflect his devotion to God after joining the Nimbarka sect.

2. How can I prepare for Ghananand’s poems effectively for my Class 12 Hindi exam?

To prepare effectively:

  • Focus on the key themes: Understand the emotions of love, separation, and devotion in Ghananand's poems.

  • Analyse literary devices: Pay attention to figures of speech like alliteration, repetition, and puns used in the poetry.

  • Practice important questions: Answer important questions to get a grip on the structure and context of the poems.

  • Use the free PDFs: Download the important questions and practice regularly to improve your writing and comprehension skills.

3. Why is Ghananand’s poetry considered significant in Hindi literature?

Ghananand’s poetry is significant because it is a prime example of the Riti-Kavya tradition, showcasing a blend of emotional depth and lyrical beauty. His use of Braj Bhasha and expressions of devotion and love have made his works timeless in Hindi literature. His emotional portrayal of separation and yearning connects deeply with readers.

4. How does the Kavitt form enhance Ghananand's poetry?

The Kavitt form used by Ghananand allows for a rhythmic and structured presentation of emotions. It helps in expressing the emotional intensity of love and longing while maintaining a musical quality. This form supports the flow of thoughts and emotions, making his poetry more impactful and memorable.

5. How can Vedantu's Important Questions help in my exam preparation for Chapter 9?

Vedantu's Important Questions for Chapter 9 provide a comprehensive set of questions and answers that cover all critical aspects of Ghananand’s poetry. By practising these questions, students can:

  • Strengthen their understanding of key themes and literary devices.

  • Gain confidence in answering exam-style questions.

  • Improve time management and exam-writing skills through regular practice.

6. What are the key literary devices used in Ghananand’s poetry?

Key literary devices in Ghananand’s poetry include:

  • Anupras (Alliteration)

  • Punarukti (Repetition)

  • Shlesh (Pun)

  • Upama (Simile)

These devices enhance the emotional expression and rhythm in his poems, making them more engaging and impactful.

7. Can I download Vedantu’s important questions for FREE?

Yes, Vedantu offers FREE PDFs of Important Questions for Class 12 Hindi (Antra) Chapter 9 - कवित्त (घनानंद). These FREE PDFs are easily accessible and can be downloaded from the Vedantu website for your exam preparation.

8. What is the significance of Braj Bhasha in Ghananand’s poetry?

Braj Bhasha plays a significant role in Ghananand’s poetry as it enhances the devotional and emotional tone of his works. The language connects deeply with the cultural and spiritual context of the time, making the poetry more relatable and authentic for the readers.

9. How does the theme of separation manifest in Ghananand’s poems?

In Ghananand’s poetry, the theme of separation is expressed through the poet's yearning and longing for his beloved, Sujan. The intense emotional pain of being apart is a recurring theme in his work, and the poems vividly capture the poet’s frustration, sadness, and hope for a reunion.

10. Why should I focus on practising the important questions for this chapter?

Focusing on important questions for Chapter 9 allows students to:

  • Identify key themes and concepts that are likely to appear in exams.

  • Understand the structure and flow of Ghananand’s poetry.

  • Prepare thoroughly by practising responses to likely exam questions, ensuring better retention and clarity during the actual exam.