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Important Questions for CBSE Class 7 Hindi Durva Chapter 16 - Mitti Ki Murtiyan

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CBSE Class 7 Hindi Durva Important Questions Chapter 16 - Mitti Ki Murtiyan - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 7 Hindi Durva Chapter 16 - Mitti Ki Murtiyan prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.


Study Important Questions Class 7 Hindi Durva पाठ १६ - मिट्टी की मूर्तियां

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                             (1 अंक)

1. सिंधु घाटी सभ्यता की उत्पति आज से कितने समय पहले हुए थी?

उत्तर: सिंधु घाटी सभ्यता की उत्पति आज से लगभग २५००-३००० पहले हुए थी।


2. कलाकारी के लिए कौन सा पुरस्कार दिया जाता हैं?

उत्तर: कलाकारी के लिए राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार “मास्टर क्राफ्ट मैन” दिया जाता हैं।


3. मिट्टी से बने बर्तन का क्या महत्व है?

उत्तर:  मिट्टी से बने बर्तन सस्ते और आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।


4. ठोस मूर्ति अधिक से अधिक कितने सेंटीमीटर ऊंची होती हैं?

उत्तर: ठोस  मूर्ति अधिक से अधिक एक बिलांस यानी १५-२० सेंटीमीटर ऊंची होती है।


5. हाथ से कितने प्रकार की मूर्ति बनाई जा सकती हैं?

उत्तर: हाथ से तीन प्रकार की मूर्ति बनाई जा सकती हैं। ठोस, पोली और उभरी हुई।


लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                     (2 अंक)

1. मिट्टी की चीज़े कब और कहां से बनानी आरंभ हुआ?

उतर: सिंधु घाटी सभ्यता में मिट्टी से बने और पकी हुए चीज़े मिली हैं जैसे कि मूर्तियां और बर्तन अत:यह मालूम होता है कि इनका निर्माण उस काल में शुरू हुआ होगा या उससे पहले। यहां ऐसी बहुत सी चीज़े मिली हैं जिनसे पता चलता है कि मिट्टी की चीज़े आवश्य ही यहां सबसे पहले बनाई गई होंगी।


2. मृणमुर्ति किसे कहते है?

उत्तर: हम जानते हैं कि मिट्टी से बनी और आग में पकी मूर्तियां या वस्तुएं पानी में नहीं घुलती हैं।ऐसी मूर्तियों को मृणमुर्ति कहा जाता हैं।


3. भारत में कुछ जगह मृण-मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध हैं उसके नाम बताएं।

उत्तर: भारत में कुछ जगह इन मृण-मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है जैसे कि बंगाल में बांकुर, उत्तर प्रदेश में गोरखपुर, राजस्थान में मुलैला और मध्यप्रदेश में बस्तर। यह मूर्तियां मिट्टी से बनाई जाती है और इसे आग में पकाया जाता है।


4. मूर्ति को कैसे पकाया जाता है?

उत्तर: मिट्टी की मूर्तियों को आमतौर पर बस्ती में पकाया जाता है लेकिन इसे पकाने के लिए ऐसा दिन चुना जाता है जब मौसम बिल्कुल साफ हो और बारिश होने की कोई संभावना ना हो।


5. मूर्ति को अधिक दिनों तक सुरक्षित कैसे रखते हैं?

उत्तर: मिट्टी से बनी मूर्तियों को अधिक दिन तक सुरक्षित रखने के लिए उन्हें भट्टी में पकाया जाता है। मूर्तियों को पकाने का उद्देश्य, इन्हें सुरक्षित रखना और मजबूत बनाना होता है। मूर्तियों को पकाने से इनमें दरार नहीं पढ़ती।


लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                      (3 अंक)

1. मिट्टी से मूर्तियां कितनी तरीकों से बनाई जाती हैं?

उत्तर: मिट्टी से मूर्तियां दो तरीकों से बनाई जा सकती हैं।पहला,सबसे आसान तरीका है मूर्तियों को हाथ से बनाना।इस तरीके से ठोस, पोली और उभरी  मूर्तियां बनाई जाती हैं।दूसरा तरीका, मूर्तियों को चाक की मदद से बनाना।इस तरीके से चाक मटके और कुल्हड़ बनाए जाते हैं।दोनों ही तरीको से बनाई गई मूर्तियों को भट्टी की आग में पकाया जाता है जिससे इनमें दररार ना पड़े।


2. मिट्टी कितने प्रकार की होती हैं?

उत्तर: मिट्टी मुख्यतह छ: प्रकार की होती हैं। भारत के अलग – अलग स्थानों अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पाई जाती हैं। इन छ: प्रकार की मिट्टियों के नाम निम्नलिखित है:

  1. चिकनी मिट्टी

(घ) पीली मिट्टी

  1. रेतीली मिट्टी

(ड) सफेद मिट्टी

  1. लाल मिट्टी

(च) काली मिट्टी


3. ठोस मूर्तियां अधिक लंबी क्यों नहीं बनाई जाती?

उत्तर: मिट्टी की ठोस मूर्ति अधिक से अधिक एक बिलांस यानी 15-20 सेंटीमीटर ही लंबी बनाई जाती है। इसकी अधिक लंबाई ना बनाने का कारण यह होता है कि यदि ठोस मूर्ति ऊंचा बनायी जाएगी तो उसके टूटने या चटकने की संभावना बढ़ जाती है। मूर्तिकारों को इससे अधिक हानि होती है इसीलिए ठोस मूर्तियों को अधिक ऊंचा नहीं बनाया जाता। मिट्टी से मूर्ति को बनाकर उसे पकाया जाता है पकाते समय यदि मूर्ति अधिक लंबी होती है तो उसकी चटकने की संभावना होती है।


4. राजस्थान में मुलैला नामक गांव के कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के नाम लिखिए।

उत्तर: राजस्थान के मुलैला नामक गांव की कुछ प्रसिद्ध कलाकारों के नाम निम्नलिखित है:

(क)   किशन लाल कुम्हार

(ख)   खेमराज कुम्हार

(ग)   लोकल लाल कुम्हार

राजस्थान के इन कुम्हारों ने इतनी सुंदर और अद्भुत मूर्तियों का निर्माण किया है कि उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर “ राष्ट्रीय क्राफ्ट मैन” जैसे राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले हैं। इन्होंने राजस्थान में बहुत अनोखी कार्य की मूर्तियां बनाई है इनमें ठोस मूर्तियां भी विशाल है।


5. मिट्टी कितने प्रकार की होती है? मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?

उत्तर: मुख्यतया भारत में छह प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। यह चिकनी मिट्टी, रेतीली मिट्टी, लाल मिट्टी, पीली मिट्टी, सफेद मिट्टी और काली मिट्टी होती है। हर जगह अलग-अलग प्रकार की मिट्टी पाई जाती है। मूर्ति बनाने लायक मिट्टी तैयार करने के लिए उसमें दूसरे मिट्टी में लानी पड़ती है। उदाहरण के लिए, यदि चिकनी मिट्टी का प्रयोग करना है तो उसमें रेतीली मिट्टी, या राख मिलानी  पड़ेगी। तभी इस से मूर्ति बनाई जा सकती है।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:                                                                                     (5 अंक)

1. मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी को कैसे साफ किया जाता हैं?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए सबसे पहले मिट्टी को साफ किया जाता हैं।मिट्टी को साफ करने के लिए इसमें से कंकड़,पत्थर या कोई कचरा आदि होता है तो उसे निकला जाता हैं।उसके बाद मिट्टी को किसी बर्तन,होड़ या तस्ले में डाल कर गला दिया जाता हैं।जब यह तस्ले की मिट्टी अच्छे से घुल जाए तो उसे एक दो बार नीचे तक हाथ या डंडे से हिला दिया जाता हैं।ऐसा करने से यदि मिट्टी में कोई कंकड़ बच गए हो तो वे भी नीचे बैठ जाते हैं।इस बर्तन में मिट्टी को एक दो दिन के लिए ऐसे ही छोड़ दिया जाता ,फिर ऊपर की मिट्टी किसी बर्तन में निकाल लो उसके बाद इसका पानी ऊपर आ जाएगा और इस बंदी को निकाल दिया जाता हैं।इस प्रकार मिट्टी को साफ किया जाता हैं।


2. मिट्टी के बर्तन के लिए मिट्टी की कुटाई अच्छी तरह से होनी चाहिए?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए मिट्टी के कुटाई अच्छी तरह से होने चाहिए क्योंकि यदि मिट्टी की कुटाई अच्छी नहीं होगी तो मूर्ति चटक जाएगी और मूर्ति को पकाते समय वह टूट भी सकती है। कुट कर तैयार की गई मिट्टी को गीले कपड़े या बोरे में लपेटकर ढक दिया जाता है ताकि मिट्टी सुख ना पाए। जितनी अच्छी तरह से मिट्टी की कुटाई होगी उतनी अच्छी तरह से ही मिट्टी के बर्तन एवं मिट्टी की मूर्तियां बनाई जाएगी। कुटाई करने से मिट्टी मुलायम हो जाती है जिससे मूर्ति को आकृति देने में आसानी आती है। मिट्टी की कुटाई करते समय इसकी सफाई भी की जाती है जिससे मिट्टी मुलायम और कुटाई में आसानी हो।


3. मूर्ति बनाते समय हमें किन चीजों की जरूरत पड़ती है?

उत्तर: मूर्ति बनाते समय हमें कुछ छोटी-छोटी चीजों की जरूरत पड़ती है। जैसे बांस के टुकड़े, जिसे चाकू से छीलकर अलग-अलग आकार दिया जाता है। बांस के इन टुकड़ों की मदद से मूर्ति की अनावश्यक मिट्टी खुरच सकते हैं। इन बांस टुकड़ों की मदद से मूर्ति के अंगों को उभार सकते हैं। इसके अलावा पुराना चाकू, लकड़ी आदि की भी आवश्यकता होती है। इसके अलावा चाक की मदद से भी मूर्ति बनाई जाती है। वास्तव में चाक पर पूरी मूर्ति नहीं बनाई जाती लेकिन मूर्ति के कुछ हिस्सों को चाक की मदद से बनाया जाता है। मूर्ति के अलग-अलग हिस्सों को बनाकर उसे एक साथ जोड़ा जाता है और मूर्ति तैयार की जाती है।


4. मूर्ति और कुल्हड़ बनाने के लिए मिट्टी कैसे तैयार की जाती है?

उत्तर: सबसे पहले मिट्टी को साफ किया जाता है मिट्टी के भीतर से कंकड़, पत्थर और कचरे आदि को निकाला जाता है। मिट्टी को किसी बर्तन या होद में डालकर मिट्टी को गलाया जाता है। जब मिट्टी पानी में घुल जाए तो उसे एक दो बार नीचे तक हिला दिया जाता है। जिससे यदि बारीक कंकड़ पत्थर रह जाते हैं वह नीचे बैठ जाते हैं। अब बर्तन को एक-दो दिन के लिए रख दिया जाता है। एक-दो दिन बाद ऊपर की मिट्टी को किसी अन्य बर्तन में निकाल लिया जाता है और उसका अतिरिक्त पानी निकाल दिया जाता है। यदि मिट्टी ज्यादा गीली है तो उसे साफ जगह में फैला दिया जाता है। कुछ समय बाद मिट्टी को हाथ में लेकर गोली बनाई जाती है और देखा जाता है कि गोलियां बन रही है तो अब मिट्टी तैयार है।


5. सुखाते समय क्या सावधानी रखनी चाहिए?

उत्तर: मिट्टी के बर्तन और मूर्तियों को बनाते समय कई प्रकार की सावधानियां रखी जाती है। मूर्तियों को सुखाने के बाद उन्हें पकाया जाता है। सुखाते समय कुछ सावधानियां रखनी होती है। यदि ना रखी जाए तो मूर्ति के चटकने और टूटने की संभावनाएं बढ़ जाती है। मिट्टी की मूर्तियों को सूखने में समय भी काफी लगता है। जब मूर्ति तैयार हो जाए तो उसे खुली जगह पर मत छोड़ना। मूर्ति को ढक कर रखना चाहिए लेकिन दिन में दो - चार घंटे के लिए मूर्ति को खोल देना चाहिए ताकि उसे थोड़ी हवा लग सके। समय-समय पर इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मूर्ति में कहीं दरार तो नहीं पड़ गई है।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 7 Hindi Durva Chapter 16 - Mitti Ki Murtiyan

1. What is Chapter 16 of Class 7 Hindi Vasant textbook?

Chapter 16 of the Class 7 Hindi Vasant textbook is a poem. The title of the poem is Bhor aur Barkha. It is one of the many poems that were sung by Meerabai. Meerabai is one of the well-known bhakti saints. She hails from the state of Rajasthan. The poem consists of two stanzas. The first stanza depicts how Mother Yashoda is trying to wake up Krishna who is in a deep slumber. The second stanza talks about the arrival of rain. 

2. How is Mother Yashoda trying to wake up Krishna?

Mother Yashoda is trying to wake up Krishna with a lot of love. She is saying that the darkness of the night has gone away with the rise of the sun. The morning has arrived and doors to all the houses are now open. This means that everyone is wide awake now. The women are busy doing their household chores and in the process, their bangles are making melodious sounds. She says that everyone is waiting for you. 

3. How should I write the gist of the poem given in Chapter 16 Of Class 7 Hindi Vasant?

Poems and their questions can be a bit tricky to approach. It is easy to understand what a paragraph is trying to say. But a poem contains several hidden meanings and the way one understands a poem is very subjective. Hence, it is important that you know how to answer questions about poems. Start by writing the name of the composer. Then write what is given in the stanza, what is being explained or mentioned in one line. Then explain the gist of the poem line by line. 

4. How should I approach answering questions for Chapter 16 of Class 7 Hindi Vasant? Where can I find solutions?

Before you start answering the questions, read the poem thoroughly. The poem is short and consists of easy to understand sentences. Once you have read the poem, try to write a summary. Pen down what you have understood from the poem. Recheck if you have missed something. Practice writing the answers only then go online to find solutions. Try to evaluate the answers that you have written and the answers that you come across online. Vedantu is a good and authentic website that provides you with all the solutions. You can download the NCERT Solutions at free of cost from the Vedantu website or download the Vedantu app at free of cost. Also, try to understand the way in which the answer is presented. 

5. What does the poem given in Chapter 16 Of Class 7 Hindi Vasant say about rain?

The second stanza of the poem captures the emotions that are fuelled by monsoon and rain. The stanza talks about the arrival of rains in the monsoon season. The rain brings with it happiness, satisfaction, and bliss. It says that the poet is waiting for Hari to come. The clouds are moving in from all directions accompanied by thunder, lightning and downpour. The cold breeze that comes with the rain is making Meera’s heart content and she is singing songs of Lord Krishna.