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NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 10: Bhaktin

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NCERT Solutions for Class 12 Chapter 10 Bhaktin Hindi (Aroh) - FREE PDF Download

Download the FREE PDF of NCERT Solutions for Class 12 Hindi Chapter 10 - "Bhaktin," from the Aroh textbook. This chapter provides a deep insight into the devotion and simple yet impactful life of the character "Bhaktin." It explores the themes of dedication, spirituality, and resilience, capturing the strength found in simplicity. The solutions help break down these ideas in a way that is easy to understand, making it a helpful guide for students.


These NCERT Solutions for Class 12 Hindi Solutions are aligned with the latest CBSE Class 12 Hindi syllabus, ensuring that you stay on track with your learning requirements. Download the PDF now to study conveniently and understand the depth of this poem. 


Glance on Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 10 - Bhaktin

  • Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 10 - Bhaktin is centred around the life of a simple, devoted woman. Mahadevi Verma portrays the beauty of devotion and the strength found in leading a simple, dedicated life.

  • Bhaktin is depicted as a strong, spiritual woman whose dedication and resilience are inspiring. Her character reflects the values of hard work, faith, and humility, making her a symbol of inner strength.

  • The chapter emphasises spirituality and devotion, showing how Bhaktin's faith gives her strength to face life's challenges. It highlights how spirituality can be a source of peace and resilience.

  • Mahadevi Verma uses emotional storytelling to describe Bhaktin's experiences, making her story deeply touching. The chapter is a reflection of real-life struggles and the power of faith to overcome them.

  • The language is simple but carries profound meaning, allowing readers to easily connect with Bhaktin's story. Mahadevi Verma's writing style effectively captures the depth of emotions and devotion in Bhaktin’s life.

Access the NCERT Solutions Exercises for Class 12 Hindi आरोह Chapter 10 -Bhaktin

अभ्यास - पाठ के साथ

प्रश्न - अभ्यास पाठ के साथ

1. भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा?

उत्तर: भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से इसलिए छुपाती थी क्योंकि उसका असली नाम लछमिन था जिसका वास्तविक अर्थ लक्ष्मी होता हैl अर्थात धन की देवीl परंतु लक्ष्मी के नाम से उसका दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं था। लक्ष्मी बहुत गरीब  एवं उसकी दशा अत्यधिक दैनिय थी। इसलिए लक्ष्मी और उसके नाम का कोई मेल नहीं था।

लेखिका महादेवी जी ने ही लक्ष्मी को भक्तिन का नाम दिया था। लेखिका ने जब लक्ष्मी को पहली बार देखा था तो उसके गले में कंठी माला एवं उसने अपना शीर मुंडवा रखा था। लेखिका ने लक्ष्मी की वेशभूषा एवं रहन-सहन के तरीके को देखते हुए उसका नाम भक्तिन रख दिया। लेखिका के प्रति लक्ष्मी की  सेवा भावना को देखते हुए  लेखिका ने उसे या नाम दिया था।

2. कन्या रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र महिमा में अंधी अपनी जेठानियों द्वारा घृणा व उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अक्सर यह धारणा चली है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन है। क्या इससे आप सहमत है?

उत्तर: पाठ के अनुसार स्त्री ही स्त्री की दुश्मन है यह कथन पूर्ण रूप से सत्य हैl चुकि भक्तिन की जेठानियों ने पुत्रों को  एवं भक्तिन ने तीन पुत्रियों को जन्म दिया थाl इसलिए उसकी सास और जेठानिया भक्तिन के साथ बुरा व्यवहार करती थी। उसकी जेठानिया सारा दिन घर पर आराम करती थी एवं भक्तिन और उसकी बेटियों से घर का सारा काम करवाती थीl साथ ही खेतों में भी काम करवाती थी। उसकी जेठानिया अपने पुत्रों को अच्छा भोजन एवं भक्तिन की पुत्रियों को बचा हुआ भोजन दिया करती थी। अतः उसकी सास और  जेठानियों द्वारा भक्ति और उसकी पुत्रियों के साथ भेदभाव किया जाता था।

3. भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाना दुर्घटना भर नहीं बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार ( विवाह करें या ना करें अथवा किससे करें) इसके स्वतंत्रता को कुचले रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक हैl कैसे?

उत्तर: भक्तिन की बेटी के साथ उसके जेठ के साले द्वारा दुष्कर्म किए जाने पर जब पंचायत ने बिना भक्तिन की विधवा बेटी की बात सुने जबरन दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति के साथ उसका विवाह तय कर दियाl यह हमारे समाज की ऐसी मानसिकता को दर्शाता है जिसमें सदियों से चली आ रही कुप्रथा ने आज भी हमारे समाज को जकड़ रखा हों। पंचायत द्वारा दुष्कर्म करने वाले व्यक्ति को सजा देने के बजाय भक्तिन की बेटी के साथ विवाह करवा कर दुष्कर्म करने वाले को  प्रोत्साहन दिया है एवं जबरन भक्तिन की विधवा बेटी पर अपना फैसला थोप कर स्त्री के मानवाधिकार को छिन्न-भिन्न कर दिया है। समाज की कुप्रथा का शिकार होकर ना जाने कितनी ही स्त्रियों का जीवन नर्क हो गया हैl

4. भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा?

उत्तर: भक्तिन एक भोली भाली एवं बुद्धिमान स्त्री थी। भक्तिन लेखिका के प्रति सेवा की भावना रखती थी। परंतु भक्ति में कुछ दुर्गुण भी थे। जैसे-

  • लेखिका द्वारा इधर-उधर पैसे रखे जाने पर भक्ति उन पैसों को भंडार घर की मटकी में छुपा दिया करती और पैसों के बारे में पूछे जाने पर भक्तिन इसे चोरी नहीं मानती थी।

  • भक्ति अपनी बातों को सही सिद्ध करने हेतु लेखिका से बेवजह की तर्क वितर्क किया करती।  

  • भक्तिन लेखिका के गुस्से से बचने के लिए बात-बात पर लेखिका से झूठ बोला करती थी।

  • भक्तिन शास्त्रों में लिखी बातों की व्याख्या अपने अनुसार किया करती थी।

5. भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्नों को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया है?

उत्तर: भक्तिन के अनुसार शास्त्रों में ऐसा लिखा है ‘तीरथ गए मुंडाए सिद्ध’l जिसकी व्याख्या वह अपने अनुसार करती है कि शास्त्रों में सिर मुंडवाना सही माना जाता है। लेखिका को भक्तिन का सिर मुंडवाना पसंद नहीं था जिससे वह भक्तिन को इसके लिए मना करती थी परंतु भक्तिन अपने सिर मुंडवाने को शास्त्रों लिखी बातों से जोड़ देती।

6. भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती हो कैसे हो गई?

उत्तर: भक्तिन गांव की रहने वाली स्त्री थीl जिससे उसका रहन-सहन पूर्ण रूप से देहाती था। वह लेखिका को खाने में गाढ़ी दाल, मोटी रोटी, मकई की लपसी, भुट्टे के हरे-हरे दाने की खिचड़ी एवं बाजरे के तिल वाले ठंडे पुए खिलाती थी। महादेवी जी को धीरे-धीरे इन सब चीजों की आदत हो गई और उनके स्वाद में परिवर्तन आ गयाl जिससे महादेवी जी भक्तिन के रहन-सहन के अनुसार स्वयं ही ढल गई।

अभ्यास-पाठ के आसपास

1. आलो आंधारि की नायिका और लेखिका बेबी हालदार और भक्तिन के व्यक्तित्व में आप क्या समानता देखते हैं?

उत्तर:  आलो आंधारि की नायिका और लेखिका बेबी हालदार और भक्तिन के व्यक्तित्व में निम्न समानताएं हैं :-

  • दोनों ही कहानियां घर में काम करने वाली नौकरानियों के जीवन पर आधारित है। 

  • कहानी की दोनों ही नायिकाओं को अपने परिवार एवं समाज की उपेक्षा एवं घृणा का सामना करना पड़ा। 

  • दोनों ही कहानियां भिन्न थी परंतु दोनों ही नायिकाओं ने अपने स्वाभिमान और आत्मरक्षा के लिए अपने जीवन में संघर्ष पूर्ण स्थिति का सामना किया।

2. भक्तिन की बेटी के मामले में जिस तरह का फैसला पंचायत ने सुनाया वह आज भी कोई हैरतअंगेज बात नहीं है। अखबारों या टी.वी समाचारों में आने वाली किसी ऐसी ही घटना को भक्तिन के उस प्रसंग के साथ रखकर उस पर चर्चा करें। 

 उत्तर: आज भी हमारे समाज में ऐसी रूढ़ीवादी मान्यताएं जीवित हैl जहां कुप्रथाओं को परंपरा का नाम दे दिया जाता है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में गांव से जुड़े मसले पर पंचायत ही अपना फैसला सुनाती है एवं इस बीच किसी को बोलने की अनुमति नहीं होती है। हमारे समाज में इन्हीं अंधविश्वास एवं कुप्रथाओं को रीति-रिवाजों का नाम दे दिया जाता है।

अभ्यास- भाषा की बात- 1

नीचे दिए गए विशिष्ट भाषा-प्रयोगो के उदाहरणों को ध्यान से पढ़िए और इनकी अर्थ छवि स्पष्ट कीजिए :-

1. पहले कन्या के दो संस्करण और कर डालें l

उत्तर: भक्तिन ने एक पुत्री को जन्म देने के बाद दोबारा एक और पुत्री को जन्म दिया थाl जिस प्रकार पूर्व प्रकाशित पुस्तक को पुनः प्रकाशित किया जाता है, उसी प्रकार   भक्तिन ने लगातार एक के बाद एक तीन पुत्रियों को जन्म दियाl इसलिए लेखिका द्वारा भक्तिन के लिए ऐसे शब्द कहे गए थे।

2. खोटे सिक्कों को टकसाल जैसी पत्नी l

उत्तर: भक्तिन द्वारा तीन पुत्रीयों को जन्म देने के पश्चात उसकी सास और उसकी जेठानिया उसे ताने दिया करती थीl जिस प्रकार सिक्के टकसाल में बनाए जाते हैं, उसी प्रकार भक्तिन ने तीन पुत्रियों को एक के बाद एक जन्म दिया था। इसलिए भक्तिन इनको सिक्कों की टकसाल कहा गया है।

3. अस्पष्ट पुनरावृतियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण l

उत्तर:  भक्तिन जब अपने पिता से मिलने उनके पास पहुंची  तब उसे अपने पिता की मृत्यु की बात का कोई ज्ञान नहीं थाl भक्तिन को देखकर गांव के लोग एक दूसरे के कान में बेचारी लक्ष्मी आई है कहकर फुसफुस आने लगे। यह फुसफुसाहट पूर्ण रूप से अस्पष्ट थी इसलिए महादेवी जी ने इसे स्पष्ट पुनरावृति कहा है। परंतु भक्तिन को देख लोग उसे सहानुभूति देने लगते हैं। जो पूर्ण रूप से स्पष्टता से हो रहा था। इसलिए लोगों द्वारा स्पष्ट रूप से भक्तिन को सहानुभूति दिए जाने को महादेवी जी ने पूर्व स्पष्ट सहानुभूति कहा हैl

अभ्यास भाषा की बात -2

‘बहनोई’ शब्द ‘बहन (स्त्री.)+ ओई’ से बना है। इस शब्द में हिंदी भाषा की एक अनन्य विशेषता प्रकट हुई है। पुलिंग शब्दों में कुछ स्त्रि-प्रत्यय जोड़ने से स्त्रीलिंग शब्द बनने की एक समान प्रक्रिया कई भाषाओं में दिखती है, पर स्त्रीलिंग शब्द में कुछ पुलिंग प्रत्यय जोड़कर पुलिंग शब्द बनाने की घटना प्रायः अन्य भाषाओं में दिखाई नहीं पड़ती हैl यहां पुलिंग प्रत्यय ‘ओई’ हिंदी की अपनी विशेषता हैl ऐसे कुछ और शब्द उनमें लगे पुलिंग प्रयोग को हिंदी तथा और भाषाओं में खोज करें।

उत्तर: जिस प्रकार  बहन+ओई = बहनोई एक शब्द है उसी प्रकार ननंद+ ओई = नंदोई भी एक शब्द है।

प्रश्न- अभ्यास भाषा की बात- 3

पाठ में आए लोकभाषा के इन संवादों को समझ कर इन्हें खड़ी बोली हिंदी में डालकर प्रस्तुत कीजिए। 

1. ई काउन बड़ी बात आयl रोटी बनाय जानित है, दाल रांध लेइत है, साग सब्जी छँऊक सकित है आउर बाकी का रहाl

उत्तर: यह कौन सी बड़ी बात है। रोटी बनाना जानती हूं दाल बना लेती हूं साग-भाजी छौ़ंक लेती हूं और क्या शेष बचा?

2. हमारे मालकिन तौ रात दिन किताबयिन मा गड़ी रहती हैl अब हमहूँ पढे लागब तो घर- गिरस्ती कउन देखी सुनीl

उत्तर: हमारी मालकिन तो रात दिन किताबों में डूबी रहती है। हम भी यदि पढ़ने लिखने लगे तो घर गिरस्ती का काम कौन संभालेगा।

3.ऊ विचारअउ तौ रात-दिन काम मा जुकी रहती है, अउर तुम पचै घूमती फिरती हौ, चलो तनिक हाथ बटाई लेउl

उत्तर: वह बेचारी तो रात दिन काम में लगी रहती है और तुम लोग घूमते फिरते हो चलो थोड़ी मेरी  मदद कर दो।

4. तब ऊ करिहैं धरिहैं ना बस गली-गली गाउत बजाउत फिरिहैंl 

उत्तर: तब उसके पास कोई कार्य नहीं होगा बस गली-गली में बजाता गाता फिरता होगा।

5. तुम पचै का का बताईययहै पचास बरिस से संग रहित हैंl

उत्तर: तुम्हें मैं क्या क्या बताऊं, पचास वर्षों से यही साथ रहती हूं।

6. हम कुकरी बिलारी ना हाऊ, हमार मन पुसाई   तौ हम दूसरा के जाब  नाहिं त तुम्हार पचै की छाती पै होरहा  भूँजब और राज कर, समुझे रहौl

उत्तर: मैं कोई जानवर (कुत्ते बिल्ली) नहीं हूँ। मेरा मन चाहेगा तो मैं दूसरे के यहां जाऊँगी नहीं तो यही रहूंगी और राज करूंगे समझ लेना।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh 2 Chapter 10 - Bhaktin

Text Representation and Summary

'Bhaktin' is a famous memorial drawing of Mahadevi Ji, which is compiled in 'Lines of Memory'. In this, the writer Smt. Mahadevi Verma has introduced an interesting blueprint of her personality, introducing her servant Bhaktin's past and present. It explains how she lived a struggling, self-respecting and hard-working life before she started working at Mahadevi's house. It also tells how she fought for the rights of herself and her daughters in a society full of patriarchal beliefs and deceit, and changed the way of life entirely.

The writer says that Bhaktin's height was small and her body was lean. Her lips were thin. She wore a necklace around the neck. Her name was Lakshmi, but she pleaded with the writer not to use this name. Seeing her necklace, the writer named it 'Bhaktin'. She was similar to Hanuman in Seva Dharm.

It is known about her past that she was the only daughter of the famous Ahir of the historic village of Jhusi. Her stepmother brought her up. She was married to the son of a Gopalak of Handia village and was married at the age of nine.

In the third passage of life, misfortune did not leave her. Her daughter also became a widow. The family's eyes were on her property. Bhaktin surrounded the life of the writer. Bhaktin used to make tea for the hostel girls. She also let them taste the writer's breakfast. The last passage of Bhaktin is still not complete. The author does not want to finish it.


Benefits of NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 10 Bhaktin

  • The NCERT Solutions provide detailed explanations of the key themes, such as devotion, simplicity, and resilience, making it easier for students to understand the essence of Bhaktin’s story.

  • The solutions offer a clear and in-depth analysis of Bhaktin's character, helping students grasp her traits like dedication, spirituality, and strength, which are central to the chapter.

  • The NCERT Solutions present answers in a step-by-step format, helping students understand the content more thoroughly and making it easy to answer different types of questions.

  • These solutions are designed to cover all important questions and are aligned with the latest CBSE syllabus, ensuring that students are well-prepared for exams and can write effective answers.

  • The solutions help students complete their homework and assignments accurately, offering well-structured answers that make complex ideas easier to handle.

  • By referring to these solutions, students learn how to structure their answers clearly, improving their writing skills, which is particularly helpful for Hindi exams.

  • The solutions also provide insight into Mahadevi Verma's writing style, helping students appreciate her narrative approach, use of language, and the emotional depth she brings to her work.


Conclusion

Vedantu's NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 10 "Bhaktin" provide comprehensive and reliable guidance for students studying this particular chapter. The solutions effectively cover the various aspects of the chapter, offering a thorough understanding of the concepts and themes discussed. Vedantu's solutions are well-structured and organized, making it easier for students to navigate through the content. Additionally, Vedantu's solutions include relevant examples and insights, which further enhance the learning experience. Overall, Vedantu's NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 10 "Bhaktin" serve as a valuable resource for students, aiding them in their preparation and understanding of the chapter.


Important Study Material Links for Hindi Class 12 Chapter 10

S. No

Important Study Material Links for Chapter 10 Bhaktin

1.

Class 12 Bhaktin Questions

2.

Class 12 Bhaktin Notes


Detailed NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh

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FAQs on NCERT Solutions for Class 12 Hindi (Aroh) Chapter 10: Bhaktin

1. We Need to Download the Latest Syllabus for Class 12 Hindi Core and Elective Courses in PDF Format. Is it Possible?

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2. Which is the Best Platform for Class 12 Board Exams Preparation Where I can Download all the Study Material at one Place.

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3. Is NCERT Solutions at Vedantu Platform for Class 12 Hindi Aroh Part 2 Chapter 10 - Bhaktin Useful for CBSE Exam?

NCERT Solutions Class 12 Hindi Aroh part 2 for Chapter 10 - Bhaktin, available at Vedantu.com is more than enough as prepared by experienced teachers for the exam preparation.

4. What is Chapter 10 Of The Class 12 Hindi Aroh textbook about?

The title of the chapter is Bhaktin. The name of the author is Mahasweta Devi. The story is about a woman who used to work at their house and the struggle and hardships she faced in her life, how she faced all the challenges that life threw at her, how she kept going for the sake of her children and how she was on the edge of accepting defeat. The story also helps us to understand what was the impact on the author's life and the imprint the author Bhaktin left in her life.

5. What do you understand about the two initial life phases of Bhaktin?

Bhaktin was the only child of her father. She was raised and brought up by her stepmother. At the age of five, she was married to a young boy. She left her father’s house for her husband’s house at the meagre age of nine. The news of the death of her father wasn’t given to her on time and she wasn’t treated nicely when she went to her paternal home. She was also treated badly because she gave birth to three girls. She did all the household chores. Even her small daughter helped her with the work. They were discriminated against in almost everything.

6. Why did Bhaktin move to the city?

After the death of her son-in-law, Bhaktin and her daughter lived and worked together. But her brothers-in-law were greedy and they wanted Bhaktin’s property for themselves. They wanted the widowed daughter of Bhaktin to marry one of their relatives. However, against the wishes of the mother and her daughter, they were accepted as husband and wife. The new son-in-law had no job and spent his time in useless activities. Their debt increased and when Bhaktin couldn’t pay the tax, she was made to stand under the scorching heat of the sun. She felt humiliated, left the village, and moved to the city.

7. How should I study Chapter 10 Of Class 12th Hindi textbook?

The chapter tells us about the various struggles and hardships one faces in life. Start your preparation by reading the chapter thoroughly and understanding the meaning and essence of the chapter. Write the summary of the chapter in your own language. Read the chapter once again and make the necessary changes in your summary note. Write answers to the questions given at the end of the chapter to evaluate your level of understanding and get them checked by your teacher. Learn from your mistakes and write as many tests as you can.

8. Where can I find Class 12th Chapter 10 Hindi textbook solutions?

The first step should be writing the answers yourself. Writing the answer gives us an idea about how well we have understood the content of the chapter. You can utilise the various websites online to see if your answers were able to fulfil the demand of the questions. Vedantu offers NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Part 2 Chapter 10 free of cost on the Vedantu website. All the answers are written by the best teachers in India with decades of experience.  

9. What values are portrayed through Bhaktin’s character?

Bhaktin's character portrays values such as hard work, devotion, humility, and spiritual strength. She represents resilience and the power of simple living.

10. How are these NCERT Solutions aligned with the CBSE syllabus?

The solutions are aligned with the latest CBSE syllabus, ensuring that they cover all important aspects of the chapter thoroughly for exam preparation.

11. What can I learn from the chapter "Bhaktin"?

The chapter teaches us about the importance of devotion and how one can find inner strength through faith and simplicity. It encourages readers to appreciate the power of dedication.

12. How do the NCERT Solutions assist in exam preparation?

The solutions cover all key questions, themes, and provide well-structured answers, which helps students prepare effectively for exams and ensures they understand the important parts of the chapter.

13. Does the chapter include any important messages for students?

Yes, the chapter conveys important messages about resilience, finding strength in spirituality, and appreciating the value of simple, honest living.

14. How does Mahadevi Verma portray Bhaktin in this chapter?

Mahadevi Verma portrays Bhaktin as a strong and devoted woman, emphasising her spiritual resilience and the strength she derives from her simple life.

15. How do these NCERT Solutions help with writing better answers?

The solutions provide clear, step-by-step explanations and model answers, helping students learn how to effectively structure their answers for exam questions.