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NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3: Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par (Aroh)

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NCERT Solutions for Class 12 Chapter 3 Hindi FREE PDF Download

Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par gives insight into the relationship between language and expression through poetry. It emphasizes how poetry serves as a medium for conveying complex emotions and thoughts in a simple yet impactful manner. The poet reflects on the nature of language, illustrating how it can sometimes complicate straightforward communication. By drawing parallels between children and poetry, the poet highlights the playful and free-spirited essence of both. The solutions provided in this PDF aim to clarify these concepts, helping students engage with the text more deeply and appreciate its nuances.


Our solutions for Class 12 Hindi NCERT Solutions PDF breaks the lesson into easy-to-understand explanations, making learning fun and interactive. Students will develop essential language skills with engaging activities and exercises. Check out the revised CBSE Class 12 Hindi Syllabus and start practising Hindi Class 12 Chapter 3. 


Glance on Class 12 Hindi Chapter 3 (Aroh)   

  • The chapter explores the significance of poetry in expressing complex emotions simply.

  • It emphasises the playful nature of both children and poetry, highlighting their similarities.

  • The poet discusses how language can complicate straightforward ideas.

  • The importance of using language thoughtfully is a Key theme.

  • The relationship between language and expression is intricately examined.

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Access NCERT Solutions Class 12 Hindi Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par

1. इस कविता के बहाने बताएं कि ‘सब घर एक कर देने के माने’ क्या है?

उत्तर: कवि कुंवर नारायण सिंह कहते हैं कि जिस तरह बच्चे खेल में अपनी सीमा, अपने अंतर को भूल जाते हैं। ठीक उसी तरह अगर हम कविता को एक खेल के रूप में देखते हैं, तो कविता भी शब्दों का खेल है। कवि कहता है कि कवियों को लोकहित में कविता लिखनी चाहिए, कविता बनाते और लिखते समय अपने और वर्ग विशेष के भेद को भूल जाना चाहिए।


2.‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या सम्बन्ध बनता है.? 

उत्तर:  कवि की कल्पना और पक्षियों की उड़ान, दोनों की कोई सीमा नहीं है| दोनों बहुत दूर और ऊँचाई तक यात्रा करते हैं। जहाँ पक्षियों की उड़ान पंखों की उड़ान है, वहीं कवि की कविता कल्पना की उड़ान है, तो कहा जाता है कि “जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुंचे कवि।”जिस तरह फूल खिलते है और लोगों को खुशी देते हैं,उनकी सुंदरता और उनकी खुशबू के साथ उसी तरह कविता हमेशा अपने शब्दों और अभिव्यक्तियों के  साथ खिलती हैं।


3. कविता और बच्चे को समानांतर रखने के क्या कारण हो सकते हैं?

उत्तर: बच्चे और कविता दोनों अपने स्वतंत्र स्वभाव के साथ खेलते हैं। खेल में उनके बीच कोई सीमा नहीं होती। उनके अपने लोगों के बीच कोई अंतर नहीं है, रंग और जाति से कोई नफरत नहीं है, बच्चे अपने बीच के सभी मतभेदों को भूल जाते हैं। जिस तरह एक शरारती बच्चा किसी की पकड़ में नहीं आता ठीक उसी प्रकार कविता में उलझा दी गई एक बात तमाम प्रयास के बावजूद समझने योग्य नहीं रह जाती। इसके लिए चाहे जितनी प्रयास किए जाये वे शरारती बच्चे की तरह हाथ से फिसल  ही जाता है।


4. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने’ के माने क्या होते हैं

उत्तर: कविता के संदर्भ में यह बात इसलिए की जाती है क्योंकि कविता फूलों की भांति सौन्दर्य, सुगंध और ताजगी दर्शाती है। परन्तु कविता फूलों से एक प्रकार से अलग है और वह है उम्र। सब फूल मुरझा जाते हैं जबकि कविता कालजयी है। इस प्रकार कविता बिना मुरझाए महकती रहती है।


5.‘ भाषा को सहूलियत से बरतने’ से क्या अभिप्राय है?

उत्तर: भाषा को सहूलियत से बरतने का तात्पर्य यह है कि भाषा का उचित प्रयोग किया जाए। भाषा अनगिनत शब्दों का संग्रह है। शब्दों के अर्थ प्रसंगों के अनुरूप होनी चाहिए, शब्दों से भाषा का विकास होता है। इसलिए भाषा का प्रयोग सतर्कता से करना चाहिए। गलत शब्दों का प्रयोग भाषा को पेचीदा बना देता है।


6. बात और भाषा परस्पर जुड़े होते हैं, किंतु कभी कभी भाषा के चक्कर में सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है कैसे?

उत्तर: यह एक बहुत गहरी पंक्ति है और शाब्दिक रूप से सच है। यह बात और है कि बातचीत और भाषा आपस में जुड़ी हुई है। किसी से बात करते समय भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने शब्दों को दूसरे तक पहुंचाते हैं और उन्हें समझाते हैं। यदि यह नहीं है तो हम बात नहीं कर सकेंगे, और संचार का ना होना यानी भाषा का भी न होना , अर्थात दोनों एक दूसरे के पूरक हैं और दोनों का अन्योन्याश्रित संबंध है। आसानी से भाषा का उपयोग नहीं कर पाने की स्थिती में कई बार सीधी बात भी टेढ़ी हो जाती है। क्योंकि हर शब्द की खासियत यह है कि उसका अपना अलग अर्थ होता है, भले ही वह किसी का पर्याय ना लगता हो।


7. बात कथे के लिए नीचे दी गई विशेषज्ञों का उचित बिम्बों, मुहावरों से मिलान करें।


बिंब/मुहावरा

विशेषता

(क) बात की चूड़ी मर जाना

कथ्य और भाषा का सही सामंजस्य बनना

(ख) बात की पेंच खोलना

बात का पकड़ में न आना।

(ग) बात का शरारती बच्चे की तरह खेलना

बात का प्रभावहीन हो जाना

(घ) पेंच को कील की तरह ठोंक देना

बात में कसावट का न होना।

(ङ) बात का बन जाना

बात को सहज और स्पष्ट करना


उत्तर:


विशेषज्ञों का उचित बिम्बों, मुहावरों से मिलान करें उत्तर


8. बात से जुड़े कई मुहावरे प्रचलित है। कुछ मुहावरों का प्रयोग करते हुए लिखें।

उत्तर:

क. बातें बनाना - बातें बनाना तो कोई लालू से सीखे। 

ख. बात का बतंगड़ बनाना - अरे दोस्त तुम भी किसकी बात करने लगे? सुजीत का तो काम है बात का बतंगड़ बनाना।


9. ज़ोर जबरदस्ती से

बात की चूड़ी मर गयी

और वह भाषा में बेकार घूमने लगी।

उत्तर: कवि इन पंक्तियों में भाषा की जटिलताओं का वर्णन करता है। वे कहते हैं कि एक बार वे सीधी और सरल बात लिखने की कोशिश कर रहे थे। परन्तु भाषा की जटिलताओं में ऐसा फंसे कि मूल बात लिख नहीं पाए। उन्होंने जो कथन लिखा वह मूल बात से अलग था। अपनी इस बात को कवि कील की सहायता से समझते हैं, कभी कहते है जिस प्रकार ज़ोर लगाने पर कील की चूड़ी खत्म हो जाती है, उसके बाद उसे बिना चूड़ी वाली कील की तरह ही दीवार में ठोकना पड़ता है। उसी प्रकार यदि भाषा कथ्य के अनुकूल नहीं हो तो कथन प्रभावी नहीं रह पाता।


चर्चा कीजिए

प्रश्न 1. आधुनिक युग में कविता की संभावनाओं पर चर्चा कीजिए?
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।


प्रश्न 2. चूड़ी, कील, पेंच आदि मूर्त उपमानों के माध्यम से कवि ने कथ्य की अमूर्तता को साकार किया है। भाषा को समृद्ध व संप्रेषणीय बनाने में, बिंबों और उपमानों के महत्व पर परिसंवाद आयोजित करें।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।


आपसदारी

प्रश्न 1. सुंदर है सुमन, विहग सुंदर
मानव तुम सबसे सुंदरतम। पंत की इस कविता में प्रकृति की तुलना में मनुष्य को अधिक सुंदर और समर्थ बताया गया है। ‘कविता के बहाने’ कविता में से इस आशय को अभिव्यक्त करने वाले बिंदुओं की तलाश करें।
उत्तर: पंत ने इस कविता में मनुष्य को प्रकृति से सुंदर व समर्थ बताया है। ‘कविता के बहाने’ कविता में कवि ने कविता को फूलों व चिड़ियों से अधिक समर्थ बताया है। कवि ने कविता और बच्चों में समानता दिखाई है। मनुष्य में रचनात्मक ऊर्जा हो तो बंधन का औचित्य समाप्त हो जाता है।


प्रश्न 2. प्रतापनारायण मिश्र का निबंध ‘बात’ और नागार्जुन की कविता ‘बातें’ ढूँढ़कर पढ़ें।
उत्तर: विद्यार्थी स्वयं करें।


Learnings of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3

  • Understanding how poetry can simplify complex thoughts and emotions.

  • Recognising the similarities between children’s innocence and poetic expression.

  • Learning about the challenges of effective communication through language.

  • It teaches the importance of clarity and simplicity in expression.

  • The Chapter Developes the analytical skills to interpret poetic themes and devices.


Benefits of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3

  • Class 12 Hindi Chapter 3 NCERT Solutions provides detailed explanations and answers for all chapters, ensuring that students grasp the complete syllabus effectively.

  • The solutions are designed by the NCERT curriculum, making them ideal for exam preparation and ensuring all important topics are covered.

  • The solutions break down complex concepts into simpler terms, making it easier for students to understand difficult topics and themes.

  • By studying the solutions, students can learn how to articulate their thoughts better and improve their writing skills in Hindi.

  • NCERT Solutions include various types of questions, helping students to practice effectively and prepare thoroughly for their exams.


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Conclusion

Class 12 Hindi Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par is an insightful exploration of the interplay between language and meaning in poetry. The chapter encourages readers to appreciate the beauty of simplicity in expression while recognizing the potential complexities that language can introduce. This PDF of NCERT Solutions provides a comprehensive understanding of the chapter, helping students in their literary journey.


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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 3: Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par (Aroh)

1. What is the focus of Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par" in NCERT Solutions?

The focus of Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par" in NCERT Solutions is on the relationship between language and expression in poetry.

2. How does the poet describe the nature of poetry in NCERT Class 12 Hindi Chapter 3?

The poet describes poetry in Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par" as a playful medium that can simplify complex thoughts and emotions, much liKe the innocence of children.

3. What challenges related to language does the poet highlight in Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par"?

The poet highlights in Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par" that language can complicate straightforward ideas, making effective communication difficult.

4. Why is clarity important in poetic expression according to "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par"?

Clarity is crucial in poetic expression, as emphasized in Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par," to ensure the audience understands the intended message without confusion.

5. How are children compared to poetry in NCERT Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par?

In Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par," children are compared to poetry through their free-spirited and playful nature, embodying the essence of creativity.

6. What role does imagination play in the poet's perspective in Class 12 Hindi Chapter 3 ?

Imagination plays a vital role in Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par," allowing poets to transcend limits and explore new heights, similar to birds in flight.

7. What is the significance of using language thoughtfully in poetry as discussed in NCERT Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par"?

Using language thoughtfully, as discussed in Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par," enhances the emotional impact of poetry and helps convey messages effectively.

8. What lessons about communication can be learned from NCERT Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par"?

Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par teaches that simple and clear communication is essential for effective expression in both poetry and everyday conversations.

9. How does NCERT Chapter 3 "Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par" address societal issues through poetry?

Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par suggests that poetry can reflect societal themes by using metaphor and imagery to express deeper emotions and truths.

10. What benefits can students gain from studying Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par in NCERT Solutions?

By studying Chapter 3 Kavita Ke Bahane, Baat Seedhi Thi Par in NCERT Solutions, students can improve their understanding of poetic devices and enhance their ability to communicate their thoughts clearly.