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CBSE Class 6 Hindi (Malhar) Important Questions Chapter 2 - Gol

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CBSE Hindi Class 6 Chapter 2 - FREE PDF Download

The Chapter 2 of the Class 6 Hindi Syllabus is titled "Gol,". In it, we delve into the inspiring life and experiences of Major Dhyan Chand, one of India’s greatest hockey players, often referred to as the "Wizard of Hockey." The chapter opens with a thrilling recounting of a match from 1933, where Dhyan Chand faced an aggressive opponent but chose to respond with skill rather than anger. We learn about his journey from a simple soldier to the captain of the Indian hockey team at the Berlin Olympics in 1936, where he helped secure a gold medal. Dhyan Chand's story teaches us the importance of sportsmanship, teamwork, and dedication, making this chapter both engaging and motivational for young readers.

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Table of Content
1. CBSE Hindi Class 6 Chapter 2 - FREE PDF Download
2. Access Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - Gol
    2.1गोल
3. एक दौड़ ऐसी भी
4. Benefits of Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - Gol
5. Conclusion
6. Additional Study Material for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 2
7. Chapter-wise Important Questions Links for Class 6 Hindi
8. Important Study Materials for Class 6 Hindi
FAQs


Vedantu offers the FREE PDF of Class 6 Hindi Important Questions for this chapter which you can download and access anytime, anywhere for a complete learning experience. These questions and answers are prepared by top subject matter experts and master teachers at Vedantu and are updated regularly to align with the latest curriculum.

Access Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - Gol

गोल

1. मेजर ध्यानचंद का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयाग में हुआ था।


2. मेजर ध्यानचंद को किस उपाधि से सम्मानित किया गया था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद को "हॉकी का जादूगर" कहा जाता था।


3. ध्यानचंद ने किस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया?
उत्तर: ध्यानचंद ने 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का नेतृत्व किया।


4. ध्यानचंद ने किस रेजिमेंट में हॉकी खेलना शुरू किया?
उत्तर: ध्यानचंद ने 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में हॉकी खेलना शुरू किया।


5. ध्यानचंद ने घायल होने के बाद कितने गोल किए थे?
उत्तर: ध्यानचंद ने घायल होने के बाद छह गोल किए थे।


6. मेजर ध्यानचंद के हॉकी करियर की शुरुआत कैसे हुई?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद ने 16 साल की उम्र में 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में भर्ती होकर हॉकी खेलना शुरू किया। उनके सूबेदार मेजर तिवारी ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें खेल में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित किया।


7. मेजर ध्यानचंद की खेल भावना को कैसे प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर: ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी, उन्होंने न केवल खुद गोल किए, बल्कि टीम की सफलता के लिए अपने साथियों को भी मौके दिए। उन्होंने हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत जीत से ऊपर रखा।


8. 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम की सफलता में ध्यानचंद की क्या भूमिका रही?
उत्तर: 1936 के बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद ने भारतीय टीम का नेतृत्व किया और जर्मनी के खिलाफ फाइनल में भारतीय टीम ने 8-1 से जीत हासिल की। ध्यानचंद ने इस मैच में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।


9. ध्यानचंद ने चोट लगने के बाद क्या किया?
उत्तर: चोट लगने के बाद ध्यानचंद ने पट्टी बंधवाकर मैदान में वापस लौटकर छह गोल किए और अपनी टीम को शानदार जीत दिलाई।


10. मेजर ध्यानचंद को "हॉकी का जादूगर" क्यों कहा जाता है?
उत्तर: ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल और उनकी शानदार खेल तकनीक की वजह से उन्हें "हॉकी का जादूगर" कहा जाता है। उन्होंने हॉकी में ऐसे अद्भुत प्रदर्शन किए, जो किसी जादू से कम नहीं थे।


11. मेजर ध्यानचंद के जीवन की मुख्य घटनाओं का वर्णन करें।
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को प्रयाग में हुआ था। वे 16 साल की उम्र में 'ब्राह्मण रेजिमेंट' में भर्ती हुए, जहाँ से उन्होंने हॉकी खेलना शुरू किया। उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण 1936 का बर्लिन ओलंपिक था, जहाँ उन्होंने भारतीय टीम का नेतृत्व किया और शानदार जीत हासिल की। ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल की वजह से उन्हें "हॉकी का जादूगर" कहा गया। उनकी खेल भावना और नेतृत्व क्षमता के कारण भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।


12. बर्लिन ओलंपिक 1936 में भारतीय टीम की जीत में ध्यानचंद की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर: 1936 के बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम का नेतृत्व ध्यानचंद ने किया। फाइनल मैच में भारतीय टीम ने जर्मनी के खिलाफ खेला और 8-1 से जीत हासिल की। इस मैच में ध्यानचंद ने न केवल अपने कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि पूरी टीम को भी जीत की ओर प्रेरित किया। इस जीत ने ध्यानचंद को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई और भारतीय हॉकी की धाक जमाई।


13. ध्यानचंद की खेल भावना और नेतृत्व क्षमता को कैसे प्रदर्शित किया गया है?
उत्तर: ध्यानचंद की खेल भावना अद्वितीय थी। उन्होंने हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत जीत से अधिक महत्व दिया। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने बर्लिन ओलंपिक 1936 में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने खेल में उत्कृष्टता दिखाई, और टीम के हर सदस्य को मौका देकर सामूहिकता का महत्व समझाया। उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारतीय टीम को सफलता के शिखर पर पहुँचाया।


14. ध्यानचंद की खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन का वर्णन करें।
उत्तर: ध्यानचंद का खेल के प्रति समर्पण और अनुशासन ही उनकी सफलता की कुंजी था। उन्होंने अपने खेल कौशल को निखारने के लिए कड़ी मेहनत की और अनुशासित जीवनशैली अपनाई। वे न केवल दिन में, बल्कि रात में भी प्रैक्टिस करते थे। उनके समर्पण और अनुशासन के कारण ही वे हॉकी के क्षेत्र में महानता के शिखर तक पहुँच सके।


15. ध्यानचंद की सफलता में उनके कौन से गुण महत्वपूर्ण रहे?
उत्तर: ध्यानचंद की सफलता में उनकी मेहनत, समर्पण, और अनुशासन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी खेल भावना और टीम भावना ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया। वे हमेशा टीम की जीत को व्यक्तिगत उपलब्धियों से ऊपर रखते थे और उनका खेल के प्रति समर्पण उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाता था।


16. ध्यानचंद ने खेल को सिर्फ प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं देखा, बल्कि उसे जीवन का हिस्सा कैसे माना?
उत्तर: ध्यानचंद ने खेल को एक प्रतिस्पर्धा से अधिक जीवन का हिस्सा माना। उनके लिए हॉकी सिर्फ जीतने का साधन नहीं थी, बल्कि यह उनके अनुशासन, समर्पण और टीम भावना का प्रतीक थी। उन्होंने खेल के माध्यम से जीवन के महत्वपूर्ण मूल्य जैसे सहयोग, अनुशासन और आत्म-सम्मान सीखे और इन्हें अपने जीवन में अपनाया।


17. बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद की भूमिका को भारतीय हॉकी के लिए क्यों महत्वपूर्ण माना जाता है?
उत्तर: बर्लिन ओलंपिक में ध्यानचंद की भूमिका भारतीय हॉकी के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता। उनके खेल कौशल और नेतृत्व ने भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर गौरवान्वित किया। इस ओलंपिक में उनकी सफलता ने भारतीय हॉकी को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई।


18. ध्यानचंद के खेल को उनके जीवन में किस प्रकार से आत्मसात किया गया था?
उत्तर: ध्यानचंद ने अपने खेल को पूरी तरह से अपने जीवन में आत्मसात किया था। उनका अनुशासन, समर्पण और खेल के प्रति उनकी लगन ने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनाया। वे अपने खेल से न केवल हॉकी के नियमों का पालन करते थे, बल्कि जीवन के नियमों का भी पालन करते थे। खेल उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा था।


19. ध्यानचंद के खेल में तकनीकी कुशलता और रणनीतिक सोच का क्या महत्व था?
उत्तर: ध्यानचंद के खेल में तकनीकी कुशलता और रणनीतिक सोच का अत्यधिक महत्व था। उनकी गेंद पर पकड़ और खेल को पढ़ने की क्षमता उन्हें एक अद्वितीय खिलाड़ी बनाती थी। वे हमेशा टीम के हित में खेलते थे और अपने साथियों को भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी रणनीतिक सोच ने उन्हें "हॉकी का जादूगर" की उपाधि दिलाई।


20. ध्यानचंद के जीवन से हम व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में क्या सीख सकते हैं?
उत्तर: ध्यानचंद के जीवन से हम यह सीख सकते हैं कि समर्पण, अनुशासन, और टीम भावना किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने हमेशा टीम की सफलता को प्राथमिकता दी और अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को पीछे रखा। उनकी जीवनशैली और खेल के प्रति समर्पण हमें सिखाता है कि कड़ी मेहनत और अनुशासन से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।


21. मेजर ध्यानचंद का भारतीय हॉकी में क्या योगदान था?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद का भारतीय हॉकी में योगदान अद्वितीय था। उन्होंने अपने उत्कृष्ट खेल कौशल से भारतीय हॉकी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और भारत को कई महत्वपूर्ण मैचों में जीत दिलाई।


22. ध्यानचंद ने हॉकी खेलने की प्रेरणा कहाँ से प्राप्त की?
उत्तर: ध्यानचंद ने हॉकी खेलने की प्रेरणा अपनी रेजिमेंट 'ब्राह्मण रेजिमेंट' के सूबेदार मेजर तिवारी से प्राप्त की, जिन्होंने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया और उन्हें अपने खेल को सुधारने में मदद की।


23. बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम की जीत का क्या महत्व था?
उत्तर: बर्लिन ओलंपिक में भारतीय टीम की जीत का महत्व इस बात में था कि यह जीत भारतीय हॉकी को विश्व मंच पर पहचान दिलाने वाली थी। इस जीत ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया और अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में भारतीय हॉकी की प्रतिष्ठा स्थापित की।


24. मेजर ध्यानचंद के खेल कौशल ने उन्हें कौन सी उपाधि दिलाई?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद के अद्वितीय खेल कौशल ने उन्हें "हॉकी का जादूगर" की उपाधि दिलाई। उनकी अद्भुत खेल प्रतिभा ने उन्हें विश्वभर में प्रसिद्धि दिलाई।


25. मेजर ध्यानचंद के जीवन से क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: मेजर ध्यानचंद के जीवन से हमें यह प्रेरणा मिलती है कि समर्पण, अनुशासन और कड़ी मेहनत से किसी भी क्षेत्र में महानता हासिल की जा सकती है। उनका जीवन सिखाता है कि सफलता का मूल मंत्र मेहनत और समर्पण है।


एक दौड़ ऐसी भी

1. ओलंपिक खेलों की किस घटना का उल्लेख इस पाठ में किया गया है?
उत्तर: पाठ में एक विशेष दौड़ का उल्लेख किया गया है जो ओलंपिक खेलों के दौरान हो रही थी।


2. इस दौड़ में कितनी मीटर की दूरी तय करनी थी?
उत्तर: इस दौड़ में 100 मीटर की दूरी तय करनी थी।


3. दौड़ के दौरान क्या अनोखी घटना हुई?
उत्तर: एक प्रतियोगी ने गिरकर दौड़ रोक दी और बाकी खिलाड़ियों ने दौड़ छोड़कर उसकी मदद की।


4. क्या इस दौड़ में कोई विजेता था?
उत्तर: नहीं, कोई एक विजेता नहीं था क्योंकि सभी ने मिलकर दौड़ पूरी की।


5. प्रतियोगियों के इस कार्य पर दर्शकों की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर: दर्शक सभी प्रतियोगियों के इस कार्य पर तालियाँ बजाकर उनका स्वागत कर रहे थे।


6. इस दौड़ में क्या खास बात थी जो इसे सामान्य दौड़ से अलग बनाती है?
उत्तर: इस दौड़ में एक प्रतियोगी के गिरने के बाद सभी प्रतियोगियों ने अपनी दौड़ रोक दी और उसकी मदद की। यह दौड़ सहयोग और मानवता का प्रतीक बन गई।


7. प्रतियोगी के गिरने पर बाकी प्रतिभागियों ने क्या किया?
उत्तर: बाकी प्रतिभागियों ने दौड़ छोड़ दी और मिलकर उस गिरे हुए प्रतिभागी को उठाया। उन्होंने एक साथ रेखा पार की।


8. दर्शकों की प्रतिक्रिया से दौड़ का क्या महत्व समझ में आता है?
उत्तर: दर्शकों ने इस अनोखे दृश्य पर तालियाँ बजाईं, जिससे यह समझ में आता है कि वे इस मानवता और सहयोग के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित थे।


9. दौड़ के अंत में क्या दृश्य देखा गया?
उत्तर: दौड़ के अंत में सभी प्रतिभागियों ने एक साथ रेखा पार की, और दर्शक तालियाँ बजाकर उनका सम्मान कर रहे थे।


10. यह कहानी हमें क्या सिखाती है?
उत्तर: यह कहानी हमें सिखाती है कि खेल में सहयोग और इंसानियत जीत से भी अधिक महत्वपूर्ण होती है।


11. इस विशेष दौड़ की घटना में खिलाड़ियों ने किस प्रकार से मानवता का उदाहरण प्रस्तुत किया?
उत्तर: इस विशेष दौड़ में, जब एक खिलाड़ी गिर गया, तो बाकी सभी प्रतिभागियों ने दौड़ रोक दी और उसकी मदद करने के लिए लौटे। उन्होंने इस बात की परवाह नहीं की कि कौन जीतेगा, बल्कि मानवता और सहयोग को प्राथमिकता दी। उन्होंने उस गिरे हुए खिलाड़ी को उठाया और सभी ने एक साथ दौड़ समाप्त की। यह घटना दर्शाती है कि किसी खेल में सिर्फ जीत ही महत्वपूर्ण नहीं होती, बल्कि आपसी समझ, सहयोग और मदद का भी बड़ा महत्व है। सभी खिलाड़ियों के इस कार्य से यह संदेश मिलता है कि खेल की असली भावना प्रतिस्पर्धा से ऊपर मानवता में है।


12. दर्शकों की तालियाँ बजाने की प्रतिक्रिया से इस घटना की क्या महत्ता उभरकर आती है?
उत्तर: दर्शकों ने प्रतियोगियों के इस असाधारण कदम को देखकर तालियाँ बजाईं, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने मानवता और सहयोग को अधिक महत्व दिया। यह घटना इस बात को साबित करती है कि दर्शकों को सिर्फ जीतने वाले की परवाह नहीं होती, बल्कि उन्हें वह भावना और मूल्य अधिक प्रिय होते हैं जो खेल में दिखाए जाते हैं। इस दौड़ ने दर्शकों को यह सिखाया कि खेल का असली उद्देश्य जीतना नहीं, बल्कि खेल भावना, सहयोग और मानवता का सम्मान करना है।


13. इस घटना ने खेल भावना के बारे में क्या विशेष संदेश दिया?
उत्तर: इस घटना ने खेल भावना के बारे में एक विशेष संदेश दिया कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा का नाम नहीं है, बल्कि उसमें आपसी सहयोग, सहायता और मानवता भी महत्वपूर्ण है। खिलाड़ी अपनी व्यक्तिगत जीत को छोड़कर एक गिरे हुए साथी की मदद के लिए वापस लौटे और इस तरह उन्होंने खेल भावना का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया। यह घटना सिखाती है कि खेल में केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि सामूहिक समर्थन और दया का भी बड़ा महत्व है।


14. प्रतियोगियों का यह कार्य उनके खेल जीवन में क्या महत्व रखता है?
उत्तर: यह कार्य उनके खेल जीवन में इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उन्होंने न केवल खेल के नियमों का पालन किया, बल्कि मानवता का भी सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके इस कार्य ने यह सिद्ध कर दिया कि खेल की असली जीत मानवता की होती है। उन्होंने दिखाया कि खेल में प्रतिस्पर्धा से ज्यादा आपसी सहायता और सहयोग की भावना महत्वपूर्ण होती है।


15. इस दौड़ की घटना से हमें समाज में किस प्रकार के आदर्श स्थापित करने चाहिए?
उत्तर: इस दौड़ की घटना से हमें यह सीख मिलती है कि समाज में हमें आपसी सहायता, सहयोग और मानवता के आदर्श स्थापित करने चाहिए। प्रतिस्पर्धा और व्यक्तिगत उपलब्धियों से अधिक महत्वपूर्ण होता है एक-दूसरे की मदद करना और मानवता को सर्वोच्च स्थान देना। इस घटना से हमें सिखना चाहिए कि हर व्यक्ति की सफलता में एक-दूसरे का योगदान होता है और इसे हमें मान्यता देनी चाहिए।


Benefits of Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - Gol

  • These questions highlight the themes of teamwork, sportsmanship, and leadership shown by Major Dhyan Chand, helping students understand how working together leads to success.

  • By discussing Dhyan Chand's experiences, such as the 1936 Berlin Olympics, the questions give students real-life examples of resilience, motivating them to apply similar values in their lives.

  • The variety of questions covers different ways Dhyan Chand displayed courage and skill, helping students get ready for various question types in exams.

  • Answering these questions helps students reflect on how dedication and a positive approach—like Dhyan Chand’s response to injury—are important for achieving goals.

  • Available as a FREE PDF, this set of important questions lets students revise the chapter at their convenience, helping them feel prepared and confident for exams.


Conclusion

In the chapter "Gol," we learn about Major Dhyan Chand's inspiring journey from a soldier to a legendary hockey player. Dhyan Chand believed that success is shared among all players, not just one. His story encourages us to work hard and support each other in sports and life. To learn more, download the FREE PDF of Important Questions for Class 6 Hindi Chapter 2 - "Gol" by Vedantu. The PDF is created by top master teachers with years of experience dealing with the CBSE curriculum and thus ensured the quality, accuracy, and relevance of the solutions.


Additional Study Material for Class 6 Hindi (Malhar) Chapter 2

S. No

Study Materials Links for Chapter 2

1

Class 6 Hindi Gol NCERT Solutions

2

Class 6 Hindi Gol Revision Notes

3

Class 6 Hindi Gol Worksheets


Chapter-wise Important Questions Links for Class 6 Hindi

S. No

Important Questions for Class 6 Hindi (Malhar)

1.

Chapter 1 Matrabhumi Important Questions

2.

Chapter 3 Pehli Boond Important Questions

3.

Chapter 4 Haar Ki Jeet Important Questions

4.

Chapter 5 Rahim Ke Dohe Important Questions

5.

Chapter 6 Meri Maa Important Questions

6.

Chapter 7 Jalate Chalo Important Questions

7.

Chapter 8 Sattriya Aur Bihu Nritya Important Questions

8.

Chapter 9 Maiya Main Nahin Makhan Khayo Important Questions

9.

Chapter 10 Pariksha Important Questions

10.

Chapter 11 Chetak Ki Veerta Important Questions

11.

Chapter 12 Hind Mahasagar Mein Chota-Sa Hindustan Important Questions

12.

Chapter 13 Ped Ki Baat Important Questions


Important Study Materials for Class 6 Hindi

S. No

Study Material for Class 6 Hindi

1.

CBSE Class 6 Hindi NCERT Books

2.

CBSE Class 6 Hindi Revision Notes

3.

CBSE Class 6 Hindi Sample Papers

4.

CBSE Class 6 Hindi Worksheets

5.

CBSE Class 6 Hindi NCERT Solutions

FAQs on CBSE Class 6 Hindi (Malhar) Important Questions Chapter 2 - Gol

1. Who is Major Dhyan Chand, as mentioned in Class 6 Hindi Chapter 2?

Major Dhyan Chand was a famous hockey player, known as the "Wizard of Hockey." In Chapter 2 of Class 6 Hindi, "Gol," we learn about his life and achievements, including his contributions to Indian hockey and his sportsmanship.

2. What is the significance of the 1936 Berlin Olympics in Class 6 Hindi Chapter 2?

The 1936 Berlin Olympics hold great importance in this chapter as Major Dhyan Chand led the Indian hockey team to a gold medal. This event is highlighted in Chapter 2, showing how Dhyan Chand's skills helped defeat Germany 8-1.

3. Why is Major Dhyan Chand called the "Wizard of Hockey" in Class 6 Hindi Chapter 2?

In Class 6 Hindi Chapter 2, Dhyan Chand is called the "Wizard of Hockey" due to his unmatched skills and ability to score goals effortlessly. His technique and dedication set him apart, making him a legend in the sport.

4. How does Major Dhyan Chand display sportsmanship in Class 6 Hindi Chapter 2?

In Chapter 2, "Gol," Major Dhyan Chand displays sportsmanship by focusing on teamwork and passing the ball to his teammates, ensuring that the team wins together. He also shows resilience after getting injured during a match but continues playing.

5. What lesson does Class 6 Hindi Chapter 2 teach about teamwork and leadership?

Chapter 2, "Gol," teaches that teamwork and leadership are essential for success. Major Dhyan Chand's unselfish play and encouragement of his team show how collective effort leads to victory, a valuable lesson for students.

6. What inspired Major Dhyan Chand to pursue hockey, according to Class 6 Hindi Chapter 2?

In the chapter, it’s explained that Major Dhyan Chand's passion for hockey grew during his time with the "Brahman Regiment." His early experiences and practice with his seniors shaped him into the hockey legend he became.

7. What message does Major Dhyan Chand's story in Chapter 2 give about dedication?

In Class 6 Hindi Chapter 2, the message is clear: dedication and hard work can lead to greatness. Major Dhyan Chand's continuous practice, even at night, and his love for the game made him one of the best players in hockey history.

8. What is the importance of Major Dhyan Chand's sportsmanship as shown in Class 6 Hindi Chapter 2?

The chapter highlights Dhyan Chand's sportsmanship, showing that winning is not just about personal glory but also about team effort and playing fair. He believed in passing the ball and involving everyone, which made him a true leader.

9. How did Major Dhyan Chand handle his injury during the match, as explained in Class 6 Hindi Chapter 2?

When Dhyan Chand was injured during a match, he didn't give up. He came back to the field with determination, bandaged and ready to play, showing his resilience and dedication. This incident is a major part of the lesson in Chapter 2.

10. What is the significance of the title "Gol" in Class 6 Hindi Chapter 2?

The title "Gol" in this chapter refers to the goal in hockey, a sport Dhyan Chand mastered. The chapter uses this metaphorically to show the importance of focus, determination, and achieving success in life.

11. What can we learn from Major Dhyan Chand's leadership as shown in Class 6 Hindi Chapter 2?

In Chapter 2, Dhyan Chand’s leadership teaches us that a good leader works for the team's success, not just their own. His ability to guide and motivate his teammates is an important lesson in leadership.

12. How does Major Dhyan Chand’s story in Class 6 Hindi Chapter 2 inspire students?

Major Dhyan Chand’s story in "Gol" inspires students to pursue their passions with dedication and resilience. His life teaches that challenges can be overcome with hard work, teamwork, and a positive attitude.