Hindi (Vasant) Important Questions for Chapter 2 बस की यात्रा (हरिशंकर परसाई) Class 8 - PDF Download
Vedantu has provided Important Questions for Hindi Vasant Chapter 2, 'बस की यात्रा'. This humorous story narrates a group of friends' journey in an old, run-down bus, highlighting its comical breakdowns and struggles. It vividly portrays the amusing contrast between the bus's frailty and the passengers' increasing acceptance of its unpredictability. Download the FREE PDF to access CBSE Class 8 Hindi Vasant Important Questions so that every section of the CBSE Class 8 Hindi Syllabus is completely covered.
Get Class 8 Hindi Chapter 2: Bus Ki Yatra (बस की यात्रा) Important Questions
1. लेखक और उसके मित्रों ने शाम की बस से यात्रा करने का निर्णय क्यों लिया?
लेखक और उसके पाँच मित्रों ने शाम चार बजे की बस से यात्रा करने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि यह यात्रा उनके समय और कार्यशैली के हिसाब से सबसे उपयुक्त थी। यह बस पन्ना से सतना जाती थी, जहाँ से एक घंटे बाद जबलपुर के लिए ट्रेन मिलती थी। इस यात्रा से वे सुबह तक घर पहुँच सकते थे, जिससे अगले दिन काम पर जाने वाले दो मित्रों को कोई असुविधा नहीं होती। हालांकि, इस बस की खराब स्थिति और अप्रत्याशित समस्याओं के बारे में लोगों ने उन्हें चेतावनी दी थी, लेकिन उनके पास समय की मजबूरी के चलते इस बस को चुनने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
2. लोगों ने इस बस से सफर न करने की सलाह क्यों दी? क्या इसके पीछे कोई ठोस कारण था?
लोगों ने इस बस से यात्रा न करने की सलाह इसलिए दी क्योंकि यह बस अत्यधिक पुरानी और असुरक्षित थी। इसके जर्जर ढांचे, बार-बार रुकने की आदत, और खराब प्रबंधन ने इसे एक अप्रत्याशित सवारी का माध्यम बना दिया था। स्थानीय लोग इसे ‘डाकिन’ कहते थे, जो दर्शाता है कि यह बस यात्रियों को परेशान करती थी और उनकी यात्रा को बेहद कठिन बना देती थी। हालांकि, लेखक और उनके मित्रों को इस सलाह की गंभीरता का एहसास बाद में हुआ, जब उन्होंने बस के हालात का सामना किया।
3. बस की स्थिति को देखकर लेखक और उसके मित्रों की पहली प्रतिक्रिया क्या थी?
बस की स्थिति देखकर लेखक और उनके मित्रों ने इसे एक बेहद पुरानी और जर्जर अवस्था में पाया। लेखक ने व्यंग्यात्मक शैली में इसे ‘वयोवृद्ध’ और ‘पूजनीय’ कहा। उन्होंने इसे सदियों का अनुभव रखने वाली बस बताया, जिसे चलाने के बजाय पूजा करना बेहतर होगा। यह तुलना बस की अत्यंत खराब स्थिति का मखौल उड़ाने के लिए की गई थी। लेखक और उनके साथी यह सोचकर डर और हंसी का मिश्रण अनुभव कर रहे थे कि क्या यह बस सच में चल सकेगी।
4. डॉक्टर मित्र ने बस की तुलना एक अनुभवी व्यक्ति से क्यों की?
डॉक्टर मित्र ने बस की तुलना एक अनुभवी व्यक्ति से इसलिए की क्योंकि उनका मानना था कि अनुभव हमेशा भरोसेमंद होता है। उन्होंने बस को एक वृद्ध महिला की तरह बताया, जो यात्रियों को अपनी गोद में लेकर प्यार से उनकी देखभाल करेगी। हालांकि, यह तुलना व्यंग्यात्मक थी, क्योंकि बस की स्थिति ऐसी थी कि वह कभी भी रुक सकती थी। यह बयान मित्रों को दिलासा देने और उनकी हंसी उड़ाने का एक तरीका था।
5. बस के इंजन और उसकी कार्यप्रणाली का वर्णन कैसे किया गया है?
बस के इंजन को लेखक ने एक असाधारण और पुरानी तकनीक के रूप में वर्णित किया। उन्होंने इसे ऐसे चलने वाला बताया जैसे पूरी बस ही इंजन बन गई हो। जब इंजन स्टार्ट हुआ, तो ऐसा लगा मानो पूरी बस में कंपन हो रहा हो। पेट्रोल टंकी में छेद हो जाने पर ड्राइवर ने बाल्टी में पेट्रोल भरकर एक नली के माध्यम से इंजन में डाला। यह दृश्य हास्यास्पद और व्यंग्यपूर्ण था, जो दर्शाता है कि बस किसी भी क्षण रुक सकती थी।
6. लेखक ने गांधीजी के असहयोग आंदोलन और बस की स्थिति के बीच क्या समानता बताई है?
लेखक ने बस की स्थिति की तुलना गांधीजी के असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन से की। बस के विभिन्न हिस्से एक-दूसरे से असहयोग कर रहे थे—सीटें बॉडी से अलग होने की कोशिश कर रही थीं, और बॉडी सीट से। पूरी बस एक अव्यवस्था की स्थिति में थी। यह व्यंग्य बस की खराब हालत और इसके प्रबंधन की विफलता पर एक गहरी टिप्पणी थी।
7. पेट्रोल टंकी में छेद हो जाने पर ड्राइवर ने उसे ठीक करने के लिए क्या-क्या उपाय किए?
पेट्रोल टंकी में छेद हो जाने के बाद ड्राइवर ने बाल्टी में पेट्रोल निकाला और एक नली के माध्यम से इसे इंजन में डालना शुरू किया। यह प्रक्रिया असामान्य और हास्यास्पद थी। लेखक ने व्यंग्य के रूप में कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे ड्राइवर इंजन को गोद में लेकर नली से पेट्रोल पिला रहा हो। यह घटना बस की असुरक्षित स्थिति और ड्राइवर के प्रबंधन की अजीब तरकीबों को उजागर करती है।
8. लेखक ने यात्रा के दौरान प्रकृति के दृश्य कैसे देखे और उनका अनुभव कैसा था?
यात्रा के दौरान लेखक ने प्रकृति के दृश्य देखे, जिनमें हरे-भरे पेड़ और झीलें शामिल थीं। लेकिन बस की दयनीय स्थिति के कारण लेखक हर पेड़ और झील को खतरे के रूप में देखने लगे। उन्हें डर था कि बस पेड़ों से टकरा जाएगी या झील में गिर जाएगी। प्रकृति की सुंदरता को भी लेखक ने व्यंग्यात्मक रूप में देखा, जिससे यात्रा की हास्यास्पद और तनावपूर्ण स्थिति उभरकर सामने आती है।
9. बस के किसी हिस्से पर लेखक को भरोसा क्यों नहीं था?
लेखक को बस के किसी भी हिस्से पर भरोसा नहीं था क्योंकि यह पूरी तरह से जर्जर थी। सीटें, ब्रेक, स्टीयरिंग—सबकुछ कमजोर और असुरक्षित लग रहे थे। लेखक को हर पल लगता था कि कुछ न कुछ टूट सकता है। बस की अस्थिरता ने लेखक को लगातार डर और चिंता में रखा।
10. ड्राइवर और बस-कंपनी के हिस्सेदार की मानसिकता को लेखक ने कैसे वर्णित किया?
ड्राइवर और बस-कंपनी के हिस्सेदार की मानसिकता को लेखक ने व्यंग्यात्मक रूप से प्रस्तुत किया। हिस्सेदार बस की खराब स्थिति के बावजूद इसे ‘फर्स्ट क्लास’ कहते रहे। ड्राइवर ने भी हर समस्या को हल करने के लिए असामान्य और हास्यास्पद तरीके अपनाए। इनकी मानसिकता ने लेखक को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि ये लोग किसी क्रांतिकारी आंदोलन में शामिल होने लायक हैं।
11. बस रुकने और उसकी दयनीय स्थिति पर लेखक और मित्रों की क्या प्रतिक्रिया थी?
जब बस बार-बार रुकने लगी और उसकी स्थिति दयनीय होती गई, तो पहले लेखक और उनके मित्र परेशान हुए। लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया और स्थिति का मजाक बनाने लगे। वे यह सोचने लगे कि उनकी मंजिल शायद बस के साथ ही खत्म होगी।
12. लेखक ने बस को "वयोवृद्धा" और "थकी हुई वृद्धा" क्यों कहा है?
लेखक ने व्यंग्यात्मक रूप में बस को ‘वयोवृद्धा’ और ‘थकी हुई वृद्धा’ कहा क्योंकि यह बस अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव पर थी। उसकी हर गतिविधि एक वृद्धा के संघर्ष की तरह लग रही थी। यह तुलना बस की दयनीय स्थिति को हास्यास्पद ढंग से दर्शाती है।
13. पुलिया पर पहुँचे ही थे कि एक टायर फिस्स करके बैठ गया। वह घटना कैसी थी?
पुलिया पर पहुँचते ही बस का एक टायर फट गया। बस जोर से हिलने के बाद रुक गई। लेखक को यह समझ आया कि अगर बस तेज रफ्तार में होती, तो नाले में गिर जाती। यह घटना बस की खराब स्थिति और यात्रियों की किस्मत को दर्शाती है।
14. लेखक ने यात्रा के अंत में बस की स्थिति को कैसे स्वीकार किया?
यात्रा के अंत में लेखक और उसके मित्रों ने बस की स्थिति को अपनी किस्मत मान लिया। वे हँसी-मजाक करने लगे और बस को अपना घर समझकर आराम से बैठ गए। उन्होंने हर डर को पीछे छोड़ दिया और बस के साथ अपनी यात्रा की अनिश्चितता को अपना लिया।
15. "बस की यात्रा" शीर्षक इस व्यंग्य रचना के लिए कितना उपयुक्त है?
"बस की यात्रा" शीर्षक पूरी तरह से उपयुक्त है क्योंकि यह न केवल बस यात्रा का वर्णन करता है, बल्कि एक गहरे व्यंग्य के माध्यम से सामाजिक और व्यावहारिक समस्याओं को उजागर करता है। यह बस जीवन की अनिश्चितता और उसके साथ जुड़ी हास्यास्पद घटनाओं का प्रतीक है।
16. बस रुकने और उसकी दयनीय स्थिति पर लेखक और मित्रों की क्या प्रतिक्रिया थी?
जब बस बार-बार रुकने लगी और उसकी दयनीय स्थिति सामने आई, तो शुरुआत में लेखक और उनके मित्र चिंतित हो गए। उन्हें यह लगने लगा कि वे इस बस से अपनी मंजिल तक नहीं पहुँच पाएंगे। लेकिन जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ी, उनकी बेताबी और चिंता धीरे-धीरे समाप्त हो गई। उन्होंने इसे अपनी किस्मत मान लिया और हास्य-विनोद में बदल दिया। वे बस की समस्याओं का मजाक उड़ाने लगे और अपनी स्थिति को लेकर सहज हो गए। अंत में, उन्होंने यह सोच लिया कि यदि उनकी पूरी जिंदगी इस बस में ही गुजारनी पड़े, तो वे इसे स्वीकार कर लेंगे। यह प्रतिक्रिया इस व्यंग्य रचना की हास्य और मानवीय मनोवृत्ति का मुख्य हिस्सा है।
17. इस यात्रा में हास्य के विभिन्न प्रसंग कौन-कौन से हैं?
इस व्यंग्य रचना में हास्य के कई प्रसंग हैं, जो यात्रा की हर समस्या को मनोरंजक बना देते हैं।
लेखक ने बस को ‘वयोवृद्धा’ और ‘पूजनीय’ कहकर व्यंग्यात्मक रूप में उसकी खराब हालत को हास्य का रूप दिया।
इंजन का कंपन और ड्राइवर द्वारा बाल्टी में पेट्रोल भरकर नली से इंजन में डालने की प्रक्रिया को हास्यप्रद तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
सीट और बस की बॉडी के बीच असहयोग को गांधीजी के आंदोलन से जोड़कर लेखक ने गहरी हास्य भावना पैदा की।
लेखक का हर पेड़ और झील को दुश्मन मानना और यह सोचना कि बस उनसे टकरा जाएगी, एक हास्य का दृश्य प्रस्तुत करता है।
टायर के फटने और बस-कंपनी के हिस्सेदार का इसे मामूली घटना बताना भी रचना में हास्य जोड़ता है।
हर प्रसंग बस की दयनीय स्थिति को व्यंग्य और हास्य के माध्यम से दर्शाने का एक अनूठा प्रयास है।
18. लेखक ने बस के रुकने और चलने के बीच की घटनाओं को व्यंग्यात्मक रूप में कैसे प्रस्तुत किया है?
लेखक ने बस के रुकने और चलने के बीच की घटनाओं को गहरे व्यंग्य के साथ प्रस्तुत किया है। जब बस पहली बार रुकी, तो ड्राइवर ने पेट्रोल टंकी के छेद को बाल्टी और नली के सहारे ठीक किया। यह दृश्य हास्यास्पद और असामान्य था, जिसे लेखक ने माँ के बच्चे को दूध पिलाने जैसी तुलना से व्यंग्यात्मक बना दिया।
बस की धीमी चाल और बार-बार रुकने को लेखक ने वृद्धावस्था की समस्याओं के साथ जोड़ा। उन्होंने इसे गांधीजी के असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन से जोड़कर एक सामाजिक और राजनीतिक व्यंग्य भी बनाया। हर रुकावट के बाद, ड्राइवर और हिस्सेदार इसे ‘फर्स्ट क्लास’ बस बताकर स्थिति की गंभीरता को मजाकिया रूप में कम करते रहे। लेखक ने इन घटनाओं के माध्यम से बस की जर्जर स्थिति पर गहरा व्यंग्य करते हुए हास्य का एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया।
19. लेखक ने बस और यात्री जीवन के बीच क्या प्रतीकात्मक संबंध स्थापित किया है?
लेखक ने बस को मानव जीवन का प्रतीक बनाया है, जिसमें हर क्षण अनिश्चितता और समस्याएँ हैं। उन्होंने बस की पुरानी और दयनीय स्थिति को वृद्धावस्था से जोड़ा और यात्रियों की मानसिकता को जीवन की अनिश्चितताओं के प्रति इंसान के व्यवहार का प्रतीक बताया।
जैसे यात्रियों ने शुरुआत में बस की स्थिति को लेकर डर और चिंता व्यक्त की लेकिन बाद में इसे सहज रूप से स्वीकार कर लिया, वैसे ही इंसान जीवन की समस्याओं के साथ संघर्ष करते हुए अंततः उन्हें स्वीकार कर लेता है। बस का बार-बार रुकना, उसकी धीमी गति, और हर हिस्से का अलग-अलग असहयोग जीवन की विभिन्न चुनौतियों और संघर्षों का प्रतीक है। यह व्यंग्य बस के माध्यम से जीवन की अनिश्चितता, संघर्ष, और उसे सहजता से स्वीकार करने की मानवीय प्रवृत्ति को दर्शाता है।
20. "बस की यात्रा" शीर्षक इस व्यंग्य रचना के लिए कितना उपयुक्त है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
"बस की यात्रा" शीर्षक इस व्यंग्य रचना के लिए पूरी तरह उपयुक्त है क्योंकि यह न केवल एक साधारण बस यात्रा का वर्णन करता है, बल्कि इस यात्रा के माध्यम से कई गहरे सामाजिक और जीवन संबंधी पहलुओं को उजागर करता है।
लेखक ने बस की दयनीय स्थिति और यात्रा के दौरान आई कठिनाइयों को हास्य और व्यंग्य के माध्यम से प्रस्तुत किया है। उन्होंने इसे केवल यात्रा तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे जीवन की अनिश्चितता, संघर्ष, और हास्य के प्रतीक के रूप में दर्शाया है। बस की रुकावटें, यात्रियों का डर, और उनका अंत में स्थिति को सहजता से स्वीकार कर लेना यह दर्शाता है कि जीवन भी ऐसी ही एक यात्रा है।
इस शीर्षक का चयन सरल और प्रभावशाली है, जो पूरी रचना के सार को संक्षेप में व्यक्त करता है। यह व्यंग्य बस यात्रा के हर पहलू को मनोरंजक और विचारोत्तेजक बना देता है, जो इसे पाठकों के लिए अधिक रोचक और स्मरणीय बनाता है।
Points to Remember from Class 8 Hindi Vasant Chapter 2: Bus Ki Yatra
The narrator and his friends decide to take an old bus for their evening journey due to time constraints despite warnings about its poor condition.
The bus is described as extremely old and fragile, humorously referred to as
"worthy of worship" due to its antiquity.
Locals discourage travelling by this bus, calling it a "डाकिन" because of its frequent breakdowns and unreliability.
The friends board the bus despite its questionable state, with a doctor friend jokingly comparing it to an experienced elder who would take care of them lovingly.
The bus's engine makes loud noises and vibrations, with the narrator feeling as though the engine is under their seat.
A major issue arises when the petrol tank develops a hole, and the driver uses a bucket and a pipe to feed petrol directly into the engine.
The narrator humorously compares the bus's disjointed structure and functioning to Gandhi’s movements, describing it as a symbol of non-cooperation and civil disobedience.
Natural scenery along the way, including trees and lakes, becomes a source of anxiety as the narrator fears the bus might crash into them.
The bus frequently halts due to mechanical failures, with one instance of a tyre bursting adding to the travellers' woes.
By the end of the journey, the travellers accept the bus's slow pace and challenges, finding humour in the situation and letting go of their earlier frustrations.
Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 2: Bus Ki Yatra
Answering important questions helps in understanding the chapter's theme, humour, and underlying social commentary more effectively.
By reflecting on questions, students can grasp the nuances of the narrative style, such as the use of satire, symbolism, and exaggeration.
Focusing on significant questions ensures students are well-prepared for assessments, as these questions typically align with exam patterns.
Answering these questions encourages critical thinking and analysis of the author’s intent, character motivations, and narrative techniques.
Revisiting important questions reinforces memory, ensuring students remember key events, dialogues, and descriptions from the chapter.
Crafting long answers develops the ability to organise thoughts clearly, use appropriate language, and present arguments effectively, which is beneficial for academic writing.
Conclusion
The story बस की यात्रा humorously portrays the challenges and unpredictability of travelling in an old, fragile bus, filled with comical breakdowns and unexpected events. Through satire, it highlights human adaptability and the ability to find humour even in difficult situations. To help you understand this chapter better and learn the concepts, a FREE PDF of all the important questions has been provided by Vedantu.
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FAQs on Bus Ki Yatra (बस की यात्रा) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Vasant) Chapter 2
1. Why did the narrator and his friends choose to travel on this old bus?
उन्होंने समय की कमी और काम पर लौटने की मजबूरी के कारण इस बस को चुना, हालांकि उन्हें इसकी खराब स्थिति के बारे में चेतावनी दी गई थी।
2. What was the initial reaction of the narrator and his friends on seeing the bus?
बस को देखकर वे हैरान और डर गए क्योंकि यह बहुत पुरानी और जर्जर थी, जिसे उन्होंने मजाक में ‘पूजनीय’ कहा।
3. How did the doctor's friend try to comfort the group?
डॉक्टर मित्र ने बस को ‘अनुभवी’ बताया और इसे एक वृद्धा की तरह भरोसेमंद और देखभाल करने वाली बताया।
4. Why did the locals refer to the bus as a “डाकिन”?
बस को ‘डाकिन’ इसलिए कहा गया क्योंकि वह बार-बार खराब होती थी और यात्री इससे परेशान रहते थे।
5. What was the narrator’s biggest fear during the journey?
उन्हें डर था कि बस किसी पेड़ से टकरा जाएगी, झील में गिर जाएगी, या उसके ब्रेक फेल हो जाएँगे।
6. How did the driver fix the issue with the petrol tank?
ड्राइवर ने पेट्रोल बाल्टी में भरा और नली की मदद से इंजन में पहुँचाया, जो बहुत असामान्य और हास्यास्पद था।
7. How did the passengers react to the frequent breakdowns of the bus?
शुरुआत में वे परेशान हुए, लेकिन बाद में उन्होंने इसे हँसी-मजाक में बदल दिया और स्थिति को स्वीकार कर लिया।
8. How did the narrator describe the bus’s movements during the journey?
उन्होंने इसे गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जोड़ा, जहाँ बस के हिस्से आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे थे।
9. What symbolic meaning does the narrator associate with the bus?
बस को जीवन के संघर्ष और अनिश्चितताओं का प्रतीक माना गया, जहाँ हर समस्या को हास्य के साथ स्वीकार करना पड़ता है।
10. What does the story teach about human behaviour in tough situations?
यह सिखाती है कि इंसान कठिन परिस्थितियों में भी हास्य और सकारात्मकता के जरिए खुद को संभाल सकता है।