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CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF

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CBSE Class 12 Hindi Aroh Important Questions Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak - Free PDF Download

Free PDF download of Important Questions with solutions for CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak prepared by expert Hindi teachers from latest edition of CBSE(NCERT) books.


Class 12 Hindi Aroh Chapter 12 Pahalwan Ki Dholak, as well as relevant solutions. These questions are based on the latest CBSE Board exam standards and curriculum. These have been created based on past years' board exam question patterns as well as questions that are likely to feature in the forthcoming CBSE Board examinations. Without further ado, grab the free PDF copy of Chapter 12 Pahelwan Ki Dholak now to give your preparation a boost.

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Study Important Questions for Class 12 Hindi पाठ - 13 पहलवान की ढोलक

Pahalwan ki dholak (Wrestler’s drum) is a beautiful story that shows how folk art is being overshadowed by the so-called “New India”. It further portrays how in the name of development, old traditions and practices are gradually losing their existence with the arrival of modernism. To understand such complex themes and be able to answer questions concerning critical concepts and ideas, a thorough reading of Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak, followed by solving important questions is necessary.


Vedantu’s Hindi academicians have made available a well-researched set of important questions on Class 12 Hindi Aroh Chapter 12 Pahelwan Ki Dholak along with appropriate solutions. These questions are based on the CBSE Board exam standards and the latest syllabus. These have been crafted based on the question patterns of the previous years’ board exams and the questions that have high chances of appearing in the upcoming CBSE Board exams. Without wasting too much time, download the free PDF file of Chapter 12 Pahelwan Ki Dholak today and give your preparation the right boost.


Highlights of CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak

Board

CBSE - Central Board of Secondary Education

Textbook

NCERT- National Council of Educational Research and Training

Category

NCERT Important Questions

Subject

Hindi

Class 

12

Chapter 

13

Chapter Name

Pahelwan Ki Dholak

Prose/Poem

Story


अति लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                     (1 अंक)

1. गाँव में कौन सी बीमारी फैली है ? 

उत्तर: गाँव में हैजा और मलेरिया नाम की बीमारी फैली है |


2. गाँव किस तरह काँप रहा है ? 

उत्तर: गाँव में हैजा और मलेरिया जैसी बीमारी फैली है इसलिए गाँव में डर व चिंता का माहौल है और वह एक घबराये हुए बालक की तरह काँप रहा है |   


3. लेखक ने किस वातावरण का वर्णन किया है ? 

उत्तर: लेखक ने सर्दी के मौसम का, अमावस्या की रात का और ठंडे वातावरण का वर्णन किया है | 


4. ढोलक बजाने की अवधि क्या थी ? 

उत्तर: ढोलक बजाने की अवधि शाम से प्रातः काल तक की थी | 


5. नौ वर्ष की आयु में किसके माँ - बाप की मृत्यु हो गई थी ? 

उत्तर: जब लुट्टन नौ वर्ष का था तब बचपन में ही उसके माता - पिता का देहांत हो गया था|

 

लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                                      (2 अंक) 

6. गाँव की आर्थिक स्थिति कैसी थी ? 

उत्तर: गाँव की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी |घर की जगह पर टूटी - फूटी झोपड़ियां बनी हुई थी जिनमें रहने में कोई सुख नहीं था  | 


7. लेखक गाँव की रात्रि पर क्या टिप्पणी करते हैं | 

उत्तर: लेखक ने गाँव की रात्रि का मानवीकरण करते हुए यह कहा है कि गाँव में हैजा और मलेरिया फैला हुआ था | महामारी की चपेट में आकर कई लोग मर रहे थे | चारों ओर भय और पीड़ा की स्थिति थी | ऐसे में ओस की बूंदे आंसू बहाती सी प्रतीत हो रही थी| 


8. ढोलक से कैसी आवाज़ आती थी ? 

उत्तर: ढोलक की आवाज़ कुछ इस प्रकार थी - चाट धा, गिड़ धा अर्थात् आ जा भिड़ जा , चटाक चाट धा यानी उठाकर पटक दे , चाट गिढ़ धा यानी मत डरना |


9. लुट्टन पहलवान क्यों बनना चाहता था ? 

उत्तर: जब लुट्टन नौ साल का था तब ही उसके माता - पिता का देहांत हो गया था | उसकी सास ने उसका पालन - पोषण किया | गाँव के लोगों द्वारा उसकी सास पर हुए अत्याचारों का बदला लेने के लिए लुट्टन ने पहलवान बनने का निश्चय किया | 


10. चाँद सिंह कौन था ? उसे किसने चुनौती दी थी ? 

उत्तर: चाँद सिंह गाँव का एक मशहूर पहलवान था | उसे लुट्टन ने चुनौती दी थी | 


लघु उत्तरीय प्रश्न                                                                            (3 अंक ) 

11. लुट्टन का पालन - पोषण किसने किया था और वह क्यों मशहूर था ? 

उत्तर: बचपन में ही अपने माता- पिता को खोने के बाद लुट्टन का पालन - पोषण उसकी विधवा सास ने किया था |लुट्टन इसलिए मशहूर था क्योंकि उसने गाँव के एक मशहूर पहलवान चाँद सिंह को हराकर गौरव प्राप्त किया था | 


12. राजा साहब का बीच में कुश्ती रुकवाने का क्या कारण था ? 

उत्तर: राजा साहब को कुश्ती की काफ़ी जानकारी थी | वे चाँद सिंह के बारे में भी पहले से जानते थे और उन्होंने उसे उपाधि भी दी थी | लुट्टन नया खिलाड़ी था और पहली बार कुश्ती का दंगल लड़ने जा रहा था इसलिए राजा साहब ने कुश्ती बीच में ही रुकवा दी |


13. लुट्टन सिंह का विरोध किसने और क्यों किया ?  

उत्तर: लुट्टन सिंह का विरोध उच्च जाति के मैनेजर और राज - पंडितों ने किया था |लुट्टन निम्न वर्ग से था और वे नहीं चाहते थे कि कोई भी निम्न जाति का उनसे आगे बढ़े और राज - पहलवान बने | वे चाहते थे की क्षत्रिय या ब्राह्मणों में से कोई राज - पहलवान बने | 


14. पहलवान अपने बेटों को क्या सिखाता था ? 

उत्तर: पहलवान अपने बेटों को दंगल में उतरने के बाद सबसे पहले ढोलक को नमस्कार करने के लिए और ध्वनि को ध्यानपूर्वक सुनने के लिए कहता था |अपने मालिक को खुश रखने का उपाय भी उसने अपने बेटों को बताया था | 


15.आजकल गांव में अखाड़े की कमी क्यों दिखती है ? 

उत्तर: आजकल गाँव में खेल के प्रति अरुचि, खेल में भ्रष्टाचार, लोगों के पास समय की कमी, मनोरंजन के नए साधनों के बढ़ते चलन और कुश्ती से लाभ न होने के कारण धीरे - धीरे अखाड़ों की कमी होती जा रही है |   


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न                                                                                                  (5 अंक ) 

16. लेखक ने महामारी के प्रकोप का क्या दृश्य दिखाया है ? 

उत्तर: लेखक कहते है कि महामारी फैलने के बाद गाँव में सूर्योदय और सूर्यास्त के दृश्य में बड़ा अंतर होता था | सूर्योदय के समय कोलाहल, हाहकार और हृदय विदारक रुदन के बावजूद भी लोगों के चेहरे पर जीवन की चमक होती थी, लोग एक दूसरे को सांत्वना बंधाते रहते थे और एक दूसरे के दुःख में शामिल होते थे परन्तु सूर्यास्त होते ही सारा माहौल बदल जाता था | लोग अपने घर से बहार तक नहीं निकलते थे | माताएं अपने दम तोड़ते पुत्र को ‘बेटा’ भी कहकर अंतिम विदाई नहीं दे पाती थी | ऐसे समय में केवल पहलवान की ढोलक की आवाज़ सुनाई देती थी जैसे वह महामारी को चुनौती दे रही हो | 


17. लुट्टन किसे अपना गुरु मानता था ? और क्यों ? 

उत्तर: लुट्टन ने कुश्ती के दाँव - पेंच किसी गुरु से नहीं बल्कि ढोल की आवाज़ से सीखे थे |ढोल से निकली हुई ध्वनियाँ उसे दाँव - पेंच सिखाती हुई और आदेश देती हुई प्रतीत होती थी | जब ढोल पर थाप पड़ती थी तो पहलवान की नसें उत्तेजित हो जाती थी, उसका मन सामने वाले को पछाड़ने के लिए मचलने लगता था | इसी कारण लुट्टन पहलवान ने कहा कि मेरा गुरु कोई पहलवान नहीं, यही ढोल है |    


18. गाँव के लोगों के ऊपर किसकी आवाज़ का असर होता था और क्यों ?

उत्तर: गाँव के लोगों के ऊपर लुट्टन के ढोलक की आवाज़ का असर होता था | गाँव में महामारी के कारण निराशाजनक माहौल तथा मृत्यु का सन्नाटा छाया हुआ था | ऐसे समय में पहलवान की ढोलक की आवाज़ से निराश गाँव वालों के मन में जीने की उमंग जागती थी | ढोलक जैसे उन्हें महामारी से लड़ने की और कभी ना हारने की हिम्मत देती थी |इसलिए शायद गाँव में महामारी फैलने और अपने बेटों के देहांत होने के बावजूद लुट्टन पहलवान महामारी को चुनौती देने के लिए, अपने बेटों की मृत्यु का दुःख कम करने के लिए और गाँव वालों में साहस बढ़ाने के लिए ढोल बजाता था |   


19. सितारों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहते हैं ? 

उत्तर: सितारों के माध्यम से लेखक लोगों के असहनीय दुःख को व्यक्त करना चाहते हैं |टूटते तारे के माध्यम से लेखक कहना चाहते हैं कि अकाल और महामारी से पीड़ित गांव वालों की पीड़ा को दूर करने वाला कोई नहीं था | प्रकृति भी गाँव वालों के देख से दुखी थी | आकाश से टूटकर यदि कोई भावुक तारा पृथ्वी पर आना भी चाहता तो उसकी ज्योति और शक्ति रास्ते में ही खत्म हो जाती | लेखक के कहने का तात्पर्य यह है कि स्थिर तारे चमकते हुए प्रतीत होते हैं और टूटा तारा समाप्त हो जाता है | तारों की शक्ति का माननीय रूप से उल्लेख किया है |


20. फणीश्वर नाथ रेणु का संक्षिप्त जीवन परिचय दीजिये | 

उत्तर: फणीश्वर नाथ रेणु का जन्म 4 मार्च 1921 को बिहार के अररिया जिले में हिंगना गाँव में हुआ था | उनकी शिक्षा भारत और नेपाल में हुई थी | 1942 में उन्होंने अपनी इंटरमीडिएट काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से की थी जिसके बाद वे स्वतंत्रता संग्राम के भागी बन गए थे |रेणु को जितनी ख्याति हिंदी साहित्य में अपने उपन्यास मैला आँचल से मिली, उसकी मिसाल मिलना मुश्किल  है। अपने प्रथम उपन्यास 'मैला आंचल' के लिये उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनकी मृत्यु 11 अप्रैल 1977 में हुआ था | 


The following is a collection of links to chapter-by-chapter in the Hindi Aroh curriculum for class 12:


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FAQs on CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF

1. How did the general public react when Lutan was appointed as a court wrestler?

When Lutan was appointed to the King's court, the manager of the King's estate and his commentators were not pleased. They said that because he did not belong to the top caste, he did not deserve such a high position and respect. Yet the King dismissed them all, claiming that his work speaks for itself and that his prowess as a wrestler is nothing short of heroic.

2. Describe the life of the author of Chapter 13 Pahalwan Ki Dholak of Hindi Aroh Class 12.

Fanishwar Nath Renu was born on March 4, 1921, in the Bihar district of Purnia and died on April 11, 1977, in Patna. His life was full of ups and downs, as well as countless obstacles, and he was an active participant in political and social movements as well as a writer. He was one of the first Hindi authors to write entirely on regional or zonal lives. In 1954, he published his renowned novel "Maila Aanchal" (dirty veil), which changed the course of Hindi writing. He popularised rural life, folk music, and the people' language. His paintings depict rural life in its most raw and unprocessed form.

3. What occurred after the monarch died, according to Hindi Aroh Class 12 Chapter 13 Pahalwan Ki Dholak?

The monarch was pleased with Lutan's performance and gave him a position in his court. Lutan Singh eventually rose to notoriety as an unbeaten wrestler who spent 15 years on the court. He has two children who are both as powerful like their father and are considered as the wrestlers of the future. But, the monarch died, and Lutan's time at court came to an end. The new king was the former king's son, and he restructured the court, replacing wrestling with a horse race.


Lutan and his lads returned to their hamlet and began teaching wrestling to the local youngsters. His nourishment was provided by the villagers. But destiny had different plans for Lutan and his family.

4. From where can I download CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF?

You can download CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF from many websites. But according to me, Vedantu is the best website where you can get the best study material. It provides detailed solutions to every question which help in better understanding of the chapter.

5. Do CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF follow CBSE guidelines?

Yes, CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF follows CBSE guidelines. By studying the questions that are there in the PDF you will get to know about the chapter's important concepts. Vedantu has provided the best explanation for the important questions which will help students to increase their knowledge about the chapter and get good marks.

6. How can I study CBSE Class 12 Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak so that I can score good marks in final exams?

For scoring good marks in exams, first of all you should read the chapter and go through the chapter twice. Then you should study CBSE Class 12 Hindi Important Questions with Solutions for Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak PDF. You can find the PDF on Vedantu website and download it. Then you should revise it from time to time. It will help you to get good grades in exams.

7. What is the main idea of CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak?

The main idea of CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak is - one should serve the country selflessly. One should have love and affection for his country and should be ready to serve the country in every possible way . If the country needs us, we should be there. Helping people, promoting brotherhood and living with love is the main idea of this chapter.

8. Which disease was spread in CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak?

The disease that was spreaded in CBSE Class 12 Hindi Aroh Chapter 13 Pahelwan Ki Dholak was Haija and Malaria. Many people were dying because of this disease which caused a feeling of sadness all over the village. People were losing their loved ones and were very upset. The disease was getting worse every day.