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Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Poem Meera Ke Pad

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CBSE Class 11 Hindi Aroh Important Questions Chapter 10 Poem Meera Ke Pad - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 11 Hindi Aroh Chapter 10 Poem Meera Ke Pad prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Study Important questions for Class 11 Hindi Chapter 10 मीरा के पद

अति लघु उत्तरीय प्रश्न     (1 अंक)

1. मीरा किस बात को बेकार मानती है ? 

उत्तर : मीरा सुख दुख से परिपूर्ण, इस संसार को बेकार मानती है।

2. मीरा को विष किसने दिया था?

उत्तर : मीरा को जान से मारने के लिए, उनके पति राणा ने उन्हे विष दिया था।

3. मीरा किसके भक्ति में नाची थी? 

उत्तर : मीरा मदमस्त होकर श्री कृष्ण की भक्ति में पाँव में घुंघरू बाँध के नाची थी।

4. कानि तथा नयत का शब्दार्थ बताइए। 

उत्तर : कानि: मर्यादा 

 न्यात: कुटुंब के लोग

5. भक्ति का विलोम बताइए। 

उत्तर : भक्ति : अभक्ति

लघु उत्तरीय प्रश्न      (2 अंक)

6. मीरा के ससुराल में क्या करना मर्यादा का उल्लंघन माना जाता था?

उत्तर : मीरा की शादी शाही परिवार में हुई थी और शाही परिवार की महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा और पुरुषों के सामने आना आदि जैसे कई रीतियों का पालन करना अनिवार्य था। महिलाओं का मंदिरों में जाना और भजन-कीर्तन में भाग लेने की अनुमति नहीं थी। स्त्री द्वारा ये सब करने पर मर्यादा का उलंघन माना जाता था।

7. "मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरों न कोई......... जल सींचि सींचि, प्रेम-बलि बोयी" इन पंक्तियों का आशय बताइए। 

उत्तर : इन पंक्तियों में मीराबाई कहती है कि, श्रीकृष्ण ही उनके लिए सब कुछ है। कृष्ण से बढ़कर उनके लिए और कोई नहीं है। श्री कृष्ण के सर पर मोर पंख है, मनमोहक स्वरूप के श्री कृष्ण, इन्ही को मैं अपना पति परमेश्वर मान चुकी हूँ। श्रीकृष्ण के भक्ति में मैं पारिवारिक और सांसारिक सभी मर्यादाओं को भूल गयी हूँ। अब मेरा कोई क्या कर सकता है,मुझे किसी का भय नही । मैं साधुओं से ज्ञान प्राप्त करती हूँ, तथा श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम के अश्रुओं से इस प्रेम रूपी बेल को सींचा है।

 8. कृष्ण भक्ति में मीरा क्या करती थी? 

उत्तर : कृष्ण भक्ति में मीरा सब सुध-बुध खोकर, पैरों में घुंघरू बांधकर मग्न होकर नाचती थी। वह हर समय कृष्ण की याद में रहती थी। सांसारिक और पारिवारिक मोह माया से दूर,मीरा ने खुद को सिर्फ श्री कृष्ण की भक्ति में लिप्त कर लिया था। उन्हें संसार में श्री कृष्ण के अतिरिक्त और किसी से कोई मतलब नही था।

9. "पग घुंघरू बाधि मीरा नाची....... ...सहज मिल अविनासी" इन पंक्तियों के शिल्प सौन्दर्य बताइए। 

उत्तर : इन पंक्तियों में, राजस्थानी ब्रजभाषा का प्रयोग बेहद मनोरम ढंग से किया गया है, तथा भक्ति रस है। यह पंक्तियाँ लयात्मक तथा संगीतात्मक है। इस पंक्ति में "कहै कुल" में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग किया गया है। पूर्ण पंक्ति सहज और सरल है।

10. “अब त बलि फैलि गयी, दासि मीरा लाल गिरधर तारो अब मोही" इन पंक्तियों का शिल्प सौन्दर्य बताइए। 

उत्तर : इन पंक्तियों में, राजस्थानी ब्रजभाषा का सहज और सरल प्रयोग है तथा भक्ति रस है। ये पंक्तियां संगीतात्मक हैं। 'प्रेम-बेली' में रूपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न       (3 अंक)

11. सांसारिक मोह में फसे लोंगो को देखकर मीरा क्या करती है ? 

उत्तर : सांसारिक मोह में फंसे लोंगो को देखकर मीरा रोती है। मीरा देखती है कि,संसार के लोग मोह में लिप्त हैं और उनका जीवन व्यर्थ जा रहा है। लोग अपने अनमोल जीवन को व्यर्थ की चीज़ों में गवा रहे हैं। मीरा सांसारिक सुख और दुख को बेकार मानती है। वह यह देखकर रोती है कि, पूरी दुनिया सांसारिक सुख और दुख को सच मानती है, और सांसारिक अथवा पारिवारिक बंधनों में फस कर, वास्तविक्ता से दूर होती जा रही है।

12. कृष्ण के किस रूप कि मीरा भक्ति करती है ? 

उत्तर : कृष्ण की भक्ति मीरा अपने पति परमेश्वर के रूप में करती है। मीरा कृष्ण को अपना सबकुछ मानते हुए उनकी पूजा और आराधना करती है। कृष्ण के जिस रूप की मीरा आराधना कर रही हैं वह मनमोहक है अथवा कष्टों को दूर करने वाला है। जिसे देखकर किसी का भी मन परिवर्तित हो सकता है। वे पर्वत को अपनी छोटी ऊंगली पर धारण किए हुए हैं, और अपने सिर पर मोर मुकुट सुशोभित किए हुए है।

13. मीरा के अनुसार कृष्ण किस प्रकार कि भक्ति से प्राप्त होते हैं?

उत्तर : मीरा कहती हैं कि, कृष्ण को पाने के लिए सच्चे मन से तथा सरल भाव से भक्ति करनी चाहिए। छल कपट और घृणा भाव से कोई भी कृष्ण को नही पा सकता। मीरा कृष्ण के लिए कहती है 'सहज मिले अविनासी' अर्थात कृष्ण अविनाशी और अमर हैं। उन्हें पाने के लिए सच्चे मन से सरल भक्ति करनी होगी और बस भगवान इस भक्ति से प्रसन्न होकर भक्त से मिलते हैं। उन्हें प्रेम और श्रद्धा के अलावा और कुछ नहीं चाहिए।

14. मीरा की कृष्ण भक्ति देखकर लोग मीरा को क्या कहते हैं ? 

उत्तर : मीरा की कृष्ण भक्ति देखकर लोग मीरा को बावरी कहते हैं। क्योंकि मीरा कृष्ण भक्ति में सुध-बुध खो बैठी है। मीरा को समाज की परम्परा और मर्यादा का कोई भी ध्यान नहीं है। वह कहती हैं,मेरा अब कोई क्या कर सकता है, उन्हे किसी का भय नहीं। कृष्ण की भक्ति में लीन होकर मीरा ने राज परिवार छोड़ दिया और लोक निंदा सहन किया। मीरा मंदिर-मंदिर में घूम कर भजन और नृत्य किया करती थी। भक्ति की यह सीमा, मीरा के बावलेपन को दर्शाती है।

15. मीरा का संक्षिप्त परिचय दीजिये। 

उत्तर : मीरा का जन्म 1498 में मारवाड़ रियासत के कुडकी गाँव में हुआ था। वह कृष्ण कि बहुत बड़ी उपासक थी, तथा कृष्ण को ही अपना पति मानती थी। मीरा श्री कृष्ण को ही अपना सर्वस्व मानती थी, तथा श्री कृष्ण की भक्ति में उन्होने अपना घर परिवार सबका त्याग कर दिया। वह सदैव कृष्ण भक्ति में लीन रहती थी। मीरा के बारें में अनेकों लोककथाएं प्रचलित हैं। मीरा को सामाजिक निंदा भी सहना पड़ा। उनकी प्रमुख रचनाएँ मीरा पदावली तथा नरसीजी-रो-माहेरो है। इनकी मृत्यु 1546 में हो गयी थी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न     (5 अंक)

16. मीरा के ससुराल वाले मीरा को जहर क्यों देते हैं, तथा जहर का मीरा पर क्या असर होता है ?

उत्तर : मीरा के ससुराल वाले मीरा को इसलिए जहर दे देते हैं क्योंकि, उन्हें लोक लाज की चिंता होती है, और मीरा लोक लाज की सारी सीमाएं लांघ कर, बिना किसी डर के कृष्ण कि भक्ति अपने पति परमेश्वर के रूप में करती है। ससुराल द्वारा दिए गए विष का उनपर कोई असर नहीं होता है। वह बिल्कुल स्वस्थ रहती है, जिससे सभी आश्चर्य चकित रह जाते हैं। मीरा राज परिवार की बहू थी। उनके पति और ससुराल वाले उनकी कृष्ण की भक्ति को मर्यादा और लाज के नाम पर कलंक के रूप में देखते हैं। मीरा किसी को ज़रा सा भी नही भाती थी। इसी कारण मीरा के पति राणा ने उनके पास विष का प्याला भेजा जिसको मीरा ने हँसते-हँसते पी लिया।

17. पति द्वारा भेजे विष के प्याले को पीने के बाद भी मीरा पर कोई असर क्यों नहीं हुआ ?

उत्तर : पति द्वारा भेजे विष के प्याले को पीने के बाद भी उनपर कोई असर इसलिए नही होता है क्योंकि वह कृष्ण कि भक्ति में लीन रहती हैं। व्यर्थ की सांसारिकता और मोह-माया में फंसे नादान और मुर्ख प्राणी ये भी नहीं समझते की मीरा कृष्णा भक्ति में पूर्णतया लीन है। वह खुद को पूर्ण रूप से समर्पित कर चुकी है। किसी विष का उनपे कोई असर नहीं होता है। मीरा की कृष्ण भक्ति के कारण उनके पति राणा उनके लिए विष का प्याला भेजते हैं जिसे मीरा ख़ुशी ख़ुशी पी लेती है। उस विष का उन पर कोई असर नहीं होता है। यह संसार यह बात नहीं समझ सकता कि, प्रभु भक्ति में लीन व्यक्ति का समाज कोई नुकसान नहीं कर सकता, और मीरा तो पूरे मन से श्री कृष्ण की हो चुकी थी।।

18. कृष्ण भक्ति में मीरा को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा ?

उत्तर : कृष्ण कि भक्ति में मीरा को विभिन्न प्रकार कि कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। मीरा के कृष्ण-भक्ति या कृष्ण प्रेम को समाज और उनके परिवार ने बहुत गलत और गंदे तरीके से देखा था। मीरा को सबसे पहले परिवार के विरोध का सामना करना पड़ा। मीरा को कृष्ण भक्ति से रोकने के लिए अनगिनत प्रयास किए गए। समाज के लोगों ने ताना मारा और उनके चरित्र पर सवाल उठाया। उनके पति द्वारा उन्हें मारने का भी प्रयास किया गया। इस तरह मीरा को कृष्णा का प्रेम पाने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। समाज ने उन्हें लज्जा रहित स्त्री कहा,  उन्हें विरादरी से बाहर कर दिया गया, परन्तु कोई भी प्रयास सफल नहीं हुआ। समाज के सारे प्रयास व्यर्थ गए।

19. मीरा के ससुराल के लोगों ने यह क्यों कहा कि मीरा ने लोक लाज छोड़ दिया है ?

उत्तर : मीरा के ससुराल के लोगों ने कहा कि मीरा ने लोक लाज छोड़ दिया है क्योंकि कृष्ण भक्ति में लीन मीरा वह सभी कार्य करती थी जो समाज के गरिमा के अनुकूल नहीं था। प्रत्येक समाज की अपनी गरिमा होती है और जब कोई व्यक्ति इसके विपरीत कार्य करता है तो इसे नियमों का उल्लंघन माना जाता है। मीरा का विवाह शाही परिवार में हुआ था। शाही परिवार की महिलाओं के लिए पर्दा प्रथा और पुरुषों के सामने आना आदि जैसे कई रीतियों का पालन करना अनिवार्य था। स्त्रियों को मंदिरों में जाना और भजन-कीर्तन में भाग लेने की अनुमति नहीं थी । मीरा झूठी मर्यादाओं को लांघ कर कृष्ण की भक्ति में लीन हो गयी। मंदिरों में जाना, सत्संग करना तथा साधु संतो के साथ बैठ कर ज्ञान प्राप्त करती थी। इसी सन्दर्भ में मीरा के ससुराल के लोगों ने कहा कि मीरा ने लोक लाज छोड़ दिया है।

20. कृष्ण की भक्ति ने मीरा पर क्या प्रभाव डाला ?

उत्तर: मीरा सामाजिक मोह-माया से दूर सिर्फ कृष्ण की भक्ति में लीन थी । समाज के अन्य लोगों की तरह मीरा सांसारिक स्नेह और माया को वास्तविक नहीं मानती थी। मीरा के लिए धन, संपत्ति और अन्य भौतिक सुख कोई मायने नहीं रखते थे। कृष्ण की भक्ति में खोई मीरा ने सारे भौतिक सुखों का त्याग कर दिया था। कृष्ण की भक्ति में लीन हो कर मीरा मंदिरों में भजन-कीर्तन करती, नाचती और साधु-संतों के साथ उठती बैठती थी । समाज के लोग उसे बावरी कहते थे, लेकिन उनकी बातों से मीरा को कोई फर्क नहीं पड़ता था।

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5. In the poem ‘Meera Ke Pad’ What is the Poet's Objective?

Meera's unique love for Krishna has been expressed in this universe. She also leaves the dignity of the family and considers Krishna as her everything. He has nurtured the vine of love for Krishna by watering it with tears and extracting ghee in the form of essence from the churner of devotion. They pray to the Lord for their salvation and suffer the pain of separation from him.