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NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Antral) Chapter 3: (अपना मालवा - खाऊ उजाड़ू सभ्यता में) Apna Malwa-Khau Ujaru Sabhyata Mein

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NCERT Solutions for Hindi Class 12 Chapter 3 - FREE PDF Download

You can now download the FREE PDF of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3 - "Aapna Malwa: Khau Ujaru Sabhyata Me" from the "Antral" book. This chapter explores the culture, traditions, and unique lifestyle of the Malwa region, offering deep insights into its values and way of life. The NCERT Solutions provide step-by-step answers that make it easier for you to understand key concepts, helping you study more efficiently.


The NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral are aligned with the latest CBSE Class 12 Hindi Syllabus, making it easier for you to follow along with your studies. Make sure to download the PDF today to get a thorough understanding of the chapter.


Glance on Class 12 Hindi (Antral) Chapter 3 - Apna Malwa-Khau Ujaru Sabhyata Mein

  • The chapter introduces readers to the Malwa region, highlighting its unique geographical features and the way they influence the daily life of its people. The author paints a vivid picture of the land, giving insights into its beauty, resources, and how it plays a central role in shaping the culture of the region.

  • Malwa is known for its rich cultural traditions and festivals, and the chapter describes these in detail. Festivals are an integral part of the lifestyle in Malwa, celebrated with enthusiasm and community participation. The chapter provides examples of various local festivities, showing how these events bring people together, fostering a strong sense of community.

  • The author also focuses on the daily life of the Malwa people, emphasising their resourcefulness and resilience. Despite the challenges posed by the natural environment, the people of Malwa have learned to adapt and thrive. The chapter illustrates how they make the best use of the resources available to them, from agriculture to handicrafts, showcasing their innovative approach to life.

  • The food habits of the Malwa region are a significant aspect of the chapter. The author describes the traditional foods of Malwa, emphasising how they reflect the lifestyle and resourcefulness of the people. Simple yet nutritious meals, often prepared with local ingredients, are central to Malwa’s culture, and the chapter provides an engaging look at these culinary traditions.

  • Social customs and the collective spirit of the people are major highlights of the chapter. The author explains how customs, rituals, and practices have helped the Malwa community preserve its identity over time. The collective spirit is evident in the way people work together, celebrate together, and support each other in times of need.

  • The chapter also emphasises the resilience of the Malwa people in adapting to their natural environment. The people of Malwa have faced various natural challenges, yet their ability to adapt and overcome obstacles is a significant feature of their culture. This resilience is reflected in their sustainable way of living, which balances human needs with nature.

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Access NCERT Solutions for Class-12 Hindi Chapter 3 - अपना मालवा-खाऊ उजाड़ू सभ्यता में

प्रश्नावली 

12:1:4: प्रश्न – अभ्यास: 1

1. मालवा में जब सब जगह बरसात की झड़ी लगी रहती है तब मालवा के जनजीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है .? 

उत्तर-जब मालवा के हर जगह बारिश होती है , तो मालवा के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है । हालांकि चारों तरफ पानी पानी हो जाने के कारण थोड़ी परेशानी जरूर होती है। बारिश इतनी ज्यादा होती है कि मालवा के सारे नदी नाले तालाब लबालब भर जाते हैं। और पानी घरों में तक घुस जाता है। लेकिन फिर भी यह बारिश के दिनों में उत्साह देखने को मिलता है क्योंकि जब बारिश होती है तो फसलें लहलहा उठती है।गांव में सभी तालाबों को में लबालब पानी भर जाता है। जो आगे फसलों और वहाँ के इंसानों के लिए बहुत उपयोगी होता है। मालवा के लोगों को लगता है कि भगवान बहुत प्रसन्न हैं वहाँ की बारिश मालवा को समृद्ध बनाती है।


12:1:4 प्रश्न – अभ्यास: 2 

2. अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था।उसके क्या कारण है ?

उत्तर-मालवा में अब अधिक बरसात न होने के कई कारण हैं-

क) मालवा में बढ़ते उद्योगीकरण ने वहाँ के पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है। जिससेप्रावरण में भयंकर बदलाव देखने को मिले हैं। यह भी एक प्रमुख कारण है। 

ख) हमारे वायुमंडल प्रदूषण के कारण कार्बन डाइऑक्साइड गैस की बढ़ोतरी हो रही है यह गर्म गैस होती है, जिसके कारण वायुमंडल और हमारे धरती की ओजोन परत को नुकसान पहुँच रहा है।

ग) बढ़ती जनसंख्या के कारण कंक्रीट के निर्माण में अधिकता आई है हम लगातार जंगलों और पेड़ों की कटाई कर रहे हैं जिसके कारण मानसून में परिवर्तन हो रहा है यह भी एक प्रमुख कारण है बारिश में कमी आने का।


12:1:4: प्रश्न – अभ्यास: 3 

3. हमारे आज के इंजीनियर ऐसा क्यों समझते हैं कि वह पानी का प्रबंध जानते हैं और पहले जमाने के लोग कुछ नहीं जानते थे?

उत्तर-आजकल यह व्यापक स्तर पर सामाजिक मानसिकता हमारे चारों तरफ फैली हुई है कि नई पीढ़ी समझती है कि पुरानी पीढ़ी को कुछ आता नहीं है। उसी प्रकार हमारे आजकल के इंजीनियर अपने तकनीक ज्ञान को बहुत उच्च स्तर का मानते हैं। उनको लगता है कि आज ज्ञान पर विज्ञान का पूरा अधिकार है जल संग्रह और जल प्रदूषण को खत्म करने के आधुनिक तरीके उन्हें मालूम है पहले के लोग बस प्रकृति पर निर्भर रहते थे आज रोज़ नई तकनीक और नए आविष्कार हो रहे हैं पुराने जमाने में लोगों को तकनीकी ज्ञान नहीं था। व्यक्त करने की शिक्षा से अनजान थे। स्वयं एक गलतफहमी में जीते है। आजकल के इंजीनियर मानते हैं कि पश्चिमी सभ्यता ने ज्ञान का प्रसार किया है। भारत के लोग तो अज्ञानी थे। रिनसां बाद से ही लोगों के अंदर ज्ञान का फैलाव हुआ। 


12:1:4 प्रश्न- अभ्यास -4 

4. ‘मालवा में विक्रमादित्य,  भोज और मूंज रिनेसा के बहुत पहले हो गए।’ पानी के रखरखाव के लिए उन्होंने क्या प्रबंध किए ?

उत्तर-मालवा के राजा राजस्थान की प्राकृतिक समस्याओं और जरूरतों को बहुत करीब से जानते और समझते थे राजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज आदि राजाओं ने वहाँ के पठारों की कमजोरियों और ताकतों को पहचानना और वहाँ जनता के हित में कई आश्चर्यजनक कार्य किए। वे मालवा के भौगोलिक स्थिती को समझा और जल संग्रह के लिए बेहतर इंतजाम किए। उसने तालाब, कुएँ और बावड़ियों का निर्माण किया। की वह बारिश के पानी को संग्रहित करके रख सकें। संग्रहित पानी को वह पूरे साल उपयोग में ला सकते है जिससे उन्हें पानी की कमी की समस्या का सामना नही करना पड़ेगा । इसका एक बड़ा उदाहरण हम मालवा को कह सकते है। 


12:1:4 प्रश्न – अभ्यास: 5 

5.‘हमारी आजकी सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही है।’ क्यों और कैसे?

उत्तर-निस्संदेह आज के युग एक प्रगति युग है, लेकिन यह प्रगति हमारी सबसे बड़ी समस्या का कारण भी है, हम इस प्रगति के लिए प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचा रहे हैं। प्रदूषण एक विकट समस्या है, जो आयदिन बड़ती जा रही है। जल, भूमि और आकाश सभी पूरी तरह से प्रदूषण के प्रभाव से प्रभावित है, मानवीय जानता है कि जल मनुष्य का जीवन है। इसके बावजूद मनुष्य ने इस अमूल्य जल संसाधन को भी प्रदुषित किया है सदियों से जिन नदियों का पानी जल का एक बड़ा और मुख्य स्रोत रहा है जो केवल मनुष्य के लिए ही नहीं बल्कि सभी प्राणियों के जीवन प्रणाली से जुड़ा है। लेकिन आज कल कारखानों का जहरीला पदार्थ और शहरों का गंदा पानी नदियों में बहा दिया जाता है। निरंतर प्रक्रिया नदियों के पानी को इतना प्रदुषित और विषाक्त बना दिया है कि यह न केवल पीने योग्य नहीं है, बल्कि इससे भयानक बीमारियां भी होने लगी है, यहाँ तक कि इसमें रहने वाले जानवर भी विलुप्त होने के कगार पर है। सरकार और कई सामाजिक संगठन समय समय पर इसे बचाने की कोशीश करते रहते हैं, लेकिन जब तक आम लोग सचेत नहीं होंगे, जब तक हर व्यक्ति पानी के मूल्य को समझना शुरू नहीं करेगा, तब वो दिन दूर नहीं जब यह नदियां नालों का रूप ले लेगी। शहर के किनारे बहने वाली कई नदियों को हमने नाला बना दिया है और यमुना नदी इसका मुख्य उदाहरण है हमें जागरूक होकर नदियों को नदी ही बने रहने देना होगा वरना हम दिन प्रतिदिन जल की समस्याओं और बीमारियों के जाल में फंसते जाएंगे।


12:1:4 प्रश्न- अभ्यास: 6 

6. लेखक को क्यों लगता है कि ‘हम जिसे विकास की उद्योग इक सभ्यता कहते हैं वह उजाड़ की  अपसभ्यता है?’ आप क्या मानते हैं?

उत्तर- इस कथन में लेखक के विचार बहुत हद तक सही है। हम देखते है की जहाँ एक नई तकनीक आती है वह अपने साथ कई ऐसी समस्यायें भी लाती है जो मानव जीवन के विकास से ज्यदा उसके विनाश में योगदान देती है । मनुष्य प्रकृति से सब कुछ लेना चाहता है परंतु उसे कुछ देना नहीं चाहता अपने विकास के साथ साथ मनुष्य प्रकृति का पूर्ण रूप से शोषण करना चाहता है। मनुष्य किक सबसे बड़ी समस्या यह है की वह केवल आज के बारे में स्वयं के बारे में सोचना चाहता है। वह कल की परवाह नहीं करते की अगर आज वह अपनी तकनीकी से अपना जीवन आसन बनाना चाहता है तो आगे चल कर वही तकनीक एक विनाशक के रूप में सामने आ सकती है। इसलिए मनुष्य को इसपर विचार करना चाहिए की जिसे हम विकास की उध्योग सभ्यता कहते है वह वास्तव में एक उजाड़ की अपसभ्यता है। 


12:1:4 प्रश्न – अभ्यास: 7 

7. धरती का वातावरण करम क्यों हो रहा है? इसमें यूरोप और अमेरिका की क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिये।

उत्तर- मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ छेड़छाड़ से आज पूरी दुनिया में ग्लोबल वार्मिंग का खतरा मंडरा रहा है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस भयावह स्थिती से परेशान है। इसके कारण पृथ्वी का वातावरण तेजी से गर्म होता जा रहा है। मनुष्यों ने अपनी सुविधाओं के नाम पर जो कुछ भी किया है,वह उनके लिए खतरनाक साबित हो रहा है। वाहनों, हवाई जहाज, बिजली संयंत्रों, उधोगो आदि से अंधाधुन गैसीय उत्सर्जन के कारण वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ रही है और मिथेन, नाइट्रोजन ऑक्साइड आदि ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि हो रही है, जिसके कारण इन्हें गैसों का आवरण घनघोर होता जा रहा है। यह आवरण सूर्य की परावर्तित किरणों को रोक रहा है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। बढ़ते तापमान की तुलना में ग्लैशियरों की बर्फ़ तेजी से पिघल रही है। जिसके कारण आने वाले समय में जल संकट उत्पन्न हो सकता है। वनों की कटाई की संख्या में बढ़ोतरी भी दूसरी सबसे बडा कारण है। वन प्राकृतिक रूप से कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को नियंत्रित करते हैं, लेकिन उनके प्राकृतिक  नियंत्रकोंको भी उनकी अंधाधुन कटाई से नष्ट किया जा रहा है। इन गैसों के उत्सर्जन में अमेरिका और यूरोपीय देशों की प्रमुख भूमिका है। इनमें से अधिकांश गैस वहाँ से निकल रही है। लेकिन वह इसे स्वीकार नहीं करते है।


Conclusion 

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3 - "Apna Malwa-Khau Ujaru Sabhyata Mein" provides students with a profound introduction to a unique culture and civilization. These solutions offer a comprehensive analysis of the poem's significance, imagery, and literary devices. With detailed explanations and critical interpretations in English, students can gain a deeper understanding of the nuances of the poetic composition. By engaging with these solutions, learners can enhance their language skills, literary comprehension, and critical thinking abilities in both Hindi and English. Overall, NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3 empowers students to explore the rich cultural heritage and excel in their language and literature studies.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Antral) Chapter 3: (अपना मालवा - खाऊ उजाड़ू सभ्यता में) Apna Malwa-Khau Ujaru Sabhyata Mein

1. Are NCERT Books and CBSE Sample papers enough to score good marks in class 12 board examinations?

Yes, studying the detailed chapters and their explanations covered in the NCERT Books and CBSE Sample papers available on Vedantu, are sufficient to score good marks in Class 12 board examinations.

2. Are NCERT Solutions for Class 12 Hindi Antral Chapter 3 Aapna Malwa – Khau ujaru sabhyata beneficial for the 12th board exam preparation?

Yes, NCERT Solutions Class 12 Hindi Antral Chapter 3 Aapna Malwa – Khau ujaru sabhyata me, available on Vedantu, are very helpful for the 12th board exam preparation. These NCERT Solutions will guide you to write precise answers for this chapter in the 12th board Hindi examination.

3. Which website offers the best study materials for the 12th board Hindi examination?

Vedantu is a reliable website that provides the best study resources, free of cost, for the 12th board Hindi examination. Students can download chapter-wise Class 12 Hindi NCERT Solutions, sample question papers, and previous year question papers from Vedantu and refer to them for their exam preparation.

4. How to download NCERT Solutions of Class 12 Hindi Antral 2 Chapter 3, with the chapter summary to clear the concept?

Students just have to click on the direct links available for Class 12 Hindi NCERT Solutions on Vedantu page and they will be directed to a new page having the download option. They also can download the chapter summary in the same way on our web page for future reference.

5. ‘Vikramaditya, Bhoja and Moonj happened in Malwa long before Rinesa.’ What arrangements did they make for the maintenance of water?

King Malwa realised and understood the natural problems and needs of Rajasthan. Kings like Vikramaditya Bhoja and Munj recognized the weaknesses and strengths of the plateau and did many wonderful things for the people there. He understood the geographical location of Malwa and made better arrangements for bringing water. They made pond wells and step wells. So that they can store rainwater. They can use the water stored throughout the year to avoid water scarcity. We can give a good example in Malwa. To know more about the chapter, refer to the website of Vedantu or use the Vedantu app. All the study material provided by Vedantu is free of cost.

6. Why does the author think that 'what we call the industry of development as a civilization is a civilization of desolate?' What do you think?

The author's comment on this statement is correct. We can see that the advent of new technology has brought many problems in front of human life. Somebody wants to plunder everything from nature but he doesn't want to give it anything. In its development, people want to take maximum advantage of nature. The biggest problem of mankind today is selfishness. He is not worried about tomorrow. The same technology can help if you want to live a comfortable life with today's technology.

7. Now the water does not fall in Malwa like it used to. What is the reason for that?

There are many reasons for not raining in Malwa. So notice the drastic change on the cover. This is also a very important reason. a) Due to the pollution of our atmosphere, the carbon dioxide gas rises in the form of hot gas as the ozone layer of our atmosphere and soil is destroyed. b) Increased production of concrete due to increase in population Due to changes in the monsoon, deforestation of forests and trees continues which is also the main reason for the decrease in rainfall.

8. Describe the story Chapter 3 Aapna Malwa - Khau Ujaru Sabhyata Mein of Class 12 Hindi Antral in your words.

The author has represented the soil, rainfall, rivers and their origins, as well as the culture of the Malwa region, in this novel. He linked it to the Malwa culture of the past.


Malwa was formerly known for its wealth and success. It is now regarded as a symbol of Khau-Ujrau culture. This Khau Ujrau civilization is a creation of Europe, and as a result of its industrial progress, civilization has devolved into an uncivilised society, affecting the entire planet. The writer's environmental and civilizational concerns are not limited to Malwa but have spread to everyone. America's Eat and Desolate Life System has had such an impact on the world that we are destroying our way of life, culture, and way of thinking.

9. How has the author described views against America's Khau according to Chapter 3 Aapna Malwa - Khau Ujaru Sabhyata Mein of Class 12 Hindi Antral?

The author has conveyed his opposition to America's Khau - Ujrau culture with this thinking. Malwa is one of the places where it has had an impact. In a true sense, we are destroying ourselves. The author has connected environmental concerns with the general public and made people aware of environmental issues through this novel. There are seven practice questions at the end of Chapter 3 Aapna Malwa – Khau Ujaru Sabhyata me, which are answered in an easily understandable way to help students understand the topic and gain good marks in the next CBSE Board Hindi examinations.

10. What can I learn from this chapter about Malwa's culture?

The chapter provides a detailed insight into Malwa's traditions, food habits, festivals, and the simple yet meaningful lifestyle of its people, highlighting their community-oriented values.

11. How are the NCERT Solutions helpful for board exam preparation?

The NCERT Solutions cover all important questions and provide structured answers, which are extremely helpful for board exam preparation and ensuring you grasp the key ideas.

12. How do the NCERT Solutions help in improving my answer writing skills?

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