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Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 7 Poem Kavitabali, Laxman - Murcha Aur Ram ka Bilap

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CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 7 Poem Kavitabali, Laxman - Murcha Aur Ram ka Bilap Free PDF Download

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Access NCERT Solutions for Class 12 Hindi आरोह पाठ 7 - कवितावली, लक्ष्मण मूर्छा और राम का विलाप

अति लघु उत्तरीय  प्रश्न:                                                              (1 अंक)

1. किसबी, कुल तथा बनिक का शब्दार्थ बताइए। 

उत्तर: कुल -  परिवार, खानदान, वंश

बनिक - रोज़गारी, व्यवसायी, व्यापारी

किसबी  - बाइबिल का कोई प्रसिद्ध व्यक्ति


2. खेती न ......को, भिखारी को न......., बलि, “रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए। 

उत्तर: निम्न पंक्ति कुछ इस तरह है- खेती न किसान को, भिखारी को न भीख, बलि 


3. श्री राम व्याकुल क्यों हो जाते है?

उत्तर: जब श्री लक्ष्मण मुर्छित हो जाते है तब उन्हें देख श्री राम व्याकुल हो जाते हैं। 


4. संजीवनी पर्वत लेकर कोन आता है?

उत्तर: श्री हनुमान जी विपदा के समय में जब श्री लक्ष्मण घायल हो जाते है तब वे संजीवनी पर्वत लेकर आते हैं। 


5. लक्ष्मण के बिना श्री राम का जीवन कैसा है?

उत्तर: श्री लक्ष्मण के बिना श्री राम का जीवन अधूरा तथा दयनीय हैं जैसे पंखो के बिना पंक्षी का, सांप का मणि के बिना, हाथी का सूंड़ के बिना। 


लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                              (2 अंक)

1. कौन सी आग सबसे बड़ी है तथा उसे कौन भुजा सकता है? 

उत्तर: पेट अर्ताथ उदर की आग को तुलसीदास जी ने सबसे बड़ी माना है अथवा वे कहते है की इस आग को केवल घनश्याम रुपी राम ही बुझा सकते है। 


2. लक्ष्मण के मूर्क्षित होने पर श्रीराम के मन में कौन-सा चिंता उत्पन्न करता है?

उत्तर: जब लक्ष्मण मूर्छित हो जमीन पर गिर पड़ते हैं तब राम अत्यंत भावुक हो जाते हैं और वे सोचने लगते है की वन में आने का उनका निर्णय सही नहीं रहा। पहले ही वे अपनी प्रिय जानकी को खो चुके है और अब उनके अतिप्रिय भाई भी मृत्यु की नींद सो गए है। उन्होंने एक स्त्री के पीछे अपने भाई की जान भी दाव पर लगा दी, ये दुःख उनसे  बर्दास्त नहीं होता है। 


3. तुलसीदास जी कैसा जीवन जीते हैं?

उत्तर: तुलसीदास जी एक सादा जीवन व्यतीत करते है परंतु वे स्वाभिमान से जीते हैं।  भिक्षा मांग कर खाते है, मस्जिद में सोते है और राम की भक्ति में विलीन रहते है। 


4. तुलसीदास जी अपने बेटे का विवाह क्यों नहीं करना चाहते हैं?

उत्तर: तुलसीदास जी मानते हैं की समाज के चलन के हिसाब से बेटियों को शादी के पश्चात अपनी जाती बदलनी पड़ती है।  तुलसीदास जो की एक साधत्व जीवन व्यतीत करते हैं नहीं चाहते की वे किसी की बेटी को अपने बेटे से व्याह कर उसकी जाती बदले तथा किसी तरह के बंधन को बनाये। 


5. अकाल के समय क्या परिस्तिथि है?

उत्तर: जब अकाल का समय आता है तब किसान अपनी खेती नहीं कर पाता, नौकर को नौकरी नहीं मिलती, भिखारी को भीख़ नहीं मिलती, बनिया की बिक्री नहीं होती इत्यादि। 


लघु उत्तरीय प्रश्न:                                                                                    (3 अंक)

1. तुलसीदास जी के अनुसार पेट की आग को कौन बुझा सकता है?

उत्तर: कवि तुलसीदास जी कहते हैं की अकाल के समय जो पेट की आग उत्पन्न होती है उसे बुझा पाने का एक ही उपाय है - भक्ति। वे मानते है की कड़ी मेहनत के अलावा ईश्वर की कृपा होना भी जरुरी है तथा पेट की आग बुझाने के लिए घनश्याम रुपी राम अर्थात बादल रुपी राम की वर्षा होना आवशयक है। 


2. तुलसीदास जी ने अपने काल की आर्थिक दशा का वर्णन  प्रकार किया है?

उत्तर:  दास जी ने अपने काल की आर्थिक स्तिथि का यथार्थ वर्णन करते हुए बताया है की परिस्तिथि कुछ  ऐसी थी की लोग छोटा-बड़ा कैसा भी काम करने को तत्पर थे। उन्हें कार्य के स्वाभाव या पद की  परवाह नहीं थी। वे बस अपनी भूख रुपी आग को बुझाने में लगे हुए थे।  हालात तो इतने बिगड़ गए थे की भूख के पीछे लोग अपनी संतान तक को बेच देते थे।  


3. लक्ष्मण के मूर्छित होने पर राम जी किस चिंता से ग्रसित हो जाते हैं?

उत्तर: लक्ष्मण के मूर्छित होते ही श्री राम मौन हो अत्यधिक पीड़ा से ग्रसित हो जाते है। वे मन ही मन ये सोचने लगते हैं की उनका वन आने का और लक्ष्मण को साथ  निर्णय कितना गलत था। वे माता-पिता को क्या कहेंगे वापिस जाकर ये सोच वे परेशां हो जाते है। अपनी धर्मपत्नी की रक्षा नहीं कर पाने का अभियोग वो सुन भी ले परंतु एक भाई के मृत्यु का व्यंग्य वे नहीं सेह पाएंगे। 


4. राम जी ने ये बात क्यों कही की लक्ष्मण जैसा भाई इस संसार में दूसरा नहीं है?

उत्तर: श्री राम और लक्ष्मण एक पिता के पुत्र थे पर इनकी माँ अलग-अलग थी।  श्री राम ने सदा अपनी सभी माताओ को एक समान माना था। राम कहते है की एक माँ के कोख से जन्म  न लेने के बाद भी लक्ष्मण ने सदैव उनका साथ दिया है, सहोदर की तरह, सदैव उनकी परछाई की तरह साथ रहे है।  उनपर आने वाली हर मुसीबत का डटकर सामना किया है लक्ष्मण ने तथा जब श्री राम ने वनवास जाने का फैसला लिया था तब श्री लक्ष्मण भी उनके साथ गए थे। यही कारण ह की राम ने लक्ष्मण जैसा दूसरा भाई न होने की बात कही है। 


5. तुलसीदास जी अपनी बेटी की शादी के सम्बन्ध में क्या विचार प्रस्तुत करते हैं?

उत्तर: कवि तुलसीदास जी शादी के विषय में सामाजिक अनुकूल दृष्टि रखते हुए बात कहते है। वे कहते है की बेटा और  बेटी की शादी में फर्क होता है।  बेटी जब शादी करके पति के घर जाती है तब उसे अपनी जाति पति के हिसाब से बदलनी पड़ती है अगर बेटी की शादी नहीं की जाती है तो इससे समाज में ग़लतफहमी, निंदा होती है अथवा उसकी शादी अगर गैर समाज या धर्म में की जाए तब भी लोग अनवाद बातें करते हैं और उसको गलत दृष्टि से देखा जाता है। 


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:                                                                        (5 अंक)

1. कवितावली का सारांश लिखिए। 

उत्तर: तुलसीदास जी लिखी गई इस कविता के पहले छंद में  मुख्यता भूख रुपी पेट की आग की बात की गयी है। कवि  कहते है की मनुष्य के सारे कार्यो का एक ही उद्देश्य है पेट पालना अर्थात पेट की भूख को शांत करना। कवि का मानना है की एक अच्छा जीवन जीने के लिए जरुरी है पेट भरना और जब आपदा आती है तो मनुष्य इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है, फर चाहे बेटी-बेटे को बेचना ही क्यों ना पड़े।  इस आग रुपी मांग को केवल बादल रुपी श्री राम ही भुजा सकते है अर्थात ईश्वर में भक्ति ही ऐसे कष्टदायी समय में सहायक हो सकती है। अगले छंद में दास जी अकाल पर आगे कहते है की ऐसी स्तिथि में मनुष्य अपने कार्य से, जीविका से विहीन हो चुके है।  व्यापरी के पास व्यापर नहीं, नौकर के पास नौकरी नहीं, किसान के पास किसानी नहीं है अथवा सारे परेशां है की क्या करे और कहा जाय? वे कहते हैं की इन सभी का एक ही समाधान है वो है श्री राम जो इस दरिद्रता रुपी रावण को मार सबको बचा लेंगे।

आखिरी छंद में तुलसीदास जी समाज को बड़ी दृंढ़ता से बताते हैं कि वे राम भक्त हैं और उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता की कोई उनके बारे में क्या सोचता है अथवा ना उनकी कोई जाति  है ना उन्हें कोई सामाजिक सम्बन्ध बनाने है अपनी बेटे की शादी करके।  वे तो एक साधारण व्यक्ति तथा भक्त हैं जो भीक्षा लेकर खाता है एवं मस्जिद में सोता है, उन्हें ना किसी से कुछ लेना है ना किसी को कुछ देना है। 


2. तुलसीदास जी ने अपना स्वाभिमान किस प्रकार प्रदर्शित किया है?

उत्तर: कविता के आखिरी छंद की पंक्तियों में कवि तुलसीदास जी के स्वाभिमान की आभा साफ़ झलकती है। वे कहते हैं की उन्हें समाज में हो रहे कटाक्ष से कोई लेना देना नहीं है अर्थात समाज में लोग उन्हें कुछ भी समझे धूत, अवधूत, राजपूत या जोलहा उन्हें फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि उनके जीवन का एक ही उद्देश्य है श्री राम की भक्ति करना, उसमे विलीन रहना। वे खुद को साधू समान मानते है।  वे कहते है की उनका न कोई सामाजिक बंधन है ना ही वे कोई बनाना चाहते हैं, वे तो राम भक्त हैं और भक्ति की कोई जाति नहीं होती है। वे भीख़ मांग के खाते है एवं मस्जिद में सोते है, उन्हें ना किसी से कुछ लेना है ना किसी को कुछ देना है। 


3. जब लक्ष्मण मूर्क्षित हो जाते है तब राम विलाप करते हुए क्या कहते हैं?

उत्तर: शक्तिबाण लगने के कारण जब लक्ष्मण मूर्क्षित हो जाते हैं तब श्री राम उन्हें देख संत्रस्त हो जाते हैं तथा विलाप करते हुए कहते है की हे! प्रिय अनुज तुम्हारे बिना मैं  शक्तिहीन हूँ, तुम मेरी ऊर्जा का श्रौत हो, तुम्हरे बिना मेरे जीवन का कोई सार नहीं, कोई सामर्थ्य नहीं, तुम्हारे बिना मैं  अधूरा हूँ जैसे पंक्षी पर के बिना, साँप मणि के बिना और हाथी सूंड़ के बिना। श्री राम सोचते हैं की अगर उन्होंने माता-पिता की वनवास की बात को नहीं माना होता या अगर वे अपने अनुज लक्ष्मण को संग लाने के लिए मन कर देते तो शायद आज उनका अनुज यूँ मूर्छित अवस्था में न डला होता।  वे अपनी पत्नी को खो देने,उसकी रक्षा ना कर पाने के की कटाक्ष तो सुन लेंगे परन्तु अपने भाई को एक स्त्री के लिए गवा देने का ताना उनसे बर्दास्त नहीं होगा।


4. हनुमान जी ने शोक के वातावरण में वीरता का रस  प्रकार भर दिया?

उत्तर: श्री लक्ष्मण के घायल होने पर पूरी सेना में शोक का माहौल बन गया था जिसका परम असर श्री राम पर पड़ा था। जब वैद्य संजीवनी बूटी को आखिरी आशा बताते है तब श्री हनुमान इस कार्य भार को अपने कंधे पर ले बूटी की ख़ोज में निकल जाते है परन्तु जब सूर्य उदय का समय आने लगता है तब सारे सेनावासी और श्री राम शोक में डूबने लगते है।  उसी समय श्री हनुमान पूरा संजीवनी पर्वत लाकर प्रभु श्री राम के चरणों में रख देते है जिससे लक्ष्मण की जान एवं पूरी सेना का साहस वापिस लौट आता है।  इसी छंड में श्री राम हनुमान की वीरता पर होते है और ये प्रसन्ता वातावरण को वीरता से परिपूर्ण कर देती है।   


5. कविता “लक्ष्मण-मूर्छा और राम का विलाप” का सारांश लिखिए। 

उत्तर: प्रस्तुत कविता रामायण के एक छोटे से भाग जहाँ श्री लक्ष्मण के मूर्छित होने से लेकर होश में आने तक की व्याख्या की गयी है। जब युद्ध में मेघनाथ द्वारा शक्तिबाण के प्रयोग से लक्ष्मण घायल हो जाते है तब उनके मूर्छित होने पर राम सेना तथा स्वं श्री राम शोक में डूब जाते हैं। लक्ष्मण के घायल होने पर श्री राम व्याकुल हो जाते है एवं खुद को दोष दने लगते हैं की इन सब का कारन वही है, वे अपनी पत्नी और भाई को भने में असमर्थ हैं।  ऐसे में वैद्य जी संजीवनी बूटी को एक मात्र उपाय बताते हैं जिसे लाने का कार्य-भार श्री हनुमान उठाते हैं।  सूर्यौदय का समय नजदीक आते ही सेना में एक मौन सा छाने लगता है तभी श्री हनुमान संजीवनी पर्वत को लाकर वीरता और साहस का ऱस पूरे वातावरण में  भर देते हैं।  संजीवनी मिलते ही श्री लक्ष्मण उठ खड़े होते हैं जिससे  रामसेना में ख़ुशी की लेहेर दौड़ जाती है। जब रावण को हए समाचार प्राप्त होता है तो खुम्भ्करण को उठाने को भरपूर प्रयास करते है।  वही कुम्भकरण जागते ही रावण को चेत करते हुए कहता है की उन्होंने श्री राम जोकि हरी का रूप हैं और जानकी जोकि जगदम्बा का रूप हैं के खिलाफ युद्ध शुरू किया जिससे उसका विनाश निश्चित है। 


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FAQs on Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 7 Poem Kavitabali, Laxman - Murcha Aur Ram ka Bilap

1. Who wrote chapter eight of the poem Kavitavali (UttarKand se) - Laxman Murcha aur Ram ka Bilap?

The poem Laxman Murtha and Ram ka Bilap, "Kavitavali (Uttar Kand Se)," Chapter 7 of Aaroh were written by Shri Goswami Tulsidas. There are 8 conceptual questions in this. The biggest stomach burning associated with hunger has been noted in this. The first thing a person does is work to fill his stomach. Your hunger is the greatest thing. Anything is possible when you're hungry. This is a real fact that the chapter does a good job of supporting.

2. What is the advantage of downloading Important Questions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 7 Poem Kavitabali, Laxman - Murcha Aur Ram ka Bilap from Vedantu.com?

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3. Describe the starvation situation mentioned in First Savaiya, Aroh Chapter 7.

The first Savaiya contains a pretty accurate description of the famine's state by the poet. Nothing is currently feasible. For instance, a farmer cannot do farming, a beggar cannot receive alms, and job searchers cannot find employment. There is no way to change the situation as it currently stands. He prayed to Rama for the ability to now eliminate the troubled Ravana. For more information on this, consult Vedantu NCERT Solutions.

4. What do Veer Ras and Karuna Ras mean?

The Shakti arrows that confuse Laxmana in Ramacharita Manasa are the source of this quote. The aura of sadness is altered when Hanuman and Sanjeevani Booti arrive. The poet so distinguishes Veer Ras from Karun Ras here. With the free NCERT solutions that provide in-depth explanations, they will be very easily comprehended. Reading this is extremely intriguing. These tales have been told to us numerous times. Hence the stories are nostalgic and fascinating to read.

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