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Gol (गोल) Class 6 NCERT Solutions : CBSE Hindi (Malhar) Chapter 2

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NCERT Solutions for Hindi Class 6 Chapter 2 - FREE PDF Download

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 गोल provides an in-depth understanding of this thought-provoking lesson. The chapter revolves around persistence and the value of not giving up. Through simple language and relatable examples, it inspires young minds to overcome challenges with determination. These solutions offer detailed answers to all textbook questions, helping students enhance their comprehension skills and perform better in exams.

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Our solutions for Class 6 Hindi (Malhar) NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 6 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 6 Chapter 2.

Access Class 11 Chemistry Chapter 2 Ghol NCERT Solutions

पाठ से

मेरी समझ से

(क) नीचे दिए गए प्रश्नों का सटीक उत्तर कौन-सा है? उसके सामने तारा (★) बनाइए-

प्रश्न 1.
“दोस्त, खेल में इतना गुस्सा अच्छा नहीं। मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है। अगर तुम मुझे हॉकी नहीं मारते तो शायद मैं तुम्हें दो ही गोल से हराता।” मेजर ध्यानचंद की इस बात से उनके बारे में क्या पता चलता है?
• वे अत्यंत क्रोधी थे।
• वे अच्छे ढंग से बदला लेते थे।
• उन्हें हॉकी से मारने पर वे अधिक गोल करते थे।
• वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।


उत्तर:
• वे जानते थे कि खेल को सही भावना से खेलना चाहिए।


प्रश्न 2.
लोगों ने मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहना क्यों शुरू कर दिया?
• उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण
• उनकी हॉकी स्टिक की अनोखी विशेषताओं के कारण
• हॉकी के लिए उनके विशेष लगाव के कारण
• उनकी खेल भावना के कारण


उत्तर:
• उनके हॉकी खेलने के विशेष कौशल के कारण


(ख) अब अपने मित्रों के साथ चर्चा कीजिए कि आपने ये उत्तर ही क्यों चुने?
उत्तर:
विद्यार्थी के स्वयं करने के लिए।


मिलकर करें मिलान

पाठ में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं। अपने समूह में इन पर चर्चा कीजिए और इन्हें इनके सही अर्थों या संदर्भों से मिलाइए। इसके लिए आप शब्दकोश, इंटरनेट या अपने शिक्षकों की सहायता ले सकते हैं।


शब्द


उत्तर-
1. → 2
2. → 4
3. → 5
4. → 6
5. → 1
6. → 3


पंक्तियों पर चर्चा

पाठ में से चुनकर कुछ पंक्तियाँ नीचे दी गई हैं। इन्हें ध्यान से पढ़िए और इन पर विचार कीजिए । आपको इनका क्या अर्थ समझ में आया? अपने विचार कक्षा में अपने समूह में साझा कीजिए और अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए।


(क) “बुरा काम करने वाला आदमी हर समय इस बात से डरता रहता है कि उसके साथ भी बुराई की जाएगी।”
उत्तर:
यदि कोई व्यक्ति किसी को बुरा-भला कहता है, गलत व्यवहार करता है या किसी भी प्रकार की चोट पहुँचाता है तो उसे अपने अंतर्मन से ग्लानि का अहसास होता है। उसे ऐसा लगता है कि उसके साथ भी कभी भी कुछ बुरा घटित हो सकता है या जिसका बुरा उसने किया है, वह भी किसी-न-किसी रूप में उससे बदला अवश्य लेगा। जैसे – ध्यानचंद जब ‘पंजाब रेजिमेंट’ की ओर से ‘सैं पर्स एंड माइनर्स’ टीम के साथ खेल रहे थे तो उनसे मुकाबला न कर पाने पर एक खिलाड़ी ने उनके सिर पर स्टिक दे मारी। लेकिन थोड़ी देर के बाद जब मेजर ध्यानचंद सिर पर पट्टी बाँधकर फिर से खेलने आ गए तो वह मन-ही-मन डरने लगा।


(ख) “मेरी तो हमेशा यह कोशिश रहती कि मैं गेंद को गोल के पास ले जाकर अपने किसी साथी खिलाड़ी को दे दूँ ताकि उसे गोल करने का श्रेय मिल जाए। अपनी इसी खेल भावना के कारण मैंने दुनिया के खेल प्रेमियों का दिल जीत लिया।”
उत्तर:
इन पंक्तियों में ध्यानचंद के व्यक्तित्व की यह भावना उजागर होती है कि वे अपनी टीम में अपने साथियों का भी पूरा सम्मान करते थे। टीम की जीत का श्रेय केवल स्वयं न लेकर पूरी टीम को दिलाना चाहते थे। इसी कारण गोल के पास ले जाकर गेंद अपने किसी साथी खिलाड़ी को दे देते थे ताकि वह भी गोल कर सके। उनकी इसी खेल भावना के कारण लोग उन्हें पसंद करते थे। ध्यानचंद ने अपने शब्दों में भी कहा है कि खेलते समय में इस बात का ध्यान रखता हूँ कि हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।


सोच-विचार के लिए

संस्मरण को एक बार फिर से पढ़िए और निम्नलिखित के बारे में पता लगाकर अपनी लेखन पुस्तिका में लिखिए-

(क) ध्यानचंद की सफलता का क्या रहस्य था?
उत्तर:
ध्यानचंद की सफलता का रहस्य था उनकी खेल के प्रति सच्ची लगन, साधना और खेल भावना। उन्होंने जब हॉकी खेलना शुरू किया तो वे बिल्कुल नौसिखिए थे। धीरे-धीरे अभ्यास से उनके खेल में निखार आता गया और उनको तरक्की भी मिलती गई। हॉकी सीखने के लिए कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी वे निरंतर प्रयासरत रहे। 1936 में वे बर्लिन ओलंपिक टीम के कप्तान बने और अपने हॉकी खेलने के ढंग से लोगों को इतना प्रभावित किया कि ‘हॉकी के जादूगर’ कहलाए।


(ख) किन बातों से ऐसा लगता है कि ध्यानचंद स्वयं से पहले दूसरों को रखते थे?
उत्तर:
यह कथन सत्य है कि ध्यानचंद स्वयं से पहले दूसरों को रखते थे। वे गेंद को अपने साथियों के पास ले जाते थे ताकि वे गोल कर सकें। जीत का श्रेय केवल स्वयं न लेकर टीम को देना चाहते थे। दूसरी ओर इस बात का भी सदा ध्यान रखते थे कि हार या जीत उनकी नहीं पूरे देश की हो। जो यह दर्शाता है कि वे सच्चे देशप्रेमी थे।


संस्मरण की रचना

“उन दिनों में मैं, पंजाब रेजिमेंट की ओर से खेला करता था । ”
इस वाक्य को पढ़कर ऐसा लगता है मानो लेखक आपसे यानी पाठक से अपनी यादों को साझा कर रहा है। ध्यान देंगे तो इस पाठ में ऐसी और भी अनेक विशेष बातें आपको दिखाई देंगी। इस पाठ को एक बार फिर से पढ़िए ।


(क) अपने-अपने समूह में मिलकर इस संस्मरण की विशेषताओं की सूची बनाइए।
उत्तर:
विद्यार्थी के स्वयं करने योग्य ।


(ख) अपने समूह की सूची को कक्षा में सबके साथ साझा कीजिए।
उत्तर:
विद्यार्थी के स्वयं करने योग्य।


शब्दों के जोड़े, विभिन्न प्रकार के

(क) “जैसे-जैसे मेरे खेल में निखार आता गया, वैसे-वैसे मुझे तरक्की भी मिलती गई।”
इस वाक्य में ‘जैसे-जैसे’ और ‘वैसे-वैसे’ शब्दों के जोड़े हैं जिनमें एक ही शब्द दो बार उपयोग में लाया गया है। ऐसे जोड़ों को ‘शब्द-युग्म’ कहते हैं। शब्द-युग्म में दो शब्दों के बीच में छोटी-सी रेखा लगाई जाती है जिसे योजक चिह्न कहते हैं। योजक यानी जोड़ने वाला। आप भी ऐसे पाँच शब्द-युग्म लिखिए।
उत्तर:
(क) रख-रखाव
(ख) साज-सज्जा
(ग) खान-पान
(ङ) टेढ़ी-मेढ़ी
(घ) चाल-चलन


(ख) “खेल के मैदान में धक्का-मुक्की और नोंक-झोंक की घटनाएँ होती रहती हैं।”
इस वाक्य में भी आपको दो शब्द-युग्म दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इन शब्द-युग्मों के दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हैं, एक जैसे नहीं हैं। आप भी ऐसे पाँच शब्द-युग्म लिखिए जिनमें दोनों शब्द भिन्न-भिन्न हों।
उत्तर:
(क) ज्यों-ज्यों नदी का जल बढ़ता गया, त्यों-त्यों लोग गाँव छोड़कर जाते रहे।
(ख) जब-जब देश पर विपदा आती है, तब-तब सरकार सहायता अवश्य करती है।
(ग) बूँद-बूँद टपकनें से भी सारा कमरा पानी-पानी हो गया।
(घ) राम-राम रटते रटते वह ईश्वर का भक्त बन गया।
(ङ) धीरे-धीरे साफ़-सफ़ाई करके माँ ने घर का कोना-कोना चमका डाला।


(ग) “हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।”
“आज मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं।”
उत्तर:
“हार या जीत मेरी नहीं, बल्कि पूरे देश की है।”
“आज मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं।”


इन वाक्यों में जिन शब्दों के नीचे रेखा खिंची है, उन्हें ध्यान से पढ़िए। हम इन शब्दों को योजक की सहायता से भी लिख सकते हैं, जैसे- हार-जीत, बच्चे-बूढ़े आदि ।
आप नीचे दिए गए शब्दों को योजक की सहायता से लिखिए—

• अच्छा या बुरा
उत्तर:
अच्छा या बुरा – अच्छा-बुरा


• छोटा या बड़ा
उत्तर:
छोटा या बड़ा – छोटा-बड़ा


• अमीर और गरीब
उत्तर:
अमीर और गरीब – अमीर-गरीब


• उत्तर और दक्षिण
उत्तर:
उत्तर और दक्षिण – उत्तर – दक्षिण


• गुरु और शिष्य
उत्तर:
गुरु और शिष्य – गुरु-शिष्य


• अमृत या विष
उत्तर:
अमृत या विष – अमृत-विष


बात पर बल देना

“मैंने तो अपना बदला ले ही लिया है। ”
“मैंने तो अपना बदला ले लिया है। ”


इन दोनों वाक्यों में क्या अंतर है? ध्यान दीजिए और बताइए। सही पहचाना ! दूसरे वाक्य में एक शब्द कम है। उस एक शब्द के न होने से वाक्य के अर्थ में भी थोड़ा अंतर आ गया है।


हम अपनी बात पर बल देने के लिए कुछ विशेष शब्दों का प्रयोग करते हैं जैसे— ‘ही’, ‘भी’, ‘तो’ आदि। पाठ में से इन शब्दों वाले वाक्यों को चुनकर लिखिए। ध्यान दीजिए कि यदि उन वाक्यों में ये शब्द न होते तो उनके अर्थ पर इसका क्या प्रभाव पड़ता।
उत्तर:
बात पर बल देने वाले शब्द ‘निपात’ कहलाते हैं।
(क) मेरे इतना कहते ही खिलाड़ी घबरा गया।
(ख) अब हर समय मुझे ही देखते रहना ।
(ग) अगर तुम मुझे हॉकी नहीं मारते तो शायद मैं तुम्हें दो ही गोल से हराता ।
(घ) तो देखा आपने मेरा बदला लेने का ढंग ।
(ङ) उसके साथ भी बुराई की जाएगी।
(च) मैं जहाँ भी जाता हूँ बच्चे व बूढ़े मुझे घेर लेते हैं।
(छ) लगन, साधना और खेल भावना ही सफलता का सबसे बड़ा मूलमंत्र है।
यदि वाक्यों में ‘ही’ ‘भी’ ‘तो’ आदि शब्दों का प्रयोग न किया जाए तो ये सामान्य वाक्य का रूप ले लेते हैं और ये शब्द वाक्य को प्रभावी बनाते हैं।


पाठ से आगे

आपकी बात

(क) ध्यानचंद के स्थान पर आप होते तो क्या आप बदला लेते? यदि हाँ, तो बताइए कि आप बदला किस प्रकार लेते?
उत्तर:
यदि मैं ध्यानचंद के स्थान पर होता तो मुझे अपने प्रतिद्वंदी पर क्रोध तो आता और पलटकर बदला लेने की इच्छा भी होती। एक खिलाड़ी होने के नाते स्वयं पर संयम रखता क्योंकि हार-जीत होना खेल का नियम होता है।


मारपीट या ईर्ष्या करने वाला खिलाड़ी कभी सच्चा खिलाड़ी नहीं हो सकता, यह सोचकर चुप रहता ।


(ख) आपको कौन-से खेल और कौन-से खिलाड़ी सबसे अधिक अच्छे लगते हैं? क्यों?
उत्तर:
मुझे क्रिकेट खेल सबसे अधिक अच्छा लगता है और मेरे पसंदीदा खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी हैं। धोनी की खेल शैली और उनकी नेतृत्व क्षमता मुझे बहुत प्रेरित करती है। वे हमेशा धैर्य और समझदारी से खेलते हैं, और उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जीते हैं, जैसे कि 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप। उनके शांत स्वभाव और तेजी से निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें एक महान खिलाड़ी और कप्तान बना दिया है। उनके खेल और व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखने को मिलता है, जैसे कि कठिन परिस्थितियों में भी शांत रहना और टीम वर्क का महत्व। यही कारण है कि महेंद्र सिंह धोनी और क्रिकेट मेरा सबसे पसंदीदा खेल और खिलाड़ी हैं।


Learnings of NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2  Gol

  1. Chapter 2 teaches the importance of perseverance and self-confidence. It highlights how challenges can be overcome with focus and effort. 

  2. The story encourages students to think creatively, stay positive, and find solutions to their problems rather than giving up.

  3. It also emphasizes the role of hard work in achieving goals and the significance of maintaining a never-quit attitude in life.


Important Study Material Links for Hindi Class 6 Chapter 2

S.No. 

Important Study Material Links for Chapter 2

1.

Class 6  Gol Important Questions

2.

Class 6  Gol Notes



Conclusion

NCERT Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 गोल simplifies the lesson's core message and makes it accessible for students. These solutions not only help in answering textbook questions effectively but also inspire young readers to develop a resilient mindset. With these Vedantu resources, students can gain confidence in their learning abilities while imbibing essential life skills.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 6 Hindi - (Malhar)

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FAQs on Gol (गोल) Class 6 NCERT Solutions : CBSE Hindi (Malhar) Chapter 2

1. What is the main focus of Chapter 2, "Gol," in Class 6 Hindi? 

The main focus of Chapter 2, "Gol," is to explore the concept of round objects and their significance in daily life. The chapter also introduces students to a famous personality associated with a unique kind of 'round' object, offering insights into their lives and achievements.

2. How do NCERT Solutions for Chapter 2 Gol from Hindi Class 6 help students? 

The NCERT Solutions for Chapter 2 provide detailed explanations and answers to the exercises in the textbook. These solutions help students understand the chapter's key concepts, improve their comprehension skills, and prepare effectively for exams.

3. Are the NCERT Solutions for Chapter 2, "Gol," available in a downloadable PDF format? 

Yes, the NCERT Solutions for Chapter 2, "Gol," are available in a downloadable PDF format, making it convenient for students to study and revise the chapter anytime, anywhere.

4. Why should students refer to NCERT Solutions for the Class 6 Hindi Chapter 2 Gol?

Students should refer to NCERT Solutions for this chapter to ensure they have accurate and well-explained answers to all the textbook questions. These solutions are essential for clarifying doubts, reinforcing learning, and performing well in exams.

5. Do the NCERT Solutions for Chapter 2 include explanations of difficult words and phrases? 

Yes, the NCERT Solutions for Chapter 2 include explanations of difficult words and phrases to help students better understand the text and its meaning, enhancing their overall grasp of the chapter.

6. How can the NCERT Solutions for Chapter 2, "Gol," help in improving writing skills? 

The NCERT Solutions for Chapter 2 provide structured answers and explanations, which can serve as a guide for students to improve their writing skills. By studying these solutions, students learn how to construct well-organised and coherent responses.

7. Are there any additional exercises or activities provided in the NCERT Solutions for Chapter 2 Gol from Class 6 Hindi?

Yes, the NCERT Solutions for Chapter 2 often include additional exercises or activities that help reinforce the concepts learned in the chapter. These activities are designed to enhance students' understanding and retention of the material.

8. Can NCERT Solutions for Chapter 2 of Class 6 Hindi be used for revision before exams? 

Yes. The NCERT Solutions for Chapter 2 is an excellent resource for revision before exams. They provide a comprehensive review of all the important points in the chapter, ensuring that students are well-prepared.

9. Do the NCERT Solutions for Chapter 2 explain the underlying moral or message of the story? 

Yes, the NCERT Solutions for Chapter 2 also discuss the underlying moral or message of the story, helping students to grasp the deeper meanings and themes presented in the chapter.

10. Are the NCERT Solutions for Chapter 2 "Gol" aligned with the latest CBSE syllabus? 

Yes, the NCERT Solutions for Chapter 2 are fully aligned with the latest CBSE syllabus, ensuring that all the content is relevant and up-to-date for the current academic year.