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Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par Class 12 Notes: CBSE Hindi (Aroh) Chapter 3

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Class 12 Hindi Notes for Chapter 3 - FREE PDF Download

Learn about Kunwar Narayan’s Kavita ke Bahaane and Baat Seedhi Thi Par with Vedantu’s notes for Class 12 Hindi—Aroh Chapter 3. These poems describe the poet's view on language, creativity, and the essence of poetry. Our Class 12 Hindi Revision Notes break down complex ideas into easy points, making learning engaging and effective for understanding the theme and analysing poetic devices.

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Table of Content
1. Class 12 Hindi Notes for Chapter 3 - FREE PDF Download
2. Access Chapter 3 Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par Notes for Hindi Class 12
    2.1कवि के बारे में
    2.2"कविता के बहाने" 
    2.3पात्र चित्रण
    2.4कविता के बहाने कविता का सार:
    2.5मुख्य बिंदु:
    2.6"बात सीधी थी पर"
    2.7पात्र चित्रण
    2.8मुख्य बिंदु:
3. Learnings from Class 12 Chapter 3 Notes 
4. Importance of Chapter 3 Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par and Summary - PDF
5. Tips for Learning the Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3  Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par Notes
6. Important Study Materials for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par
7. Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Aroh
8. Important Study Materials for Class 12 Hindi
FAQs


The first poem explains the pressures and expectations placed on poetry in contemporary times. The second poem focuses on the simplicity and directness of language. This page covers the poet, a summary, important points, and more. Download our FREE PDF notes, prepared as per the CBSE Class 12 Hindi Syllabus, and prepare effectively for your board exams.

Access Chapter 3 Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par Notes for Hindi Class 12

कवि के बारे में

कुँवर नारायण

कुँवर नारायण छायावादी युग के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उनकी कविताएँ सरल भाषा और गहरे अर्थ के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपनी कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं को स्पर्श किया है। उनकी रचनाएँ पाठकों के मन में एक गहरी छाप छोड़ती हैं।


इस इकाई में कुँवर नारायण की दो कविताएँ हैं: "कविता के बहाने", "बात सीधी थी पर" और उनके लिए नोट्स नीचे दिए गए हैं।


"कविता के बहाने" 

सारांश

"कविता के बहाने" में कवि ने कविता और जीवन के बीच संबंध को रेखांकित किया है। कविता को फूल से तुलना करते हुए, कवि बताता है कि कैसे कविता की सुंदरता और स्थायित्व फूलों से भिन्न है। कविता मुरझाई नहीं, बल्कि कालजयी होती है।


मुख्य विषय

"कविता के बहाने" में कविता की प्रकृति, स्थायित्व और उसकी सीमाओं के बारे में चर्चा की गई है। कविता को फूल से तुलना करते हुए कवि ने बताया है कि कविता की सुंदरता और स्थायित्व फूलों से भिन्न होता है। कविता कालजयी होती है जबकि फूल मुरझा जाते हैं।


पात्र चित्रण

"कविता के बहाने" में मुख्य पात्र कवि स्वयं है। वह एक चिंतक और दार्शनिक के रूप में उभरता है जो कविता और जीवन के संबंध पर विचार करता है। कविता के स्थायित्व और फूलों की नश्वरता की तुलना करते हुए वह कविता की श्रेष्ठता को उजागर करता है।


कविता के बहाने कविता का सार:

  • कविता में, कुँवर नारायण कविता की प्रकृति, उसकी उड़ान, और उसकी अनंत संभावनाओं का वर्णन करते हैं।

  • कवि कल्पना और भावनाओं को कविता की शक्ति का स्रोत मानते हैं।

  • कविता को चिड़िया और फूल से तुलना करते हुए उसकी श्रेष्ठता और स्थायित्व को उजागर करते हैं।

  • कविता बच्चों के खेल की तरह सीमाहीन और सभी को प्रभावित करने वाली मानी जाती है।


मुख्य बिंदु:

  1. कविता की उड़ान: कवि कविता की तुलना चिड़िया से करते हैं, जो कल्पनाओं और भावनाओं के पंखों पर उड़ती है। चिड़िया की उड़ान सीमित होती है, लेकिन कविता की उड़ान असीमित है।

  2. कविता का स्थायित्व: कवि फूल और कविता की तुलना करते हैं। फूल खिलते हैं और मुरझा जाते हैं, लेकिन कविता का प्रभाव स्थायी होता है।

  3. कविता और बच्चे: कवि बच्चों के खेल को कविता के समान मानते हैं। दोनों ही कल्पना और भावनाओं से परिपूर्ण होते हैं और सभी को आनंदित करते हैं।

  4. कविता की शक्ति: कविता भाषा की शक्ति का उपयोग कर लोगों को प्रेरित करती है, उन्हें विचार करने पर मजबूर करती है, और उनके जीवन में बदलाव ला सकती है।


निष्कर्ष:

"कविता के बहाने" कविता की शक्ति और उसके महत्व का एक सुंदर चित्रण है। यह कविता हमें कल्पना और भावनाओं की उड़ान भरने के लिए प्रेरित करती है और हमें जीवन की सुंदरता को देखने के लिए प्रोत्साहित करती है।


"बात सीधी थी पर"

सारांश

"बात सीधी थी पर" में कवि भाषा के महत्व पर प्रकाश डालता है। वह बताता है कि सीधी बात भी भाषा के प्रयोग के कारण जटिल हो सकती है। शब्दों के अर्थ और प्रयोग की सूक्ष्मता पर कवि जोर देता है।


मुख्य विषय

"बात सीधी थी पर" में भाषा के महत्व और उसके प्रयोग की सूक्ष्मता पर बल दिया गया है। कवि ने बताया है कि सीधी बात भी भाषा के प्रयोग के कारण जटिल हो सकती है। शब्दों के चयन और प्रयोग का प्रभाव भाषा की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।


पात्र चित्रण

"बात सीधी थी पर" में भी मुख्य पात्र कवि ही है। वह भाषा के प्रयोग में निपुण और विचारशील व्यक्ति के रूप में दिखाई देता है। कवि भाषा की शक्ति और उसके प्रभाव को समझता है और भाषा के सही प्रयोग पर जोर देता है।


"बात सीधी थी पर" कविता का सार:


  • कविता भाषा की सरलता और प्रभावशीलता पर बल देती है।

  • कविता का भाव सीधा और स्पष्ट होना चाहिए, ताकि पाठक या श्रोता आसानी से समझ सके।

  • शब्दों का चयन और प्रयोग कविता के भावों के अनुरूप होना चाहिए।


मुख्य बिंदु:

  1. सरल भाषा का महत्व: कवि का मानना ​​है कि कविता की भाषा सरल और सहज होनी चाहिए। जटिल भाषा और शब्दों का प्रयोग कविता को अस्पष्ट और प्रभावहीन बना देता है।

  2. भावों की स्पष्टता: कविता का भाव सीधा और स्पष्ट होना चाहिए। पाठक या श्रोता को कविता के अर्थ को समझने के लिए संघर्ष नहीं करना चाहिए।

  3. शब्दों का उचित प्रयोग: शब्दों का चयन और प्रयोग कविता के भावों के अनुरूप होना चाहिए। गलत या अनुचित शब्दों का प्रयोग कविता के प्रभाव को कम कर सकता है।

  4. कवि की असफलता: कवि इस कविता में स्वीकार करते हैं कि वे अपनी बात को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने में विफल रहे। उन्होंने भाषा के साथ प्रयोग करके अपनी कविता को जटिल बना दिया, जिसके परिणामस्वरूप वह प्रभावहीन हो गई।


निष्कर्ष:

"बात सीधी थी पर" कविता भाषा के महत्व और उसके प्रभावी उपयोग पर एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। यह कविता हमें याद दिलाती है कि किसी भी विचार या भाव को व्यक्त करने के लिए भाषा का सरल और प्रभावी ढंग से उपयोग करना आवश्यक है।


Learnings from Class 12 Chapter 3 Notes 

  • Both poems emphasise the crucial role of language in conveying meaning and emotion.

  • The poet is the central figure in both poems, reflecting on the creation process and the challenges faced in expressing ideas.

  • Both poems are for clarity and effectiveness in their communication, highlighting the difficulties involved.

  • The poems acknowledge the complexity and beauty of the creative process, whether in writing poetry or using language in general.


Importance of Chapter 3 Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par and Summary - PDF

  • Study notes for Chapter 3 offer a summary, saving time by focusing on essential details.

  • They highlight key themes and ideas, making it easier to understand why the chapter is essential.

  • Including meaningful quotes and clear explanations helps students better understand and remember the material.

  • The notes explain the characters and story clearly, making it easier for students to understand the chapter fully.

  • These notes are useful for quick review before exams, ensuring students are well-prepared.

  • The Notes PDF covers the entire syllabus, ensuring students understand all aspects of the chapter.


Tips for Learning the Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3  Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par Notes

  • Read the poems slowly and carefully, focusing on the words, phrases, and imagery.

  • Try to learn the overall meaning and message of each poem.

  • Annotate the poems, marking important lines, phrases, and literary devices.

  • Identify the themes, central ideas, and emotions expressed in each poem.

  • Examine the use of literary devices such as metaphors, similes, imagery, and symbolism.

  • Understand the structure and form of each poem, including rhyme scheme and metre.


Conclusion

Kunwar Narayan's "Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par" leaves a mark on the reader's mind, prompting deep reflection on the nature of poetry, language, and their role in society. The poems serve as a reminder of the challenges poetry faces in a world driven by technology and instant gratification. Vedantu's comprehensive notes provide a key resource for understanding the themes, symbolism, and literary devices the poet uses. By learning these poems with the help of our notes, students can learn about Bachchan's poetic brilliance for their Hindi Aroh examinations. Download our FREE PDF notes for effective learning.


Important Study Materials for Class 12 Hindi Aroh Chapter 3 Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par


Chapter-wise Revision Notes for Hindi Class 12 - Aroh


Important Study Materials for Class 12 Hindi

FAQs on Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par Class 12 Notes: CBSE Hindi (Aroh) Chapter 3

1. What is the central theme of the Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3 poem "Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par"?

The poem revolves around poetry's multifaceted nature, exploring its challenges, its enduring power, and the essence of effective communication.

2. How does the poet portray the relationship between poetry and language in the first poem of Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3?

The poet highlights the tension between a child's boundless imagination and the constraints faced by poetry in the modern world, questioning its ability to retain its essence and relevance.

3. What is the significance of the title "Kavita ke Bahaane, Baat Seedhi Thi Par" of Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3?

The title suggests a layered approach to understanding poetry, where the poet uses the pretext of poetry in deeper discussions about language, creativity, and the human experience.

4. Identify the prominent literary devices used in the Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3 poems.

The poems employ a rich tapestry of literary devices, including metaphors, similes, personification, and symbolism, to enhance their expressive power and convey deeper meanings.

5. How does the poet use imagery to create specific moods and atmospheres in the Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3?

The poet employs vivid imagery, evoking scenes of nature, childhood experiences, and the complexities of human emotions to create immersive and thought-provoking experiences for the reader.

6. What is the poet's attitude towards the expectations placed on poetry in the Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3?

The poet expresses concern about the demands and pressures placed on poetry to conform to specific expectations or trends, which could potentially compromise its authenticity and creativity.

7. How does the poet advocate using simple and direct language in Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3?

The poet challenges the notion that complex and ornate language is essential for effective communication, emphasising the power of simplicity and clarity in conveying profound thoughts and emotions.

8. Compare and contrast the poet's view of poetry with society's general perception of poetry.

The poet's perspective offers a nuanced and critical view of poetry, challenging conventional assumptions and highlighting the challenges faced by this art form in contemporary times.

9. How does this Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3 poem's exploration of language and communication relate to other works of literature?

The poem's exploration of language and communication resonates with themes found in works by other poets and writers who have examined the power of words, the nature of expression, and the relationship between language and human experience.

10. What are the major challenges faced by students while studying these Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3 poems?

Students may find it challenging to learn abstract concepts, understand the deeper meanings, and appreciate the poet's use of figurative language.

11. How can students effectively prepare for exams based on these Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 3 poems?

Effective preparation involves a thorough understanding of the poems' themes, analysing poetic devices, practising close reading, and developing the ability to articulate interpretations and critiques. Students can also refer to all the study materials provided by Vedantu for better understanding.