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CBSE Class 8 Hindi (Durva) Chapter 4 Os (ओस) Important Questions

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Hindi (Durva) Important Questions for Chapter 4 ओस (सोहनलाल द्विवेदी) Class 8 - FREE PDF Download

Hindi Druva Important Questions for Chapter 4, 'ओस' has been provided by Vedantu. The poet is in awe of the beauty of dewdrops sparkling like pearls and diamonds on grass, leaves, and flowers in the early morning and wonders who decorated nature so brilliantly as if celebrating a special festival like Diwali. The poet expresses a desire to collect these dewdrops and create a poem inspired by their beauty. Download the FREE PDF to access CBSE Class 8 Hindi Druva Important Questions so that every section of the CBSE Class 9 Hindi Syllabus is thoroughly covered.

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Table of Content
1. Get Class 8 Hindi Chapter 4: Os (ओस) Important Questions
2. Points to Remember from Class 8 Hindi Durva Chapter 4: Os
3. Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Durva Chapter 4: Os
4. Related Study Materials for Class 8 Hindi Durva Chapter 4
5. Chapter-wise Important Questions for Hindi (Durva) Class 8
6. Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi
7. Important Study Material for Hindi Class 8
FAQs

Get Class 8 Hindi Chapter 4: Os (ओस) Important Questions

1. ओस-कणों को कवि ने किस प्रकार अद्भुत और अनुपम बताया है?

कवि ने ओस-कणों को प्रकृति की अनुपम और अद्भुत भेंट के रूप में प्रस्तुत किया है। वह इनके सौंदर्य को मोती की लड़ियों, उज्ज्वल हीरों की कड़ियों, और रतन जैसे बहुमूल्य आभूषणों से तुलना करते हैं। कवि को ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे किसी ने रात में इन कणों को बिखेरकर प्रकृति को सजाया हो। ओस की चमक ऐसी है कि वह जुगनू और तारों से भी अधिक आकर्षक लगती है। इन कणों का बिखराव पत्तों, फूलों, और घास पर ऐसा प्रभाव डालता है, जैसे किसी जौहरी ने अपना अनमोल खज़ाना लुटा दिया हो। कवि इन कणों को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं और उन्हें घर ले आने तथा उनकी शोभा पर कविता लिखने की इच्छा व्यक्त करते हैं।


2. कवि ने "दीपावली निराली" का उल्लेख किस संदर्भ में किया है?  

कवि ने "दीपावली निराली" का उल्लेख सुबह के समय ओस-कणों की अद्भुत छटा को देखकर किया है। उन्हें ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने रातभर जगकर इन ओस-कणों से उपवन को सजा दिया हो। कवि इसे एक ऐसा उत्सव मानते हैं, जो प्रकृति के सौंदर्य को दिवाली के दीपों की रोशनी की तरह अलौकिक बना देता है। जंगल, उपवन और घास की हरियाली पर बिखरे ये चमचमाते कण इस प्राकृतिक दीपावली की झलक पेश करते हैं। कवि इस सौंदर्य से इतने प्रभावित हैं कि इसे दिवाली का एक अनोखा रूप मानते हैं।


3. कवि के अनुसार ओस-कणों की तुलना तारों और रत्नों से क्यों की गई है?  

कवि ने ओस-कणों की तुलना तारों और रत्नों से इसलिए की है क्योंकि ये कण सुबह की धूप में चमकते हैं और ऐसा प्रतीत होता है जैसे जमीन पर तारों की रोशनी उतर आई हो। इन्हें देखकर ऐसा लगता है कि जैसे धरती पर बिखरे रत्न या मोती हों। इन कणों की चमक और पारदर्शिता जुगनुओं की रोशनी और आकाश में टिमटिमाते तारों की तरह प्रतीत होती है। यह तुलना कवि की कल्पनाशीलता और ओस-कणों की अलौकिक सुंदरता को व्यक्त करती है।


4. ओस-कणों को देखकर कवि के मन में कौन-कौन सी भावनाएँ उत्पन्न होती हैं?  

ओस-कणों को देखकर कवि के मन में सौंदर्य, आश्चर्य, और प्रशंसा की भावनाएँ उत्पन्न होती हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि प्रकृति ने अपने सारे खज़ाने को खुलेआम लुटा दिया है। यह दृश्य कवि के मन में दिवाली की झलक लाता है, मानो जंगल और उपवन में दीप जलाए गए हों। कवि इन कणों की सुंदरता से इतने प्रभावित हैं कि उन्हें अंजलि में भरकर घर लाने और उन पर कविता लिखने की इच्छा होती है। यह भावनाएँ प्रकृति के प्रति उनके प्रेम और गहरे संबंध को व्यक्त करती हैं।


5. कवि ने प्रकृति की सजावट को किसकी कला का परिणाम बताया है?  

कवि ने प्रकृति की सजावट को एक रहस्यमय कलाकार या किसी अदृश्य जौहरी की कला का परिणाम बताया है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे किसी ने रात के समय प्रकृति को सजाने के लिए ओस-कणों का इस्तेमाल किया हो। यह सजावट इतनी सुंदर और आकर्षक है कि इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे किसी ने मोती, हीरे, और रत्नों को चारों ओर बिखेर दिया हो। यह सजावट किसी मानवीय प्रयास की तुलना में अधिक भव्य और दिव्य प्रतीत होती है।


6. ओस-कणों का कवि के लिए क्या महत्व है?  

ओस-कण कवि के लिए प्रकृति की अद्वितीय और अनमोल भेंट हैं। उनकी चमक, पारदर्शिता और सौंदर्य कवि के लिए प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। कवि को यह कण प्रकृति की अनुपम सृजनशीलता का प्रमाण लगते हैं। वह इन्हें देखकर इतने प्रभावित होते हैं कि उन्हें घर ले जाने और इन पर कविता रचने की कल्पना करते हैं। कवि के लिए ओस-कण केवल जल की बूँदें नहीं, बल्कि सौंदर्य और आनंद के प्रतीक हैं।


7. कवि ने जौहरी के खज़ाने की कल्पना क्यों की है?  

कवि ने जौहरी के खज़ाने की कल्पना ओस-कणों की चमक और बिखराव को व्यक्त करने के लिए की है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे किसी जौहरी ने अपने घर का पूरा खज़ाना प्रकृति पर लुटा दिया हो। इस खज़ाने में हीरे, मोती, और रत्न हैं, जो ओस-कणों के माध्यम से प्रकृति को सजाते हैं। यह कल्पना कवि की गहरी संवेदनशीलता और सौंदर्य दृष्टि को दर्शाती है।


8. कवि को ओस-कणों को देखकर दिवाली क्यों याद आती है?  

ओस-कणों की चमक और उनका बिखराव कवि को दिवाली की रोशनी की याद दिलाते हैं। यह दृश्य उन्हें ऐसा प्रतीत होता है जैसे उपवन में किसी ने दीप जलाकर दिवाली मनाई हो। प्रकृति की इस सजावट में एक अनोखी दिव्यता और भव्यता है, जो दिवाली के त्योहार की तरह आनंदमय और मनोहारी प्रतीत होती है। 


9. कवि के अनुसार ओस-कणों की सुंदरता में कौन-सा विशेष आकर्षण है?  

कवि के अनुसार ओस-कणों की सुंदरता में उनकी पारदर्शिता, चमक, और प्राकृतिक सादगी का विशेष आकर्षण है। ये कण सूरज की पहली किरणों में ऐसे चमकते हैं जैसे मोती, हीरे, और रत्न हों। इनकी यह सुंदरता मानो धरती और आकाश के बीच एक अद्भुत सेतु बनाती है। 


10. कवि को ओस-कणों से कविता लिखने की प्रेरणा क्यों मिलती है?  

ओस-कणों की अलौकिक सुंदरता और उनकी दिव्यता कवि के मन में रचनात्मकता को जागृत करती है। उनकी चमक और प्राकृतिक सादगी को देखकर कवि ऐसा महसूस करते हैं कि इन पर कविता लिखकर उनकी सुंदरता को शब्दों में कैद किया जा सकता है। यह प्रेरणा कवि के सौंदर्य बोध और रचनात्मक दृष्टि को व्यक्त करती है। 


11. कवि ने "नभ के नन्हें तारों" का उल्लेख क्यों किया है?  

कवि ने "नभ के नन्हें तारों" का उल्लेख ओस-कणों की चमक को व्यक्त करने के लिए किया है। उन्हें ऐसा प्रतीत होता है जैसे आसमान के छोटे-छोटे तारे जमीन पर उतर आए हों और घास, फूलों, और पत्तों पर बिखर गए हों। यह तुलना ओस-कणों की अलौकिक और दिव्य सुंदरता को प्रकट करती है। यह प्राकृतिक दृश्य इतना सुंदर है कि यह कवि की कल्पना को आकाश और धरती के बीच जोड़ देता है।


12. "बड़े सबेरे मना रहा है" पंक्ति में कवि का क्या तात्पर्य है?  

"बड़े सबेरे मना रहा है" पंक्ति में कवि यह दर्शाना चाहते हैं कि सुबह के समय ओस-कणों का बिखराव ऐसा प्रतीत होता है जैसे प्रकृति किसी खुशी के उत्सव को मना रही हो। कवि इसे प्रकृति की अपनी दिवाली मानते हैं, जहाँ घास, पत्तों और फूलों पर ओस की बूँदें दीपों की तरह चमक रही हैं। यह पंक्ति सुबह के समय प्रकृति की अलौकिकता को प्रकट करती है।


13.  कविता में "पग-पग बिखरे हुए रतन" का क्या अर्थ है?  

"पग-पग बिखरे हुए रतन" का अर्थ यह है कि कवि को हर जगह ओस-कण बिखरे हुए दिखाई देते हैं। पत्तों, फूलों, और घास पर ये कण रत्नों की तरह चमकते हैं। यह दृश्य कवि को प्रकृति की अनमोल भेंट की याद दिलाता है, जिसे उन्होंने जौहरी के खज़ाने के रूप में कल्पना की है। यह पंक्ति प्रकृति के हर कोने में बिखरी सुंदरता को दर्शाती है।


14. कवि ने "कौन जौहरी" शब्द का उपयोग क्यों किया है?  

कवि ने "कौन जौहरी" शब्द का उपयोग यह दर्शाने के लिए किया है कि ओस-कणों की चमक और सुंदरता इतनी अलौकिक है कि इसे सृष्टि के किसी दिव्य जौहरी ने सजाया होगा। इस पंक्ति में कवि ने प्रकृति के सौंदर्य को मानवीय कल्पना के माध्यम से व्यक्त किया है, जो अदृश्य जौहरी के कौशल की प्रशंसा करता है।


15. कवि को सुबह का समय इतना आकर्षक क्यों लगता है?  

कवि को सुबह का समय इसलिए आकर्षक लगता है क्योंकि इस समय ओस-कण प्रकृति को अद्भुत सुंदरता प्रदान करते हैं। सूरज की पहली किरणों के साथ ओस की बूँदें मोती और हीरों की तरह चमकने लगती हैं। यह समय कवि को आनंद, शांति, और प्रेरणा से भर देता है। सुबह की यह प्राकृतिक सजावट कवि के लिए दिव्यता और सौंदर्य का प्रतीक है।


16. कवि ने ओस-कणों की अद्भुत छवि को कैसे प्रस्तुत किया है?  

कवि ने ओस-कणों की अद्भुत छवि को मोती की लड़ियों, हीरों की कड़ियों, और बिखरे रत्नों के रूप में प्रस्तुत किया है। उन्होंने इस छवि को और प्रभावशाली बनाने के लिए इसे दीपावली की रोशनी, जुगनुओं की चमक, और तारों की दमक से जोड़ा है। यह छवि कवि की कल्पनाशीलता और प्रकृति के प्रति उनके प्रेम को दर्शाती है।


17. कवि के अनुसार ओस-कणों में कौन-सा रहस्यमय तत्व है?  

कवि के अनुसार ओस-कणों में एक रहस्यमय तत्व है, जो उनके सौंदर्य को अलौकिक बनाता है। उनकी चमक और पारदर्शिता मानो यह संकेत देती है कि यह किसी दिव्य शक्ति का कार्य है। कवि इसे प्रकृति की अदृश्य सृजनशीलता का प्रमाण मानते हैं, जो किसी मानव निर्मित कला से अधिक भव्य और सुंदर है।


18. "इनकी शोभा निरख-निरखकर" पंक्ति का कवि के मनोभावों से क्या संबंध है?  

"इनकी शोभा निरख-निरखकर" पंक्ति कवि के मनोभावों को प्रकट करती है, जो ओस-कणों की सुंदरता को बार-बार देखकर आनंदित होते हैं। यह पंक्ति इस बात को दर्शाती है कि कवि को इन कणों की शोभा इतनी प्रिय लगती है कि वह उसे बार-बार निहारते रहते हैं और उनकी सुंदरता में खो जाते हैं। 


19. कवि के लिए ओस-कण केवल जल की बूँदें नहीं हैं। क्यों?  

कवि के लिए ओस-कण केवल जल की बूँदें नहीं हैं, बल्कि यह प्रकृति की अलौकिक भव्यता और सृजनशीलता का प्रतीक हैं। यह कण कवि को अनमोल रत्नों, मोतियों और हीरों की तरह प्रतीत होते हैं। इनकी उपस्थिति कवि के मन में सौंदर्य, आनंद और रचनात्मकता को जागृत करती है, जिससे वह इन्हें प्रकृति की दिव्य भेंट मानते हैं।


20. कवि ने ओस-कणों को घर लाने की कल्पना क्यों की है?  

कवि ने ओस-कणों को घर लाने की कल्पना इसलिए की है क्योंकि उनकी चमक और अद्वितीय सुंदरता ने कवि के मन को मोह लिया है। वह इन कणों की अलौकिक शोभा को हमेशा अपने पास रखना चाहते हैं। कवि की यह कल्पना उनके सौंदर्य बोध और प्रकृति के प्रति गहरे प्रेम को दर्शाती है। वह इस प्राकृतिक दृश्य को शब्दों में ढालकर कविता के माध्यम से उसकी सुंदरता को व्यक्त करना चाहते हैं।  

 

Points to Remember from Class 8 Hindi Durva Chapter 4: Os

  1. The poem describes the beauty of dewdrops on grass, leaves, and flowers in the early morning.

  2. Dewdrops are compared to pearls, diamonds, and precious jewels for their sparkling appearance.

  3. The poet imagines that someone has decorated nature with these shining drops during the night.

  4. The dewdrops are likened to the light of fireflies and stars because of their brightness.

  5. The poet wonders if a jeweller has spilt his treasure on the ground, as the drops look so valuable.

  6. The dewdrops’ brilliance reminds the poet of the festival of Diwali, with its glowing lamps.

  7. The poet feels as though the entire forest and garden are celebrating a grand and unique Diwali.

  8. The poet wishes to collect the dewdrops in his hands and take them home to cherish their beauty.

  9. The sight of the dewdrops inspires the poet to write a poem about their splendour.

  10. The poem reflects a deep admiration for nature’s simple yet extraordinary beauty.


Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Durva Chapter 4: Os

  • The important questions help in understanding the central themes of the chapter.

  • These questions allow students to dive deeper into the text, enhancing their comprehension of the story. 

  • By answering questions related to characters’ actions, dialogue, and plot developments, students develop critical thinking skills. 

  • Important questions often highlight keywords, expressions, and phrases used in the story.

  • These questions provide essential practice for exam preparation. 


Conclusion

The poem beautifully celebrates the natural beauty of dewdrops, comparing them to precious jewels and festive lights. It highlights the poet’s awe and admiration for nature's simple yet magical wonders, inspiring joy and creativity.  A FREE PDF of key questions from this chapter has been provided by Vedantu to help students understand it better and to help them prepare well for exams.


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FAQs on CBSE Class 8 Hindi (Durva) Chapter 4 Os (ओस) Important Questions

1. What does the poet compare the dewdrops to?

कवि ने ओस-कणों की तुलना मोती, हीरों और रत्नों से की है।

2. Why does the poet mention "fireflies" and "stars"?

कवि जुगनुओं और तारों का उल्लेख ओस-कणों की चमक को दिखाने के लिए करते हैं।

3. What does the poet imagine about a jeweller?

कवि कल्पना करते हैं कि किसी जौहरी ने अपना बहुमूल्य खज़ाना चारों ओर लुटा दिया है।

4. Why does the poet refer to the morning as "Diwali"?

कवि सुबह की ओस-कणों की चमक को दीपावली की रोशनी जैसा मानते हैं।

5. What emotions does the poet feel while seeing the dewdrops?

कवि ओस-कणों को देखकर आश्चर्य, खुशी और प्रेरणा का अनुभव करते हैं।

6. What does the poet wish to do with the dewdrops?

कवि चाहते हैं कि वह ओस-कणों को अंजलि में भरकर घर ले आएँ।

7. How does the poet describe the spread of the dewdrops?

कवि कहते हैं कि ओस-कण पत्तों, फूलों, और घास पर बिखरे हुए रत्नों जैसे लगते हैं।

8. What does the poet find unique about the dewdrops?

कवि को ओस-कणों की प्राकृतिक सुंदरता और उनकी चमक सबसे अनोखी लगती है।

9. How does the poet relate the dewdrops to happiness?

कवि को ऐसा लगता है कि प्रकृति ओस-कणों के माध्यम से खुशी और उत्सव मना रही है।

10. What inspires the poet to write a poem about the dewdrops?

ओस-कणों की अद्भुत शोभा और उनकी दिव्यता कवि को कविता लिखने के लिए प्रेरित करती है।