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Important Questions for CBSE Class 6 Hindi Durva Chapter 18 - Ishwarchand Vidyasagar

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CBSE Class 6 Hindi Durva Important Questions Chapter 18 - Ishwarchand Vidyasagar - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 6 Hindi Durva Chapter 18 - Ishwarchand Vidyasagar prepared by expert hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions for class 6 Hindi Chapter 18 – ईश्वरचंद्र विद्यासागर

अति लघु उत्तरीय प्रश्न   (1 अंक)

1. निम्नलिखित शब्दों के पर्यायवाची बताये।

i. गुस्सा

उत्तर: गुस्सा - रोष

ii. शर्म

उत्तर: शर्म - ह्या


2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द बताये। 

i. सवेरे

उत्तर: सवेरे - शाम 

ii. उच्च 

उत्तर: उच्च - नीच


3. निम्नलिखित शब्दों के अर्थ बताये।

i. विद्यासागर

उत्तर: विद्यासागर - ज्ञान का महासागर

ii. सुधारक 

उत्तर: सुधारक - विकार  का सुधार करनेवाला.


4. क्या सामान उठाने वाले व्यक्ति ने युवक से पैसे लिएथे? 

उत्तर: सामान उठाने वाले व्यक्ति ने युवक से पैसे नहीं लिए थे।


5. ईश्वरचंद्र विद्यासागर का घर कहाँ था?

उत्तर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर का घर बंगाल के मिदनापुर गाँव में था।


लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

6. व्यक्ति ने क्या पहन रखा था?

उत्तर: जो व्यक्ति गाड़ी से उतरा था|उस व्यक्ति ने आंधी बाँह का कुर्ता, धोती और चप्पल पहने हुए थे।जो देखने में बहुत सीधा साधा लग रहा था|


7. ईश्वरचंद्र विदयासागर कौन थे? 

उत्तर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर  प्रसिद्ध समाज सुधारक थे।उनका निवास स्थान बंगाल था|वे विद्वान के रूप में भी प्रख्यात थे|  


8. युवक किस-से मिलने गया था?

उत्तर: जो युवक स्टेशन पर उतरा था|वह मिदनापुर में रहने वाले ईश्वरचंद विद्यासागर से मिलने गया था ,जो की प्रसिद्द समाज सुधारक थे ।


9. 'अजीब स्टेशन है। यहाँ एक भी कुली नही है। ये कथन किसने कहा। 

उत्तर: 'अजीब स्टेशन है। यहाँ एक भी कुली नही है। ये कथन स्टेशन पर उतरने वाले उस  युवक ने कहा था।ये उसने तब कहे जब बहुत ढूंढने पर भी उसे स्टेशन पर एक भी कुली नही मिल रहा था|


10.युवक को कहाँ जाना था?

उत्तर: युवक को  बंगाल के मिदनापुर नामक गाँव में जाना था। युवक वहा ईश्वरचंद विद्यासागर से मिलने वहा गया था|  


लघु उत्तरीय प्रश्न  (3 अंक) 

11. युवक ने स्टेशन को अजीब क्यों कहा? 

उत्तर: युवक जब स्टेशन मे उतरा था तो वह अपना समान उठाने के लिए कुली को खोजता रहा लेकिन उसे वहा एक भी कुली नही मिला। अंत में जब वह थक गया तब उसने ऐसा कहा की  स्टेशन अजीब बड़ा है|यहाँ तो एक भी कुली नही है|


12. युवक का सामान ईश्वरचंद्र विद्यासागर ने क्यों उठाया? 

उत्तर: जब युवक स्टेशन पर कुली को ढूंढते हुए थक गया तो वह बड़ा परेशान हो गया ।तब ईश्वरचंद्र विदयासागर ने उस युवक को  कुली के लिए परेशान होते देखा|वह उस युवक के पास गये और उसकी दिक्कत सुनी और अंत में उन्होंने  उसका सामान उठाया।


13. युवक ने ईश्वरचंद्र विद्यासागर से माफ़ी क्यों माँगा? 

उत्तर: जब युवक ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी से मिलने उनके घर गया तब वह उन्हें देखकर  शर्मिंदा हो गया क्योकि वह वो ही व्यक्ति थे जिन्होंने स्टेशन पर उसका सामान उठाया था| युवक उन्हें पहचान ना सका इसीलिए युवक ने उनसे माफ़ी मांगी| 


14. ईश्वरचंद्र विद्यासागर को महापुरुष क्यों कहा गया है? 

उत्तर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर  प्रसिद्ध  समाज सुधारक थे। वे विद्वान के रूप में भी प्रख्यात थे| उन्होंने अपने जीवन में अनेक मानव कल्याणकारी और उनके लिए कई आवश्यक  काम भी किये थे |जिससे  ईश्वरचंद्र विदयासागर जी के उच्च विचारो  को देखकर उन्हें महापुरुष कहा गया है।


15. युवक को गुस्सा क्यों आ रहा था? 

उत्तर: जब युवक स्टेशन पर उतरा तब उसका सामान उठाने के लिए वहा कोई कुली नही था|उसने बहुत देर तक कुली को खोजा लेकिन उसे कोई नही मिला|जिस बात से वह परेशान हो रहा था | इसी बात से उसे बड़ा गुस्सा आ रहा था | 


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न  (5 अंक)

16. स्टेशन पर युवक और व्यक्ति के बीच क्या बातचीत हुई ?

उत्तर: युवक के स्टेशन पर उसका सामान उठाने के लिए  कोई कुली ना था |जिससे वह परेशान हो गया। तभी सामने से उसे एक सज्जन व्यक्ति आता दिखा। वह व्यक्ति युवक के पास गया और उससे उसके परेशानी  के बारे में पुछा |तब  युवक ने बोला की इस स्टेशन में कोई कुली नहीं है। मेरे पास सामान है। तब उस व्यक्ति ने युवक का सामान उठाया |


17. ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जीवन पर प्रकाश डालिए। 

उत्तर: ईश्वरचंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितम्बर, 1820 को बंगाल के ब्राम्हण परिवार में हआ था। वे एक दार्शनिक, अकादमिक शिक्षक, लेखक, अनुवादक, प्रिंटर, प्रकाशक, उद्यमी, सुधारक और परोपकारी थे|उनके पिता का नाम ठाकुरदास बंदयोपाध्याय तथा माता का नाम भगवती देवी था। उन्होंने  स्त्री  शिक्षा के और  विधवा--विवाह और विधवाओ की दशा सुधारने का काम भी किया। उनका  निधन 29 जुलाई, 1891 को कोलकाता में हुआ।


18. युवक को शर्म क्यों आने लगी? 

उत्तर: जब युवक मिदनापुर ईश्वरचंद्र विद्यासागर से अगले दिन उनके घर पर मिलने गया। तो वह उन्हें देखकर हैरत में पड़ गया और वह बड़ा शर्मिंदा हो गया  क्योकि ईश्वरचंद्र  वो ही व्यक्ति थे जिन्होंने स्टेशन पर उसका सामान उठाया था और उसकी मदद की थी | युवक उन्हें तब स्टेशन पर पहचान ना सका इसीलिए युवक ने उनसे माफ़ी मांगी| 


19. युवक को अंत में क्या सीख मिली?

उत्तर: युवक ईश्वरचंद्र विद्यासागर से मिलने के बाद बहुत शर्मिंदा हुआ था|वह उनके सेवा भाव को जान गया था|उनके सेवाभाव को देखकर  युवक भी समझ गया और उसने आत्मचिंतन किया और उसने सोचा कि यदि ईश्वरचंद विद्यासागर जैसे प्रसिद्द समाज सुधारक और इतने बडे व्यक्ति अपना काम स्वयं करते है। तब मुझे भी अपना काम स्वयं ही करना चहिये।


20. युवक अगले दिन सवेरे जब ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी के घर आया तो आत्मग्लानी से भर गया। क्यों? 

उत्तर: युवक अगले दिन सवेरे जब ईश्वरचंद्र विद्यासागर जी के घर आया तो उन्हें देखकर ही हैरान हो गया क्योकि स्टेशन पर जिस व्यक्ति ने उसका सामान उठाया था ,उसके लिए कुली बने थे|उसका सूटकेस उठाया था वो व्यक्ति ही ईश्वरचंद्र विद्यासागर थे |युवक उस समय स्टेशन पर उन्हें पहचान नही सका था| इसी बात से वह शर्मिन्दा हो गया और आत्मग्लानी से भर गया |