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Mere Bachpan Ke Din (मेरे बचपन के दिन) Class 9 Important Questions: CBSE Hindi (Kshitij) Chapter 1

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Hindi (Kshitij) Important Questions for Chapter 06 मेरे बचपन के दिन (सूर्यकांत त्रिपाठी निराला) Class 9 - FREE PDF Download

Vedantu provides Hindi Kshitij Important Questions for Chapter 6, "Mere Bachpan Ke Din." The chapter "Mere Bachpan Ke Din" by Suryakant Tripathi Nirala reflects a deep nostalgia and longing for the simplicity and innocence of childhood. The author reminisces about the carefree days of youth, where life was full of joy, love, and the warmth of family, particularly the mother’s presence. Through his evocative words, he paints a picture of the purity and unburdened nature of childhood, contrasting it with the complexities of adulthood. Students learn the value of cherishing memories, appreciating family bonds, and the emotional connection that shapes one’s personality. Download the FREE PDF to access CBSE Class 9 Hindi Kshitij Important Questions and ensure thorough understanding of every aspect of the CBSE Class 9 Hindi Syllabus.

Access Class 9 Hindi Chapter 6: Mere Bachpan Ke Din (मेरे बचपन के दिन) Important Questions

Short Answer Questions

1. प्रश्न: "मुझे अपना बचपन बहुत प्यारा लगता है" - इस वाक्य का क्या अर्थ है?

उत्तर: इस वाक्य में लेखक अपने बचपन के दिनों को बहुत ही प्यारा और यादगार मानते हैं। वह बचपन के सरल और आनंदपूर्ण जीवन को पसंद करते हैं, जिसमें कोई चिंता और तनाव नहीं था। वह अपने बचपन को शांति, खुशी, और निर्बाधता का समय मानते हैं।


2. प्रश्न: बचपन में लेखक को किस चीज़ का विशेष आनंद था?

उत्तर: लेखक को बचपन में खेलने, मस्ती करने और बिना किसी चिंता के जीने का विशेष आनंद था। वह कहते हैं कि बचपन में वे बिना किसी जिम्मेदारी के अपने दिन बिताते थे। वे अपनी माँ से प्यार करते हुए छोटी-छोटी बातों में खुश रहते थे और घर के आंगन में दौड़ते रहते थे।


3. प्रश्न: "माँ के पास हमेशा मेरे लिए एक कहानी होती थी" - इस वाक्य का क्या महत्व है?

उत्तर: इस वाक्य का महत्व यह है कि लेखक को अपनी माँ की गोदी में बैठकर सुनी हुई कहानियाँ बहुत याद आती हैं। इन कहानियों में बच्चों को जीवन की महत्वपूर्ण बातें, नैतिक शिक्षा और पारिवारिक रिश्तों का एहसास होता था। यह वाक्य माँ की ममता और बच्चों के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है।


4. प्रश्न: लेखक के लिए बचपन के वे दिन कैसे थे?

उत्तर: लेखक के लिए बचपन के दिन बहुत ही सरल, सुखमय और नीरव थे। उस समय उन्हें किसी प्रकार की चिंता नहीं थी। उनका समय खेलने, घर के आंगन में दौड़ने और माँ से कहानियाँ सुनने में बीतता था। वे इन पलों को बेहद आनंददायक मानते हैं और आज भी उन्हें याद करते हैं।


5. प्रश्न: "किसी ने कहा था कि बचपन का कोई समय लौटकर नहीं आता" - इस विचार पर आपका क्या मत है?

उत्तर: यह विचार सत्य है, क्योंकि बचपन एक ऐसा काल है जो कभी लौटकर नहीं आता। बचपन में हम जो भी अनुभव प्राप्त करते हैं, वे अनमोल होते हैं। समय के साथ हम बड़े होते हैं, और बचपन की मासूमियत और सरलता हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। इसलिए हमें अपने बचपन के हर पल का आनंद लेना चाहिए।


6. प्रश्न: लेखक को अपने बचपन के दिन किस कारण से याद आते हैं?

उत्तर: लेखक को अपने बचपन के दिन इसलिए याद आते हैं क्योंकि वह समय न केवल खुशी और आनंद से भरा हुआ था, बल्कि उसमें बचपन की मासूमियत, सरलता, और आत्मीयता भी थी। वे अपने परिवार, खासकर अपनी माँ से मिली हुई प्यार और देखभाल को याद करते हैं। वे उस समय को एक आदर्श जीवन मानते हैं और उन पलो को कभी नहीं भूल सकते।


7. प्रश्न: "मुझे याद आता है" के माध्यम से लेखक किसे याद कर रहे हैं?

उत्तर: "मुझे याद आता है" के माध्यम से लेखक अपने बचपन के प्यारे पल, अपनी माँ का स्नेह, और उन खुशियों को याद कर रहे हैं जो बचपन में बिना किसी चिंता के जीने में थी। वे अपनी मासूमियत और carefree जीवन को याद करते हुए उन दिनों के अनमोल समय को महत्व देते हैं।


Long Answer Questions:

1. प्रश्न: लेखक के अनुसार बचपन के दिन किस प्रकार के थे?

उत्तर: लेखक के अनुसार, बचपन के दिन बहुत ही सरल, खुशी से भरे और निरंतर मस्ती से भरे हुए थे। उनका जीवन बिना किसी जिम्मेदारी के था, जिसमें वे सिर्फ खेलते-कूदते और मस्ती करते थे। वे अपने बचपन के दिनों में बहुत खुश थे, क्योंकि उस समय उन्हें कोई चिंता नहीं थी। उन्हें घर के आंगन में दौड़ना और खेलना बहुत अच्छा लगता था। वे अपनी माँ से सजीव कहानियाँ सुनते थे और उन कहानियों में उन्हें जीवन के सरल और प्यारे अनुभव मिलते थे। बचपन का यह समय आनंददायक था क्योंकि न तो तब किसी प्रकार की जिम्मेदारी थी और न ही किसी प्रकार का तनाव। इसलिए लेखक के लिए बचपन के दिन अविस्मरणीय हैं। वह इस समय को जीवन के सबसे सुंदर और निराकार दिनों के रूप में देखते हैं।


2. प्रश्न: बचपन की यादें लेखक के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?

उत्तर: बचपन की यादें लेखक के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यह समय उनकी जिंदगी का सबसे सरल और निस्वार्थ काल था। जब हम बड़े होते हैं, तो हमें जीवन की जटिलताएँ और जिम्मेदारियाँ आनी लगती हैं, लेकिन बचपन में इन चीजों से दूर होते हुए सिर्फ आनंद और मस्ती का अनुभव किया जाता है। लेखक के लिए बचपन के दिन एक ऐसी दुनिया की तरह थे जहाँ उन्हें किसी प्रकार की चिंता या तनाव नहीं था। वे अपनी माँ की गोदी में बैठकर सुखद कहानियाँ सुनते थे और उनका मन मस्ती में रमता था। यह समय एक निर्दोष, सरल, और प्यारी दुनिया का था, जो कभी भी लौट कर नहीं आता। इसलिए लेखक अपने बचपन की यादों को सहेज कर रखना चाहते हैं क्योंकि वह समय जीवन का सबसे क़ीमती हिस्सा था।


3. प्रश्न: "माँ के पास हमेशा मेरे लिए एक कहानी होती थी" - इस वाक्य का विश्लेषण करें।

उत्तर: इस वाक्य के माध्यम से लेखक ने माँ के साथ अपने बचपन के खास रिश्ते को व्यक्त किया है। लेखक की माँ उनके लिए हमेशा एक कहानी लेकर आती थीं, जो उन्हें जीवन की महत्वपूर्ण बातें सिखाती थी। यह कहानी सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं होती थी, बल्कि इसमें नैतिक शिक्षा और जीवन के मूल्यों का समावेश होता था। माँ के पास हमेशा समय था, और उनकी कहानियाँ बच्चे के मन को सुकून और शांति देती थीं। यह वाक्य माँ के असीम प्यार, ममता और देखभाल को प्रकट करता है। बच्चों के जीवन में माँ का प्रेम और मार्गदर्शन बहुत महत्वपूर्ण होता है, और यह वाक्य इस बात का प्रतीक है कि माँ अपने बच्चों के लिए हमेशा उपलब्ध रहती हैं। लेखक को यह यादें बहुत प्रिय हैं, क्योंकि ये कहानियाँ उनके जीवन में एक स्थायी प्रभाव छोड़ गईं।


4. प्रश्न: "बचपन का कोई समय लौटकर नहीं आता" - इस विचार पर विस्तार से चर्चा करें।

उत्तर: यह विचार बहुत गहरा और सत्य है, क्योंकि बचपन एक ऐसा समय है, जो एक बार गुजर जाने के बाद कभी वापस नहीं आता। बचपन की मासूमियत, बिना किसी चिंता के जीने की स्वतंत्रता, और खेल-कूद के पल जीवन में फिर कभी नहीं मिलते। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं, जिम्मेदारियाँ और जीवन की जटिलताएँ हमें घेर लेती हैं। बचपन के दिनों में हम जो सरलता और खुशियाँ महसूस करते हैं, वे जीवन के अगले चरण में शायद ही कभी मिल पाती हैं। यह विचार हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपने बचपन के दिनों को सहेजकर रखना चाहिए और इस समय को पूरी तरह से जीना चाहिए, क्योंकि यह कभी वापस नहीं आएगा। इस समय में बिताए गए पल हमारे जीवन का सबसे मूल्यवान हिस्सा होते हैं, जो हमें हमारे बड़े होने के बाद भी याद रहते हैं।


5. प्रश्न: लेखक के अनुसार बचपन की विशेषताएँ क्या हैं?

उत्तर: लेखक के अनुसार बचपन की विशेषताएँ बहुत ही आकर्षक और प्यारी होती हैं। सबसे पहली विशेषता यह है कि बचपन में हम अपनी हर छोटी चीज़ से खुश हो जाते हैं। उस समय हमें किसी प्रकार की चिंता या तनाव नहीं होता और न ही जीवन की जटिलताएँ हमारे सामने होती हैं। हम केवल खेल-कूद, मस्ती और माँ से कहानियाँ सुनने में व्यस्त रहते हैं। दूसरा, बचपन में हमारे मन में कोई अहंकार या झूठ नहीं होता, हम बहुत सरल और सच्चे होते हैं। तीसरी विशेषता यह है कि बचपन में हम अपने परिवार और खासकर अपनी माँ से बेहद प्यार करते हैं। माँ का स्नेह और मार्गदर्शन हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेखक के अनुसार, बचपन का जीवन सरल, शुद्ध, और आनंदपूर्ण होता है, जो जीवन भर याद रहता है। यह समय किसी भी अन्य समय से कहीं अधिक प्यारा और अमूल्य होता है।


Value - Based Questions:

1. प्रश्न: बचपन में खेलकूद और कहानियों के माध्यम से जीवन के मूल्यों की समझ प्राप्त होती है। आप अपने जीवन में इन मूल्यों को कैसे लागू करेंगे?

उत्तर: बचपन में खेलकूद और कहानियाँ हमें ईमानदारी, मेहनत, मित्रता और परिवार के प्रति प्रेम जैसे महत्वपूर्ण मूल्यों से परिचित कराती हैं। इन मूल्यों को हम अपने जीवन में लागू कर सकते हैं, जैसे सच्चाई और ईमानदारी से काम करना, मेहनत और परिश्रम से लक्ष्य प्राप्त करना, और परिवार एवं दोस्तों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना।


2. प्रश्न: लेखक अपने बचपन को याद करते हुए अपनी माँ के महत्व को महसूस करते हैं। आपकी राय में, परिवार और माँ का हमारे जीवन में क्या स्थान होना चाहिए?

उत्तर: माँ और परिवार का हमारे जीवन में अत्यधिक महत्व है। माँ हमें सच्चाई, प्रेम, और मार्गदर्शन देती हैं, जो जीवन के कठिन समय में हमारे काम आते हैं। परिवार हमें सुरक्षा, सहारा और समझ प्रदान करता है। हमें अपने परिवार का आदर करना चाहिए और उनके द्वारा दिए गए संस्कारों का पालन करना चाहिए।


Points to Remember from Class 9 Hindi Kshitij Chapter 6: Mere Bachpan Ke Din

  1. The chapter is written by Agyeya (Suryakant Tripathi Nirala), a writer known for exploring human emotions and experiences.

  2. The story is set in the author’s childhood, where he recalls the innocence and simplicity of those times.

  3. The chapter emphasizes the importance of family, particularly the role of the mother in shaping a child's early experiences.

  4. The author contrasts the freedom of childhood with the responsibilities and complexities of adulthood.

  5. Childhood memories are depicted as precious and irreplaceable, reminding the author of a simpler, carefree time.

  6. The narrative focuses on the strong moral and emotional bonds within the family, especially the mother-child relationship.

  7. Childhood is shown as a period of joyful simplicity where life is free from worry and stress.

  8. The author suggests that childhood memories provide comfort and wisdom even in adulthood, teaching valuable life lessons.


Benefits of Important Questions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 6: Mere Bachpan Ke din

  • Important Questions provide a clear summary, helping students recall the main points and key ideas without re-reading the whole chapter.

  • They highlight important themes, questions, and ideas, making exam prep faster and more effective.

  • Simplified Important Questions make it easier for students to remember essential details and understand the core message of the chapter.

  • Important Questions offer guidance on framing answers, especially for important questions likely to appear in exams.

  • With concise Important Questions, students can revise quickly, ensuring that they cover all syllabus topics in less time.


Conclusion

"मेरे बचपन के दिन" is a nostalgic reflection on the author’s childhood, capturing the innocence and simplicity of those early years. The author recalls a time when life was free from responsibilities, filled with play, joy, and the warmth of family, particularly the love and guidance of his mother. The chapter highlights the importance of the emotional bond between the author and his mother, who enriched his childhood with stories that taught moral values and life lessons. 


The author contrasts the carefree nature of childhood with the complexities of adulthood, emphasizing that childhood is a precious time that cannot be recaptured once lost. The memories of this period remain deeply cherished, providing comfort and wisdom throughout life. Ultimately, the chapter conveys the idea that childhood, with its simplicity and emotional connections, holds invaluable lessons that shape one’s character and continue to influence a person’s journey in life.


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FAQs on Mere Bachpan Ke Din (मेरे बचपन के दिन) Class 9 Important Questions: CBSE Hindi (Kshitij) Chapter 1

1. Who is the author of "Mere Bachpan Ke Din"?

The author of "Mere Bachpan Ke Din" is Suryakant Tripathi Nirala, also known as Agyeya.

2. What is the main theme of the chapter 6 Hindi - Kshitij Class 9?

The main theme of the chapter revolves around childhood innocence, family bonds, and the nostalgia of simpler times.

3. How does the author describe his childhood in the story “Mere Bachpan Ke Din”?

The author describes his childhood as a time of innocence, simplicity, and carefree joy, filled with love, play, and the warmth of family.

4. What role does the mother play in the author's childhood in the Class 9 Chapter 6 “Mere Bachpan Ke Din”?

The mother plays a central role in the author’s childhood, providing love, care, and moral lessons through stories that helped shape his character.

5. What is the significance of childhood memories in chapter 6 Hindi - Kshitij Class 9?

Childhood memories are portrayed as precious and irreplaceable, offering a sense of comfort and wisdom as the author reflects on them in adulthood.

6. How does the author contrast childhood with adulthood in the Class 9 Hindi story “Mere Bachpan Ke Din” ?

The author contrasts the freedom and simplicity of childhood with the complexity and responsibilities of adulthood, highlighting the carefree nature of youth.

7. Why does the author cherish his childhood memories in the story “Mere Bachpan Ke Din”?

The author cherishes his childhood memories because they represent a simpler, happier time in life, free from worries and filled with family love.

8. What moral lessons did the author learn from his childhood in the story “Mere Bachpan Ke Din”?

The author learned important moral values, such as the importance of love, honesty, and relationships, particularly through the stories told by his mother.

9. What message does the chapter convey about childhood in the story “Mere Bachpan Ke Din”?

The chapter conveys that childhood is valuable and precious, and it should be cherished because it is a time of pure joy and simplicity that cannot be re-lived once it passes.

10. How does the importance of family reflect in the Class 9 Hindi story “Mere Bachpan Ke Din”?

The chapter highlights the strong emotional bond between the author and his family, especially the mother, showing that family plays a vital role in shaping one’s character and providing guidance.