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Kya Nirash Hua Jaye (क्या निराश हुआ जाए) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Vasant) Chapter 5

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Hindi (Vasant) Important Questions for Chapter 5 क्या निराश हुआ जाए (हजारी प्रसाद द्विवेदी) Class 8 - PDF Download

Vedantu provides Important Questions for Hindi Vasant Chapter 5, 'क्या निराश हुआ जाए'. This nibandh reflects on the challenges of corruption, dishonesty, and moral decline in society while emphasising that humanity, honesty, and kindness still prevail despite severe circumstances. The author shares personal anecdotes to convey hope and optimism, urging readers not to lose faith in goodness and the enduring values of Indian culture. Download the FREE PDF to access CBSE Class 8 Hindi Vasant Important Questions so that every section of the CBSE Class 8 Hindi Syllabus is completely covered.

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Table of Content
1. Get Class 8 Hindi Chapter 5: Kya Nirash Hua Jaye (क्या निराश हुआ जाए) Important Questions
2. Points to Remember from Class 8 Hindi Vasant Chapter 5: Kya Nirash Hua Jaye
3. Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 5: Kya Nirash Hua Jaye
4. Related Study Materials for Class 8 Hindi Vasant Chapter 5
5. Chapter-wise Important Questions for Hindi (Vasant) Class 8
6. Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi
7. Important Study Material for Hindi Class 8
FAQs

Get Class 8 Hindi Chapter 5: Kya Nirash Hua Jaye (क्या निराश हुआ जाए) Important Questions

1. लेखक का मन क्यों बैठ जाता है? 

लेखक का मन इसलिए बैठ जाता है क्योंकि समाचार-पत्रों में ठगी, डकैती, चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार जैसी घटनाओं की भरमार होती है। ऐसा लगता है कि समाज में ईमानदारी और नैतिकता का पतन हो चुका है। हर व्यक्ति संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है, और ऊँचे पदों पर बैठे व्यक्तियों में दोष ही अधिक दिखाई देते हैं। इस वातावरण ने एक ऐसा माहौल पैदा कर दिया है कि मानो देश में कोई ईमानदार व्यक्ति बचा ही नहीं है। इन परिस्थितियों को देखकर लेखक का मन निराश हो जाता है।


2. बड़े आदमी ने लेखक से क्या कहा था?

एक बड़े आदमी ने लेखक से कहा था कि वर्तमान समय में वही व्यक्ति सुखी है जो कुछ नहीं करता। जो व्यक्ति कुछ भी करता है, उसमें लोग दोष ढूँढ़ने लगते हैं। उसके गुणों को भुला दिया जाता है और दोषों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है। बड़े आदमी ने इस ओर ध्यान दिलाया कि दोष हर किसी में होते हैं, लेकिन आजकल दोषों को ही प्राथमिकता दी जाती है। इस मानसिकता के कारण समाज में अच्छाई की उपेक्षा हो रही है और लोग दोषी अधिक, गुणी कम दिखाई दे रहे हैं।


3. लेखक को किन महान विभूतियों के सपने याद आते हैं?

लेखक को लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, रवींद्रनाथ ठाकुर और मदनमोहन मालवीय जैसी महान विभूतियों के सपने याद आते हैं। इन महान मनीषियों ने एक ऐसे भारत का सपना देखा था जो नैतिकता, सच्चाई, ईमानदारी और मानवता के गुणों से परिपूर्ण हो। उनके सपनों का भारत न केवल भौतिक संपन्नता में, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों में भी महान था। लेखक यह सोचकर चिंतित होता है कि आज का भारत उनके सपनों से बहुत दूर हो गया है। लेकिन फिर भी वह मानता है कि उनके सपनों का भारत पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और एक दिन वही आदर्श भारत फिर से जीवित होगा।


4.भारतवर्ष किसे चरम और परम मानता है?

भारतवर्ष ने हमेशा मनुष्य के भीतर के आंतरिक गुणों को चरम और परम माना है। भारतीय संस्कृति भौतिक वस्तुओं के संग्रह को अधिक महत्व नहीं देती, बल्कि लोभ, मोह, काम, और क्रोध जैसे विचारों पर संयम रखने की बात करती है। इन विचारों को प्रधान शक्ति मानना और उनके अनुसार चलना बुरा आचरण माना गया है। भारतवर्ष ने हमेशा इन्हें संयमित रखने का प्रयास किया है। भारतीय आदर्शों के अनुसार, मनुष्य के भीतर स्थिर सत्य, धर्म, और आचरण ही सर्वोच्च हैं। यह विचार ही भारत की महानता का प्रतीक है।


5. लेखक के अनुसार, ईमानदारी और सच्चाई का क्या महत्व है?

लेखक के अनुसार, ईमानदारी और सच्चाई मानव जीवन के सबसे महत्वपूर्ण मूल्य हैं। हालांकि वर्तमान समय में ईमानदारी को मूर्खता और सच्चाई को बेबसी का प्रतीक समझा जाने लगा है, फिर भी यह मानवता के अस्तित्व की नींव हैं। लेखक के अनुभव में, समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो ईमानदारी और सच्चाई का पालन करते हैं। ईमानदार और सत्यनिष्ठ लोगों के कार्यों से समाज में आशा और विश्वास बना रहता है। लेखक मानता है कि यदि इन मूल्यों को संरक्षित किया जाए तो समाज में नैतिकता और मानवता को पुनर्जीवित किया जा सकता है।


6. लेखक ने कौन-सी घटनाएँ अपने लेख में वर्णित की हैं?

लेखक ने अपने लेख में दो प्रमुख घटनाएँ वर्णित की हैं। पहली घटना में, उन्होंने रेलवे स्टेशन पर टिकट लेते समय गलती से दस के बजाय सौ रुपये का नोट दे दिया। बाद में टिकट बाबू ने उन्हें नब्बे रुपये लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया। दूसरी घटना एक बस यात्रा की है, जब बस रास्ते में खराब हो गई और कंडक्टर ने नई बस लाकर यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया। साथ ही, उसने लेखक के बच्चों के लिए दूध और पानी की व्यवस्था भी की। इन घटनाओं से लेखक को यह विश्वास हुआ कि मानवता और ईमानदारी अभी भी समाज में जीवित हैं।


7. लेखक ने कानून और धर्म के बीच क्या अंतर बताया है?

लेखक ने बताया है कि भारतवर्ष में हमेशा से कानून को धर्म के रूप में देखा गया है। धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, जबकि कानून में त्रुटियों का लाभ उठाया जा सकता है। वर्तमान समय में, कानून और धर्म के बीच अंतर बढ़ गया है। धर्म मनुष्य के अंतःकरण से जुड़ा होता है, जबकि कानून बाहरी नियमों पर आधारित होता है। लेखक का मानना है कि समाज में आज भी धर्म का महत्व कानून से अधिक है, और यही कारण है कि लोग नैतिकता और आध्यात्मिकता के मूल्यों को पूरी तरह से नहीं भूले हैं।


8. लेखक ने समाज की किन अच्छाइयों पर प्रकाश डाला है?

लेखक ने समाज की कई अच्छाइयों पर प्रकाश डाला है, जैसे कि सेवा, ईमानदारी, सच्चाई, और आध्यात्मिकता। उन्होंने कहा कि आज भी समाज में ऐसे लोग हैं जो मानवता का पालन करते हैं, महिलाओं का सम्मान करते हैं, झूठ और चोरी को गलत समझते हैं, और दूसरों को पीड़ा पहुँचाने को पाप मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही अच्छाइयाँ दब गई हों, वे नष्ट नहीं हुई हैं। समाज में अच्छाई के प्रति सम्मान और दोषों की आलोचना इस बात का प्रमाण है कि नैतिकता अब भी लोगों के जीवन का हिस्सा है।


9. लेखक ने भारतीय आदर्शों को किस प्रकार महत्त्वपूर्ण बताया है?

लेखक ने भारतीय आदर्शों को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि भारतवर्ष ने कभी भी भौतिक वस्तुओं के संग्रह को प्राथमिकता नहीं दी। इसके बजाय, भारत ने हमेशा मनुष्य के भीतर के आंतरिक गुणों, जैसे कि सत्य, धर्म, और आचरण को सर्वोपरि माना। लेखक ने यह भी बताया कि लोभ, मोह, और क्रोध जैसे नकारात्मक विचारों पर संयम रखना भारतीय संस्कृति की विशेषता है। इन आदर्शों ने भारत को आध्यात्मिक और नैतिक दृष्टि से महान बनाया है।


10. लेखक ने किस प्रकार आशा व्यक्त की है?

लेखक ने कहा है कि भले ही समाज में भ्रष्टाचार, ठगी, और अनैतिकता बढ़ गई हो, लेकिन मानवता, ईमानदारी, और नैतिकता पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई हैं। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभवों का उल्लेख करते हुए बताया कि आज भी समाज में ईमानदार और दयालु लोग मौजूद हैं। लेखक ने यह भी कहा कि भारतवर्ष की महानता और इसकी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित किया जा सकता है। उन्होंने अपने मन को निराश न होने की प्रेरणा दी और विश्वास जताया कि समाज में अच्छाई की जीत होगी।



11. लेखक के अनुसार, समाचार-पत्रों में किस प्रकार की खबरें छपती हैं और उनका प्रभाव क्या होता है?

लेखक के अनुसार, समाचार-पत्रों में अक्सर ठगी, डकैती, चोरी, तस्करी और भ्रष्टाचार जैसी घटनाएँ प्रमुखता से प्रकाशित होती हैं। ये खबरें समाज में निराशा और अविश्वास का माहौल पैदा करती हैं। इनसे यह आभास होता है कि मानो ईमानदारी और नैतिकता समाप्त हो चुकी है। हर व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से देखा जाने लगता है और समाज में अच्छाई की अपेक्षा दोष अधिक दिखाई देने लगते हैं। इन खबरों का प्रभाव यह होता है कि लोगों का नैतिक मूल्यों पर विश्वास डगमगाने लगता है।


12. लेखक को भारतीय संस्कृति और आदर्शों पर क्यों भरोसा है?

लेखक को भारतीय संस्कृति और आदर्शों पर भरोसा है क्योंकि भारत ने हमेशा से सत्य, धर्म, और आध्यात्मिकता को सर्वोच्च स्थान दिया है। लेखक का मानना है कि भले ही समाज में अनैतिकता और भ्रष्टाचार बढ़ गए हों, लेकिन ईमानदारी, सेवा और आध्यात्मिकता के मूल्य पूरी तरह समाप्त नहीं हुए हैं। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर बताया कि समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो सच्चाई और मानवता का पालन करते हैं। लेखक को विश्वास है कि भारतीय आदर्श और मूल्य किसी भी परिस्थिति में नष्ट नहीं हो सकते।


13. लेखक ने मनुष्य की स्वाभाविक कमजोरियों को कैसे समझाया है?

लेखक ने बताया कि लोभ, मोह, काम, क्रोध जैसे नकारात्मक विचार मनुष्य में स्वाभाविक रूप से विद्यमान होते हैं। लेकिन उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और उनके अनुसार चलना गलत है। भारतीय संस्कृति ने हमेशा इन कमजोरियों पर नियंत्रण रखने और उन्हें संयमित रखने पर जोर दिया है। लेखक के अनुसार, इन कमजोरियों को नियंत्रित करना ही मानवता और नैतिकता का आधार है। यदि इन्हें नियंत्रित न किया जाए तो समाज में अनैतिकता और अराजकता बढ़ जाती है।


14. लेखक ने रेलवे स्टेशन की घटना का वर्णन क्यों किया?

लेखक ने रेलवे स्टेशन की घटना का वर्णन यह दिखाने के लिए किया कि समाज में आज भी ईमानदारी और सच्चाई मौजूद है। इस घटना में, टिकट बाबू ने गलती से अधिक दिए गए नब्बे रुपये लौटाकर ईमानदारी का परिचय दिया। लेखक इस घटना से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें विश्वास हुआ कि भले ही समाज में अनैतिकता बढ़ रही हो, लेकिन मानवता और ईमानदारी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। यह घटना समाज में अच्छाई की ताकत को उजागर करती है।


15. लेखक ने बस यात्रा के दौरान किस अनुभव को साझा किया?

लेखक ने एक बस यात्रा के दौरान का अनुभव साझा किया जब उनकी बस रास्ते में खराब हो गई और सभी यात्री घबरा गए। इस घटना में, बस कंडक्टर ने नई बस लाकर यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुँचाया। कंडक्टर ने बच्चों के लिए दूध और पानी की भी व्यवस्था की। इस घटना ने लेखक को यह विश्वास दिलाया कि मानवता और दया आज भी समाज में जीवित हैं। यह अनुभव बताता है कि कठिन परिस्थितियों में भी लोग सहायता के लिए आगे आते हैं।


16. लेखक के अनुसार, बुराई में रस लेने की प्रवृत्ति क्यों गलत है?

लेखक के अनुसार, बुराई में रस लेने की प्रवृत्ति गलत है क्योंकि इससे समाज में नैतिकता और अच्छाई की उपेक्षा होती है। केवल दोषों को उजागर करना और उसमें आनंद लेना समाज के लिए हानिकारक है। इसके बजाय, अच्छाइयों को भी सामने लाना चाहिए ताकि समाज में सकारात्मकता और नैतिक मूल्यों का प्रचार हो सके। लेखक मानते हैं कि यदि अच्छाई को प्रोत्साहन दिया जाए तो समाज में नैतिकता और मानवता का पुनरुत्थान संभव है।


17. लेखक ने भारतीय कानून और धर्म के बीच किस विभाजन की बात की है?

लेखक ने बताया कि भारतीय समाज में हमेशा कानून को धर्म के रूप में देखा गया है। धर्म को धोखा देना असंभव है, लेकिन कानून में त्रुटियाँ निकालकर उसका गलत उपयोग किया जा सकता है। वर्तमान समय में, धर्म और कानून के बीच विभाजन बढ़ गया है। लेखक का मानना है कि यह विभाजन समाज में नैतिक मूल्यों के ह्रास का कारण बन रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के भीतर अब भी धर्म का महत्व बना हुआ है, और लोग इसे कानून से बड़ा मानते हैं।


18. लेखक ने भूख, बीमारी, और गुमराह व्यक्तियों की उपेक्षा के बारे में क्या कहा?

लेखक ने कहा कि भूख, बीमारी, और गुमराह व्यक्तियों की उपेक्षा नहीं की जा सकती। इन समस्याओं के समाधान के लिए समाज को कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इन समस्याओं के समाधान के लिए कई कायदे-कानून बनाए गए हैं, लेकिन जिन पर इन्हें लागू करने की जिम्मेदारी है, वे अक्सर अपने कर्तव्यों से भटक जाते हैं। यदि इन समस्याओं की अनदेखी की जाती है, तो यह समाज के नैतिक और भौतिक विकास में बाधा उत्पन्न करती है।


19. लेखक के अनुसार, समाज में अच्छाई और बुराई का संतुलन कैसे बनाए रखा जा सकता है?

लेखक के अनुसार, समाज में अच्छाई और बुराई का संतुलन बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि अच्छाइयों को भी उतनी ही प्राथमिकता दी जाए जितनी दोषों को दी जाती है। दोषों का पर्दाफाश करना आवश्यक है, लेकिन अच्छाइयों को उजागर करना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। लेखक मानते हैं कि यदि समाज में अच्छाइयों का प्रचार-प्रसार किया जाए और लोगों को प्रेरित किया जाए तो समाज में नैतिकता और मानवता को बढ़ावा मिल सकता है।


20. लेखक ने निराश न होने का संदेश क्यों दिया है?

लेखक ने निराश न होने का संदेश इसलिए दिया है क्योंकि उन्हें विश्वास है कि समाज में अच्छाई और मानवता पूरी तरह समाप्त नहीं हुई हैं। भले ही वर्तमान समय में भ्रष्टाचार और अनैतिकता बढ़ गई हो, लेकिन सच्चाई, ईमानदारी, और दया जैसे मूल्य अभी भी समाज में मौजूद हैं। उन्होंने व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर यह समझाया कि कठिन परिस्थितियों में भी अच्छाई हमेशा बुराई पर विजय पाती है। लेखक ने लोगों को प्रेरित किया कि वे आशा की ज्योति बनाए रखें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें।


Points to Remember from Class 8 Hindi Vasant Chapter 5: Kya Nirash Hua Jaye

  1. The author feels disheartened by the constant news of corruption, theft, and dishonesty in society.

  2. There is a growing belief that honesty and morality have declined, and people are quick to find faults in others, especially those in high positions.

  3. Despite the negativity, the author believes that humanity, kindness, and honesty still exist and are evident in everyday actions.

  4. Indian culture values inner virtues like honesty, truth, and self-control over material possessions and has always prioritised morality over greed.

  5. The author emphasises that, in India, spiritual values (Dharma) are considered greater than legal systems, and people still respect these values.

  6. The author shares real-life experiences, such as an honest railway ticket clerk and a helpful bus conductor, to highlight the presence of good people in society.

  7. While exposing wrongdoing is important, focusing only on faults and ignoring virtues is harmful to society.

  8. Highlighting positive examples in society is essential to inspire trust and optimism in humanity.

  9. The author urges readers not to lose hope and believes that society can overcome corruption and dishonesty through collective effort and moral strength.

  10. The author is confident that the values envisioned by leaders like Gandhi, Tagore, and Tilak will prevail and guide India toward greatness.


Benefits of Important Questions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 5: Kya Nirash Hua Jaye

  • Important questions help summarise the key ideas of the chapter, making it easier to understand the author's message about morality, honesty, and societal values.

  • They provide a focused way to revise the chapter, ensuring that you cover all essential points without getting overwhelmed by unnecessary details.

  • Answering these questions encourages deeper thinking about the issues of corruption, humanity, and hope in society.

  • By reflecting on the questions, you can relate the chapter's lessons to real-life situations, such as practising honesty and maintaining hope during tough times.

  • Important questions save time by narrowing down the most significant aspects of the chapter, making revision quick and effective.


Conclusion

This nibandh highlights the challenges of dishonesty and corruption in society but reminds us that humanity, honesty, and kindness still exist. It inspires hope, urging us to focus on positive values and work towards a better, more ethical future. To help you understand this chapter better and learn the concepts, a FREE PDF of all the important questions has been provided by Vedantu. 


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Class 8 Kya Nirash Hua Jaye Notes

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Chapter-wise Important Questions for Hindi (Vasant) Class 8

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Class 8 Hindi (Vasant) Chapter-wise Links for Important Questions

1

Chapter 1 Lakh Ki Chudiyan Questions

2

Chapter 2 Bus Ki Yatra Questions

3

Chapter 3 Deewano Ki Hasti Questions

4

Chapter 4 Bhagwan Ke Dakiye Questions

5

Chapter 6 Yeh Sabse Kathin Samay Nahi Questions

6

Chapter 7 Kabir Ki Sakhiyan Questions

7

Chapter 8 Sudama Charit Questions

8

Chapter 9 Jahan Pahiya Hai Questions

9

Chapter 10 Akbari Lota Questions

10

Chapter 11 Surdas Ke Pad Questions

11

Chapter 12 Pani Ki Kahani Questions

12

Chapter 13 Baaz Aur Saap Questions 


Bookwise Important Questions Links for Class 8 Hindi

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CBSE Class 8 Hindi Durva Important Questions

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Important Study Material for Hindi Class 8

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Class 8 Hindi Sample Papers

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Class 8 Hindi Important Questions

FAQs on Kya Nirash Hua Jaye (क्या निराश हुआ जाए) Class 8 Important Questions: CBSE Hindi (Vasant) Chapter 5

1. Why does the author feel society lacks trust in people?  

लेखक को लगता है कि समाज में हर व्यक्ति को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है और ईमानदारी तथा नैतिकता पर से विश्वास कम हो गया है।  

2. How does the author define the true strength of Indian culture?  

लेखक के अनुसार, भारतीय संस्कृति की सच्ची शक्ति सत्य, धर्म, ईमानदारी और आत्मसंयम में निहित है। 

3. What lesson does the author learn from the bus conductor incident?

लेखक ने बस कंडक्टर की ईमानदारी और मदद से सीखा कि कठिन परिस्थितियों में भी मानवता और दया जीवित रहती है।

4. How does the author view laws in India? 

लेखक का मानना है कि भारत में कानून को धर्म की तुलना में कम महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि धर्म को धोखा नहीं दिया जा सकता, लेकिन कानून की त्रुटियों का फायदा उठाया जा सकता है। 

5. What is the author's message about focusing on good versus bad?

लेखक का संदेश है कि समाज में दोषों को उजागर करने के साथ-साथ अच्छाइयों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। 

6. Why does the author share personal anecdotes in the essay? 

लेखक अपने व्यक्तिगत अनुभवों के माध्यम से यह दिखाना चाहते हैं कि समाज में अच्छाई और ईमानदारी अभी भी मौजूद हैं। 

7. How does the author suggest overcoming corruption in society?  

लेखक का सुझाव है कि नैतिकता और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देकर और ईमानदार लोगों को प्रेरित करके भ्रष्टाचार को समाप्त किया जा सकता है। 

8. What role does the author assign to newspapers in creating negativity?

लेखक के अनुसार, समाचार-पत्रों में केवल भ्रष्टाचार और ठगी की खबरें प्रमुखता से छपने से समाज में निराशा और अविश्वास फैलता है।

9. What does the author believe about the dreams of great Indian leaders?

लेखक मानते हैं कि तिलक, गांधी, और रवींद्रनाथ ठाकुर जैसे महान नेताओं के सपनों का भारत पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। 

10. What does the author mean by “faith in humanity”? 

लेखक का मतलब है कि मनुष्यता में विश्वास रखना जरूरी है क्योंकि समाज में अच्छाई और दया अभी भी जीवित हैं।