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NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2: Everest: Meri Shikhar Yatra (एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा)

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NCERT Solutions for Class 9 Chapter 2 Everest: Meri Shikhar Yatra - FREE PDF Download

Explore the NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2 Everest: Meri Shikhar Yatra. This resource helps students understand the chapter better. It includes clear explanations, summaries, and answers to NCERT questions according to the Latest CBSE Class 9 Hindi Syllabus. The chapter tells the story of a bus journey, making it relatable and enjoyable for students. By downloading this FREE PDF, students can get the help they need to study and prepare for their exams effectively.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 9 Chapter 2 Everest: Meri Shikhar Yatra - FREE PDF Download
2. Glance on Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2 - Everest: Meri Shikhar Yatra (एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा)
3. Access NCERT Solutions for Class 9 Hindi पाठ 2 - Everest: Meri Shikhar Yatra
    3.1मौखिक
    3.2लिखित
    3.3भाषा अध्ययन
    3.4योग्यता विस्तार
    3.5परियोजना कार्य
4. Benefits of NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2 Everest: Meri Shikhar Yatra
5. Important Study Material Links for Class 9 Hindi - Sparsh Chapter 2
6. Chapter-wise NCERT Solutions Class 9 Hindi (Sparsh)
7. NCERT Class 9 Hindi Other Books Solutions
8. Study Material for Class 9 Hindi:
FAQs


This guide provides easy-to-understand answers and key points that simplify learning. It is designed for students to grasp the main ideas of the chapter without difficulty. With these NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh, students can practise and improve their skills in Hindi. Don't miss the chance to download this valuable resource for FREE and enhance your learning experience.


Glance on Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2 - Everest: Meri Shikhar Yatra (एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा)

Chapter 2, "Everest: Meri Shikhar Yatra," addresses profound themes of sorrow, pain, and the human experience. Here’s a brief overview of the chapter:


  • Exploration of Suffering: The chapter delves into the nature of suffering, emphasising that experiencing pain is a fundamental part of life and a right that everyone holds.

  • Personal Narratives: These include personal anecdotes and reflections that highlight the emotional struggles faced by individuals, illustrating how pain can shape one’s identity and perspective.

  • Philosophical Insights: The text offers philosophical insights into the reasons behind suffering, encouraging readers to reflect on its inevitability and the lessons it imparts.

  • Empathy and Understanding: The chapter promotes empathy, urging readers to acknowledge and validate the suffering of others as a shared human experience.

  • Cultural Context: It contextualises the discussion within cultural and social frameworks, exploring how different societies perceive and handle suffering.

  • Encouragement for Resilience: Ultimately, the chapter encourages resilience, suggesting that while suffering is a part of life, it also leads to growth and deeper understanding.

Access NCERT Solutions for Class 9 Hindi पाठ 2 - Everest: Meri Shikhar Yatra

मौखिक

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

प्रश्न 1. अग्रिम दल का नेतृत्व कौन कर रहा था?
उत्तर- अग्रिम दल का नेतृत्व प्रेमचंद कर रहे थे।


प्रश्न 2. लेखिका को सागरमाथा क्यों अच्छा लगा?
उत्तर- लेखिका को ‘सागरमाथा’ नाम इसलिए अच्छा लगा क्योंकि सागरमाथा का अर्थ है- सागर का माथा और एवरेस्ट संसार की सबसे ऊँची चोटी है।


प्रश्न 3. लेखिका को ध्वज जैसा क्या लगा?
उत्तर- लेखिका को तेज हवाओं के कारण उठी हुई चक्करदार बर्फीली आकृति ध्वज जैसी प्रतीत हुई।


प्रश्न 4. हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?
उत्तर- हिमस्खलन से दो व्यक्तियों की मृत्यु हुई और नौ लोग घायल हुए।


प्रश्न 5. मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?
उत्तर- मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने कहा कि ऐसे साहसिक अभियानों में होने वाली मृत्यु को सहज भाव से स्वीकार करना चाहिए।


प्रश्न 6. रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर- रसोई सहायक की मृत्यु स्वास्थ्य के प्रतिकूल जलवायु में काम करने के कारण हुई।


प्रश्न 7. कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?
उत्तर- कैंप-चार 7900 मीटर ऊँची ‘साउथ कोल’ नामक जगह पर 29 अप्रैल को लगाया गया था।


प्रश्न 8. लेखिका ने तेनजिंग को अपना परिचय किस तरह दिया?
उत्तर- लेखिका ने तेनजिंग को अपना परिचय देते हुए कहा कि वह नौसिखिया है और एवरेस्ट उसका पहला अभियान है।


प्रश्न 9. लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?
उत्तर- लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने कहा- मैं तुम्हारी इस अनूठी उपलब्धि के लिए तुम्हारे माता-पिता को बधाई देना चाहूँगा। देश को तुम पर गर्व है और अब तुम ऐसे संसार में वापस जाओगी, जो तुम्हारे अपने पीछे छोड़े हुए संसार से एकदम भिन्न होगा।


लिखित

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?
उत्तर- नजदीक से एवरेस्ट को देखने पर लेखिका भौंचक्की रह गई। उसे टेढ़ी-मेढ़ी चोटियाँ ऐसी लग रही थीं मानो कोई बरफ़ीली नदी बह रही हो।


प्रश्न 2. डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?
उत्तर- डॉ. मीनू मेहता ने लेखिका को अल्युमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का निर्माण करने, लट्टों और रस्सियों का उपयोग करने, बर्फ़ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधने तथा अग्रिम दल के अभियांत्रिकीकार्यों की विस्तृत जानकारी दी।


प्रश्न 3. तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में क्या कहा?
उत्तर- तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ में कहा, “तुम पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो पहले ही प्रयास में शिखर पर पहुँच जाना चाहिए।


प्रश्न 4. लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?
उत्तर- लेखिका के अभियान-दल में यों तो लोपसांग, तशारिंग, एन.डी. शेरपा आदि अनेक सदस्य थे। किंतु उन्हें जिन साथियों के संग यात्रा करनी थी, वे थे-की, जय और मीनू।


प्रश्न 5. लोपसंगा ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?
उत्तर- लोपसांग ने तंबू का रास्ता साफ़ करने के लिए अपनी स्विस छुरी निकाली। उन्होंने लेखिका के आसपास जमे बड़े-बड़े हिमपिंडों को हटाया और लेखिका के चारों ओर जमी कड़ी बरफ़ की खुदाई किया। उन्होंने बड़ी मेहनत से लेखिका को बरफ़ की कब्र से खींच निकाला।


प्रश्न 6. साउथ कोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्त्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शूरू की?
उत्तर- ‘साउथ कोल’ कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की चढ़ाई की तैयारी शुरू की। उसने खाना, कुकिंग गैस तथा ऑक्सीजन सिलेंडर इकट्टे किए। उसके बाद वह चाय बनाने की तैयारी करने लगी।


(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

प्रश्न 1. उपनेता प्रेमचंद ने किन स्थितियों से अवगत कराया?
उत्तर- उपनेता प्रेमचंद ने अभियान दल को खंभु हिमपात की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि उनके दल ने कैंप-एक जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया है और फल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर तथा इंडियों से रास्ता चिन्हित कर, सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया कि ग्लेशियर बरफ़ की नदी है और बरफ़ का गिरना अभी जारी है। हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलाव के कारण अभी तक के किए गए सभी काम व्यर्थ हो सकते हैं और हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता है।


प्रश्न 2. हिमपात किस तरह होता है और उससे क्या-क्या परिवर्तन आते हैं?
उत्तर- बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही हिमपात कहलाता है। ग्लेशियर के बहने से बर्फ में हलचल मच जाती है। इस कारण बर्फ़ की बड़ी-बड़ी चट्टानें तत्काल गिर जाती हैं। इस अवसर पर स्थिति ऐसी खतरनाक हो जाती है कि धरातल पर दरार पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। अकसर बर्फ़ में गहरी-चौड़ी दरारें बन जाती हैं। हिमपात से पर्वतारोहियों की कठिनाइयाँ बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।


प्रश्न 3. लेखिका ने तंबू में गिरे बरफ़ पिंड का वर्णन किस तरह किया है?
उत्तर- लेखिका ने तंबू में गिरे बरफ़ के पिंड का वर्णन करते हुए कहा है कि वह ल्होत्से की बरफ़ीली सीधी ढलान पर लगाए गए नाइलान के तंबू के कैंप-तीन में थी। उसके तंबू में लोपसांग और तशारिंग उसके तंबू में थे। अचानक रात साढ़े बारह बजे उसके सिर में कोई सख्त चीज़ टकराई और उसकी नींद खुल गई। तभी एक जोरदार धमाका हुआ और उसे लगा कि एक ठंडी बहुत भारी चीज़ इसके शरीर को कुचलती चल रही थी। इससे उसे साँस लेने में कठिनाई होने लगी।


प्रश्न 4. लेखिका को देखकर ‘की’ हक्का-बक्का क्यों रह गया?
उत्तर- जय बचेंद्री पाल का पर्वतारोही साथी था। उसे भी बचेंद्री के साथ पर्वत-शिखर पर जाना था। शिखर कैंप पर पहुँचने में उसे देर हो गई थी। वह सामान ढोने के कारण पीछे रह गया था। अतः बचेंद्री उसके लिए चाय-जूस आदि लेकर उसे रास्ते में लिवाने के लिए पहुँची। जय को यह कल्पना नहीं थी कि बचेंद्री उसकी चिंता करेंगी और उसे लिवी लाने के लिए आएँगी। इसलिए जब उसने बचेंद्री पाल को चाय-जूस लिए आया देखा तो वह हक्का-बक्का रह गया।


प्रश्न 5. एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए कुल कितने कैंप बनाए गए? उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर- पाठ से ज्ञात होता है कि एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए कुल पाँच कैंप बनाए गए। उनके दल का पहला कैंप 6000 मीटर की ऊँचाई पर था जो हिमपात से ठीक ऊपर था। दूसरा कैंप-चार 7900 मीटर की ऊँचाई पर बनाया गया था। कैंप-तीन ल्होत्से की बरफ़ीली सीधी ढलान पर बनाया गया था। यहाँ नाइलोन के तंबू लगाए गए थे। एक कैंप साउथकोल पर बनाया गया था। यहीं से अभियान दल को एवरेस्ट पर चढ़ाई करनी थी। इसके अलावा एक बेस कैंप भी बनाया गया था।


प्रश्न 6. चढ़ाई के समय एवरेस्ट की चोटी की स्थिति कैसी थी?
उतर- जब बचेंद्री पाल एवरेस्ट की चोटी पर पहुँची तो वहाँ चारों ओर तेज़ हवा के कारण बर्फ़ उड़ रही थी। बर्फ़ इतनी अधिक थी कि सामने कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। पर्वत की शंकु चोटी इतनी तंग थी कि दो आदमी वहाँ एक साथ खड़े नहीं हो सकते थे। नीचे हजारों मीटर तक ढलान ही ढलान थी। अतः वहाँ अपने आपको स्थिर खड़ा करना बहुत कठिन था। उन्होंने बर्फ के फावड़े से बर्फ़ तोड़कर अपने टिकने योग्य स्थान बनाया।


प्रश्न 7. सम्मिलित अभियान में सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय बचेंद्री के किस कार्य से मिलता है?
उतर- एवरेस्ट पर विजय पाने के अभियान के दौरान लेखिको बचेंद्री पाल अपने साथियो ‘जय’, की ‘मीनू’ के साथ चढाई कर रही थी, परंतु वह इनसे पहले साउथ कोल कैंप पर जा पहुँची क्योंकि वे बिना ऑक्सीजन के भारी बोझ लादे चढ़ाई कर रहे थे। लेखिका ने दोपहर बाद इन सदस्यों की मदद करने के लिए एक थरमस को जूस से और दूसरे को गरम चाय से भर लिया और बरफ़ीली हवा में कैंप से बाहर निकल कर उन सदस्यों की ओर नीचे उतरने लगी। उसके इस कार्य से सहयोग एवं सहायता की भावना का परिचय मिलता है।


(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1. एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
उतर- एवरेस्ट की सर्वोच्च चोटी पर चढ़ना एक महान अभियान है। इसमें पग-पग पर जान जाने का खतरा होता है। अतः यदि ऐसा कठिन कार्य करते हुए मृत्यु भी हो जाए, तो उसे सहज घटना के रूप में लेना चाहिए। बहुत हाय-तौबा नहीं मचानी चाहिए।


प्रश्न 2. सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रयास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
उत्तर- आशय यह है कि ग्लेशियरों के बहने से बरफ़ में हलचल होने से बरफ़ की बड़ी-बड़ी चट्टानें अचानक गिर जाती हैं। इससे धरातल पर दरार पड़ जाती है। यही दरारें हिम-विदर में बदल जाती हैं जो पर्वतारोहियों की मृत्यु का कारण बन जाती है। इसका ख्याल ही मन में भय पैदा कर देता है। दुर्भाग्य से यह भी जानकारी मिल गई थी कि इस अभियान दल को अपने अभियान के दौरान ऐसे हिमपात का सामना करना ही पड़ेगा।


प्रश्न 3. बिना उठे ही मैंने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैंने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बरफ़ में दबा दिया। आनंद के इस क्षण में मुझे अपने माता पिता का ध्यान आया।
उत्तर- जब बचेंद्री पाल हिमालय की चोटी पर सफलतापूर्वक पहुँच गई तो उसने घुटने के बल बैठकर बर्फ़ को माथे से छुआ। बिना सिर नीचे झुकाए हुए ही अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। उसँने इन्हें एक लाल कपड़े में लपेटा। थोड़ी सी पूजा की। फिर इस चित्र तथा हनुमान चालीसा को बर्फ में दबा दिया। उस समय उसे बहुत आनंद मिला। उसने प्रसन्नतापूर्वक अपने माता-पिता को याद किया।


भाषा अध्ययन

प्रश्न 1. इस पाठ में प्रयुक्त निम्नलिखित शब्दों की व्याख्या पाठ का संदर्भ देकर कीजिए-
निहारा है, धसकना, खिसकना, सागरमाथा, जायजा लेना, नौसिखिया
उत्तर-
निहारा है- बहुत ध्यान से विस्मय के साथ देखना।
लेखिका ने नमचे बाजार पहुँचकर एवरेस्ट पर चढ़ाई करने से पूर्व उसे निहारा।

धसकना- नीचे धंस या दब जाना।
बरफ़ की भारी चट्टानें जब बरफ़ीले धरातल पर गिरती है तो धरातल धसक जाता है।
इसका खयाल पर्वतारोहियों को भयभीत करने वाला होता है।

खिसकना- धीरे-धीरे सरकना।
ग्लेशियरों के बहने से बरफ़ में हलचल मच जाती है और बड़ी-बड़ी चट्टानें खिसकने लगती हैं।

सागरमाथा- सागर का माथा अर्थात् एवरेस्ट।
लेखिका को एवरेस्ट का दूसरा नाम सागरमाथा, जो नेपालियों में पसंद है, पसंद आया।

जायजा लेना- अनुमान लगाना।
एवरेस्ट अभियान के समय अग्रिम दल ने पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया था।

नौसिखिया- नया सीखने वाला।
एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले प्रथम व्यक्ति का गौरव पाने वाले तेनजिंग से लेखिका ने खुद को नौसिखिया कहा।

प्रश्न 2. निम्नलिखित पंक्तियों में उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग कीजिए-

  1. उन्होंने कहा तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए

  2. क्या तुम भयभीत थीं

  3. तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री

उत्तर-

  1. उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।’

  2. “क्या तुम भयभीत थीं?”

  3. “तुमने इतनी बड़ी जोखिम क्यों ली बचेंद्री ?”


प्रश्न 3. नीचे दिए उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित शब्द-युग्मों का वाक्य में प्रयोग कीजिए-
उदाहरण- हमारे पास एक वॉकी-टॉकी थी।

टेढ़ी-मेढ़ी                          हक्का-बक्का

गहर-चौड़े                         इधर-उधर   

आस-पास                         लंबे-चौड़े
उत्तर-

  • टेढ़ी-मेढ़ी- एवरेस्ट की बरफ़ीली चोटियाँ बरफ़ की टेढ़ी-मेढ़ी नदी-सी लग रही थीं।

  • गहर-चौड़े- पहाड़ी रास्ते में पड़ने वाले गहरे-चौड़े नाले देखकर मन भयभीत हो रहा था।

  • आसपास- रेगिस्तान में आसपास कोई भी पेड़ नहीं दिखाई दे रहा था।

  • हक्का-बक्का- अचानक सेना द्वारा घेरे जाने से आतंकवादी हक्के-बक्के रह गए थे।

  • इधर-उधर- जंगली रास्ते पर इधर-उधर देखकर चलना।

  • लंबे-चौड़े- चुनाव के समय नेतागण बड़े लंबे-चौड़े वादे करके जनता को बहलाते हैं।


प्रश्न 4. उदाहरण के अनुसार विलोम शब्द बनाइए-
उदाहरण- अनुकूल-प्रतिकूल

  1. नियमित – अनियमित

  2. विख्यात – कुख्यात

  3. आरोही – अवरोही

  4. निश्चित – अनिश्चित

  5. सुंदर – असुंदर, खराब

उत्तर-

  1. नियमित – अनियमित

  2. आरोही – अवरोही

  3. सुंदर – असुंदर, खराब

  4. विख्यातं – कुख्यात

  5. निश्चित – अनिश्चित


प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों में उपयुक्त उपसर्ग लगाइए-
जैसे- पुत्र – सुपुत्र
वास व्यवस्थित
कूल गति
रोहण रक्षित
उत्तर-
आ + वास = आवास
अ + व्यवस्थित = अव्यवस्थित
प्रति + कूल = प्रतिकूल
दुर् + गति = दुर्गति
अव + रोहण = अवरोहण
सु + रक्षित = सुरक्षित


प्रश्न 6. निम्नलिखित क्रिया विशेषणों का उचित प्रयोग करते हुए रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
अगले दिन, कम समय में, कुछ देर बाद, सुबह तक

  1. मैं ……………….. यह कार्य कर लूंगा।

  2. ……………. घिरने के …………… ही वर्षा हो गई।

  3. ……………….. बहुत …………………. इतनी तरक्की कर ली।

  4. नाडकसा को ………………….. गाँव जाना था।

उत्तर-

  1. मैं अगले दिन यह कार्य कर लूंगा।

  2. बादल घिरने के कुछ देर बाद ही वर्षा हो गई।

  3. उसने बहुत कम समय में इतनी तरक्की कर ली।

  4. नाडकसा को सुबह तक गाँव जाना था।


योग्यता विस्तार

प्रश्न 1. इस पाठ में आए दस अंग्रेजी शब्दों का चयन कर उनके अर्थ लिखिए-
उत्तर-

  1. बेस कैंप – आधारभूत या मुख्य पड़ाव

  2. ग्लेशियर – हिमनद, बरफ़ीली नदी

  3. स्ट्रेचर – मरीजों को लाने-ले जाने का उपकरण

  4. साउथ – दक्षिण

  5. कुकिंग गैस – खाना पकाने वाली गैस

  6. आक्सीजन – प्राणवायु, जीवनदायिनी गैस

  7. कुली – बोझा उठाने वाले

  8. वॉकी-टॉकी – बात करने का एक उपकरण

  9. सिलिंडर – बेलनाकार बर्तन

  10. थरमस – ठंडा या गरम रखने वाला बर्तन


प्रश्न 2. पर्वतारोहण से संबंधित दस चीजों के नाम लिखिए।
उत्तर- पर्वतारोहण से जुड़ी चीजें-
रस्सी, फावड़ा, आक्सीजन टैंट, बँटा, वॉकी-टॉकी, थरमस चाय, एल्यूमिनियम की सीढ़ी, बिस्तर, चाकू, हथौड़ा, कील, स्ट्रेचर आदि।


प्रश्न 3. तेनजिंग शेरपा की पहली चढ़ाई के बारे में जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर- तेनजिंग शेरपा ने 29 मई 1953 को अपने साथी सर एडमंड हिलेरी के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। यह चढ़ाई विश्व के सबसे ऊँचे पर्वत पर पहुँचने का एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी। तेनजिंग शेरपा एक नेपाली शेरपा थे और उनकी चढ़ाई ने उन्हें विश्वभर में प्रसिद्धि दिलाई। उनकी तैयारी, साहस, और कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता ने उन्हें इस कठिन शिखर पर पहुँचने में मदद की। यह चढ़ाई केवल शारीरिक क्षमता का ही नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी उदाहरण थी।

प्रश्न 4. इस पर्वत का नाम ‘एवरेस्ट’ क्यों पड़ा? जानकारी प्राप्त कीजिए।
उत्तर- माउंट एवरेस्ट का नाम सर जॉर्ज एवरेस्ट के नाम पर रखा गया है, जो भारतीय सर्वेक्षण के प्रमुख थे। 1865 में इस पर्वत को एवरेस्ट नाम दिया गया था। इससे पहले, इसे 'पार्बत' और 'सागरमाथा' जैसे नामों से जाना जाता था। सर जॉर्ज एवरेस्ट ने इस पर्वत का सर्वेक्षण किया और इसकी ऊँचाई को मापने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसलिए, उनकी उपलब्धियों के सम्मान में इस पर्वत का नाम 'एवरेस्ट' रखा गया।


परियोजना कार्य

प्रश्न 1. आगे बढ़ती भारतीय महिलाओं की पुस्तक पढ़कर उनसे संबंधित चित्रों का संग्रह कीजिए एवं संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करके लिखिए-
(क) पी. टी. उषा
(ख) आरती साहा
(ग) किरण बेदी
उत्तर-
(क) पी. टी. उषा भारतीय एथलीट हैं, जिन्हें "नाइटींग गेज़" के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने 1984 के लॉस एंजेलेस ओलंपिक्स में 400 मीटर दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया। उषा ने एशियाई खेलों में कई पदक जीते हैं और वे भारतीय athletics की एक प्रेरणादायक हस्ती हैं।

(ख) आरती साहा भारत की पहली महिला हैं, जिन्होंने 1959 में इंग्लिश चैनल पार किया। उन्होंने तैराकी में अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया और कई पुरस्कार जीते। उनका साहस और मेहनत आज भी युवा तैराकों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

(ग) किरण बेदी भारत की पहली महिला आई.पी.एस. अधिकारी हैं। उन्होंने पुलिस सेवा में कई महत्वपूर्ण कार्य किए और महिलाओं के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। किरण बेदी ने समाज में बदलाव लाने के लिए कई कार्यक्रमों का संचालन किया और वे एक प्रमुख समाजसेवी भी हैं।


Benefits of NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2 Everest: Meri Shikhar Yatra

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2: Everest: Meri Shikhar Yatra provides a comprehensive resource for students to enhance their understanding of the chapter. The narrative captures the essence of adventure, perseverance, and the spirit of exploration as the author recounts their journey to the summit of Mount Everest. Through detailed explanations and structured answers, these solutions help clarify key themes and ideas. By engaging with these solutions, students not only prepare effectively for exams but also cultivate a deeper appreciation for the stories of human endurance and ambition. Utilising these resources develops a love for literature and inspires students to pursue their dreams with determination and resilience.


Important Study Material Links for Class 9 Hindi - Sparsh Chapter 2

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FAQs on NCERT Solutions for Class 9 Hindi (Sparsh) Chapter 2: Everest: Meri Shikhar Yatra (एवरेस्ट: मेरी शिखर यात्रा)

1. What is the theme of the chapter ‘Everest: Meri Shikhar Yatra’?

This story tells about the thrilling journey of Bachendri Pal to Everest. It portrays how the author did not lose spirits in the adverse conditions and kept on with the expedition. There were several hurdles on her way to Everest, but she never gave up and became the first Indian woman to climb Everest. Throughout her journey, she met some good people, who helped her to keep going. Also, this story of her expedition to Everest, tells us that determination and self-belief can help us win the toughest of all challenges.

2. Describe the journey of the author from the base camp to Everest.

The base camp was put up at 7900m altitude and the journey of the author from the base camp onwards was not very smooth. Their kitchen assistant passed away due to the extremely cold climate. On May 15-16, a glacier fell upon the camp and it was destroyed. Everyone was hurt and the author was buried under the ice. After being rescued, she carried on with the expedition and her climb became a little more comfortable as she got a companion Lhatu, who got more oxygen supply. They kept on digging the snow with the help of a shovel throughout their climb. On arriving at the peak, the author was overwhelmed with emotions and it was her moment of glory for her, as well as for the entire nation.

3. Are the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2- Everest: Meri Shikhar Yatra available online?

Yes, the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2- Everest: Meri Shikhar Yatra are available online on Vedantu. These NCERT solutions are prepared by our highly experienced faculty, keeping in view the CBSE guidelines for class 9. Also, you can download the PDF containing these solutions for FREE of cost from Vedantu. This feature makes the best study resources of Everest: Meri Shikhar Yatra available to all students of Class 9.

4. Will the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2- Everest: Meri Shikhar Yatra help me secure good marks in the examination?

Yes, the NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2- Everest: Meri Shikhar Yatra available on Vedantu, will definitely help you to secure good marks in the examination. You can refer to these solutions and learn the appropriate writing style of NCERT answers. All the NCERT questions from the chapter Everest: Meri Shikhar Yatra are solved here in this PDF. By going through these solved NCERT questions, you will be able to revise all the key highlights of this chapter effectively, before the examination.

5. What is the chapter ‘Everest Meri Shikhar Yatra’ about?

The chapter stresses on the struggles, sacrifices, and the long path taken by the author to achieve her longtime desire and national accomplishment. Our subject experts supply the reader with a wealth of information in order to highlight the Chapter's value as well as the author's feelings through precise writing. The well-written subject matter is streamlined in order to provide a solid foundation for the topic.

6. Why should I refer to NCERT solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 by Vedantu?

Students may rely on NCERT Solution Hindi Sparsh Chapter 2 for a brief review of the lesson, in-depth explanations of the terminology used, and important points that make complicated knowledge easier to remember. Vedantu’s subject-matter specialists have painstakingly chosen this content in order to improve the student's performance. They are available round the clock to serve the students with the best quality content. 

7. What happened on reaching the base camp?

When they arrived at the base camp, they discovered that a kitchen helper had perished as a result of the harsh weather. After that, the squad received the requisite training. Tenzing encouraged the writer when he arrived at base camp on April 29th, at an altitude of 7900 metres. The glacier abruptly broke down on the camp on May 15-16, 1984, around 12:30 a.m., destroying the camp and injuring everyone.

8. When did the writer reach the top?

The author was encased in ice. She had to be rescued. The writer arrived at South Col Camp a few days later. She made everyone pleased by assisting the person who came after her. The next morning, she headed out on a peak with Angadorzi. She made it to the top camp after a lot of effort. With the arrival of another buddy, Lhatu, and an increase in oxygen supply, the ascent got easier. The writer reached the summit of Everest at 1:07 p.m. on May 23, 1984.

9. What are some other important chapters apart from Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2?

All the chapters are equally important. So it is important to give equal importance to each chapter. There are 8 chapters in Hindi class 9 Sparsh, including Chapter 1 धूल, Chapter 2 दुःख का अधिकार, Chapter 3 एवरेस्ट : मेरी शिखर यात्रा, Chapter 4 तुम कब जाओगे, अतिथि, Chapter 5 वैज्ञानिक चेतना के वाहक : चन्द्र शेखर वेंकट रामन, Chapter 6 कीचड़ का काव्य, Chapter 7 धर्म की आड़ and Chapter 8 शक्र तारे के समान. Vedantu offers NCERT Solutions for all the chapters to help you understand the concepts at FREE of cost on the Vedantu website.

10. How can students improve their writing skills using these NCERT Solutions?

Students can improve their writing skills by studying the structured responses provided in the NCERT Solutions. By analysing the way ideas are presented and articulated, they can learn to express their thoughts clearly and effectively in their writing.