Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Important Questions for CBSE Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 6 - Dandak Van Me Das Varsh

ffImage
widget title icon
Latest Updates

CBSE Class 6 Hindi Bal Ram Katha Important Questions Chapter 6 - Dandak Van Me Das Varsh - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 6 Hindi Bal Ram Katha Chapter 6 - Dandhak Van Me Das Varsh prepared by expert hindi teachers from the latest edition of CBSE(NCERT) books.

You can also register Online for NCERT Class 6 Science tuition on Vedantu.com to score more marks in CBSE board examination. 

Vedantu is a platform that provides free CBSE Solutions (NCERT) and other study materials for students. Maths Students who are looking for the better solutions ,they can download Class 6 Maths NCERT Solutions to help you to revise complete syllabus and score more marks in your examinations. 

Study Important Question Class-6 Hindi Bal Ram Katha Chapter - 6 दंडक वन में दस वर्ष

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1.तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर किस ओर चल पड़े?

उत्तर: तीनों वनवासी मुनि अत्रि से विदा लेकर दंडक वन की ओर चल पड़े।


2.इस पाठ में तीनों वनवासियों का संदर्भ किससे है?

उत्तर: इस पाठ में तीनों वनवासियों का संदर्भ - राम, लक्ष्मण और सीता से है।

 

3.पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर कौन डर गया था?

उत्तर: पंचवटी के मार्ग में जटायु को देखकर सीता डर गई थी।


4.अकंपन कौन था?

उत्तर: अकंपन खर-दूषण की सेना का एक मायावी राक्षस था।


5.तीनों वनवासी दंडक वन में कितने वर्ष रहे?

उत्तर: तीनों वनवासी दंडक वन में 10 वर्ष रहे।


लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

6.दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए उनसे क्या कहा?

उत्तर: दंडक वन के मुनियों ने राम का स्वागत करते हुए उनसे कहा “ आप उन दुष्ट मायावी राक्षसों से हमारी रक्षा करें और आश्रमों को अपवित्र होने से बचाएं। “ 


7.असुरों के संहार के विषय में सीता के विचार लिखिए।

उत्तर: सीता असुरों के संहार के विषय में सोचती थी कि राम बिना किसी कारण असुरों को ना मारें। राम असुरों का वध ना करें, जिन्होंने उनका कोई नुकसान नहीं किया हो।


8.राम ने दैत्यों के संहार के विषय में सीता को क्या समझाया?

उत्तर: राम ने दैत्यों के संहार के संबंध में सीता को समझाते हुए कहा “ सीते! राक्षसों का विनाश ही उचित है, वे मायावी है। मुनियों को कष्ट पहुंचाते हैं और मैंने मुनियों की रक्षा करने की प्रतिज्ञा ली है।


9.क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुंचने के बाद राम ने क्या देखा?

उत्तर: क्षरभंग मुनि के आश्रम पहुंचने के बाद राम ने देखा की आश्रम में ऋषियों की संख्या बहुत कम है। सारे तपस्वी निराश है। क्षरभंग मुनि ने राम को हड्डियों का ढेर दिखाते हुए कहा “ यह सब तपस्वीयों की हड्डियां हैं।


10.सुतीक्ष्ण मुनि ने राम को क्या सलाह दी?

उत्तर: सुतीक्ष्ण मूनि ने राम को अगस्त्य ऋषि से मिलने की सलाह दी। अगस्त्य ऋषि विन्ध्यांचल पार करने वाले पहले ऋषि थे।


11. जटायु ने लक्ष्मण से क्या कहा?

उत्तर: पंचवटी के मार्ग में जब राम ने एक विशाल गिद्ध देखा, तो सीता उसे देखते ही डर गई। तब लक्ष्मण धनुष उठा कर वार करने ही वाले थे की जटायु ने लक्ष्मण से कहा “ हे! राजन मुझसे डरो मत। मैं आपके पिता का मित्र हूँ। मैं वन में आप लोगों की सहायता करूँगा। आप दोनों जब बाहर जाओगे तो मैं सीता की रक्षा करूँगा।“


12. लक्ष्मण ने पंचवटी में कैसी कुटिया बनाई?

उत्तर: पंचवटी में लक्ष्मण ने बहुत सुंदर कुटिया बनाई। मिट्टी की दीवारें खड़ी की, बांस के खंभे लगाए, कुश और पत्तों से छप्पर डाला। उस मनोहर पंचवटी को और सुंदर बना दिया। कुटिया के आसपास पुष्पलतांए थी। कुटिया के आसपास हिरण घूमते थे और मोर नाचते थे।


13. निम्नलिखित वाक्यों में सही एवं गलत वाक्य की पहचान कीजिए।

क. चित्रकूट अयोध्या से चार दिनों की दूरी पर था  ।

उत्तर: सही


ख. जटायु एक राक्षस थ ।

उत्तर: गलत


ग. सुतीक्ष्ण मुनि विन्ध्यांचल पार करने वाले पहले ऋषि मुनि थे।

उत्तर: गलत


घ. चित्रकूट से विदा होने के बाद राम और सीता ने वनवास का शेष समय पंचवटी में बिताया।

उत्तर: सही


ड़. विराध एक तपस्वी था।

उत्तर: गलत


च. शूर्पणखा रावण की बहन थी।

उत्तर: सही


14. किसने किससे कहा:

क. “ आप उन दुष्ट मायावी राक्षसों से हमारी रक्षा करें। “ 

उत्तर: यह वाक्य दंडक वन के मुनियों ने राम से कहा था।


ख. “ हे रूपराज! मैं तुम्हें नहीं जानती। पर तुमसे विवाह करना चाहती हूँ।

उत्तर: यह वाक्य शूर्पणखा ने राम से कहा।


ग. “मेरे पास आने से तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा, देवी! मैं तो राम का दास हूं।“

उत्तर: यह लक्ष्मण ने शूर्पणखा से कहा।


घ. “ राजकुमार! यह ऋषि मुनियों की हड्डी का ढेर है।“ 

उत्तर: यह क्षरभंग मुनि ने राम से कहा।


ड़. “राम कुशल योद्धा है। उन्हें कोई नहीं मार सकता।“

उत्तर: यह अकंपन ने लंकाधिपति से कहा।


च. “ वहां जाने पर हो सकता है कि राम तुम्हें मार दे। लेकिन ना जाने पर मेरे हाथ तुम्हारी मृत्यु निश्चित है।“

उत्तर: यह रावण ने मारीच से कहा।


15. शूर्पणखा कौन थी? उसने राम के पास जाकर क्या कहा?

उत्तर: शूर्पणखा लंकापति रावण की बहन थी। जंगल में जब उसने राम को देखा तो वह उनके रूप पर मोहित हो गई और राम के पास जाकर कहने लगी “हे रूपराज! मैं तुम्हें नहीं जानती। पर मैं तुमसे विवाह करना चाहती हूँ। तुम मेरी यह इच्छा पूरी करो। मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार करो।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                      (5 अंक)

16. खर-दूषण कौन थे? राम और खर - दूषण के बीच हुए युद्ध का वर्णन कीजिए

उत्तर: खर और दूषण रावण के सौतेले भाई थे। शूर्पणखा की दशा देखकर खर और दूषण की क्रोध की सीमा न रही। उन्होंने तत्काल 14 राक्षस भेजें। परंतु वह सब राम के सामने टिक ना सके। शूर्पणखा एक पेड़ के पीछे से यह दृश्य देख रही थी। उसका राम के प्रति मोह और बढ़ गया, साथ ही साथ उसका क्रोध भी बढ़ गया। वह फुफकारती हुई खर-दूषण के पास गई। इस बार खर और दूषण पूरी राक्षस सेना के साथ वहां पहुंचे थे। खर ने देखा कि आसमान काला पड़ गया। घोड़े स्वयं धरती पर गिर कर मर गए। आकाश में गिद्ध मंडराने लगे। पर वह रुका नहीं और घमासान युद्ध हुआ। अंत में विजय राम की हुई । खर-दूषण सहित उनकी पूरी सेना धराशाही हो गई।


17. लंका पहुंच कर शूर्पणखा से रावण से क्या कहा?

उत्तर: शूर्पणखा वहां पहुंचकर रावण को धिक्कार और फटकार रही थी। उसे ललकारते हुए शूर्पणखा ने कहा “तेरा महाबली होने का क्या लाभ, तेरे रहते मेरी यह दुर्गति हो गई है,तेरा बल किस दिन के लिए है, तू किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं है।“ 


18. सीता-हरण के संदर्भ में मारीच ने रावण को क्या सलाह दी?

उत्तर: अकंपन के कहने पर रावण सीता के अपहरण के लिए तैयार हो गया। रास्ते में उसकी भेंट मारीच से हुई (ताड़का के पुत्र से)। ताड़का को राम ने पहले ही मार दिया था इसलिए मारीच क्रोधित था। परंतु वह राम की शक्तियों से परिचित था। मारीच ने रावण को सीता हरण के लिए मना किया, उसने कहा “ऐसा करना विनाश को  आमंत्रण देना है।“


19. रावण और मारीच ने सीता के हरण के लिए कौन- सी रणनीति अपनाई?

उत्तर: रथ पर बैठकर रावण और मारीच पंचवटी पहुंचे। कुटिया के निकट आकर मारीच ने सोने के हिरण का रूप धारण कर लिया और कुटिया के आसपास घूमने लगा। रावण एक पेड़ के पीछे छुप गया। रावण ने तपस्वी का वेश धारण कर लिया था। सीता उस हिरण को देखकर मुग्ध हो गई और उन्होंने राम से उस हिरण को पकड़ने के लिए कहा। राम को उस हिरण पर संदेह हो गया था परंतु सीता के आग्रह पर उस हिरण को पकड़ने चले गए।


20. राम के चित्रकूट छोड़ने के मुख्य कारण क्या थे?

उत्तर: राम के चित्रकूट छोड़ने के कई कारण थे। उसमें एक प्रमुख कारण यह था की चित्रकूट अयोध्या से मात्र 4 दिन की दूरी पर था। आए दिन कोई न कोई राजकाज की समस्या को लेकर अयोध्या से चित्रकूट आ जाता था। राम को लगता था कि अकारण ही वे अयोध्या के राजकाज में हस्तक्षेप कर रहे थे, जो वो करना नहीं चाहते थे। दूसरा कारण यह था कि राम ने चित्रकूट में मौजूद सभी असुरों का संहार कर दिया और अब चित्रकूट में चारों तरफ शांति थी। मुनियों को परेशान करने वाला कोई राक्षस नहीं था। अतः राम तत्काल ही चित्रकूट छोड़ना चाहते थे।