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Mere Sang Ki Auratein (मेरे संग की औरतें) Class 9 Important Questions: CBSE Hindi (Kritika) Chapter 2

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Hindi (Kritika) Important Questions for Chapter 2 मेरे संग की औरतें (मृदुला गर्ग) Class 9 - FREE PDF Download

Vedantu provides Hindi Kritika Important Questions for Chapter 2, 'मेरे संग की औरतें.' "Mere Sang Ki Auratein" is a memoir written by Mridula Garg, in which she reflects on the lives of the women in her family, showing their unconventional ways of living in a traditional society. The chapter explores the lives of the author’s grandmother, mother, and aunts, highlighting their struggles, challenges, and defiance of societal norms. Through their stories, the author presents a profound commentary on the empowerment of women and their ability to carve out their own identities amidst societal constraints. Download the FREE PDF to access CBSE Class 9 Hindi Kritika Important Questions and ensure comprehensive coverage of every part of the CBSE Class 9 Hindi Syllabus.

Access Class 9 Hindi Chapter 2: Mere Sang Ki Auratein (मेरे संग की औरतें) Important Questions

Short Answer Questions:

1. कहानी 'मेरे संग की औरतें' किसकी रचना है?

उत्तर: यह कहानी मृदुला गर्ग की रचना है।


2. लेखिका की नानी किस प्रकार की महिला थीं?

उत्तर: लेखिका की नानी परंपरागत, अनपढ़ और परदे में रहने वाली महिला थीं।


3. लेखिका की माँ के पति कौन थे और वे क्या करते थे?

उत्तर: लेखिका के माँ के पति स्वतंत्रता सेनानी थे, और वे गांधी जी के आदर्शों का पालन करते हुए खादी पहनते थे।


4. लेखिका की माँ की विशेषताएँ क्या थीं?

उत्तर: लेखिका की माँ बहुत ही कोमल, सुकुमारी और ईमानदार महिला थीं, जो साहित्य, संगीत और किताबों में रुचि रखती थीं।


5. लेखिका की माँ का ससुराल में क्या स्थान था?

उत्तर: लेखिका की माँ का ससुराल में आदर था, और वे अपने ससुराल वालों से भी मित्रवत थीं।


6. लेखिका की नानी ने अपनी मृत्यु से पहले किससे मिलना चाहा?

उत्तर: लेखिका की नानी ने स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से मिलना चाहा।


7. क्या कारण था कि लेखिका की माँ का विवाह एक स्वतंत्रता सेनानी से हुआ?

उत्तर: लेखिका की नानी ने प्यारेलाल शर्मा से वचन लिया था कि वे अपनी बेटी का विवाह किसी स्वतंत्रता सेनानी से करेंगे, और लेखिका की माँ का विवाह उसी के आधार पर हुआ।


8. कहानी में लेखिका की परदादी का क्या योगदान था?

उत्तर: लेखिका की परदादी का मानना था कि उनके पास दो से तीन धोती हो तो तीसरी धोती दान करनी चाहिए। उन्होंने मंदिर में जाकर लड़की की कामना की थी।


9. क्या हुआ जब परदादी के कमरे में चोर घुसा?

उत्तर: परदादी ने चोर को पानी पिलाया और उसे खेती करने की सलाह दी, जिससे उसने चोरी छोड़ दी।


10. लेखिका के पिता ने 15 अगस्त, 1947 को क्या किया?

उत्तर: लेखिका के पिता ने 15 अगस्त, 1947 को आज़ादी के दिन लेखिका को उपन्यास "ब्रदर्स कारामजोव" पढ़ने के लिए दिया।


Long Answer Questions:

11. कहानी 'मेरे संग की औरतें' में लेखिका की नानी और माँ के जीवन के संघर्षों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: कहानी में लेखिका की नानी का जीवन परंपरागत था। वे अनपढ़ और परदे में रहने वाली महिला थीं, लेकिन अंतिम समय में अपनी बेटी के भविष्य के लिए उन्होंने परंपराओं को तोड़ा। उन्होंने अपने पति से स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। लेखिका की माँ की जीवनशैली भी पारंपरिक थी, लेकिन वह अपनी रुचियों में संलग्न थीं और बच्चों को अपने आदर्शों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देती थीं। लेखिका की माँ का जीवन गांधी जी के आदर्शों से प्रभावित था, और उनका परिवार भी इन विचारों का पालन करता था।


12. माँ की जीवनशैली और उनके आदर्शों का लेखिका पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर: लेखिका पर माँ के आदर्शों का गहरा प्रभाव पड़ा। माँ के सादे जीवन, ईमानदारी और साहित्य में रुचि ने लेखिका को भी इन गुणों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। लेखिका ने अपने जीवन में इन विचारों को स्थान दिया और अपने लेखन में भी इन्हें अभिव्यक्त किया।


13. लेखिका की बहनों के व्यक्तित्व और जीवनशैली का क्या प्रभाव था?

उत्तर: लेखिका की बहनों का व्यक्तित्व भी परंपरा से हटकर था। बड़ी बहन रेणु ने समाज की परवाह किए बिना अपने निर्णय लिए, जैसे कि उसने जनरल थिमैया से पत्र के माध्यम से चित्र मंगवाया। दूसरी बहन अचला ने भी परंपरा के विपरीत जाकर तीस वर्ष की आयु में लेखन शुरू किया। लेखिका की बहनों का आत्मनिर्भर और साहसी होना उनके जीवन के संघर्षों को और प्रगति की ओर अग्रसर करता है।


14. कहानी में लेखिका और उसकी बहनों का परंपरा के खिलाफ संघर्ष किस प्रकार दिखाया गया है?

उत्तर: लेखिका और उसकी बहनें परंपरा के खिलाफ खड़ी हुईं, जैसे कि रेणु ने बी.ए. परीक्षा न देने का निर्णय लिया और अचला ने विवाह के बाद भी लेखन को जारी रखा। इन महिलाओं ने समाज की परंपराओं को तोड़ा, लेकिन अपने परिवार से कोई टकराव नहीं किया। उनका संघर्ष उनके आत्मविश्वास और स्वतंत्रता को दर्शाता है।


15. कहानी में परिवार के महत्व को कैसे प्रस्तुत किया गया है?

उत्तर: इस कहानी में परिवार के महत्व को बहुत ही सूक्ष्म रूप से दिखाया गया है। लेखिका और उनकी बहनों ने परंपराओं को तोड़ते हुए भी परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई। उनका जीवन एक साथ बंधा हुआ था, और प्रत्येक सदस्य ने अपने-अपने तरीकों से परिवार की परंपराओं का सम्मान किया।


16. आपके अनुसार, लेखिका की माँ का ससुराल में जीवन कैसा था?

उत्तर: लेखिका की माँ का ससुराल में जीवन बहुत सरल था। उन्हें परिवार की आर्थिक स्थिति के बावजूद किसी प्रकार की किसी कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ा। वे अपने ससुराल में आदर की पात्र थीं, और उन्हें घरवालों से किसी प्रकार का दबाव नहीं था।


17. कहानी में लेखिका के समाज के प्रति दृष्टिकोण को किस तरह से प्रदर्शित किया गया है?

उत्तर: लेखिका ने समाज के प्रति अपनी दृष्टिकोण को अपनी माँ और बहनों के अनुभवों के माध्यम से दर्शाया है। उनकी माँ और बहनें समाज की परंपराओं को चुनौती देती हैं, और उन्होंने अपने आदर्शों के साथ जीवन जीने का निर्णय लिया। यह दृष्टिकोण समाज में महिलाओं की स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता का समर्थन करता है।


18. क्या लेखिका के परिवार के सदस्य कभी किसी प्रकार की आलोचना का सामना करते थे?

उत्तर: हां, लेखिका के परिवार के सदस्य कभी-कभी आलोचना का सामना करते थे, विशेष रूप से जब वे परंपराओं से बाहर जाकर जीवन जीते थे, लेकिन उनके व्यक्तित्व और सिद्धांतों ने उन्हें आलोचनाओं से ऊपर उठने की ताकत दी।


19. लेखिका के जीवन में पुस्तकें किस प्रकार से महत्वपूर्ण थीं?

उत्तर: लेखिका के जीवन में पुस्तकें एक महत्वपूर्ण स्थान रखती थीं। उन्होंने बचपन में किताबों को पढ़ने से अपने दुखों को भुलाया, और साहित्य के माध्यम से जीवन के विविध पहलुओं को समझने की कोशिश की।


20. कहानी में स्वतंत्रता सेनानी के पात्र का क्या महत्व है?

उत्तर: स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा का पात्र कहानी में महिलाओं के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उनकी वचनबद्धता और महिलाओं के विवाह में उनकी भूमिका ने न केवल लेखिका की माँ के जीवन को प्रभावित किया, बल्कि इसने समाज में महिलाओं की स्थिति पर भी प्रभाव डाला।


Points to Remember from Class 9 Hindi Kritika Chapter 2: Mere Sang Ki Auratein

  • This chapter is written by Mridula Garg, a well-known Hindi writer, and is a part of her memoirs.

  • The primary theme of this chapter is the reflection on the lives of women in the author's family, who defied traditional norms and led unconventional lives in a patriarchal society.

  • The women in the author's family defied the traditional norms of femininity. They engaged in intellectual pursuits and often questioned societal expectations. The author herself and her sisters never felt inferior for being girls. 

  • The chapter also touches on the author's struggles, including her journey as a writer. 

  • Literature and books played a significant role in the author’s life, especially during difficult times, as books became a source of solace and knowledge.

  • The author’s aunts and mother rebelled against patriarchal structures in their ways. They didn’t adhere to traditional feminine roles and instead focused on intellectual and emotional growth.

  • The chapter emphasises the importance of self-expression, education, and breaking free from societal expectations.

  • The women in the author’s family were progressive, and strong, and had an immense influence on the author’s life and her career choices. 


Benefits of Important Questions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 2: Mere Sang Ki Auratein

  • Important Questions provide a clear summary, helping students recall the main points and key ideas without re-reading the whole chapter.

  • They highlight important themes, questions, and ideas, making exam prep faster and more effective.

  • Simplified Important Questions make it easier for students to remember essential details and understand the core message of the chapter.

  • Important Questions offer guidance on framing answers, especially for important questions likely to appear in exams.

  • With concise Important Questions, students can revise quickly, ensuring that they cover all syllabus topics in less time.


Conclusion

"Mere Sang Ki Auratein" is a deeply reflective chapter written by Mridula Garg, where she explores the lives of strong, independent women in her family who defied traditional norms and societal expectations. To help students understand this chapter better, Vedantu offers a FREE PDF of important questions related to this chapter which is useful for exam preparation. This PDF is prepared by top experts and master teachers who hold years of experience in dealing with the CBSE curriculum thus ensuring the accuracy and relevance of the content provided. Through vivid portrayals of her mother, grandmother, and aunts, the chapter emphasises the importance of breaking free from conventional gender roles and embracing personal freedom and empowerment.


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FAQs on Mere Sang Ki Auratein (मेरे संग की औरतें) Class 9 Important Questions: CBSE Hindi (Kritika) Chapter 2

1. What is the summary of "Mere Sang Ki Auratein" from Class 9 Hindi Kritika?

"Mere Sang Ki Auratein" is a chapter by Mridula Garg, which reflects on the lives of strong and independent women in the author's family, especially her mother, grandmother, and aunts, who broke traditional norms and lived life on their terms.

2. Who is the author of chapter 2 of Hindi Class 9 "Mere Sang Ki Auratein"?

The author of the chapter "Mere Sang Ki Auratein" is Mridula Garg.

3. What message does "Mere Sang Ki Auratein" convey?

The chapter conveys the message of empowerment, independence, and the importance of breaking free from societal norms and gender roles, especially for women.

4. What were the characteristics of the women in the author's family from Class 9 Hindi Kritika Chapter 2?

The women in the author's family were strong, independent, and intellectual. They valued education, self-expression, and freedom, challenging traditional gender roles.

5. How did Mridula Garg's family break societal norms?

Mridula Garg's family, especially the women, defied traditional norms by being educated, making independent choices, and not conforming to societal expectations regarding marriage, behaviour, and career.

6. Who were the key women figures in Mridula Garg’s life as mentioned in the chapter from Hindi Kritika Class 9?

The key women in Mridula Garg's life include her mother, her grandmother, and her aunts, who played significant roles in shaping her thinking and values.

7. What is the significance of education in the lives of women in this chapter?

Education is portrayed as a means of empowerment and liberation for women in this chapter. It helped them break free from traditional roles and provided them with the tools to live independently.

8. Why did the author mention her mother’s lifestyle?

The author mentions her mother's lifestyle to highlight her mother’s non-conformity to societal norms, her intellectual pursuits, and her independent, self-sufficient life despite the constraints placed by society.

9. What was the role of Mridula Garg’s grandmother in the family?

Mridula Garg’s grandmother was a significant figure who, despite her traditional upbringing, broke societal norms by practising charity and caring for her family while also standing by her principles.

10. How does the author describe the relationship between her family members?

The author describes a close-knit and respectful relationship among her family members where individuality and self-expression were respected, and everyone was allowed to follow their passions and make independent decisions.

11. What role did Mridula Garg’s father play in her life?

Mridula Garg’s father supported her intellectual and creative pursuits and gave her the freedom to choose her own path, including the encouragement to engage in writing.

12. What does the chapter suggest about traditional gender roles?

The chapter challenges traditional gender roles by showing how women in the author’s family defied societal expectations and led independent lives, proving that gender does not define one's ability to live life freely.