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NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 12: Sandhya Ke Baad (Antra)

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NCERT Solutions for Class 11 Chapter 12 Hindi - FREE PDF Download

Class 11 Hindi NCERT Chapter 12, Sandhya Ke Baad, is a thoughtful poem by Sumitranandan Pant. The poem paints a serene picture of nature during dusk while reflecting deeper human emotions, particularly those of ageing, sorrow, and reflection. Pant uses nature as a backdrop to convey the silent suffering of elderly women sitting by a riverbank, making an analogy between their inner grief and the quiet flow of the river. Through simple but evocative imagery, the poem connects natural beauty with the melancholy of human life.

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Table of Content
1. NCERT Solutions for Class 11 Chapter 12 Hindi - FREE PDF Download
2. Glance on Class 11 Hindi Chapter 12 (Antra) 
3. Access NCERT Solutions for Hindi Class 11 Chapter 12 Sandhya Ke Baad
4. Learnings of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 12
5. Related Study Materials for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 12
6. Conclusion 
7. Chapter-wise NCERT Solutions Class 11  Hindi - (Antra)
8. NCERT Class 11 Hindi Other Books Solutions
9. Important Study Material for Hindi Class 11
FAQs


Our solutions for Class 11 Hindi Antra NCERT Solutions break the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 11 Hindi Syllabus and practise Hindi Class 11 Chapter 12.


Glance on Class 11 Hindi Chapter 12 (Antra) 

  1. Sandhya Ke Baad is written by Sumitranandan Pant.

  2. It describes the atmosphere of nature during dusk, focusing on the riverbank.

  3. The poem compares elderly women’s sorrow to nature’s quiet beauty.

  4. It uses metaphors and symbolism to express deeper emotions.

  5. Themes include ageing, inner grief, and spirituality.

Access NCERT Solutions for Hindi Class 11 Chapter 12 Sandhya Ke Baad


प्रश्न 1. संध्या के समय प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन होते हैं, कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर: संध्या के समय सूर्य की किरणें लाल रंग की हो जाती हैं। ये किरणें जब पीपल के पत्तों से होकर गुजरती हैं तो ऐसा लगता है जैसे पीपल के पत्ते ताँबे के रंग के हो गए हो। जब संध्या के समय पेड़ के पत्ते झरते है तो वह किसी झरने के समान शोभा देते हैं। संध्या के समय सूर्य के ढलने की गति इतनी तेज हो जाती है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि सूर्य पृथ्वी के भीतर ही समा गया हो। सूर्य के ढल जाने के बाद गंगा नदी का जल चितकबरा लगने लगता है।

प्रश्न 2. पंत जी ने नदी के तट का जो वर्णन किया है, उसे अपने शब्दो में लिखिए।

उत्तर: पंत जी ने अपनी कविता में नदी के किनारे बैठी वृद्ध महिलाओं का वर्णन किया है। उन्होंने बताया है कि वे वृद्ध महिलाएँ जो नदी के किनारे बैठी हैं, वह किसी बगुले जैसी लग रही है जो शिकार के इंतजार में बैठा हो। पंत जी कहते हैं कि उन वृद्ध महिलाओं का दुख बिल्कुल नदी की बहती धारा के जैसा है। पंत जी की इस कविता में हमें बगुले और वृद्ध महिलाएँ दोनों ही देखने को मिलते है। कवि को बगुले और वृद्ध महिलाएँ इसलिए समान दिखाई पड़ते हैं क्योंकि दोनों का ही रंग सफेद होता है।

प्रश्न 3. बस्ती के छोटे से गाँव के अवसाद को किन-किन उपकरणों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है?

उत्तर: बस्ती के छोटे से गाँव के अवसाद को निम्नलिखत उपकरणों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-

(क) गाँव के घरों में रोशनी पाने के लिए डिबरी का उपयोग किया जाता है, इससे रोशनी से ज्यादा धुआँ प्राप्त होता है।

(ख) लोगों के मन का अवसाद उनकी आँखों में जालों के रूप में रहता है।

(ग) गाँव के लोगों की निराशा दीपक की लौ जैसी होती है।

(घ) गाँव के बनिया ग्राहकों का इंतज़ार करते रह जाते हैं।

प्रश्न 4. लाला के मन में उठनेवाली दुविधा को अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर: लाला हमेशा यही सोचता रहता है कि उसे ही इतने दुख क्यों मिलते हैं? वह खुशी और आराम के साथ अपनी जिंदगी क्यों नहीं व्यतीत कर पाता है? उसके पास अपने परिवार वालों को देने के लिए एक अच्छा घर भी नहीं है ऐसा क्यों? वह शहरों के बनियों कि तरह सफल क्यों नहीं है? वह सोचता है कि आखिर किसने उसकी सफलता को रोक रखा है? लाला को यह लगता है कि उसकी उन्नति को रोकने वाला कोई कारण जरूर है। वह यह भी सोचता है कि उसका समय और भाग्य ही उसका साथ नहीं देते हैं। यही सब लाला के मन की दुविधाएं हैं।

प्रश्न 5. सामाजिक समानता की छवि की कल्पना किस तरह अभिव्यक्त हुई है? 

उत्तर: सामाजिक समानता की छवि की कल्पना निम्नलिखित तरह अभिव्यक्त हुई है-

1. कर्म और गुण के जैसे ही सकल आय-व्यय का वितरण होना चाहिए।

2. सामूहिक जीवन का निर्माण किया जाए।

3. समाज को धन का उत्तराधिकारी बनाया जाए।

4. सभी व्याप्त वस्त्र, भोजन तथा आवास के अधिकारी हो।

5. श्रम सब में समान रूप से बंटे।

प्रश्न 6. ‘कर्म और गुण के समान……….. हो वितरण’ पंक्ति के माध्यम से कवि कैसे समाज की ओर संकेत कर रहा है?

उत्तर: प्रस्तुत पंक्ति में, कवि समाज में समानता के अधिकार की कल्पना कर रहा है जहाँ किसी भी प्रकार का वितरण मनुष्य के कार्यों और गुणों पर आधारित होना चाहिए। प्रत्येक मनुष्य को उसके काम करने की क्षमता के आधार पर काम दिया जाए। जिसे वो भली भाँति कर सके और खुद के लिए अच्छी आमदनी कर सके। इससे समाज में गरीबी दूर होगी और समाज मजबूत बनेगा। समाजवाद के मूल गुण वो होते है जिसमें किसी एक वर्ग को आय व्यय का अधिकार नहीं हो। समान अधिकार से सभी को रोजगार के अवसर प्राप्त कराया जाए। 


प्रश्न 7. निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-साँदर्य स्पष्ट कीजिए-
तट पर बगुलों-सी वृद्धाएँ
विधवाएँ जप ध्यान में मगन,
मंथर धारा में बहता
जिनका अदुश्य, गति अंतर-रोदन।
उत्तर :काव्य-साँदर्य-प्रस्तुत पंक्तियां कविवर सुमित्रानंदन की कविता ‘संध्या के बाद’ से अवतरित हैं। इन पंक्तियों में कवि ने सांध्यकालीन वातावरण में नदी के तट पर बैठी बूढ़ी स्त्रियों और विधवाओं की दशा का वर्णन किया है जो ऐसे ध्यान मग्न होकर परमात्मा का नाम जप रही हैं जैसे बगुले ध्यानपूर्वक पानी देख रहे हों। नदी के बहते पानी में इन बूढ़ी स्त्रियों और विधवाओं की न दिखने वाली पीड़ा जैसे धीरे-धीरे बह रही हो अर्थात् कवि ने बूढ़ी स्त्रियों और विधवाओं की पीड़ाजन्य स्थिति का वास्तविक वर्णन किया है। भाषा में भावुकता एवं माधुर्य है। उपमा अलंकार का स्वाभाविक प्रयोग है।

प्रश्न 8. आशय स्पष्ट कीजिए :
(क) ताम्रपर्ण, पीपल से, शतमुख/झरते चंचल स्वर्णिम निईर।
(ख) दीपशिखा-सा ज्वलित कलश/नभ में उठकर करता नीराजन।
(ग) सोन खगों की पाँति/आर्र्र ध्वनि की नीरव नभ करती मुखरित।
(घ) मन से कढ़ अवसाद श्रांति/आँखों के आगे बुनती जाला।
(ङ) क्षीण ज्योति ने चुपके ज्यों/गोपन मन को दे दी हो भाषा।
(च) बिना आय के क्लांति बन रही/उसके जीवन की परिभाषा।
(छ) व्यक्ति नही, जग की परिपाटी/दोषी जन के दु:ख क्लेश की।
उत्तर :(क) संध्या के समय अस्ताचलगामी सूर्य की रक्तिम किरणें जब वृक्षों के पत्तों पर पड़ती हैं तो उनका रंग ताँबई हो जाता है, साथ ही सैकड़ों धाराओं में बहते हुए झरनों के जल का वर्ण स्वर्णिम हो जाता है।


(ख) कवि का मानना है कि दीपों की ज्योति के समान मंदिरों के शिखरों पर चमक्ता हुआ कलश ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो वह आकाश में सिर उठाकर जोर-जोर से परमात्मा का नाम जप रहो हो। 

(ग) अस्ताचलगामी सूर्य के कारण वातावरण में धीरे-धीर अंधकार फैल रहा है जिसे देखकर पंक्ति में जाते हुए सोन पक्षियों की द्रवित कर देने वाली ध्वनि आकाश की खामोशी को भंग कर रही है। 


(घ) कबि बस्ती के छोटे व्यापारियों की दयनीय आर्थिक दशा का वर्णन करते हुए लिखता है कि वे दिन निकलने से पहले ही टिन की ढिबरी जलाकर ग्राहकों के आने की प्रतीक्षा करने लगते हैं। उस ढिबरी से रोशनी से अधिक धुआँ निकलता है। इसी धुएँ के समान उनके मन में उत्पन्न अंतद्वर्वद्व के कारण उनके जीवन में भी दुख और पीड़ा रूपी धुआँ उनकी आँखों में भर जाता है।


(ङ) कवि बस्ती के छोटे व्यापारियों की दयनीय आर्थिक दशा का वर्णन करते हुए लिखता है कि अपनी दयनीय आर्थिक स्थिथि के कारण उनके हृदय की मूक वेदना और पीड़ा ढिबरी की कॉपती लौ के समान काँप रही है। इस कंपित ढ़िबरी की ज्योति में मानो उसके हुदय की छिपी पीड़ा और वेदना स्वयं ही मुखरित हो रही है।


(च) कवि कहता है कि बस्ती के छोटे व्यापारी की आर्थिक स्थिति दयनीय है। बिना किसी आय के उसका जीवन अंधकारमय तथा कष्टों से भरा हो गया है। उसे अपने जीवन की परिभाषा यही लगती है कि सदा अभावों से ग्रस्त रहना ही उसकी नियति है।


(छ) कवि का मानना है कि किसी व्यक्ति विशेष के दुखी रहने, कष्ट सहने तथा अभाव में जीने का दोषी केवल वह व्यक्ति ही नहीं बल्कि वह समाज भी है जिस समाज की व्यवस्था ने उस व्यक्ति को दुख सहते रहने योग्य बना दिया है। 

योग्यता-विस्तार –

प्रश्न 1. ग्रामीण जीवन से संबंधित कविताओं का संकलन कीजिए।
उत्तर: ग्रामीण जीवन पर आधारित कुछ प्रमुख कविताएँ निम्नलिखित हैं:

  1. सुभद्राकुमारी चौहान की "झाँसी की रानी" - यह कविता ग्रामीण जीवन के संघर्ष और साहस का चित्रण करती है।

  2. सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की "वह तोड़ती पत्थर" - इस कविता में एक ग्रामीण महिला की कठिनाइयों और श्रम का वर्णन है।

  3. रामधारी सिंह दिनकर की "हिमालय" - इस कविता में पर्वतीय और ग्रामीण जीवन की सुंदरता और कठिनाइयों का वर्णन किया गया है।

  4. महादेवी वर्मा की "पथ के साथी" - इस कविता में ग्रामीण जीवन के लोगों की सरलता और उनके संघर्ष का चित्रण है।

  5. जयशंकर प्रसाद की "आँसू" - यह कविता ग्रामीण जीवन के दु:खों और उसकी संवेदनाओं को दर्शाती है।


प्रश्न 2. कविता में निम्नलिखित उपमान किसके लिए आए हैं ?
(क) ज्योति स्तंभ-सा …………..
(ख) केचुल-सा …………..
(ग) दीप शिखा-सा …………..
(घ) बगुलों-सी …………..
(ङ) स्वर्ण चूर्ण-सी …………..
(च) सनन् तीर-सा …………..
उत्तर :
(क) अस्त होते सूर्य के लिए 

(ख) गंगा के बहते जल

 (ग) मंदिर के कलश लिए 

(घ) नदी तट पर ध्यान मग्न वृद्धाओं के लिए 

(ङ) गायों के पैरों से उठती धूल के लिए 

(च) पक्षियों के पंखों और कंठों का स्वर।


Learnings of NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 12

  1. Learn how metaphors and similes enhance the meaning of the poem.

  2. Understand how the poet links natural elements to human feelings.

  3. See how the poem portrays the quiet struggles of the elderly.

  4. Improve comprehension of advanced Hindi literature through clear explanations.

  5. Grasp the emotional undertones of the poem, which go beyond the surface description of nature.


Related Study Materials for Class 11 Hindi (Antra) Chapter 12

S. No

Important Study Material Links for Chapter 12 

1.

Class 11 Sandhya Ke Baad Questions

2.

Class 11 Sandhya Ke Baad Notes


Conclusion 

The NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 12, Sandhya Ke Baad, offers a straightforward explanation of the poem’s themes and poetic beauty. By studying these solutions, students can better understand the metaphorical language used by the poet and prepare themselves for related exam questions. The solutions aim to simplify complex ideas, helping students build a strong foundation in Hindi literature.


Chapter-wise NCERT Solutions Class 11  Hindi - (Antra)

After familiarising yourself with the Class 11 Hindi Chapter 12 Question Answers, you can access comprehensive NCERT Solutions from all Hindi Class 11 Antra textbook chapters.



NCERT Class 11 Hindi Other Books Solutions


Important Study Material for Hindi Class 11

FAQs on NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 12: Sandhya Ke Baad (Antra)

1. What is the central theme of Chapter 12 Sandhya Ke Baad in Class 11 NCERT Solutions?

The poem reflects the beauty of nature during dusk, symbolising the silent grief of elderly women, connecting their inner sorrow to the quiet flow of the river.

2. How does Chapter 12 Sandhya Ke Baad depict the relationship between nature and human emotions?

The poet uses natural elements like the setting sun and flowing river to mirror human emotions, particularly the quiet suffering of the elderly women who sit in meditation by the riverbank.

3. Why is the imagery of dusk important in Sandhya Ke Baad (Chapter 12)?

Dusk in the poem signifies the end of the day, symbolising the later stages of life, introspection, and acceptance of sorrow, creating a reflective mood.

4. How do NCERT Solutions for Chapter 12 Sandhya Ke Baad help students prepare for exams?

The solutions provide detailed explanations of the poem’s themes, metaphors, and literary devices, making it easier for students to understand and answer related exam questions.

5. What literary devices are explained in NCERT Solutions for Class 11 Hindi Chapter 12 Sandhya Ke Baad?

The solutions cover the use of metaphors, similes, and symbolism in the poem, helping students understand how these devices enhance the emotional depth of the text.

6. What does the river symbolise in Sandhya Ke Baad in Chapter 12 of Class 11 Hindi?

The river symbolises the slow, steady passage of time and the hidden sorrow of the elderly women, reflecting their inner emotions and the natural flow of life.

7. How does NCERT Solutions explain the metaphor of ‘bans on the riverbank’ in Chapter 12 Sandhya Ke Baad?

The solutions explain that the women sitting by the river are compared to herons waiting quietly, symbolising their patience and silent suffering, much like the bird awaiting its prey.

8. What role does the setting sun play in Sandhya Ke Baad of Chapter 12?

The setting sun represents the final phase of life, paralleling the end of the day, and is a key symbol in the poem that brings out the themes of ageing and quiet reflection.

9. How do NCERT Solutions for Chapter 12 Sandhya Ke Baad simplify the poem’s complex language?

The solutions break down difficult words, explain the meaning of metaphors, and offer summaries that help students grasp the essence of the poem more easily.

10. What is the importance of nature in shaping the emotional tone of Chapter 12 Sandhya Ke Baad?

Nature plays a central role in setting the emotional tone, with elements like the river, the setting sun, and dusk creating an atmosphere of melancholy and introspection.