Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Humse Sab Kahte Class 3 Notes CBSE Hindi Chapter 6 [Free PDF Download]

ffImage
widget title icon
Latest Updates

Get Access To Class 3 Chapter 6 Humse Sab Revision Notes Right Now

Hindi can be quite a difficult subject for students, although a very high-scoring one. So, it is important to build a strong foundation in the subject. The best way to do that is for children to read poems in Hindi. That is one of the main reasons why the experts at Vedantu have created humse sab kahte revision notes for students of Class 3.


The revision notes are essential for assessing the preparation of students and helping them bag more scores in the examinations. The students can read the poem thoroughly and go through the revision notes in order to get an idea about the poem in detail. The humse sab kahte notes can help provide a deeper understanding of the concept.


Download CBSE Class 3 Hindi Revision Notes 2023-24 PDF

Also, check CBSE Class 3 Hindi revision notes for other chapters:

CBSE Class 3 Hindi Revision Notes

Chapter 1 - Kakku

Chapter 2 - Shekhibaj Makkhi

Chapter 3 - Chandwali Amma

Chapter 4 - Mann Karta Hai

Chapter 5 - Bahadur Bitto

Chapter 6 - Humse Sab Kahte

Chapter 7 - Tiptipwa

Chapter 8 - Bandar Bant

Chapter 9 - Akal Badi Ya Bhains

Chapter 10 - Kyonjimal Aur Kaise Kaisliya

Chapter 11 - Meera Bahan Aur Bagh

Chapter 12 - Jab Mujhe Saap Ne Kaata

Chapter 13 - Mirch Ka Maza

Chapter 14 - Sabse Accha Ped

Access Class 3 Hindi Chapter 6: हमसे सब कहते Notes

कवि परिचय:

  • प्रस्तुत कविता के कवि निरंकार देव सेवक  है। 

  • कवि का जन्म बरेली उत्तर प्रदेश में हुआ था।

  •  कवि एक बाल साहित्यकार हैं l उन्होंने बहुत  से  शिशु गीत भी लिखे हैं।

  • उन्होंने " दूध जलेबी", "माखन मिसरी", "रिमझिम" आदि कई कविताएं लिखी है I

कविता का सारांशः

  • प्रस्तुत कविता में एक बालक अपनी शिकायतों का वर्णन कर रहा है l कविता में कवि ने उन्हीं शिकायतों को लिखा है l

Boy


चित्र: बालक

  • कविता के प्रथम भाग में बालक अपनी शिकायतें बताता हुआ कहता है कि कोई भी सूरज को रोशनी फैलाने को मना नहीं करता है और चांद को उसकी चांदनी बिखेरने को मना नहीं करता है l

  • कविता के दूसरे भाग में  बालक शिकायत करता है कि हवा को घर के अंदर आने से कोई नहीं रोकता है और तेज बारिश होने पर भी बादल से कोई सवाल नहीं करता है l

  • कविता के तीसरे भाग में बालक प्रश्न पूछता हुआ कहता है कि जब इन सभी को नहीं रोका जाता है तो फिर भैया मुझे पास आने से क्यों रोकते हैं और मां घर में खिलौने फैलाने से मना क्यों करती हैं I पापा घर के अंदर खेलने से मना क्यों करते हैं l

  • अंत में  बालक कहता है कि सभी लोगों का बस तो सिर्फ  मेरे ऊपर ही चलता है । जो भी आता है वह डांट लगाता है l

शब्द - अर्थ:

शब्द

अर्थ

वाक्य में प्रयोग

सूर्य

सूरज

सूर्य पूर्व दिशा से उगता है l

चांदनी  

चंद्रमा की किरणें

चाँदनी रात में सैर का आनंद ही कुछ और होता है l

जलधार

जल का तेज बहाव

नदी की जलधार में उसकी टोपी बह गई l

खबरदार

सावधान

तुम उससे थोड़ा खबरदार ही रहो l

अम्मा

माँ

मेरी अम्मा बहुत अच्छी है l

बस चलना

जोर चलना

मेरा बस चलता तो मैं उससे बात नहीं करता I

भैया

बड़ा भाई

आज मेरे भैया मेरे लिए खिलौने लाए है l

तुकबंदी वाले शब्द:

फैलाओ

जाओ, आओ

आई

बरसाई

आए

बताए

बोली

ठिठोली

कहता

रहता

प्रश्न - उत्तर:

प्रश्न 1. दिन में हमें रोशनी कौन देता है ?

(क) सूर्य

(ख) चंद्रमा 

(ग) पृथ्वी

उत्तर: सूर्य

प्रश्न 2. रात को चांदनी कौन फैलाता है ?

(क) चाँद 

(ख) तारे 

(ग) सूर्य

उत्तर: चाँद

प्रश्न 3. पानी कौन बरसाता है ?

(क) नदी 

(ख) बादल 

(ग) हवा

उत्तर: बादल

प्रश्न 4 घर में खेलने से बालक को  कौन मना करता है ?

(क) पापा 

(ख) अम्मा 

(ग) भैया

उत्तर: पापा

प्रश्न 5 पाठ में सब किसको डांट रहे है ?

(क) बच्चे को 

(ख) दीदी को 

(ग) जानवर को

उत्तर: बच्चे को

प्रश्न 6. समान अर्थ वाले शब्द लिखो l

(क) सूर्य

उत्तर: सूरज

(ख) अम्मा

उत्तर: माँ

प्रश्न 7. मिलान करो l

बादल

चाँदनी

सूरज

जलधार

चाँद

खिलौने

बच्चे

धूप

उत्तर: उचित मिलान-

बादल

जलधार

सूरज

धूप

चाँद

चाँदनी

बच्चे

खिलौने

प्रश्न 8. रिक्त स्थान भरो l

(क) _______ कहीं भी जलधार बरसा देते हैं।

उत्तर: बादल कहीं भी जलधार बरसा देते हैं l

(ख) ______ को घर के अंदर आने से कोई नहीं रोकता है l

उत्तर:  हवा को घर के अंदर आने से कोई नहीं रोकता है I

(ग) सूरज को ______ फैलाने से कोई मना करता है।

उत्तर:  सूरज को धूप फैलाने से  कोई मना नहीं करता है l

(घ) _______ पास आने से रोकते हैं I

उत्तर:  भैया पास आने से रोकते हैं l

प्रश्न 9. कविता की पंक्तियाँ पूरी करो: 

(क) फिर क्यों हमसे ________ कहते

यहाँ ना आओ _______जाओ l

_______ कहती है घर - भर में

खेल _______ मत फैलाओ l

उत्तर: फिर क्यों हमसे भैया कहते

यहां ना आओ भाग जाओ l

अम्मा कहती है घर - भर में 

खेल खिलौने मत फैलाओ I

(ख) कोई नहीं ______ से कहता 

_______ जो अंदर आई, 

_______ से कहता कब कोई 

क्यों जलधार जहां _______?

उत्तर: कोई नहीं हवा से कहता 

खबरदार जो अंदर आई, 

बादल से कहता कब कोई 

क्यों जलधार जहां बरसाई?

अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1.  बादल को क्या बरसाने से नहीं टोका जाता?

उत्तर: बादल को जलधार बरसाने से नहीं रोका जाता I

प्रश्न 2.  घर के अंदर खेलने से किसे मना किया जाता है ?

उत्तर:  घर के अंदर खेलने से बच्चे को मना किया जाता है l

प्रश्न 3 पाठ में बालक किस-किसके बारे में शिकायतें कर रहा है ?

उत्तर:  पाठ में बालक सूरज चाँद  बादल और हवा के बारे में शिकायतें कर रहा है l

Importance of Reading Class 3 Chapter 6 Humse Sab Kahte Poem Summary

The Class 3 Hindi Chapter 6 Revision notes are basically a PDF document that will include the summary as well as other details about the chapter that can help students get a full comprehension of the chapter.

The summary of the poem talks about the grievances of a small child in the first verse. The child talks about how no one asks the sun to not shine and spread its light or how the moon isn’t asked to take its light away. Going further, the lines say that no one is able to stop the air from entering any home and no one asks why the clouds produce so much rain.

The second verse of the Humse sab Kahte kavita moves to describe why children are stopped from doing the things that they want to do. The little child asks why his brother doesn’t want him near his things and why his mother stops him from spreading his toys around the room or why his father doesn’t let him play outside. The child asks why he is scolded by anyone who pleases.

Benefits of Revision Notes for Class 3 English Chapter 6 Humse Sab Kehte from Vedantu

Students can have the following benefits after reading the Class 3 Hindi Chapter 6 PDF revision notes from Vedantu.

  • The revision notes have been arranged according to the questions that often tend to appear in the examination and hence students can score good marks by learning the details.

  • Those students who have some trouble understanding the chapter just by reading the poem can refer to these revision notes to get a grasp of the concept and the storyline that is depicted in the poem.

  • During preparations for examinations, these notes will definitely save a lot of time as students don’t have to prepare notes on their own.

  • The poem is clarified in a very detailed and comprehensive manner so students will find it easy to attempt the Humse sab kahte question answer exercises at the end of the chapter.

Conclusion

You can find the humse sab kahte class 3 PDF summary and revision notes right now from Vedantu. Revise the chapter easily with all the details about the concept that has been provided by professionals and score great marks in your exams.

 

Other CBSE Class 3 Revision Notes Links

FAQs on Humse Sab Kahte Class 3 Notes CBSE Hindi Chapter 6 [Free PDF Download]

1. What message is being portrayed in the poem humse sab kahte?

The class 3 Chapter 6 Poem Humse Sab Kahte describes the sadness of a child for being scolded by the elders of his house whenever he tries to do something.

2. Is reading Humse Sab Kahte revision notes important?

The main objective of the revision notes for Class 3 Chapter 6 Hindi poem is to help students develop a good idea about the chapter and what the poem is trying to convey. Students will be able to understand the poem in great detail after studying the notes.

3. Can I prepare for my exams using these notes?

Yes, preparing for the exams using these revision notes from Vedantu is really easy. All you have to do is refer to the concepts in the chapter and solve all the questions to complete your syllabus.