Courses
Courses for Kids
Free study material
Offline Centres
More
Store Icon
Store

Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 - Aatma ka Taap

ffImage
widget title icon
Latest Updates

CBSE Class 11 Hindi Aroh Important Questions Chapter 10 - Aatma ka Taap - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 - Aatma ka taap prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important Questions Class 11 Chapter – 10 आत्मा का ताप

1 अंक प्रश्न

अति लघु उत्तरीय प्रश्न  

1. रज़ा के चित्र प्रदर्शनी में कितने रुपए में बिके थे ?

उत्तर: रज़ा के चित्र 40–40 रुपए में बिके थे।


2. कौन से वर्ष रज़ा के लिए अच्छे नहीं थे ?

उत्तर: वर्ष 1947 और 1948 रज़ा के लिए अच्छे नहीं थे ।


3. ‘पिकासो के काम के बारे में तुम्हारा क्या विचार है ?’ फ्रेंच दूतावास के सांस्कृतिक सचिव के इस प्रश्न का रज़ा ने क्या जवाब दिया ? 

उत्तर:रज़ा ने उत्तर दिया कि “पिकासो का हर दौर महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिकासो जीनियस है।”


4. रज़ा कब फ्रांस पहुंचे? 

उत्तर: रज़ा 2 अक्टूबर 1950 को फ्रांस के मार्सेई पहुंचे।


5. रज़ा श्रीनगर कब गए थे? 

उत्तर:रज़ा 1948 में श्रीनगर गए थे ।


2 अंक प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                          

1. रुडॉल्फ वान ऱेडेन ने रजा के चित्रों के लिए क्या प्रशंसा की थी ? 

उत्तर: रूडॉल्फ ने रज़ा की प्रशंसा में कहा कि रज़ा के एक दो जलरंग लुभावने है ।उनमें संयोजन और रंगो के दक्ष प्रयोग की जबरदस्त समझदारी है।


2. रज़ा के चित्र किस प्रदर्शनी में शामिल किए गए थे ?

उत्तर: रज़ा के पहले दो चित्र 1943 मे आर्टस सोसाइटी ऑफ इंडिया की प्रदर्शनी में शामिल किए गए थे ।


3.रज़ा मुंबई में किसके कमरे में सोते थे ?

उत्तर: रज़ा के भाई का एक दोस्त मुंबई में रहता था जो कि टैक्सी ड्राइवर था रज़ा इसके  कमरे में सोते थे इसके बाद वह आर्ट डिपार्टमेंट के कमरे में सोता था ।


4. वेनिस अकादमी के किस प्रोफेसर से रज़ा कि मुलाकात हुई थी उन्होंने  रज़ा के काम के लिए क्या कहा था ?

उत्तर: वेनिस अकादमी के वॉल्टर लैंगम्हैमर प्रोफेसर से रज़ा की मुलाकात हुई थी उन्होंने रज़ा के काम के लिए कहा “आई लफ्ड यूअर स्टफ़  मिस्टर  रत्ज़ा । ”   


5. फ्रेंच दूतावास के सांस्कृतिक सचिव ने जब रज़ा से पूछा “ तुम्हारा पसंदीदा कलाकार ? ” तब रज़ा ने क्या उत्तर दिया ?

उत्तर: फ्रेंच दूतावास के सांस्कृतिक सचिव ने जब रज़ा से उनके पसंदीदा  कलाकार के नाम पूछे तो रज़ा ने बताया सेजॉ ,वान गाँग ,गोगॉ पिकासो  मातीस शागाल और ब्रॉक।  


3 अंक प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                      

1. रज़ा को श्रीनगर में किसने तथा क्या सलाह दी थी ?

उत्तर: रज़ा को श्रीनगर में प्रख्यात फ्रेंच फोटोग्राफर हेनरी कार्तिये ब्रेसाँ ने सलाह दी थी कि तुम प्रतिभाशील हो, तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है, तुम्हें मालूम होना चाहिए कि चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है आधार , नीव, दिवारे, बीम, छत और तब जाकर वह टिकता है। तुम सेजा का काम ध्यान से देखो ।


2. रज़ा को कौन सी नौकरी की पेशकश हुई थी और उन्होंने क्यों वह पेशकश स्वीकार नहीं की थी ?

उत्तर: रज़ा को अकोला में ड्राइविंग अध्यापक की नौकरी देने की पेशकश की गई लेकिन उन्होंने वह पेशकश स्वीकार नहीं की क्योंकि उन्हें बंबई शहर पसंद आया, वहां का वातावरण गैलरिया और शहरों में अपने पहले दोस्त पसंद आए।


3. सरकार द्वारा लेखक को ड्राइंग टीचर की नौकरी की पेशकश क्यों किया गया।

उत्तर: रज़ा को ‘जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट ’ में अध्याय के लिए मध्य प्रांत की सरकारी छात्रवृत्ति मिली थी लेकिन रज़ा ने अमरावती के गवर्मेंट नॉर्मल स्कूल से त्याग पत्र दे दिया । रज़ा बम्बई के जे. जे. स्कूल में दाखिला लेना चाहता था लेकिन रज़ा जब तक वहां पहुंचा दाखिला बंद हो चुका था। इसलिए सरकार ने रज़ा को ड्राइंग टीचर की नौकरी की पेशकश की ।


4. सैयद हैदर रज़ा का संक्षिप्त परिचय दीजिए?

उत्तर: सैयद हैदर रज़ा का जन्म सन् 1922 में मध्यप्रदेश के बावरिया गांव में हुआ था। उन्हें ‘ ग्रेड ऑव ऑफिसर ऑव द ऑर्डर ऑव आर्ट्स एंड लेटर्स ’ सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इन्होंने चित्रकला की शिक्षा नागपुर स्कूल ऑफ आर्ट व सर जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट मुंबई से प्राप्त की है। आधुनिक भारतीय चित्रकला को नया और आधुनिक मुहावरा देने में रज़ा का नाम महत्वपूर्ण है। रज़ा कई देश और शहरों में ड्राइंग अध्यापक के पद पर रह चुके है । इनकी मृत्यु सन् 2016 में हुई थी।


5. रज़ा जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट का नियमित छात्र कब बना?

उत्तर: सन् 1947 में रज़ा जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट का नियमित छात्र बन गए थे क्योंकि अब वह नौकरी किए बिना भी अपनी फीस और रहने का खर्चा उठा सकते थे ।पहले उन्हें काम कर के अपनी फीस भरनी पड़ती थी।


5 अंक प्रश्न

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                        

1. बंबई में रज़ा क्या करने गए थे तथा कौन कौन सा संघर्ष किया?

उत्तर: बंबई में रज़ा जे. जे. स्कूल में दाखिला लेने गए थे जब वह वहां पहुंचे तब दाखिला बंद हो चुके थे और सरकार द्वारा दी गई छात्रवृत्ति भी वापस ले ली गई थी । फिर उन्हे एक्सप्रेस ब्लॉक स्टूडियो  में डिजाइनर की नौकरी करनी पड़ी। साल भर में स्टूडियो के मालिक ने रज़ा को मुख्य डिजाइनर बना दिया । सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक दफ्तर में काम करना पड़ता था।फिर रज़ा अध्ययन के लिए मोहन आर्ट क्लब जाने लगे फिर रज़ा के भाई के एक दोस्त ने अपने घर में रज़ा को सोने की जगह दे दी। एक रात जब रज़ा घर आते है वह बाहर एक पुलिस वाले को खड़ा पाते है वो पुलिस वाला उन्हें अंदर जाने नहीं देता है वह भागते हुए पुलिस कमिश्नर के पास जाते है और सब कह सुनाते है फिर कमिश्नर उन्हें आर्ट डिपार्टमेंट में रहने की जगह देते है उसके बाद उनके लिए नई जगह का इंतजाम किया जाता जाता है वहां वह पूरे मन से अपने काम में लग जाते हैं इन सब संघर्षों के बाद 1948 में रज़ा को बॉम्बे आर्ट्स सोसाइटी का स्वर्ण पदक मिला।


2. कौन से वर्ष रज़ा के लिए कठिन वर्ष थे और क्यों?

उत्तर: वर्ष 1947 और 1948 रज़ा के लिए कठिन वर्ष थे क्योंकि कल्याण वाले घर में उनकी मां का देहांत हो गया उनके बाद उनके पिता उनके पास से मंडला चले गए और मई 1948 में उनका भी देहांत हो गया । इस समय भारत में उत्साह था ,उदासी भी थी। जिस प्रकार देश का विभाजन महात्मा गांधी की हत्या क्रूर घटनाएं थी। उसी प्रकार व्यक्तिगत स्तर पर लेखक के माता – पिता की मृत्यु भी ऐसी ही क्रूर घटना थी।


3. हैदर रज़ा के चित्रों को देखकर ‘हेनरी कार्तिये – ब्रेसॉ ने क्या कहा ? तथा उनकी कही बातों का रज़ा पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: सैयद हैदर रज़ा के चित्रों को देखकर कार्तिए – ब्रेसाँ ने कहा कि तुम्हारे चित्रों में रंग है, भावना है, लेकिन रचना नहीं है। तुम्हे मालूम  होना चाहिए कि चित्र इमारत की ही तरह बनाया जाता है – आधार ,नीव दीवार ,बीम, छत और तब जाकर वह टिकता है । तुम सेजा का काम ध्यान से देखो । इस बातो का रज़ा पर गहरा प्रभाव पड़ा वह बंबई लौटकर  फ्रेंच सीखने के लिए अलियांस फ्रांस में दाखिला ले लिया। उन्हें फ्रेंच पेंटिंग  में रुचि थी लेकिन वह इसे और अच्छे से समझना चाहते थे।


4. रज़ा को आर्ट डिपार्टमेंट में कमरा कैसे मिला?

उत्तर: रज़ा जब मुंबई पहुंचे तब वह अपने भाई के मित्र के घर पर रहते थे ।एक रात जब वह घर पहुंचते है वह बाहर पुलिस वाले को खड़ा पाते है पुलिस वाला बोलता कि यहाँ हत्या हुई है तुम अंदर नहीं जा का सकते तब रज़ा कमिश्नर के पास जाता है और सब कुछ कह सुनाता है तब कमिश्नर उसे आर्ट डिपार्टमेंट में रहने का इंतजाम कराते है वहां रज़ा जमीन पर सोते है।


5. पहली बार रज़ा के बनाए चित्र किस प्रदर्शनी में शामिल हुए थे तथा उन्हें क्या प्रतिक्रिया मिली थी?

उत्तर:पहली बार  रज़ा के बनाए चित्र नवंबर 1943 में आर्ट्स सोसाइटी ऑफ इंडिया की प्रदर्शनी में शामिल किए गए थे। उद्घाटन में उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था क्योंकि अभी वह इतने मशहूर नही हुए थे। अगले दिन वह ‘ द टाइम्स ऑफ इंडिया ’ समाचार को पढ़ते है जिसमें रुडॉल्फ वॉन लेडेन ने उनके चित्रों की तारीफ की थी। तारीफ करते हुए रुडॉल्फ ने कहा कि एस. एच. रज़ा के नाम के छात्र के एक दो जलरंग लुभावने है उनमें संयोजन और रंगो के दक्ष प्रयोग की जबरदस्त समझदारी दिखती है।

FAQs on Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 - Aatma ka Taap

1. How did Raza get a room in the art department?

Raza used to stay at his brother's friend's house when he reached Mumbai. One night when he reaches home, he finds a policeman standing outside. The policeman says that there has been a murder and Raza cannot go inside. Then, Raza goes to the commissioner and narrates everything. Then the commissioner arranges for him to stay in the art department where Raza sleeps on the ground. This is how Raza got a room in the art department. Read the complete explanation of the story on the Vedantu website or app.

2. Had Raza not been supported by people like Jalil Sahab, would he have been a well-known painter even then? 

Even if Raza had not got the support of people like Jalil Sahab, he would have been a well-known painter. It’s because of his strong desire to become a painter. The writer has been a genius since childhood. He got a means of livelihood but he left the government job and worked hard to learn painting. Those who work hard are always supported by somebody. Jalil sahib also helped Raza by seeing his talent, dedication and hard work. The enthusiasm of the writer, the ability to struggle, the desire to work is what makes him a great painter.

3. What was the letter given by the Prime Minister of Kashmir to the author? What did it benefit him?

Sheikh Abdullah, the then Prime Minister of Kashmir, gave him a letter in which it was written that he is an Indian artist. He should be allowed to go wherever he wants and all possible help should be given to him. Once the writer was returning from Baramulla by bus. There the policeman sees the city man and gets him off the bus. When the policeman inquired, the writer showed him the letter of Sheikh Saheb. The policeman saluted and apologized for the trouble.

4. Whose and what advice was given to Raza in Srinagar?

The eminent French photographer Henri Cartier Bresson advised Raza in Srinagar. He advised that Raza was a genius and his paintings have colour and emotion, but not a composition. He said that Raza should know that the picture is made like a building on the base, foundations, walls, beams, ceilings and then only it lasts. He advised Raza to look carefully at Seja's work.

5. Where will I get the NCERT Solutions of Class 11 Hindi Aroh Part 1 for free online?

Students can access the NCERT Solutions of Class 11 Hindi Aroh Part 1 on the official website of Vedantu. Students can access the PDF online or download it for free. All the solutions are very well written by the Hindi experts. They are written in a structured manner with perfect accuracy and easy to understand language. Students who don't know Hindi well can visit this Vedantu website or app as it will help them to get the solutions easily. Students can also download the PDF of important questions free of cost to study offline.