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Do Gauraiya (दो गौरैया) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Durva) Chapter 2

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Hindi (Durva) Important Questions for Chapter 2 दो गौरैया (भीष्म साहनी) Class 8 - FREE PDF Download

Hindi Druva Important Questions for Chapter 2, 'दो गौरैया' has been provided by Vedantu. This story humorously depicts the chaos and emotions of a family dealing with sparrows that have made their home inside their house. Ultimately, the story beautifully captures the family's acceptance of the birds as a part of their home, blending humour, warmth, and a sense of coexistence with nature. Download the FREE PDF to access CBSE Class 8 Hindi Druva Important Questions so that every section of the CBSE Class 9 Hindi Syllabus is thoroughly covered.

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Get Class 8 Hindi Chapter 2: Do Gauraiya (दो गौरैया) Important Questions

1. पिताजी घर को "सराय" क्यों कहते थे?  

पिताजी घर को "सराय" इसलिए कहते थे क्योंकि घर में सिर्फ माँ, पिताजी और बेटे के अलावा कई प्रकार के पक्षी, चूहे, चमगादड़, छिपकलियाँ और चींटियाँ भी रहती थीं। पिताजी को लगता था कि घर का असली मालिक कोई और है, और वे खुद जैसे मेहमान हैं। पक्षियों की चहचहाहट और चूहों की धमा-चौकड़ी उन्हें परेशान करती थी, जिससे उन्हें लगता था कि यह घर उनके रहने के लिए नहीं है।


2. आँगन के आम के पेड़ की कहानी में क्या भूमिका है?  

आँगन का आम का पेड़ इस कहानी में पक्षियों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है। तरह-तरह के पक्षी उस पर आकर डेरा डालते थे, और उनकी चहचहाहट से पिताजी परेशान हो जाते थे। यह पेड़ दर्शाता है कि प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व कैसा होता है और कैसे जीव-जंतु अपनी जगह ढूँढ लेते हैं।


3. पिताजी गौरैयों को भगाने के लिए क्या-क्या करते थे?  

पिताजी गौरैयों को भगाने के लिए कई कोशिशें करते थे। वे ताली बजाते, बाँहें झुलाते, लाठी लेकर उनके घोंसले पर वार करते और बार-बार दरवाज़े और खिड़कियाँ बंद करते। उन्होंने यहाँ तक किया कि दरवाजों के नीचे कपड़े ठूँस दिए और रोशनदान को भी बंद करने का प्रयास किया। 


4. माँ का इस स्थिति पर क्या रवैया था?  

माँ का रवैया इस स्थिति में हल्का-फुल्का और व्यंग्यात्मक था। वे पिताजी की कोशिशों को देखकर हँसती थीं और मज़ाक में टिप्पणी करती थीं। हालाँकि, जब बात गंभीर हुई, तो उन्होंने पिताजी को यह समझाने की कोशिश की कि गौरैयों को घोंसला बनाने देना चाहिए, क्योंकि वे अब अंडे दे चुकी हैं।


5. गौरैयों ने बैठक के पंखे में घोंसला क्यों बनाया?  

गौरैयों ने बैठक के पंखे के गोले में घोंसला इसलिए बनाया क्योंकि उन्हें वह स्थान सुरक्षित और रहने योग्य लगा। वे अपने निरीक्षण के बाद वहाँ घोंसला बनाने और सामान लाने लगीं, जो दर्शाता है कि पक्षी भी अपने लिए अनुकूल जगह ढूँढने में माहिर होते हैं।


6. पिताजी को गौरैयों का घोंसला तोड़ने पर क्या अनुभव हुआ?  

जब पिताजी ने गौरैयों का घोंसला तोड़ने की कोशिश की, तो उन्होंने देखा कि घोंसले से नन्हीं-नन्हीं चिड़ियाँ सिर निकालकर चीं-चीं कर रही थीं। यह दृश्य देखकर पिताजी का मन बदल गया, और वे समझ गए कि यह उनका घर है। वे लाठी नीचे रखकर चुपचाप बैठ गए और पक्षियों को अपना जीवन जीने दिया।


7. गौरैयों के बच्चों के आने से कहानी में क्या बदलाव आया?  

गौरैयों के बच्चों के आने से कहानी में भावनात्मक मोड़ आया। जहाँ पहले पिताजी केवल गौरैयों को भगाने में लगे रहते थे, वहीं बच्चों को देखकर उनकी करुणा जाग उठी। उन्होंने घोंसला तोड़ने का विचार छोड़ दिया और पक्षियों को उनके परिवार के साथ रहने दिया।


8. कहानी में हास्य के मुख्य स्रोत क्या हैं?  

कहानी में हास्य का मुख्य स्रोत पिताजी की गौरैयों को भगाने की अजीबोगरीब कोशिशें हैं, जैसे ताली बजाना, लाठी झुलाना, और कूद-कूदकर उन्हें डराने की कोशिश करना। साथ ही, माँ की व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ और गौरैयों की हर बार वापस आने की आदत भी हास्य उत्पन्न करती हैं।


9. माँ और पिताजी के दृष्टिकोण में क्या अंतर था?  

माँ का दृष्टिकोण हल्का और सहनशील था। वह गौरैयों को घर में रहने देने के पक्ष में थीं और उनका मज़ाक उड़ाकर स्थिति को हँसी में बदल देती थीं। वहीं, पिताजी का दृष्टिकोण सख्त और गुस्से से भरा हुआ था। वे गौरैयों को किसी भी हालत में घर से बाहर निकालना चाहते थे।


10. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?  

कहानी का मुख्य संदेश यह है कि हमें प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व में रहना सीखना चाहिए। चाहे वह पक्षी हों या अन्य जीव-जंतु, उन्हें उनके प्राकृतिक अधिकार देने चाहिए। सहनशीलता, करुणा और पारिवारिक मूल्यों का यह कहानी में सुंदर रूप से चित्रण किया गया है।


11. पिताजी के "हार मानने वाले नहीं" होने के बावजूद उनका दृष्टिकोण कैसे बदला?  

पिताजी ने शुरुआत में गौरैयों को हर कीमत पर भगाने का फैसला किया था। लेकिन जब उन्होंने गौरैयों के बच्चों को देखा, तो उनका हृदय पिघल गया। उन्होंने समझा कि वह भी एक परिवार के मुखिया हैं और इन पक्षियों के परिवार को भी उनका घर चाहिए।


12. गौरैयों की कहानी मनुष्यों के व्यवहार को कैसे दर्शाती है?  

गौरैयों की कहानी दर्शाती है कि जैसे मनुष्य अपने लिए घर और परिवार चाहते हैं, वैसे ही अन्य जीव-जंतु भी अपने लिए सुरक्षित स्थान की तलाश करते हैं। यह कहानी मानवीय करुणा और प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी को समझने में मदद करती है।


13. कहानी में माँ के संवादों का क्या महत्व है?  

माँ के संवाद कहानी को जीवंत और हास्यपूर्ण बनाते हैं। उनके व्यंग्यात्मक लेकिन व्यावहारिक सुझाव, जैसे "दरवाजे बंद कर दो" और "पंखा चला देते," पिताजी के गुस्से को हल्का करने का काम करते हैं। साथ ही, माँ का गंभीर संवाद—"अब ये यहाँ से नहीं जाएँगी,"—कहानी का मुख्य मोड़ है।


14. क्या कहानी से हमें सह-अस्तित्व का पाठ मिलता है? कैसे?  

हां, कहानी सह-अस्तित्व का पाठ देती है। यह सिखाती है कि हमें अपने आसपास के जीव-जंतुओं के साथ रहने की आदत डालनी चाहिए। आखिरकार, सबका इस धरती पर समान अधिकार है। पिताजी का अंतिम स्वीकृति भरा रवैया इस विचार को पुष्ट करता है।


15. गौरैयों का "फिर से आना" कहानी में क्या संकेत करता है?  

गौरैयों का बार-बार वापस आना उनकी दृढ़ता और अपने घर के प्रति लगाव को दर्शाता है। यह संकेत करता है कि पक्षी भी अपने परिवार और घर के प्रति वैसी ही भावनाएँ रखते हैं जैसी मनुष्य रखते हैं।


16. पिताजी का "लाठी वाला तरीका" असफल क्यों रहा?  

पिताजी का लाठी वाला तरीका असफल रहा क्योंकि गौरैयों ने हर बार घर में वापस आने का कोई नया रास्ता ढूँढ लिया। यह दर्शाता है कि ज़बरदस्ती और हिंसा के बजाय सहनशीलता और समझदारी से समस्या का समाधान बेहतर होता है।


17. पिताजी के व्यवहार का परिवार पर क्या प्रभाव पड़ा?  

पिताजी के व्यवहार ने परिवार में हास्य और हलचल का माहौल बना दिया। उनकी हरकतों ने माँ और बेटे को हँसी के पल दिए, लेकिन साथ ही यह भी दर्शाया कि घर के हर सदस्य को मिलकर समाधान ढूँढना चाहिए।


18. गौरैयों के बच्चों को देखकर पिताजी का हृदय परिवर्तन क्यों हुआ?  

गौरैयों के बच्चों को देखकर पिताजी को महसूस हुआ कि वे भी अपने बच्चों के प्रति उतने ही जिम्मेदार हैं जितने वह खुद अपने परिवार के प्रति हैं। यह दृश्य उनके अंदर करुणा और सह-अस्तित्व की भावना जागृत करता है।


19. कहानी में प्रकृति का क्या महत्व है?  

कहानी में प्रकृति का महत्व इस बात में है कि यह हमें हमारे आसपास के जीव-जंतुओं के जीवन में झाँकने का अवसर देती है। यह सिखाती है कि प्रकृति के साथ सामंजस्य से ही जीवन सुंदर बन सकता है।


20. कहानी का अंत क्या सिखाता है?  

कहानी का अंत यह सिखाता है कि करुणा और सह-अस्तित्व से ही मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है। पिताजी का मुस्कुराना और माँ का दरवाजे खोल देना इस बात का प्रतीक है कि हमें सबके लिए जगह बनानी चाहिए। 

 

Points to Remember from Class 8 Hindi Durva Chapter 2: Do Gauraiya

  1. The family lives in a house with various animals and birds, making it feel more like a guesthouse than a home to the father.

  2.  The father humorously complains about the constant noise from birds and the presence of rodents, bats, and other creatures in the house.

  3. A pair of sparrows enters the house and inspects the place, eventually deciding to build a nest in the ceiling fan.

  4. The mother and father have different reactions to the sparrows. The mother is amused, while the father is determined to remove them from the house.

  5. The father tries various methods to scare the sparrows away, including clapping, making noises, and waving his arms, but the birds keep returning.

  6. The sparrows eventually lay eggs in their nest, and the mother suggests that they can no longer be removed, as they have made it their home.

  7. The father becomes increasingly frustrated, resorting to using a stick to force the sparrows out, but they find new ways to sneak back in.

  8. Eventually, the father is moved by the sight of the baby sparrows and gives up on trying to remove them, realizing that they have as much right to the house as he does.

  9. The story highlights the themes of patience, persistence, and coexisting with nature, showing the changing attitudes of the father over time.

  10. The story ends with the father smiling at the sparrows and accepting their presence in the house, illustrating a peaceful resolution to the conflict.


Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Durva Chapter 2: Do Gauraiya

  • The important questions help in understanding the central themes of the chapter, such as coexistence with nature, patience, and compassion.

  • These questions allow students to dive deeper into the text, enhancing their comprehension of the story. 

  • By answering questions related to characters’ actions, dialogue, and plot developments, students develop critical thinking skills. 

  • Important questions often highlight keywords, expressions, and phrases used in the story.

  • These questions provide essential practice for exam preparation. 


Conclusion

Do Gauraiya is a heartwarming story about the conflict between a family and the sparrows that make their home inside the house. It highlights themes of patience, understanding, and coexisting with nature. A FREE PDF of key questions from this chapter has been provided by Vedantu to help students understand it better and to help them prepare for tests.


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FAQs on Do Gauraiya (दो गौरैया) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Durva) Chapter 2

1.  What is the main theme of the story Do Gauraiya?

इस कहानी का मुख्य विषय प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व और करुणा है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि हमें पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के साथ भी अपने घर में सहानुभूति और समझदारी से रहना चाहिए।

2.  Why does the father call the house a "sarai"?

पिताजी घर को "सराय" इसलिए कहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि घर में बहुत से पक्षी, चूहे, चमगादड़, और अन्य जानवर रहते हैं, और वह खुद को यहाँ मेहमान की तरह महसूस करते हैं, जैसे घर के असली मालिक कोई और हैं।

3.  How do the sparrows enter the house?

दो गौरैया बिना किसी इजाज़त के घर में घुस आईं। उन्होंने घर का निरीक्षण किया और फिर बैठक के पंखे के गोले में अपना घोंसला बना लिया।

4.  How does the father react when the sparrows start nesting in the house?

पिताजी गौरैयों के घर में घोंसला बनाने पर गुस्से में आ जाते हैं। वह उन्हें बाहर निकालने के लिए ताली बजाते हैं, मुँह से श...शू करते हैं और लाठी का भी इस्तेमाल करते हैं।

5.  What is the mother's reaction to the sparrows?

माँ इस स्थिति पर हंसी मजाक करती हैं। वह पिताजी की कोशिशों पर व्यंग्य करती हैं और कहती हैं कि गौरैया अब यहाँ से नहीं जाएँगी क्योंकि उन्होंने अंडे दे दिए होंगे।

6. What does the father do to remove the sparrows?

पिताजी गौरैयों को भगाने के लिए कई तरीके अपनाते हैं, जैसे ताली बजाना, लाठी से घोंसला तोड़ने की कोशिश करना और दरवाजे बंद करना, लेकिन गौरैयों ने हर बार नया रास्ता ढूँढ लिया।

7. What happens when the baby sparrows appear in the nest?जब पिताजी को घोंसले में छोटे गौरैया दिखाई देते हैं, तो उनका दिल बदल जाता है। वह समझ जाते हैं कि अब गौरैयों को निकालना सही नहीं होगा, और वे अपनी जिद छोड़ देते हैं।


जब पिताजी को घोंसले में छोटे गौरैया दिखाई देते हैं, तो उनका दिल बदल जाता है। वह समझ जाते हैं कि अब गौरैयों को निकालना सही नहीं होगा, और वे अपनी जिद छोड़ देते हैं।

8. How does the story end?

कहानी का अंत यह होता है कि पिताजी अंततः गौरैयों की उपस्थिति को स्वीकार कर लेते हैं और घर में उनकी रहने की जगह को छोड़ देते हैं। घर में शांति आ जाती है और सभी हंसी-खुशी रहते हैं।

9. What is the significance of the title "Do Gauraiya"?

"दो गौरैया" का शीर्षक कहानी में दो गौरैयों के घोंसला बनाने और घर में रहने की प्रक्रिया को दर्शाता है। यह दो छोटे पक्षियों की उपस्थिति का प्रतीक है जो घर की दुनिया में अपना स्थान पाते हैं।

10.  What moral lessons can be learned from the story?

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें प्रकृति और जीव-जंतुओं के साथ सह-अस्तित्व और सहानुभूति से रहना चाहिए। हमें कभी भी किसी जीव को अपने घर से बाहर नहीं करना चाहिए, जब तक कि यह हमें असुविधा न पहुँचा रहा हो।