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Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat Class 12 Notes: CBSE Hindi (Antra) Chapter 13

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Hindi Notes for Chapter 13 Class 12 - FREE PDF Download

Chapter 13 of the Class 12 Hindi (Antra) textbook provides a comprehensive summary that gives insights into significant literary themes and cultural narratives. It simplifies complex ideas, making them easy to understand and remember. Download the FREE PDF to improve your preparation and learn the key points effectively. It is perfect for last-minute revisions and ensuring a thorough understanding of the chapter’s core messages. For more information and to get the notes, check Class 12 Hindi Revision Notes.

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Table of Content
1. Hindi Notes for Chapter 13 Class 12 - FREE PDF Download
2. Access Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yasser Arafat Notes
    2.1लेखक के बारे में:
    2.2कहानी का सारांश:
    2.3मुख्य विषय 
    2.4पात्र-चित्रण
    2.5कहानी का सार
3. Learnings from Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat
4. Importance of Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Notes - PDF
5. Tips for Learning the Hindi (Antra) Class 12 Chapter 13 Notes 
6. Important Study Materials for Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat
7. Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Antra
8. Important Study Materials for Class 12 Hindi
FAQs


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Access Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yasser Arafat Notes

लेखक के बारे में:

भीष्म साहनी

भीष्म साहनी हिंदी साहित्य के एक प्रमुख लेखक, नाटककार और अभिनेता थे। उनका जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। वे अपने उपन्यास 'तमस' के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जिसमें उन्होंने 1947 के भारत विभाजन और सांप्रदायिक हिंसा का सजीव चित्रण किया है। भीष्म साहनी ने अपने साहित्य के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों को गहराई से छुआ है। हिंदी अनत्रा के कक्षा 12 के अध्याय 16 में उनकी कहानी शामिल है, जो मानवीय संबंधों, संघर्षों और सामाजिक बदलावों पर आधारित है। उनकी रचनाएँ सरल भाषा में गहरी संवेदनाओं और जटिल मानवीय स्थितियों का वर्णन करती हैं, जिससे वे हिंदी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।


कहानी का सारांश:

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफ़ात में लेखक ने तीन प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के जीवन, कार्य और विचारों पर प्रकाश डाला है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और यास्सेर अराफ़ात अपने-अपने समय के महान नेता थे, जिन्होंने स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय और शांति के लिए संघर्ष किया।


इस पाठ में महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के सिद्धांतों, नेहरू के आधुनिक भारत के निर्माण की दृष्टि और यास्सेर अराफ़ात के फिलिस्तीनी स्वतंत्रता आंदोलन के संघर्ष का विस्तृत वर्णन है। लेखक ने इन नेताओं की व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन की घटनाओं को उजागर करते हुए उनके योगदान और संघर्षों को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया है।


इस पाठ के माध्यम से विद्यार्थियों को न केवल इन महान नेताओं के विचारों और कार्यों की गहन समझ प्राप्त होती है, बल्कि वे समकालीन सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी विचार कर सकते हैं। यह पाठ हमें यह सिखाता है कि कैसे इन नेताओं ने अपने-अपने देश और दुनिया भर में शांति, न्याय और स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया।


मुख्य विषय 

अध्याय 16 "गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफात" का मुख्य विषय विभिन्न पीढ़ियों और राष्ट्रीयताओं के नेताओं के बीच व्यक्तिगत मुलाकातों के ज़रिए इतिहास, राजनीति और मानवीयता को समझना है।


पाठ में तीन प्रमुख विषय उभर कर आते हैं:


  • इतिहास और राजनीति: लेखक नेहरू जी से मुलाकात के दौरान फिलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा का उल्लेख करते हैं। यह स्वतंत्रता आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय राजनीति से जुड़ाव का संकेत देता है।

  • विभिन्न व्यक्तित्व: पाठ तीन महान हस्तियों - नेहरू, गांधी और यास्सेर अराफात के साथ मुलाकातों का वर्णन करता है। उनके बीच बातचीत से उनके व्यक्तित्व और कार्यशैली की झलक मिलती है।

  • मानवीयता: हालांकि पाठ संक्षिप्त है, यह नेहरू जी और लेखक की पत्नी के बीच धर्म पर चर्चा जैसे क्षणों के माध्यम से मानवीय संबंधों और विचारों के आदान-प्रदान को दर्शाता है।


पात्र-चित्रण

1. कथाकार (लेखक - भिष्म सहनी):

  • एक प्रसिद्ध लेखक और अफ्रो-एशियाई लेखक संघ के कार्यकारी महामंत्री।

  • नेहरू जी की देखभाल के लिए उनके ठहरने वाले बंगले में जाता है।

  • नेहरू जी और श्रीमती रामेश्वरी के बीच धर्म पर चर्चा में शामिल होता है।

  • गांधी जी से मुलाकात का उल्लेख करता है, जो उनकी कार्यशैली की याद दिलाता है।


2. पंडित जवाहरलाल नेहरू:

  • भारत के प्रथम प्रधानमंत्री।

  • फिलिस्तीन के मुद्दे पर चर्चा करते हैं।

  • व्यस्त रहते हैं और स्थानीय नेताओं से मिलते हैं।

  • शाम के भोजन के समय दूसरों के साथ बातचीत करते हैं।

  • लेखक की पत्नी के साथ धर्म पर दिलचस्प बहस करते हैं।

  • रावलपिंडी की यात्रा का किस्सा सुनाते हैं।


3. श्रीमती रामेश्वरी नेहरू:

  • पंडित जवाहरलाल नेहरू की पत्नी।

  • लेखक की पत्नी के साथ भोजन करती हैं।

  • नेहरू जी के साथ धर्म पर चर्चा में शामिल होती हैं।


4. महात्मा गांधी (पाठ में संक्षिप्त उल्लेख):

  • भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता।

  • लेखक ने उनसे मुलाकात का उल्लेख करता है।

  • उनकी कार्यशैली और ऊर्जा को याद करता है।


5. यास्सेर अराफात (पाठ में संक्षिप्त उल्लेख):

  • फ़िलिस्तीन के नेता।

  • लेखक का उनसे मिलने का संकेत मिलता है, हालांकि पाठ में उनकी कोई सीधी भूमिका नहीं है।


कहानी का सार

1. गाँधीजी -

  • लेखक की यात्रा: 1938 में लेखक के भाई बलराज साहनी 'सेवाग्राम' में 'नई तालीम' पत्रिका के सह-संपादक थे। लेखक वर्धा स्टेशन पर उतरकर ताँगे से रात में सेवाग्राम पहुँचा।

  • गाँधीजी से भेंट: गाँधीजी प्रातः सात बजे घूमने निकलते थे। लेखक और उसके भाई ने गाँधीजी के साथ चलने का निश्चय किया, पर वे थोड़ा देर से पहुँचे। भाई ने लेखक का परिचय गाँधीजी से कराया। गाँधीजी ने हँसकर स्वागत किया।

  • सेवाग्राम में अनुभव: लेखक ने गाँधीजी के साथ चलने वालों में डॉ. सुशीला नख्यर, महादेव देसाई आदि को पहचाना। लेखक ने गाँधीजी से रावलपिंडी की पुरानी यादें ताज़ा कीं। लेखक ने तीन सप्ताह सेवाग्राम में बिताए। कस्तूरबा गाँधी लेखक को अपनी माँ जैसी लगती थीं।

  • महान व्यक्तियों से मुलाकात: सेवाग्राम में लेखक को पृथ्वीसिंह आजाद, मीरा बेन, खान अब्दुल गफ्फार खाँ और राजेंद्र बाबू से मिलने का अवसर मिला। पृथ्वीसिंह आजाद ने अपनी रेलगाड़ी से भागने की कहानी सुनाई।

  • गाँधीजी की संवेदनशीलता: गाँधीजी ने एक बार एक लड़के के लिए जरूरी मीटिंग छोड़ दी और उसकी उल्टी करवा कर पेट ठीक किया। गाँधीजी टी.बी. के मरीज का हालचाल पूछने और इलाज करने खुद जाते थे।

  • जापानी भिक्षु का सम्मान: एक जापानी भिक्षु गाँधीजी के आश्रम की प्रदक्षिणा करता और प्रार्थना स्थल पर पहुँचकर आदरपूर्वक प्रणाम करता था।


2. नेहरूजी -

  • कश्मीर यात्रा: पं. नेहरू कश्मीर यात्रा पर आए हुए थे। शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में झेलम नदी पर अमीराकदल तक उनकी शोभा यात्रा देखने का अवसर लेखक को प्राप्त हुआ।

  • नेहरूजी के ठहराव: नेहरूजी जिस बंगले पर ठहरे थे, वह लेखक के फुफेरे भाई का था। लेखक भी पंडित जी की देखभाल करने वहाँ पहुँचा। नेहरूजी दिन भर व्यस्त रहते और शाम को सभी के साथ भोजन करते।

  • महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ बातचीत: खाने की मेज पर शेख अब्दुल्ला, अब्दुल गफ्फार खाँ, श्रीमती रामेश्वरी नेहरू आदि उपस्थित थे। धर्म पर बहस के दौरान नेहरूजी और रामेश्वरी के बीच मतभेद हुआ। नेहरूजी ने अनातोले फ्रांस की एक मार्मिक कहानी सुनाई।

  • कहानी का सारांश: पेरिस के एक गिरजे के बाहर एक गरीब बाजीगर (नट) खड़ा था। बाजीगर ने माता मरियम को अपना करतब दिखाने का निर्णय लिया। गिरजा खाली होने पर बाजीगर ने करतब दिखाना शुरू किया। बाजीगर के हाँफने की आवाज सुनकर बड़े पादरी ने उसे निकालने का विचार किया। पादरी ने देखा कि माता मरियम मंच से उतरकर बाजीगर का पसीना पोंछ रही थी।

  • लेखक का अनुभव: नेहरूजी का कमरा ऊपर वाली मंजिल पर था। रात देर तक नेहरूजी चिट्ठियाँ लिखवाते रहे। सुबह नेहरूजी फर्श पर बैठकर चरखा कातते हुए दिखाई दिए। नेहरूजी ने लेखक से अखबार माँगकर पढ़ा, जिससे लेखक सम्मानित महसूस हुआ।


3. यास्सेर अराफात -

  • लेखक की भूमिका: लेखक अफ्रो-एशियाई लेखक संघ में कार्यकारी महामंत्री पद पर कार्यरत थे। ट्यूनिस में अफ्रो-एशियाई लेखक संघ का सम्मेलन होने जा रहा था। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में कमलेश्वर, जोगिंदर पाल, बालूराव, अब्दुल बिस्मिल्लाह आदि शामिल थे।

  • सम्मेलन में भागीदारी: लेखक और उनकी पत्नी सम्मेलन में कुछ दिन पहले ही पहुँच गए थे। ‘लोटस’ लेखक संघ की पत्रिका थी और ट्यूनिस में फिलिस्तीनी अस्थायी सरकार का सदर मुकाम था। यास्सेर अराफात के नेतृत्व में फिलिस्तीनी अस्थायी सरकार काम कर रही थी।

  • सदर मुकाम में आमंत्रण: ‘लोटस’ के संपादक ने लेखक और उनकी पत्नी को सदर मुकाम में ले जाया। यास्सेर अराफात अपने साथियों के साथ उनका स्वागत करने आए।

  • भोजन और चर्चा: दिन के भोजन के लिए उन्हें आमंत्रित किया गया। सदर मुकाम के अधिकारी और फिलिस्तीनी लेखक उनसे मिले। लंबी खाने की मेज पर बड़ा-सा भुना हुआ बकरा रखा था। अराफात ने लेखक और उनकी पत्नी से बातचीत की, गाँधीजी और अन्य नेताओं का जिक्र किया। अराफात ने कहा कि गाँधीजी हमारे भी नेता हैं और उतने ही आदरणीय हैं जितने आपके लिए।

  • आतिथ्य और सेवा: अराफात फल छीलकर और शहद की चाय बनाकर लेखक को खिला रहे थे। लेखक को गुसलखाने जाने की जरूरत हुई, तब अराफात तौलिया लेकर बाहर खड़े थे, जिससे लेखक को झेंप हुई।


Learnings from Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat

  • Leadership and Humility: The chapter highlights how great leaders like Gandhi, Nehru, and Yasser Arafat combined their powerful leadership qualities with humility and personal touch. 

  • Cultural and Emotional Connections: The interactions between these leaders and their followers illustrate the deep emotional and cultural connections they established. 

  • Commitment to Service: Gandhi's dedication to service, whether through personal care for the sick or daily activities like spinning the charkha, demonstrates the importance of selfless service in leadership. Similarly, Yasser Arafat's attention to his guests shows his commitment to hospitality and respect.

  • Influence and Inspiration: The chapter underscores how these leaders served as sources of inspiration not just for their countries but globally. 

  • Interpersonal Skills and Diplomacy: The chapter portrays the importance of interpersonal skills and diplomacy in leadership. 


Importance of Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Notes - PDF

  • Study notes for Chapter 13 offer a summary, saving time by focusing on essential details.

  • They highlight key themes and ideas, making it easier to understand why the chapter is essential.

  • Including meaningful quotes and clear explanations helps students better understand and remember the material.

  • The notes explain the characters and story clearly, making it easier for students to understand the chapter fully.

  • These notes are useful for quick review before exams, ensuring students are well-prepared.

  • The Notes PDF covers the entire syllabus, ensuring students understand all aspects of the chapter.


Tips for Learning the Hindi (Antra) Class 12 Chapter 13 Notes 

  • Understand the Context: Get a good understanding of the historical and cultural context of the chapter. 

  • Focus on Key Events: Pay attention to the main events and interactions in the chapter. Note the significant incidents.

  • Highlight Important Quotes: Identify and highlight key quotes from the text.

  • Use Visual Aids: Create mind maps or charts that link the different events and characters in the chapter. 

  • Discuss with others: Discuss the chapter with your classmates or study group. Sharing insights and interpretations can deepen your understanding and provide different perspectives on the text.

  • Practise Writing: Practise writing summaries and answers to potential exam questions. This will help you organise your thoughts and ensure that you can express your understanding clearly and concisely.

  • Revise Regularly: Regularly revise the chapter to reinforce your understanding and retention. Revisit your notes, summaries, and highlighted quotes to keep the information fresh in your mind.


Conclusion

The chapter "Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat" from the Class 12 Hindi Antra textbook provides an insight into the lives and philosophies of three iconic leaders. Through personal stories and interactions, the text highlights their humility, dedication to service, and their ability to inspire and connect with people across cultures and nations. These resources are designed for exam preparation, ensuring students effectively understand the poem's themes. Download our FREE PDF notes for effective learning.


Important Study Materials for Class 12 Hindi Antra Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat


Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Antra


Important Study Materials for Class 12 Hindi

FAQs on Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat Class 12 Notes: CBSE Hindi (Antra) Chapter 13

1. What is the main focus of the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

The chapter focuses on the personal interactions and experiences of Gandhi, Nehru, and Yasser Arafat, highlighting their leadership qualities, humility, and influence.

2. In which historical context is the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat set?

The chapter is set in the historical context of the 1930s and 1940s, featuring interactions during Gandhi's time at Sevagram, Nehru's visit to Kashmir, and Yasser Arafat's leadership in Tunisia.

3. What notable event involving Gandhi is described in the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

The chapter describes a visit by the author to Gandhi's Sevagram ashram, highlighting Gandhi's interactions with visitors and his dedication to personal service.

4. How does Nehru's visit to Kashmir feature in the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

Nehru’s visit to Kashmir is depicted through his interactions with local leaders, his participation in social gatherings, and his demeanour, including a memorable dinner where he told a poignant story.

5. What significant anecdote is shared about Nehru in the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

The chapter recounts Nehru’s telling of a story by Anatole France during a dinner, showcasing his ability to connect with others through storytelling.

6. Who were the prominent personalities mentioned in Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat, Nehru’s dinner scene?

Prominent personalities included Sheikh Abdullah, Abdul Ghaffar Khan, and Mrs. Rameshwari Nehru.

7. How does Yasser Arafat feature in the Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

Yasser Arafat is portrayed through his hospitality towards the author and his wife during their visit to the Palestinian government headquarters in Tunisia.

8. How did Arafat react to the mention of Gandhi and other leaders in Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

Arafat expressed that Gandhi and other leaders were equally revered by him, reflecting the universal respect for their contributions.

9. How did Gandhi’s care during his time at Sevagram reflect his values in Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat?

Gandhi’s care, such as his attention to the sick boy, reflected his values of compassion, simplicity, and service.

10. How does this Class 12 Hindi (Antra) Chapter 13 Gandhi, Nehru, aur Yaseer Arafat contribute to our understanding of leadership?

The chapter highlights the importance of humility, personal engagement, and respect in leadership, showing how these qualities can inspire and build connections across cultures and nations.