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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premdhan Ki Chayya Smriti

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CBSE Class 12 Hindi Antra Important Questions Chapter 10 Premdhan Ki Chayya Smriti - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premdhan Ki Chayya Smriti prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Question for Class 12 Hindi(Antra) Chapter 10 - प्रेमघन की छाया स्मृति

अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                  (1 अंक)

1. लेखक के पिता रात को कौन सी किताब पढ़ा करते थे? 

उत्तर: लेखक के पिता रात को रामचरितमानस और रामचंद्रिका पढ़ा करते थे | 


2. भारतेंदु हरिश्चंद्र के घनिष्ठ मित्र कौन हैं ? 

उत्तर: उपाध्याय बद्री नारायण चौधरी  भारतेंदु हरिश्चंद्र के घनिष्ठ मित्र है|


3. किस  प्रेस की किताबें लेखक के घर आया करती थी?

उत्तर: 'भारत जीवन' प्रेस की किताबें लेखक के घर आया करती थी| 


4. लेखक को कितने साल की उम्र से ही हिंदी की मित्र मंडली मिलने लगी थी? 

उत्तर: लेखक को 16 साल की उम्र से ही जिंदगी मित्र मंडली मिलने शुरू हो गई थी|


5. लेखक  के मोहल्ले में कौन-कौन रहता था? 

उत्तर: के मोहल्ले में वकील मुख्तार तथा कचहरी से अफसरों और हमलों की बच्ची थी|

 

लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                               (2 अंक)

6. रामचंद्र के पिताजी भारत जीवन प्रेस की किताबें छुपा देते थे क्यों? 

उत्तर: लेखक के पिता को डर था कि कहीं उनके बेटे रामचंद्र शुक्ल जी का मन स्कूल की पढ़ाई से हटना नहीं चाहिए इसलिए वह प्रेस की किताबें छिपा देते थे | 


7. उपाध्याय जी कौन सी भाषा के समर्थक थे? 

उत्तर: उपाध्याय जी नागरी भाषा के समर्थक थे और हमेशा से ही नागरी भाषा में लिखते थे |  कहना है कि नागर  अपभ्रंश से जो लोगों की भाषा विकसित हुई वहीं नागरी कहलाई | 


8. चौधरी साहब किस स्वभाव के व्यक्ति थे? 

उत्तर: चौधरी साहब खानदानी रईस थे उनके बात करने का तरीका उनके लेखों से बिल्कुल अलग था| वह एक खुशमिजाज और हर बात पर अपनी उल्टे व्यग्य देने वाले स्वभाव के व्यक्ति थे|


9. लेखक भारतेंदु जी के घर को एकटक देखते रहे क्यों? 

उत्तर: रामचंद्र शुक्ल जी को पुस्तकों और साहित्य से बड़ा लगाव था| तत्कालीन समय में भारतेंदु जी हिंदी भाषा के प्रमुख और प्रसिद्ध लेखक थे|भारतेंदु जी से लेखक को बढ़ा प्रेम था कि पहली बार लेकर उनके घर के सामने से गुजरे तो वह एकटक निहारते रहे|


10. वामनाचार्य गिरी कौन थे और उनकी चौधरी साहब से क्या बात हुई? 

उत्तर: वामना चार्य गिरी मिर्जापुर में पुरानी परिपाटी के बहुत ही प्रतिभाशाली कवि रहते थे|एक दिन वह सड़क पर चौधरी साहब के ऊपर एक कविता जोडते  चले जा रहे थे ,अंतिम चरण रह गया था कि चौधरी साहब अपने बरामदे में कंधों पर डाल सकता है|खंबे के सहारे खड़े दिखाई पड़े  वामन  जी ने चौधरी साहब को नीचे से अपनी कविता के जरिए ललकारा खंभा टेकी खड़ी जैसे नारि मुसलानो की | 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                         (3 अंक)

11. हिंदी और उर्दू के संबंध को इस पाठ के आधार पर अपने विचारों में प्रकट कीजिए | 

उत्तर: मुगलो का भारत में आगमन हुआ तो साथ ही साथ वह उर्दू को भी लेकर आए अंग्रेजों के काल में आजादी पाने के लिए एक ऐसी भाषा के पुनरुत्थान की आवश्यकता हुई जो आम लोगों की जन भाषा बन सके| प्रथम  भारतेंदु जी ने खड़ी बोली में लिखना आरंभ किया तब के समय में सभी लोग उर्दू के साथ हिंदी का भी प्रयोग निश्चित रूप में करते थे हालांकि हिंदी और उर्दू दो अलग-अलग भाषा है, हिंदी का जन्म भारत में ही हुआ परंतु उर्दू  बाहरी भाषा है जो हिंदी  में मिश्रित हो गई| 


12. इस पाठ के आधार पर लेखक की शैली का वर्णन कीजिए

उत्तर: लेखक ने इस पाठ में बहुत ही खूबसूरत और आकर्षक शैली का प्रयोग किया है| लेखक  प्राचीन समय की बातों को ठीक-ठीक रूप में सामने लाने की कोशिश की है तब के समय में बोली जाने वाली स्थानीय भाषा या जन भाषा हिंदी तथा उर्दू के सुंदर मिश्रित रूप का प्रयोग किया है|  तत्कालीन समय के सामाजिक परिवर्तन वातावरण तथा सामाजिक स्थिति का सटीक वर्णन करती है यह पाठ प्राचीन भारत के दर्शन को रोचक शैली में आधुनिकता के साथ करता है| 


13. भारतेंदु जी के संबंध में लेखक के मनोभाव पर अपना वक्तव्य दे? 

उत्तर: भारतेंदु जी के संबंध में लेखक ने मधुर भावना व्यक्त की है|वह कभी हरिश्चंद्र तथा सत्यवती राजा हरिश्चंद्र में कोई अंतर नहीं समझ पाते थे|यदि कोई उनके सामने हरिश्चंद्र का नाम लेते तो उनके मुख पर एक अलग ही भाग देखने को मिलता था वह भारतेंदु हरिश्चंद्र के लेख व्यक्तित्व और जीवन से बहुत प्रभावित है जबकि उनके सामने भारतेंदु जी की बात चलती उनके मन में एक अपनापन और का  प्रेम उत्पन्न होता था| 


14. लेखक ने अपने पिताजी के बारे में क्या बताया है? 

उत्तर: लेखक  अपने पिताजी के बारे में बताते हुए कहा है कि वह  फारसी के अच्छे ज्ञाता और पुरानी हिंदी कविता के पढ़े प्रेमी थे| उनको  फारसी कवियों की उक्तितयो को हिंदी कवियों के उपयोग के साथ मिलाने में बड़ा आनंद मिलता था|वह रात को प्राय रामचरितमानस और रामचंद्रिका घर के सब लोगों को एकत्रित करके बड़े  अच्छे एवं अलग ढंग से पढ़ा करते थे|  


15. घनचक्कर का अर्थ समझने के लिए चौधरी साहब ने क्या सुझाव दिया? 

उत्तर: घनचक्कर का अर्थ समझने के लिए चौधरी साहब ने कहा कि 1 दिन रात को सोने के पहले कागज कलम लेकर सवेरे से रात तक जो जो काम किए हैं सब लिख जाइए और पढ़ जाइए पता चल जाएगा कि घनचक्कर का क्या अर्थ है  यह प्रश्न चौधरी साहब के पड़ोसी ने उनसे किया था|  


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                            (5  अंक)

16. लेखक ने उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी संस्मरण में लिखा है ? 

उत्तर: लेखक रामचंद्र के पिताजी का तबादला मिर्जापुर के बाहर के नगर में हुआ था|  एक दिन  भारतेंदु हरिश्चंद्र के घनिष्ठ मित्र उपाध्याय बद्रीनारायण चौधरी बगल में रहते हैं,जो प्रेमघन उपनाम से उपन्यास लिखते हैं|  रामचंद्र उनके संस्मरण में बताते हुए कहते हैं कि उनसे मिलने के लिए उत्सुक और अपने मित्रों की मंडली के साथ एक डेढ़ मील चलकर उनके घर के नीचे जा खड़े हुए उन्होंने ऐसे बालकों का समूह खोज लिया था,जो उनके घर से तथा प्रेमघन से अच्छी तरह से परिचित थे| वह चौधरी के बारे में लिखते हुए बताते हैं कि उनके घर के ऊपरी बालकनी लताओं से सुसज्जित और सजाई हुई थी उनके  बाल कंधो तक लटकते रहते थे जब तक लेखक एक झलक लेते तब तक वे अंदर चले गए| 


17. लेखक ने निस्संदेह शब्द के संदर्भ में क्या कहा है? 

उत्तर: निस्संदेह शब्द के स्मृति में लेखक ने अपने बचपन की एक घटना का जिक्र किया है, वह कहती हैं कि उनका घर जिस मोहल्ले में था वहां मुख्तार, कचहरी के अवसर या कर्मचारी तथा वकील होने के कारण उर्दू का प्रयोग अधिक हुआ करता था|  लेकिन जब उनका जुड़ाव हिंदी प्रेमी मंडली से हुआ तो हिंदी प्रेमी  प्राय लिखने बोलने के लिए हिंदी भाषा का उपयोग किया करते थे|  यह मंडली बातचीत करते वक्त अक्सर निस्संदेह शब्द का प्रयोग अधिक किया करती थी|जबकि मोहल्ले के लोग जो उर्दू और उसके लफ्जों से ज्यादा प्यार करते थे वह उपयोग करते थे उनको लेखक तथा उसके मंडली द्वारा हिंदी बोलना अजीब लगता था| इन लोगों ने लेखक और उनके मित्र मंडली का नाम  रखने निसंदेह दिया था| 


18. रामचंद्र शुक्ल का जीवन परिचय लिखिए? 

उत्तर: रामचंद्र शुक्ल का जन्म 4 अक्टूबर सन 1884 मैं उत्तर प्रदेश जिले के अगोना नामक गांव में हुआ था|  मुझे अपने पिता के साथ राठ हमीरपुर गए तथा वहीं पर विद्या अध्ययन किया|  रामचंद्र जी के पिता ने शिक्षा के क्षेत्र में उर्दू और अंग्रेजी पढ़ने के लिए उन पर जोर दिया एक तरफ  हिन्दी भी पढ़ते रहे|  सन् 1901 ई में उन्होंने मिशन  स्कूल से स्कूल फाइनल की परीक्षा उत्तर इन की तथा प्रयाग के कायस्थ पाठशाला इंटर कॉलेज में एफ. ए पढ़ने के लिए आए|  मिर्जापुर के बद्रीनारायण चौधरी प्रेमघन के संपर्क में आकर उनके हिंदी के प्रति लगाव को और बल मिला|  सन् 1909 से 1910 ई के लगभग वे 'हिन्दी शब्द सागर’के संपादन मैं टेक्निक सहायक के रूप में काशी आ गए उन्होंने नागरी प्रचारिणी पत्रिका का संपादन भी कुछ दिनों तक किया 1937 काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष नियुक्त हुए|  


19.  लेखक और केदारनाथ जी के मित्रता के बारे में बताइए? ? 

उत्तर: लेखक पिताजी के कहने पर किसी बरात में काशी है वहां घूमते हुए उनकी मुलाकात पंडित केदारनाथ जी से चौखंभा स्थान पर हुई|  केदारनाथ जी भारतेंदु हरिश्चंद्र के मित्र थे| रामचंद्र शुक्ल खुद भारतेंदु जी  के प्रशंसक थे|  पंडित जी से उनके संबंध और विषय में जानकर पर भारतेंदु जी के घर को बड़ी चाह से देख रहे थे| केदारनाथ जी रामचंद्र शुक्ल को भावनाओं में डूबा देख बहुत प्रसन्न हुए उन्होंने लेखक की इस भावुकता ने बहुत प्रभावित किया है| समय गुजरने के साथ आगे चलकर दोनों का यह हृदय परिचित मित्रता में बदल गया लेखक का जो व्यवहार पंडित जी ने देखा वहीं उन्हें छू गया आगे चलकर इसी कारण वे गहरे मित्र बन गए| 


20. लेखक के हिंदी साहित्य के प्रति लगाव पर टिप्पणी करें ? 

उत्तर: लेखक के पिता ने लेखक को बचपन में ही साहित्य से परिचित करा दिया था|  रामचंद्र के पिता का ज्ञाता और हिंदी प्रेमी के घर भारतेंदु हरिश्चंद्र द्वारा रचित हिंदी नाटकों का वाचन हुआ करता था| लेखक को भारतेंदु लिखित नाटक अवश्य करते थे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने लेखक के अंदर हिंदी साहित्य के प्रति स्नेह पंडित जी ने खुद किया| आगे चलकर पंडित केदारनाथ जी ने बाकी कसर पूरी कर दी| मुझे अपनी पुस्तकालय जिसमें हिंदी की ढेर सारी पुस्तकें थी,लेखक को पढ़ने दिया करते थे|  लेखक प्राय: पुस्तकालय से पुस्तक लेकर अपने घर जाता था| हिंदी पुस्तकों और लेखकों के प्रति आदर भाव देखकर केदारनाथ की बहुत प्रभावित हुए| इन्हीं सब कारणों से लेकर 16 वर्ष की उम्र में ही हिंदी प्रेमियों की मंडली से परिचित हो गया|  इस मंडली के सभी लोग हिंदी जगत में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे| मंडली का समय पर ना लेखक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण रहा हिंदी साहित्य के क्षेत्र में| 

FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Antra Chapter 10 Premdhan Ki Chayya Smriti

1. What is the study plan for Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra)?  

Beneath are the tips which will help students in making a better study plan tips for Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra):

  • Build a schedule so that you can give time to Hindi subject.

  • Read Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra) from the NCERT book.

  • Work out on mock tests and sample papers so that you can know your weaknesses and can work on them.

  • Studying from other reference books can help students to comprehend the chapter easily.

2. How can I achieve great scores in Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra)?

If students will obey the following points then they can achieve good marks in Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra):

  • Concentrate on the chapter.

  • Practice extra questions of Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra) to know about the summary.

  • Attend all the school lectures.

  • With the help of your teachers and other study materials, clear your doubts regarding the chapter.

  • Make notes of the chapter as these notes will help you at the time of revision.

3. What is the underlying concept of Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra)?

Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra) is “Premdhan Ki Chhata Smriti”. This chapter is written by Ramachandra Shukla. The chapter is written in the memory of PremDhan. In this chapter, the poet has discussed his interest in the Hindi language and literature. The writer’s childhood was spent in the academic environment. The chapter also tells how in childhood Bharatendu and other creators were concerned about PremDhan. Shukla got inspired by PremDhan and his interest in Hindi developed.

4. How many questions are there in Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra)?

Chapter 10 “PremDhan Ki ChhayaSmriti” of Class 12 Hindi (Antra) has ten questions. The solutions to these questions are available on the webpage of Vedantu. The solutions to these questions are written by qualified teachers. Students can even download these NCERT Solutions in PDF format for free of cost. By solving these questions, students will easily understand the chapter. They can visit the page-Important questions of Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra) and download the PDF free of cost.

5. How can you say that the writer of Chapter 10 of Class 12 Hindi (Antra) was totally into Hindi Literature?

The author’s father was a good knower of the Farsi and Hindi languages. He used to read books written by Bharatendu. Also, Ramcharitmanas and Ramchandrika were his favourites. In childhood only, the author was given knowledge about literature by his father. The author was interested in the works of Bharatendu. From this, we can say that his father developed an interest in literature in him and this was the reason why the author got attracted to Hindi literature. He was also one of the members of the group who love Hindi literature. To know more students can download the vedantu app.