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10 Hindi Moral Stories for Kids

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Learning in one's mother tongue is essential for shaping a child's imagination and cultural knowledge, as it provides a deep connection to their heritage and community. 


In Hindi, a rich repertoire of moral stories offers a treasure trove of valuable life lessons that entertain and guide children in their mental and emotional development. These stories, steeped in tradition and wisdom, help instill important moral values that will accompany them throughout their lives. 


If you're seeking to nurture your child's growth with engaging and educational content, we've curated a list of 10 Hindi moral stories for kids while fostering a strong bond with their cultural roots.


1. शेर और चुहे की दोस्ती

शेर और चुहे की दोस्ती


किसी समय की बात है, एक बड़े जंगल में शेर और चूहा रहते थे। एक दिन शेर सो रहा था और उसके पास एक छोटा सा चूहा खेलते हुए दौड़ता हुआ आया। शेर ने उसे देख लिया और गुस्से में आकर चूहे को पकड़ लिया। चूहे ने डरते हुए शेर से जीवन की भीख मांगी और उसे वचन दिया कि अगर कभी शेर को कोई परेशानी होगी, तो वह उसकी मदद करेगा।


शेर ने चूहे को छोड़ दिया और उसकी बात पर विश्वास किया। कुछ समय बाद, शेर शिकारी के जाल में फंस गया और वह बहुत परेशान हो गया। तभी चूहा आया और अपनी छोटी सी दांतों से शेर के जाल को कुतर दिया, जिससे शेर आज़ाद हो गया। इसके बाद शेर और चूहे के बीच गहरी दोस्ती हो गई। दोनों ने समझ लिया कि आकार से कोई फर्क नहीं पड़ता, सच्ची दोस्ती का कोई आकार नहीं होता।


मूल शिक्षा: सच्ची दोस्ती आकार से नहीं, बल्कि एक-दूसरे के साथ खड़े होने से परिभाषित होती है। कभी भी छोटे को हल्के में न लें, वे भी बड़ी मदद कर सकते हैं।


2. चतुर खरगोश

चतुर खरगोश


एक बार एक जंगल में एक छोटा सा खरगोश रहता था, जिसे गाजर बहुत पसंद थी। जंगल में एक बड़ा बगीचा था, जिसमें गाजरें उगी हुई थीं, लेकिन वहां पर एक शेर का डर था। खरगोश ने यह सोचा कि अगर वह गाजरें चुराएगा तो शेर से कैसे बच पाएगा। उसने बड़ी चतुराई से योजना बनाई और शेर से कहने लगा, "तुम बहुत ताकतवर हो, लेकिन अगर तुम चाहो तो एक सच्चा सम्राट बन सकते हो।"


शेर ने इस बात पर ध्यान दिया और वह खरगोश की बातों में फंस गया। खरगोश ने शेर को गाजर का रास्ता दिखाया, लेकिन शेर ने लालच में आकर सारा बगीचा नष्ट कर दिया। फिर खरगोश ने शेर को समझाया कि लालच हमेशा नुकसान का कारण बनता है और उसने शेर को इस गलती से सीखने की सलाह दी।


मूल शिक्षा: लालच से बचना चाहिए क्योंकि यह हमेशा नुकसान का कारण बनता है। समझदारी से ही जीवन के कठिन हालातों से बाहर निकल सकते हैं।


3. लोमड़ी की चालाकी

लोमड़ी की चालाकी


एक दिन एक लोमड़ी एक चीतों के समूह में शामिल हो गई। लोमड़ी बहुत चतुर थी, लेकिन चीतों के बीच में वह अपनी पहचान खो बैठी। उसे लगा कि अगर वह चीतों जैसा दिखने लगे तो उसे कोई न पहचान पाएगा। उसने अपनी चालाकी से चीतों के बीच घुलने की कोशिश की, लेकिन उसका धोखा जल्द ही पकड़ में आ गया।


चीते ने लोमड़ी की पहचान को पहचाना और उसे बाहर कर दिया। लोमड़ी को समझ में आया कि धोखा कभी भी सफल नहीं होता और अपनी असली पहचान को छिपाना अच्छा नहीं होता।


मूल शिक्षा: धोखा देने से हमेशा नुकसान होता है। अपनी असली पहचान को छिपाना या बदलना कभी अच्छा नहीं होता, हमेशा सच्चे और ईमानदार रहना चाहिए।


4. सच्चा हिरण

सच्चा हिरण


एक समय की बात है, एक हिरण और शेर अच्छे दोस्त थे। हिरण बहुत ईमानदार था और शेर का अच्छा मित्र था। शेर बुढ़ापे में था और उसकी शक्ति कम हो रही थी। हिरण ने शेर का पूरा ध्यान रखा और उसकी सेवा की। शेर को यह देखकर एहसास हुआ कि सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में साथ होते हैं। हिरण की ईमानदारी और मित्रता ने शेर को एक नई उम्मीद दी।


मूल शिक्षा: सच्चे दोस्त वही होते हैं जो मुश्किल समय में साथ देते हैं। दोस्ती का असली मतलब ईमानदारी और एक-दूसरे की मदद करना है।


5. मूर्ख राजा और चतुर ब्राह्मण

मूर्ख राजा और चतुर ब्राह्मण


एक दिन, राजा ने अपने दरबार में सभी ब्राह्मणों को बुलाया और कहा, "मैं एक बड़ी परीक्षा लेना चाहता हूँ। जो भी इस परीक्षा में सफल होगा, उसे बड़ा इनाम मिलेगा।" सभी ब्राह्मणों को शाही पुरस्कार की उम्मीद थी, लेकिन राजा की परीक्षा का तरीका बहुत अजीब था। उसने सभी ब्राह्मणों से कहा कि वे उसे कुछ ऐसा बताएं जो उसे पूरी तरह से समझ में आ जाए और उसे परेशान न करे।


चतुर ब्राह्मण ने सोचा और फिर राजा के पास गया। उसने कहा, "महाराज, मैं एक ऐसी कहानी बताऊंगा जो आपको समझने में बिल्कुल मुश्किल नहीं होगी, और न ही आप परेशान होंगे।" ब्राह्मण ने राजा को एक साधारण कहानी सुनाई, जिसमें कोई जटिलता नहीं थी। राजा को कहानी समझ में आई और वह खुश हुआ। चतुर ब्राह्मण ने राजा को समझाया कि कभी भी अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।


राजा ने ब्राह्मण की बातों को सुना और महसूस किया कि वह अपनी आलस्य की वजह से राज्य की भलाई के लिए कुछ नहीं कर रहा था। इसके बाद, राजा ने अपनी आदतें बदल दी और अपने राज्य का सही तरीके से संचालन करना शुरू किया।


मूल शिक्षा: यह कहानी हमें यह सिखाती है कि आलस्य और मूर्खता से कोई भी अच्छा काम नहीं हो सकता। सच्ची समझदारी तब आती है जब हम अपने फैसलों में सोच-समझ कर कार्य करते हैं।


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6. कुम्हार का गधा

कुम्हार का गधा


एक कुम्हार के पास एक गधा था, जो अपनी मेहनत से काम करता था। एक दिन, भारी बारिश के कारण गधा खेत में फंस गया और उसे बाहर निकलने में बहुत मुश्किल हुई। गधे ने अपनी पूरी मेहनत लगाई, लेकिन मुश्किलें बढ़ती जा रही थीं। कुम्हार ने देखा और गधे को समझाया कि कठिनाइयों का सामना करने के लिए हमें धैर्य और बुद्धि की आवश्यकता होती है।


गधा अब समझ गया कि मेहनत और ईमानदारी हमेशा फल देती है। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि ईमानदारी और बुद्धि के साथ किए गए प्रयास सफलता की ओर ले जाते हैं।


मूल शिक्षा: मेहनत, ईमानदारी और बुद्धि से ही कठिनाईयों को पार किया जा सकता है। जीवन में चुनौती आए तो धैर्य बनाए रखें और सही रास्ते पर चलें।


7. बंदर और मगरमच्छ

बंदर और मगरमच्छ


गोलू नाम का एक बंदर एक पेड़ पर रहता था और नीचे नदी में मगरमच्छ तैरता था। मगरमच्छ ने सोचा कि बंदर को धोखा देकर उसे अपने साथ ले जाएगा। एक दिन मगरमच्छ ने बंदर से कहा, "मेरे पास बहुत स्वादिष्ट फल हैं, आओ मेरे साथ नदी में चलो।" बंदर ने उसकी बात मानी और नदी में जाने लगा। मगरमच्छ ने उसे धोखा देने के लिए यह सोचा कि वह बंदर को खा जाएगा।


लेकिन बंदर बहुत चतुर था, उसने मगरमच्छ से कहा, "मैंने अपने सारे फल पेड़ पर छोड़े हैं, चलो वहां वापस चलते हैं।" मगरमच्छ इस बात को मानकर वापस लौट आया। इस तरह बंदर ने अपनी चतुराई से गोलू को बचा लिया।


मूल शिक्षा: चतुराई से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। अपनी बुद्धिमानी और समझदारी से हम कठिन परिस्थितियों से बाहर निकल सकते हैं।


8. चींटी और टिड्डी

चींटी और टिड्डी


गर्मी का मौसम था और एक छोटी सी चींटी पूरे दिन अपना काम कर रही थी। वह बिना रुके मेहनत से दानों को इकट्ठा कर रही थी और उन्हें अपने घर में सुरक्षित रखने के लिए डाल रही थी। वहीं पास में एक टिड्डी आराम से घास पर बैठा था और गाना गा रहा था। वह चींटी को देखता और हंसते हुए कहता, "तुम इतनी मेहनत क्यों कर रही हो?


चींटी ने थोड़ी मुस्कान के साथ कहा, "मैं भविष्य के लिए काम कर रही हूं। सर्दी आएगी, और जब बर्फ गिरेगी, तो मुझे खाने के लिए कोई परेशानी नहीं होगी।" टिड्डी ने उसका मजाक उड़ाया!


समय बीतते गए, और सर्दी आ गई। बर्फ गिरने लगी और हवा बहुत तेज़ चलने लगी। अब टिड्डी भूख और ठंड से कांपते हुए चींटी के पास गया और कहा, "क्या तुम मुझे कुछ खाना दे सकती हो?" चींटी ने उसे देखा और कहा, "जब तुम आराम कर रहे थे, तब मैंने मेहनत की थी। अब मुझे खुशी है कि मैंने भविष्य के लिए तैयार किया था।"


मूल शिक्षा:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि मेहनत और योजना से ही हम भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं। अगर हम आलस्य छोड़कर समय का सही इस्तेमाल करें, तो कभी भी मुश्किल समय से नहीं घबराएंगे।


9. लोमड़ी और अंगूर

लोमड़ी और अंगूर


एक गर्मी के दिन, एक भूखी लोमड़ी जंगल में घूम रही थी। वह बहुत थकी हुई थी और खाने के लिए कुछ ढूँढ रही थी। अचानक उसकी नज़र एक बेल पर पड़ी, जिस पर मीठे और सुर्ख अंगूर लटके हुए थे। अंगूर देख कर लोमड़ी का मुंह पानी से भर गया। उसने सोचा, "ये अंगूर बहुत स्वादिष्ट लगते हैं, मुझे इन्हें खाने चाहिए।"


लोमड़ी ने अंगूर तक पहुँचने के लिए कोशिश शुरू कर दी। वह ऊँची कूद लगाने लगी, लेकिन अंगूर दूर थे। उसने फिर कोशिश की, लेकिन अंगूर और भी ऊँचाई पर थे। कई प्रयासों के बाद भी वह अंगूर नहीं तोड़ सकी। थक-हार कर लोमड़ी नीचे बैठ गई और बोली, "ये अंगूर तो खट्टे हैं। मुझे इनकी कोई ज़रूरत नहीं है।" और इस तरह, लोमड़ी ने हार मान ली और चल पड़ी, मानो उसे अंगूर का कोई मोह नहीं था।


मूल शिक्षा:
यह कहानी हमें यह सिखाती है कि जब हमें किसी चीज़ को प्राप्त करने में असफलता मिलती है, तो हम उसे नकारने का बहाना बना लेते हैं। कभी-कभी हम अपनी असफलता को छिपाने के लिए किसी चीज़ को महत्वहीन साबित करने की कोशिश करते हैं।


10. अकबर और बीरबल की कहानी

अकबर और बीरबल की कहानी


एक दिन सम्राट अकबर ने अपने दरबार में पूछा, "बीरबल, तुम बताओ, इस दुनिया में सबसे कीमती और सबसे सस्ता क्या है?" बीरबल थोड़ी देर चुप रहे, फिर मुस्कुराते हुए उन्होंने जवाब दिया, "महाराज, सबसे कीमती चीज़ 'समय' है और सबसे सस्ती चीज़ 'आशा' है।" अकबर हैरान हुआ और पूछा, "तुम ऐसा क्यों कहते हो?"


बीरबल ने जवाब दिया, "समय का मूल्य कोई नहीं समझता, जब वह चला जाता है तो हम उसकी कमी महसूस करते हैं। वहीं, हम हमेशा आशा करते रहते हैं, भले ही वह पूरी न हो, इसलिए आशा सस्ती हो जाती है।" अकबर ने बीरबल की बातों पर विचार किया और उन्हें सही माना।


मूल शिक्षा: इस कहानी से यह सिखने को मिलता है कि समय कीमती होता है और हमें इसे सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। आशा से कुछ हासिल नहीं होता, लेकिन समय का सदुपयोग सफलता की कुंजी है।


Conclusion

These stories offer children important life lessons that help them understand key values such as honesty, friendship, and hard work. They teach children how to face challenges in life and make simple decisions. 


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