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Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Antra Chapter 5 - Jyotiba Phule

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CBSE Class 11 Hindi Antra Important Questions Chapter 5 - Jyotiba Phule - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 11 Hindi Antra Chapter 5 - Jyotiba Phule prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.

Important Questions for CBSE Class 11 Hindi Antra पाठ 5 - ज्योतिबा फुले

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)

1. ज्योतिबा फुले की शादी कब और किससे हुई?

उत्तर: ज्योतिबा फुले का विवाहसन् 1840 में साहित्य सावित्रीबाई फुले से हुआ था


2. सामाजिक विकास और बदलाव के आंदोलन में किस महापुरुष का नाम नहीं है?

उत्तर: ज्योतिबा फुले का नाम सामाजिक विकास और बदलाव के आंदोलन में नहीं है


3. 1883 में ज्योतिबा फुले ने कौन सी किताब लिखी थी?

उत्तर: ज्योतिबा फुले ने शेतकार्यचा आसूड नामक पुस्तक लिखी थी।


4. ज्योतिबा फुले को महात्मा की उपाधि कब दी गई?

उत्तर: ज्योतिबा फुले को महात्मा की उपाधि 1888 नहीं मिली थी।


5. आदर्श परिवार क्या है?

उत्तर: एक आदर्श परिवार वह होता है जिसमें पिता बौद्ध धर्म को माता ईसाई धर्म को बेटी मुस्लिम धर्म को और बेटा सत्यधमी धर्म को मानता हो।


लघु उत्तरीय प्रश्न

6. मंगलाष्टक क्या है?

उत्तर: ज्योतिबा फुले द्वारा खोजी गई नई विधि की शादी जिसमें एक वधू अपनी स्त्री को वचन देता है कि वह उसे अधिकार और स्वतंत्रता देगा यह होता है मंगलाष्टक।


7. उन किताबों के नाम बताएं जिनमें ज्योतिबा फुले के मौलिक विचार सम्मिलित हैं?

उत्तर: ज्योतिबा फुले के मौलिक विचार गुलामगिरी सार्वजनिक सत्य धर्म और किसानों का प्रतिशोध इन तीनों पुस्तकों में सम्मिलित है।


8. कन्या शाला के बारे में बताइए?

उत्तर: पहली कन्या शाला की स्थापना जनवरी 14 1848 को पुणे में हुई थी । पूरे भारत में यह पहली पाठशाला थी जिसमें लड़कियों को शिक्षा देने के लिए स्थापित की गई थी। एक के बाद एक कन्या पाठशाला खोलने में ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई को कई बहिष्कार और व्यवधानो का सामना करना पड़ा था।


9. सत्यशोधक समाज की क्याजरूरत क्यों पड़ी?

उत्तर: ज्योतिबा फुले कोई सामाजिक मूल्य की शिक्षा सुधारक नहीं थे। उन्होंने पूंजीवादी और पुरोहित वादी मानसिकता वाले लोगों के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की थी। सत्यशोधक समाज का उद्देश्य रूढ़िवादी को फैलने से रोकना था।


10. महात्मा की उपाधि मिलने पर ज्योतिबा फुले ने क्या कहा?

उत्तर: महात्मा पद की उपाधि मिलने के बाद ज्योतिबा फुले ने कहा मुझे महात्मा कहकर मेरे संघर्षों को पूर्णविराम मत करिए। उन्होंने यह भी कहा जब कोई इंसान महान बनता है तब उसका संघर्ष खत्म हो जाता है इसीलिए वह कहते हैं कि आप मुझे साधारण मनुष्य ही समझें उनसे अलग ना समझे।


लघु उत्तरीय प्रश्न

11. भारतीय समाज में शोषण और स्त्रियों के दमन के बारे में बताएं।

उत्तर: भारत के इतिहास में ब्राह्मण है ना सिर्फ शूद्र के साथ बल्कि स्त्रियों के साथ भी बहुत बुरा किया तथा उनका शोषण भी किया। वह स्त्रियों को शिक्षा से दूर रखते थे हम उनको एक वस्तु के अलावा कुछ और नहीं समझते थे। वह स्त्रियों को एक गुलाम मानते थे। ब्राह्मण समाज शूद्र के साथ छुआछूत जैसी निम्न कोटि की हरकतें करते थे तथा उनके साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया जाता था।


12. फुले दंपति को कैसे विरोधो का सामना करना पड़ा?

उत्तर: फुले दंपत्ति ने स्त्रियों की शिक्षा तथा दलितों के उद्धार के लिए कई कदम उठाए और इसी वजह से उन्हें कई लड़ाइयां लेनी भी पड़ी। उन्होंने लड़कियों के लिए कन्या शाला की स्थापना की जिससे बस शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस वजह से ज्योतिबा फुले वर सावित्री फुले को बहिष्कारों का सामना भी करना पड़ा। रिश्तेदारों के दबाव में आकर ज्योतिबा के पिता ने अपने बाहू और बेटे को घर से जाने के लिए भी कहा। सावित्री जब भी अपने घर से पाठशाला के लिए निकलती थी तब लोग उनके साथ बहुत ही बुरा व्यवहार करते थे जिससे उन्हें गालियां देना, उन पर पत्थर फेंकना आदि। इन सबके बाद भी उन दोनों ने हार नहीं मानी और एक साथ मिलकर 1840 से 1890 के बीच अपने मिशन को पूरा किया।


13. ज्योतिबा के दांपत्य जीवन से सीख लेने वाली गाड़ियों पर प्रकाश डालें|

उत्तर: फुले दंपतियों के जीवन से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इन दोनों ने मिलकर बरसों पुरानी कुरीतियों को खत्म किया तथा स्त्रियों के लिए पाठशाला की स्थापना की और शुद्र को उनका हक दिलाने का कार्य भी किया। फुले दंपत्ति एक आदर्श दंपत्ति है के दांपत्य जीवन को उनसे सीख लेनी चाहिए। जैसा कि हम सब जानते हैं कि आजकल के प्रतिष्ठित दंपत्ती कई बार साथ रहने के बाद भी अलग हो जाते हैं परंतु ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई नहीं अपने अपने जीवन को एक दूसरे को समर्पित कर दिया था।


14. फूले दंपत्ति के प्रयासों का समाज पर क्या असर पड़ा?

उत्तर: 50 साल अर्थात 1840 से 1890 तक फुले दंपत्ति ने समाज में फैली कुरीतियों जैसे महिलाओं की शिक्षा, ढोंग आदि का सामना किया और उसमें विजय प्राप्त कर दो। इसी वजह से कुछ स्त्रियां शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने लगी। उन्होंने मंगलाष्टक व्यवहार की नई बना ली भी स्थापित करी। उन्होंने ब्राह्मणवाद और पुरोहितों का विरोध किया है तथा स्त्रियों को घरेलू हिंसा से आजादी प्रदान करी और शूद्र को भी न्याय प्रदान किया।


15. शादी के विषय में ज्योतिबा फुले द्वारा किए गए बदलाव पर प्रकाश डालिए |

उत्तर: ज्योतिबा फुले ने नई विवाह नीति की रचना करी। उन्होंने उस विवाह नीति से ब्राह्मणवाद को पूरी तरह से हटा दिया और मंगलाष्टक विवाह का आयोजन किया। वे चाहते थे कि विवाह प्रणाली से सुरेश प्रधान और स्त्री गुलामगिरी का अंत हो जाए इसीलिए उन्होंने एक नई नीति बनाने पर जोर दिया। ज्योतिबा फुले नहीं जिस मंगलाष्टक की रचना है कि उसमें वधू वर से कहती हैं स्वतंत्रता का अभाव अमित स्त्रियों को है ही नहीं इस बार कि आज शपथ लो कि स्त्री को उसका अधिकार दोगे और उसे अपनी स्वतंत्रता का अभाव करने दूंगी।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

16. शिक्षा के क्षेत्र में ज्योतिबा के योगदान को बताएं।

उत्तर: ज्योतिबा फुले ने शिक्षा के क्षेत्र में शूद्र जाति को पढ़ने के लिए प्रेरित किया और इससे ब्राह्मण समाज की नीति का अंत सा हो गया। ब्राह्मण समाज वेदों पर अपना अधिकार समझते थे परंतु आज स्थिति ऐसी हो गई है कि उन वेदों का ज्ञान ब्राह्मणों से ज्यादा शूद्रों के पास हो गया है। उन्होंने ना सिर्फ शुद्रओं के लिए बल्कि स्त्रियों के लिए भी शिक्षा की व्यवस्था की। एक बात ध्यान रखें शिक्षा पर सबका समान रूप से अधिकार है।


17. ज्योतिबा फुले के व्यक्तिगत जीवन पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: ज्योतिबा फुले का पूरा नाम ज्योतिराव गोविंदराव फुले था। उनका जन्म अप्रैल 11, 1827 कब हुआ था। वह एक समाजसेवी समाज ,प्रबोधक, क्रांतिकारी ,लेखक थे। उन्हें महात्मा की उपाधि भी प्राप्त हुई थी। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों का अंत किया और समाज को एक नई दिशा प्रदान करी। उन्होंने स्त्रियों और शूद्रों के लिए एक नए मिशन पर कार्य किया। हमारे समाज में पहने स्त्रियों को शिक्षा प्रदान नहीं की जाती थी और बाल विवाह को प्रोत्साहन दिया जाता था। तथा शूद्रों के साथ जानवर से भी बदतर व्यवहार किया जाता था। इन्होंने ऐसी कुरीतियों का बहिष्कार किया भारत को एक नई दिशा की ओर प्रेरित किया। उनका विवाह सावित्री फुले नामक स्त्री से हुआ। उन्होंने अपनी पत्नी को शिक्षा प्रदान कराई सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम अध्यापिका बनी। उनका निधन 28 नवंबर 1890को हुआ।


18. महिलाओं की स्वतंत्रता का उनकी शादी से क्या संबंध है टिप्पणी करें।

उत्तर: भारतीय इतिहास के 3000 साल से अधिक अनुभव के आधार पर स्त्रियों को स्वतंत्रता कभी नहीं मिली। पुरुषों को अपना भाग्य मानती और उनकी गुलामी करती थी। यह कम था जो शादी इस विचारधारा को और अधिक प्रबल बना देती थी। पुरुष वर्ग जैसा कहता एक स्त्री को वैसा ही करना पड़ता था उसके अनुसार खाना,पीना ,चलना ,सोना ,इत्यादि इससे स्त्री को कभी स्वतंत्रता नहीं मिल सकती। इसीलिए ज्योतिबा फुले ऐसी प्रथा का बहिष्कार करने पर जोर दिया। उन्होंने विवाह की पुरानी विचारधारा को बदल कर एक नई विचारधारा की स्थापना करी। उन्होंने पुरुष वर्ग से कहा तुम य ह शपथ लो स्त्री को उसका दिखाएं सदैव ही दिलाओगे और उसे स्वतंत्रता प्रदान करोगे।


19. सावित्री फुले के बचपन में क्या घटना घटित हुई थी।

उत्तर: सावित्रीबाई फुले कि बचपन से रुचि बचपन से ही शिक्षा के क्षेत्र में थी। उनके जीवन में एक बहुत प्रसन्न घटना घटित हुई। लगभग 6 से 7 साल की उम् में अकेली बाजार घूमने चले जाया करती थी। एक दिन उन्होंने देखा कि एक पेड़ के नीचे कुछ स्त्री और पुरुष है गाना गा रहे थे। एक लाट साहब वही पास से जा रहे थे उन्होंने उससे कहा कि रास्ते में खाते. खाते घूमना अच्छी बात नहीं यह सुनते ही सावित्रीबाई ने अपने हाथ का खाना फेंक दिया। लाट साहब ने उससे कहा कि तुम बहुत अच्छी लड़की हो। उन्होंने उसे एक पुस्तक दे दी और कहां यह पुस्तक बहुत अच्छी है इसे पढ़ना और अगर तुम ना कर सको तो इसका चित्र तुम्हें बहुत अच्छा लगेगा। सावित्री बाय उसे लेकर अपने घर पहुंची और अपने पिता को वापस तक दिखाई यादें कंस के पिता बहुत क्रोधित हो गए और उस पस्ता को कूड़ेदान में फेंक दिया और उससे कहा ऐसी चीजों से तुम भ्रष्ट हो जाओगी और पूरे उनको भी भ्रष्ट कर दोगी।


20. लेखिका का जीवन परिचय लिखिए।

उत्तर: सुधा अरोड़ा का जन्म 1948 में लाहौर में हुआ था। उन्होंने उच्च शिक्षा कोलकाता विश्वविद्यालय से प्राप्त करी। इसी विश्वविद्यालय में उन्होंने 1969 - 1971 तक अध्यापिका के रूप में कार्य किया। कथा और साहित्य में इनकी रूची अत्यधिक थी। उनकी कई कहानियां जैसे कांसे का गिलास, काला शुक्रवार औरत की कहानी इत्यादि प्रकाशित हुए। राष्ट्रीय दैनिक जनसत्ता में महिलाओं से जुड़े मुद्दे बहुत ही ज्यादा प्रचलित हुए। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा उन्हें विशेष पुरस्कार से नवाजा गया। 

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